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मंगलवार, 31 जनवरी 2023
Biggest robbery in India
नगर सेठ की कहानी- A Story of shroff/sheth
नगर सेठ की कहानी- A Story of shroff/sheth
ये कहानी एक नगर सेठ की है । जिसका नाम दौलतराम था ।समय के साथ उसका कारोबार बढ़ नहीं रहा था और साथ साथ में कारोबार में आवश्यक पूंजी की कमी हो रही थी व प्रतिस्पर्धा भी अपने पैर फैला रही थी । कई दिनों से सेठ इस चिंता से दुखी था तभी उसे ख्याल आया की उसके नगर में एक फौजी है जो की देश की आर्मी में सेवा दे रहा है ।उसके परिवार में अभीअधिक खर्चा नहीं होता था और उसके ज़मीन में भी अच्छी पैदावार होती थी इसलिए उससे यदि रुपया लेके कारोबार में लगाया जाये तो उसका कारोबार बनेगा ।
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इसी भाव से एक दिन वो फौजी के घर गया
और उसने अपनी बात बताई । फौजी ने भी सोचा की उसके खर्चे अधिक नहीं है और आमदनी अधिक है तो यदि में सेठ को कारोबार के लिए पूंजी दे देता हु तो मुझे भी मेरी पूंजी में वृद्धि होगी और उसने सेठ से मुनाफे में 50% भागीदारी के लिए कहा और सेठ ने हॅसते हुए मान लिया और फौजी ने उसे तय राशि व्यवसाय के दे दी और सेठ ने व्यवसाय मे पूँजी को लगाया और समय के साथ कारोबार में अच्छी खासी वृद्धि होने लगी । दोनों बड़े ख़ुशी खुशी जीवन जी रहे थे । एक दिन फौजी को समाचार मिला की दुश्मन देश से उनकी लड़ाई शुरू हो गई है इसलिए उसे लड़ाई की पोस्ट पे पहुंचना है समाचार मिलते ही फौजी जो की सेना में घुड़सवार था । और पुराने समय में लड़ाई ऊंट घोड़े हाथियों पे या पैदल ही लड़ी जाती थी । पुराने समय की लड़ाई मे हथियारों के तौर पे तलवार,भाला व तीर बाण काम में लिए जाते इसलिए फौजी भी तलवार के साथ घोड़ी पे बैठ के साथियो के साथ राज्य की रक्षा का भाव लिये लड़ाई के मैदान मे कूद गया। लड़ाई के दौरान फौजी ने देखा की उसकी घोड़ी साथी सैनिको के दल से निकल कर दुश्मन के इलाके मे दाखिल हो रही हैं ।
इस खतरे को भांपते
हुये फौजी ने घोड़ी की लगाम को कस कर वापस साथी सैनिको के साथ युध्द निती अनुसार युध्द करने लगा। लेकिन वो घोड़ी बार बार दुश्मन के अन्दर जरूरत से अधिक अन्दर तक जा रही थी। ऐसा जब 3-4 बार घटित हुआ तो अंतत फौजी शत्रु के हाथो वीरगति को प्राप्त हो गया। जैसे ही ये बात आग की तरह राज्य मे फैल गई और जैसे ही ये समाचर सेठ को मिला तो उसको बहुत दुख हुआ पर फौजी के घर पर केवल अब उसकी पत्नि ही थी । फौजी के कोई संतान नही थी। इन सब को देखते हुये सेठ के मन मे भाव जागा की अब फौजी तो इस दुनिया मे नही रहा तो अब मुझे मुनाफे मे से हिसा नही देना होगा और ना ही फौजी से ली हुई पूँजी उसको लोटानी होगी। ऐसे ही कुछ समय निकला गया और एक दिन सेठ के घर मे खुशी का आगमन हुआ और सेठानी ने एक लड़के को जन्म दिया। इससे सेठ के घर परिवार मे खुशी की लहर दोड़ पड़ी । और सेठ ने सभी नगर वासियो के लिये भोज करवाया और दान पुण्य किया। समय के साथ सेठ का लड़का भी बड़ा होता गया और सेठ ने उसकी परवरिश व पढ़ाई पे अच्छा पैसा खर्च किया और पढ़ाई भी विलायक से करवा फिर एक सुन्दर लड़की से उसका विवाह कराया। सेठ इन सब से मन ही मन बहुत खुश होता की फौजी होता तो उसके हिस्से का मुनाफे उसको शेयर करना पड़ता ।
सेठ के लड़के की शादी
के कुछ महिने ही बीते थे की एक दिन उनका लड़का अचानक से बीमार हो गया। सेठ ने उसे बड़े से बड़े डॉक्टर से इलाज कराया और खुब पैसा खर्च किया लेकिन उसके स्वास्थ मे कोई सुधार नही हो रहा था। फिर एक दिन डॉक्टर ने सेठ को बुलाया और बताया की अब उसका लड़का थोडे दिन ही जीवित रहेगा इसलिये उसकी घर पर ही सेवा करे । यह बात सुनकर सेठ बहुत अधिक दुखी हो गया। और अपने लड़के को साथ लेके नगर वापस आ गया। तभी एक दिन नगर के एक वैद्य ने सेठ से कहा की नगर के पास पहाड़ी के पास हनुमान जी का मंदिर हैं वहा पे एक बुजुर्ग महात्मा जी रहते है और लोग अपने लिये दुवा माँगने वँहा पे जाते है क्यो ना आप भी अपने जवान लड़के को दर्शन के वँहा लेके जाओ।। सेठ ने अगले दिन सुबह सुबह उस मन्दिर के दर्शन के लिये पहुंच गये। पहुंच कर हनुमान जी के दर्शन किये और महात्मा जी चरणो मे पहुंचे।। महात्मा जी ने नगर सेठ को पहचान लिया। तभी नगर सेठ ने महात्मा से सवाल किया की हे सिद्ध पुरुष मुझे बताये की मेरे जीवन मे ये मुसीबत क्यों आई। तो महात्मा ने बड़े शालीनता से जवाब दिया की
सेठ ये सब दुसरे के हिस्से का अपना बनाने के कारण हुआ।
सेठ ने कहा की उसने ऐसा नही किया तब महात्मा ने कहा जब तुम्हारे मन मे फौजी के पैसो के नही लौटाने का भाव पैदा हुया तभी तुम भुल गये की धरती का नियम हैं जो जिसका हैं वो उसी को मिलेगा। और तुम जिसे अपना बेटा समझ रहे हो ये वही फौजी हैं जिसने तुम्हारे घर मे पुनर्जन्म लिया हैं । और इसने अपने हिस्से का पुरा वसूल कर लिया हैं और तुम उसी इस्थथी मे पहुंच चुके हो।। यह बात सुनकर सेठ अचंभित होगया और उसने इस बात को दिल से सच माना लेकिन तभी सेठ ने महात्मा से सवाल किया की मेरा ये दोष है लेकिन इसकी पत्नी का क्या दोष है तब महात्मा ने कहा की ये पत्नी ही वो घोड़ी थी जिसने इसे दुश्मन के इलाके मे धकेला था। इसलिये गलत करने से ही नही होता गलत करने के भाव से भी पाप हो जाता है जैसा सेठ के साथ हुया। इसलिये ये मान के चलिये जिसका हिस्सा हैं वो उसको मिल जायेगा।।।
आपको ये कहानी कैसी लगी कमेंट करके बताएं ताकी मुझे और प्रेरणादायक कहानियाँ लिखने मे सहायक हो ।। Read More Story....
रविवार, 29 जनवरी 2023
Double Hundreds in ODI
Subhuman Gill 1st ODI Double Hundred against New Zealand
क्रिकेट मे टाई का नियम
3rd ODI भारत v/s न्यूजीलैंड
भारत के सलामी बलेबाजो मे सेंचुरी की स्पर्धा
सुभमन गिल व रोहित शर्मा जो की भारतीय क्रिकेट की सलामी जोडी हैं । आज न्यूजीलैंड के साथ ODI के तीसरे मैच मे जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिली वो भी दोनो ओपनर के बीच मे की सेंचुरी पहले किसका बनेगा।। दोनो का स्कोर 95-95 रन पे खेल रहे है ।।आज इंदौर स्टडीयम मे विपक्षी टीम बड़ी परेशानी मे दिख रही हैं दोनो ओपनर के बीच 159 बॉल पे 200 रन की पार्टनरशिप हो चुकी है और दोनो 97-97 के स्कोर पर अपनी अपनी सेंचुरी की और जा रहे है ।।। और पहले 83 बॉल मे रोहित ने अपना 100 पुर किया और गील ने भी मात्र 72 बॉल पर अपने carrier का 4 hundred पुरा किया।।।
Pickleball in Rajasthan
Royal Pickle Ball Associations,
Whats Is the game of Pickle ball:-
Pickle ball is fastested growing games in the world. Around 68 countries playing this games . Its a indoor as well Outdoor games. Its play in singles in between two players and doubles in between four players. Its very interesting to know that its the mixer of long tennis, Badminton as well as table tennis games .Its racket called Paddle and its little large from table tennis Bat size. Its net size is equal to long tennis net And ball made by plastic in size are equal to long tennis ball but different is its made by plastics and having 26 or 34 holes for passing the air which helped to reduce its speed. Its ground is similar to badminton and points calculations also similar to badminton .
Equipment Paddle which are made by Wooden and Synthetics .Ball,Net and grounds are important part of the games .
Origin Of pickle ball
First Pickle ball played in USA so its basically USA origin game and currently played across the world . In India almost 10000 players are playing the games .In year 2022 National Championship played in Indore and Sate Championship Played in Sumerpur under Aatha vedic Sanstan banner. Its very less risky games in therms of injury occur in sports comparable to toothy sports that why in age of 60 plus people enjoy this game for physical fitment and entertainments.
कुश्ती के दंगल का कड़वा सच/बृृजभूषण पर हैं यौन-उत्पीड़न के आरोप
कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृृजभूषण पर हैं यौन-उत्पीड़न के आरोप
दिग्गज रेसलर बजरंग पूनिया और फोगट बहिनो समेत कई अन्य पहलवान एक बार फिर से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ हुए हैं। उन्होंने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की की मांग की है. पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण, मानसिक उत्पीड़न, जान से मारने की धमकी और वित्तीय गबन के आरोप हैं। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया हैं और दिल्ली पुलिस को आदेश की पालना करते हुए FIR दर्ज कर ली हैं।
और छानबीन शुरू कर दि हैं। लेकिन अब इस मोके को भुनाने के लिए राजनैतिक पार्टियों ने भी अपना सपोर्ट शुरू कर दिया हैं। इस कर्म में प्रियंका गांधी ,नवजोत सिंह सिंधु , अरविन्द केजरीवाल, रॉबर्ट बाड्रा ,जयंत सिंह सहित अनेक राजनिक पार्टियों ने इनके समर्थन में धरना स्थल पर उपस्थिथि दर्ज कराइ हैं। उधर बृजभूषण ने अपना स्टैंड साफ़ कर दिया हैं की ये सब उनको मोहरा बनाकर पार्टी के खिलाफ एक चाल हैं। जिसके दबाब में वो नहीं आएंगे. और वो हर तरह की जाँच के लिए तैयार हैं। कुछेक लोगो के दबाब में आकर वो अपने पद से त्यागपत्र नहीं देंग। साथ ही उन्होंने कहा की जब FIR दर्ज हो चुकी हैं। जाँच होने दे और पहलवानो को अपना प्रक्षिशण जारी रखने दें।
तब तक पहलवानो को अपना धरना ख़त्म कर देना चाहिए। वो जब तक पार्टी काआदेश नहीं होगा अपनापद नहीं छोड़ेंगे। जंतर मंतर पर अन्य पार्टीयो के समर्थन के कारन अब पहलवानों को जनता का समर्थन कुछ कमजोर होते नज़र आरहा हैं। क्योंकि अब जनता को यह लगने लगा हैं की यह धरना प्रदर्शन वास्तव में खेल प्रधिकरण के द्वारा कुश्ती के नियमो में बदलाव के खिलाफ किया जा रहा हैं।
जो इन हरियाणवी खिलाड़िओ के एकाधिकार के खिलाफ अन्य खिलाड़िओ को बराबर का मौका देने के पक्ष में हैं। आरोपों में क्या सचाई हैं ये तो आने वाले समय में जाँच रिपोर्ट आने के बाद ही खुलासा हो पाएगा। जब तक कुश्ती के ये पहलवान इसे राजनीतिक रंग देकर अपना दबाब बनाये रखने की कोशिश बनाये रखेंगे या अपना धरना ख़त्म कर अपनी प्रक्टिस पेध्यान केंद्रित करेंगे ये तो आने वला समय ही बता पायेगा.
Meri kom को कुश्ती की सुलह की जिमेदारी
। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) का दंगल एक बार के लिये खेल मंत्रि अनुराग ठाकुर के हस्तक्षेक से विराम लग गया हैं । मैरिकोम के नेतृत्व मे पाँच सदस्यो की एक कमेटी का घटन किया गया हैं जो की एक महिने मे अपनी रिपोर्ट देगी।।। इसी के साथ कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण एक महिने तक किसी भी तरह का कार्य नही देखेंगे ।। इससे सरकार ने आन्दोलन करने वालो को सीधा सन्देश दे दिया हैं की सरकार आँख मुंद के उनके आरोपो को स्वीकार नही करेगी।।
देश के 30 से अधिक पहलवान जिनको देश ने दौलत और शोहरत दोनो खुले हाथो से दी और एकदम से खिलाडियो को जन्तर मंत्र पर धारणा देने की आवश्यकता क्या आन पड़ी । इसे थोड़ा बदलते भारत के परिपेक्ष मे समझना होगा।। जो खिलाड़ी देश के समान के लिये लड़ती हैं । यदि उनके आबरू पे कोई आंच आई हैं तो वो शांत क्यौ थी। क्यौ नही उसने अपना विरोद्ध संघ मे ना सही घर परिवार सरकार या मीडिया मे नही उठाई।। इतना हंगामा होने के बाद भी वो चेहरे सामने क्यौ नही आये जिनके साथ ब्लात्कार जैसी घटना घटित ही गई और उन्होने किसी से शिकायत तक नही की।। क्योंकि जगह जगह CCTV केमरा लगे होते हैं । नाम आने पर तहकीकात होती है और दुध का दुध व पानी का पानी अलग अलग हो जाता ।। दूसरा बड़ा आरोप उनको सुविधायें नही मिलती ।। गांव मे भी लाईट नही आती तो सोशल मीडिया पे कोहराम मच जाता हैं तो ये सब चुप क्यौ बैठे हुये थे।। जँहा तक भारतीय कुश्ती संघ के संचालन व खर्चे को बात की जाये तो भारत के सभी राज्यो से अधिक बजट का पैसा हरियाणा,पंजाब व दिल्ली पे खर्च होता हैं । और सबसे अधिक मुलभुत सुविधाये भी यन्ही पे दी हुई है ।। अब हम बात करते है मुल कारण की।। कुश्ती संघ ने अंतरर्राष्ट्रीय स्पर्धाओ मे अधिक पदक जितने के लिये कुछ बदलाव किये ।। जैसे पहले कोई भी खिलाड़ी ओलम्पिक या एसियाई खेलो मे या विश्व स्तर के खेलो मे यदि पदक जीत के आता है तो उसको अगली स्पर्धा होने तक उसे रास्ट्रीय स्तर के खेलो मे भाग लेने की कोई बाध्यता नही होती और वो बिना रास्ट्रीय स्तर की स्पर्धा जीते उनके लिये कामयाब हो जाते थे।। अब कुश्ती संघ के इनके रास्ट्रीय स्तर खेलो के परदर्शक के आधार पर ही योग्यता मानी जायेगी।। इस बदलाव से इन खिलाडियों को रोक टोक होने लगी तो जँहा इनको अनुशासन दिखाना चाहिये था वँहा इन्होने राजनितिक लोगो के बहकावे मे आकर वर्चस्व की लड़ाई का रास्ता चुना क्योंकि ।। इनको जो शोहरत व दौलत मिलनी थी वो मिल चुकी अब इनको फिते काटने का समय चाहिये।। हरियाणा मे चुनाव सामने हैं बहुत से खिलाडियो को या इनके चाहने वालो को टिकट चाहिये इसलिय इनको पता हैं की भारत मे आरोप लगाना सबसे सस्ता तरीका हैं मुफ्त के पोस्टर बनने की।। और इसमे किसी का मत अलग हो तो आने वाले चुनाव मे यह सब के सामने होगा।। दूसरा स्पर्धओ के अन्तिम वर्षो मे इनको भारती संघ के अनुसार नही अपनी मनपसंद देश मे ट्रंनिँग की सुविधा चाहिये।। इनको कोई रोक टोक नही चाहिये क्योंकि ये पदक जितने के बाद अपने आप को देश का रॉल मॉडल मानने की बजाय अभिमान से पुर्ण हो जाते हैं ।। और जो पहलवान पिछले 4-5 सालो से तैयारी करते है उनको मौका मिल नही सकता ।। तभी बृजभूषण शरण ने कहा की यदि आरोप साबित होने पर वो फांसी पर लटक जाने को तैयार हैं ।। कुश्ती संघ का अध्यक्ष यदि गर्ल हॉस्टल जाके यदि कोई जायजा ले तो गलत है ।। क्या वो अकेले गये या किसी टीम के साथ गये।। CCTV केमरे ये सब बयाँ कर देंगे ये सभी सवालो का जबाब अब मैरिकोम व टीम को खोजने हैं । हाँ ये सही हैं की जो रास्ता इन खिलाडियो ने अपनाया वो कन्ही से भी सराहनीय नही कहा जा सकता ।।।भारत न्यूजीलैंड T-20
2 बॉल मे 19 रन फोड़े
धोनी के शहर मे आज भारत का T-20 मैच न्यूजलैंड के साथ खेला जा रहा हैं । और भारत ने जँहा टौस जीत कर पहले गेन्दबाजी को चुना। और विपक्षि टीम पहले खेते हुये जँहा शानदार शुरुक़त की और 2 हाफ़ सेंचुरी की मदद से 176 रन का टारगेट दिया। ।। न्यूजीलैंड ने अन्तिम ओवर मे 27 रन बनाये और कुल स्कोर 175 रन बनाये।। अन्तिम ओवर की पहली वाइड बॉल पे 6 रन बने और अगली 2 बॉल पे भी 6,6 रन देखने को मिले और शुरुवती 2 बाल मे 19 रन बटोर कर एक अच्छा स्कोर खडा किया जो एक चुनौतिपुर्ण स्कोर कहा जायेगा।। आज के मुकाबले मे सुर्य कुमार यदव को उप कप्तान बनाया हैं । कप्तान के ऋम मे हार्दिक पांडे के हाथो मे कमान है भारत 4 ओवर मे 3 विकेट के नुक्सान पर 20 रन बनाकर संघर्ष जारी हैं और फिर सूर्य कुमार और कप्तान के कन्धो पर जीत की जिमेदारी है ।
पाकिस्तान की संसद
पकिस्तान की संसद मे रमेश कुमार वन्कवानी जो हिन्दुओ के लिये reserve सीट हैं से सांसद है । इनका संलग्न विडियो तेजी से वायरल हो रहा है । जिसमे वो पाकिस्तान की संसद मे वँहा के हिन्दू बहन बेटियों की सुरक्षा के गिड़गिड़ाते व बिलखते नजर आरहे हैं ।पकिस्तान मे हिंदुओ का जबरन धर्म परिवर्तन कोई नया नही हैं । आतंक का प्रयाय बन चुका देश कंगाली के कगार पर दुनिया से कटोरा लेके भिख मांग रहा हैं । आजादी के बाद जँहा भारत मे मुस्लिम आबादी मे जो बढ़ोतरी हुई हैं वो हिन्दुओ से अधिक है ।वंही पाकिस्तान मे हिंदुओ की आबादी बहुत कम रह गई हैं । हर महिने पाक मे अनेक हिंदु लड़कियो को जबरन धर्म परिवर्तन,जबरन विवाह,हत्या,ब्लात्कार जैसी घटनाएँ हो रही है ।और इससे वँहा के अल्पसंख्यक समाज मे इतनी दहशत है की देश के एक सांसद को वँहा के उच्य सदन मे सुरक्षा की भीख मांगनी पड़ रही हैं ।। जँहा पूरी दुनिया मे महिला सशक्तिकरण की कोशिश की जा रही है और भारत जैसे देश मे महिलाओ की शिक्षा व सुरक्षा से लेकर जीवनशैली मे इजाफा हुआ है वंही पाक मे आज भी उन्हे उपभोग की वस्तु मात्र समझा जाता हैं । जो बच्चिया मझहब का मतलब भी नही समझ पाती उनके 18 साल की कम उम्र्ं मे दरिंदगी की स्थिति में पहुँचा दी जाती है । इन सब का एक बहुत बड़ा कारण हैं शिक्षा का अभाव। इस दुनिया मे हर धर्म व मझहब मे मानव धर्म को सर्वोपरि माना गया हैं । लेकिन मुस्लिम समाज के एक बहुत बड़े तपके को इस देश मे देशहित से बड़ा धर्महित लगता हैं जिसका नतिजा है की पाक आतंकवादी का अड़ा बन चुका है । भुखमरी व गरीबी की जकड़न ऐसी कशी हैं की दुनिया ने उनको सहयता देना भी बन्द कर दिया है । वँहा पे खाने की वस्तुओं के साथ साथ दवाईयों की भी कमी होनी लगी हैं । दिवालिया हो चुका पाक अब देश मे विद्रोह होने के कगार पे खड़ा हैं । पूरी दुनिया मे अपनी किरकिरी करा रहा ये देश साथ साथ मे मुस्लिम धर्म को भी बदनाम करने मे लगा हुआ है ।। मुस्लिम देश व हिंदु । ऐसा नही है की सभी मुसलमान देशो मे ऐसा है । भारत उपमहाद्वीप के पडोशी देशो को छोड़ दिया जाय तो अन्य देश अपनी जगह दुनिया के पटल पर अच्छी छवि के साथ अपना योगदान दे रहे है । और हिन्दुओ के साथ अन्य धर्मो को भी सम्मान देते है और समान पाते है ।। पाक जो की हमेशा राजनीतक अस्थिरता के दौर से गुजरता रहा है वह भी उसकी मानसिकता का नतिजा है । जो मोदी उनको दुश्मन दिखता था आज उसमे उनको मशिहा की छवि दिखने लगी हैं ।। वँहा की आवाम को लगता हैं की इस मुश्किल की घड़ी मे केवल भारत हैं जो उसको बचा सकता हैं ।। भारत के देशभक्त मुश्लिम लोग भी इसके लिये आवाज नही उठा पा रहे है क्योंकि कुच देशद्रोही विचार धारा के लोगो ने उनकी आवाज को दबा रखा हैं । अन्यथा मानव सेवा के भाव वाला देश कैसे अपने पडोशी के ऐसे भूखा सोने छोड़ देता। अब भी समय है की पाक को अपनी कटरता की सोच को छोड़ के एक अच्छे पडोशी होने की मिशाल बनने की कोशिश करे।।
शुक्रवार, 27 जनवरी 2023
J&K और तिरंगा- मे वही लाल चौक हूँ ।
मंगलवार, 24 जनवरी 2023
Rajasthan-विधानसभा का बजट सत्र
India-विधानसभा का बजट सत्र
लोकतंत के मन्दिर कहे जाने वाली जगह लोकसभा,राज्यसभा हो या फिर विधानसभा जँहा पे जनता से जुड़े मुदे सुलझाने के लिये लाखो रुपया खर्च होता है । और राजनीतक पार्टी सड़क से लेकर सदन तक केवल हंगामा करने के अलावा और कुछ नही करती। यही दर्श्य कल फिर से राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के शुरुवात मे देखने को मिला।राज्यपाल अपना अभिभाषण ओर करते उससे पहले ही विपक्ष ने शोर करना शुरू कर दिया।। इसी बीच सदन के विपक्ष के नेता गुलाबचांद कटारिया ने पेपर लिक होने का मुदा बीच मे ही उठा दिया। वंही RLP के तीनो विधायक वेल मे पहुंच गये और जोर जोर से नारे लगाने लगे। सदन को एक बार रोक के कारवाई दुबारा चालू की पर वही इस्थथि बनी रही तो सदन के अध्यक्ष सी पी जोशी ने मार्शल को आदेश दिये की तीनो नेताओ को सदन के बाहर निकाला जाये और उनको दिन भर के लिये निष्काषित कर दिया गया।। अब सोचने वाली बात ये है की क्या विपक्ष थोड़ा सा धर्य रख कर राज्यपाल के अभिभाषण को सुन नही सकता । उसमे उनका क्या नुकसान होता।। क्योंकि सरकार अपने किये हुये कार्य को अभिभाषण मे शामिल करती हैं जो वो सदन मे पढते है । को विपक्ष जनता तक नही जाने देना चाहते है ।ये मानसिकता हमारे सदनो की गरीमा को बहुत बड़ी ठेस पहुंचाने का काम करती है । चाहे पक्ष व विपक्ष मे कोई भी पार्टी हो सबका यही रव्या रहता हैं । क्या सता पक्ष जवलंत मुदो पर जबाब देने मे असमर्थ होता है या ऐसे मुदो पर वार्ता करने से उनके वोट बैंक पे असर पड़ता हैं । क्योँ नही सदन मे ये परिपाटी बनाई जाये की विपक्ष के 5 टॉप के मुदो पर सरकार व विपक्ष शुरुवात के दो दिन वार्ता करके ऐसी गलती दुबारा ना हो इसके लिये सरकार अपने उठाये कदमो को बताये और विपक्ष अपना पक्ष रखे ताकी इनकी पुनरावर्ती रोक सके।। गहलोत जी अपना रटा रटाया जबाब देते है ।। की पेपर लिक को चिंता हमे अधिक हैं ।। गहलोत जी गलती एक बार होती है बार बार होने पे आपकी सरकार को कटघरे मे तो खड़ा होना पड़ेगा ।। गरीब किसानों के लाखो बच्चे शहरो मे अपने गरीब मा बाप का सहारा बनने के लिये पैसा खर्च करते है क्या सरकार उनको इसका मुवावजा देगी नही ना।। आपने तो वैभव का भविष्य RCC के अध्यक्ष का पद देकर संवार दिया क्या उस गरीब का कोई हक नही हैं ।। ये सोशल मीडिया का जमाना हैं आपकी गोपनीय सूचनाये जनता तक पहुंच जाती है तो विपक्ष आपकी उप्लब्धियो को कैसे रोक सकता हैं जरा बताईयेगा।।। आपके किये हुये कार्यो से विपक्ष की हवा निकलती या नही पता नही आपकी हवा जरुर निकल चुकी हैं । इसलिये आप केवल हवा मे बाते करते रहते हो।। आपमे गांधी होता तो सदन मे आपके सहयोगी सचिन से बात करते बड़े होने का एग्ज़ाम्पल देते लेकिन आपका अभिमान आपको रोक देता है ।। और जैसे ही सदन का समय पुर होता है पक्ष विपक्ष के बीच अची खासी रामा श्यामा होती है । इसलिये जनता को जनता की आवाज बनने वाले नेताओ को आगे लाना चाहिये।। अन्यथा ये लोग सामाजिक-आर्थिक विकास का महिमा मंडित करके केवल अपनी रोजी-रोटी के अलवा इनको जनता से कोई सरोकार नही।।
रविवार, 22 जनवरी 2023
भारत में भ्रामक राजनीतिक -गोधरा कांड को लाइमलाइट में रखने के पीछे का सच
राजनीतक दलों का ध्यान भ्रम शास्त्र। मेरे इस ब्लॉग मे सवाल अधिक व जबाब कम है जो आपको अपने दिल और दिमाक के तराजू मे तोल के एक भारतवासी होने के नाते देखना व समझना हैं । क्या आपको को याद है कि मुंबई दंगों के दौरान महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन था शायद नही जो मुंबई दंगों से कम दोषी नहीं था? क्या किसी को मल्लियाना और मेरठ दंगों के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री का नाम याद है या बिहार के मुख्यमंत्री का नाम जब कांग्रेस के शासन में भागलपुर या जमशेदपुर दंगे हुए थे? उत्तर होगा शायद नही। क्या हम गुजरात के उन पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम सुनते हैं जिनके नेतृत्व में स्वतंत्रता के बाद के भारत में सैकड़ों दंगे हुए?
क्या किसी को याद है कि 1984 में जब भारत की राजधानी में सिखों का नरसंहार हुआ था तब दिल्ली की सुरक्षा का प्रभारी कौन था? कैसे नरेंद्र मोदी को शैतान अवतार के रूप में चुना गया है जैसे कि उन्होंने 2002 के दंगों के दौरान सभी हत्याओं को व्यक्तिगत रूप से चुना था? मे जों यह लिख रहा हू उसमें तनिक भी संदेह कोई कारण दिखता नही हैं । 2002 के दंगों की वजह बने गोधरा कांड पर क्रिमिनल ब्रिगेड हमेशा खामोश रही है। ये सब डाटा आप किसी भी सर्च इंजन से या RTI से प्राप्त करके तथ्य देख सकते हैं ।
** जब कोई कहता है कि पिछले पूरे दशक से गुजरात की कृषि विकास दर 10-11% है तो राजनीति पार्टी कहती हैं 2002 दंगे! **जब कोई कहता है कि उसने एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट बनाया है, तो वो कहते है 2002 के दंगे!
**जब कोई कहता है कि गुजरात पूरे भारत में एकमात्र राज्य है जो अपने लगभग सभी 18,000 गांवों को 24*7 और 365 दिन बिजली प्रदान करता है, वो कहते है 2002 दंगे!
**जब कोई कहता है - वर्ल्ड बैंक का 2011 का बयान कहता है, गुजरात की सड़कें अंतरराष्ट्रीय मानकों के बराबर हैं, तो वो कहते है 2002 के दंगे!
**जब कोई कहता है कि गुजरात देश का पहला राज्य है जिसके सभी 18,000 गांवों में हाई स्पीड वायरलेस ब्रॉडबैंड सेवा है, वो कहते है 2002 दंगे!
**जब कोई कहता है कि फोर्ब्स पत्रिका ने अहमदाबाद को भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाला शहर और दुनिया में तीसरा स्थान दिया है, वो कहते है 2002 दंगे!
**जब कोई कहता है कि गुजरात पर्यटन पहले से कहीं अधिक तेजी से बढ़ रहा है. वो कहते है 2002 के दंगे!
**जब कोई कहता है कि केंद्रीय सरकार के श्रम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में देश में सबसे कम बेरोजगारी दर है, वो कहते है 2002 के दंगे!
**जब नरेंद्र मोदी को लगभग सभी सर्वेक्षणों और चुनावों में दुनिया मे बार-बार सर्वश्रेष्ठ वर्तमान भारतीय नेता के रूप में चुना जा रहा है वोकहते है 2002 दंगे!
**जब कोई कहता है कि 2003-2013 गुजरात के इतिहास में केवल 10 साल हैं जो पूरी तरह से दंगा-मुक्त हैं, तो वो कहते है कि 2002 के दंगे!
**लेकिन जब हम उन्हें कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के दौरान हुए दंगों की याद दिलाते हैं: 1947- बंगाल....5,000 से 10,000 मरे...कांग्रेस राज। 1967- रांची....200 मरे.........कांग्रेस 1969- अहमदाबाद...512 मृत... कांग्रेस 1970-Bhiwandi....80 मृत ..कांग्रेस राज। 1979- जमशेदपुर..125 मृत. सीपीआईएम शासन (कम्युनिस्ट पार्टी) 1980- मुरादाबाद...2,000 मृत... कांग्रेस शासन। 1983-नेल्ली असम...5,000 मरे...कांग्रेस शासन। 1984- सिख विरोधी दिल्ली...2,733 मरे... कांग्रेस शासन 1984 Bhiwandi....146 मौते कांग्रेस शासन 1985- गुजरात.....300 मरे..कांग्रेस राज 1986- अहमदाबाद......59 मृत. कांग्रेस शासन 1987-मेरठ....81 मरे. कांग्रेस राज [हैदराबाद......300 से अधिक मृत....कांग्रेस शासन 1992- मुंबई....900 से 2000 मरे....कांग्रेस राज 1992- अलीगढ़....176 मरे कांग्रेस राज 1992 सूरत.......175 मरे कांग्रेस राज वे पूरी तरह बहरे हो जाते हैं........... क्योंकि उनके पास कोई उत्तर नहीं होता। कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां सब पाखंडियों की हिंदू विरोधी ब्रिगेड हैं। भारत का युवा कहता है:...... हमें 2002 में कोई दिलचस्पी नहीं है, हमें केवल 2023 और हमारे भविष्य में दिलचस्पी है। यदि आपको लगता है कि तथ्यों को ध्यान में लाने की आवश्यकता है। तो मनन किजीये और राजनिती पार्टी बाजी से बाहर निकल कर देश के लिये सोचिये और करिये।।
Bharos a new mobile operating system by IIT Madras
शनिवार, 21 जनवरी 2023
Sudden Death of a Dr in Mumbai
Life-Sudden Death of a Dr. in India
CCTV footage of Vinayak Hospital, Mumbai...... Cardiologist Dr. Sunita died of a massive heart attack during her rounds, leaving even her staff with no time to do anything. Nothing is certain in life. I don't think anyone could have gotten more immediate medical attention from this doctor and being a cardiologist one would assume that she was getting all the medical tests done....watching these scenes one feels that No matter what happens no one can save you when the time comes....so guys let's live an honest and happy life with friends and family...when the time comes we all have to go...... Let's trained your mind to be happy and stress free
शुक्रवार, 20 जनवरी 2023
बीबीसी का मोदी पाखंड
World-The Modi Questions
हम सब जानते हैं की BBC (British Broadcast Corporations). ब्रिटेन का बहुत पुराना समाचर प्रसार करने वाली संस्था हैं जिसको पूरी दुनिया में सुनना जाता हैं । इसका हिन्दी भाषी क्षेत्रों मे बीबीसी की हिन्दी सेवा के नाम से भी प्रसारित करता है । बीबीसी ने भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी पे एक डोकुमेंट्री तैयार की है
जिसका नाम है "The Modi Questions" इसकी दो पार्ट मे सिरीज बनाई है । इसका प्रथम पार्ट मंगलवार को जारी किया गया। जिससे विवाद पैदा हो गया है इसमे कथित तोर पे मोदी की भूमिका की बात की गई हैं । विस्तारपूर्वक- गुजरात मे मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुये दंगो के बारे मे कहा गया की इनकी मोदी को पहले से पता था ।।
इस पर भारत का सर्वोच्य अदालत भी मोदी को क्लीन चिट दे चुकी हैं । क्या है इस डाक्यूमेंट्री में- बीबीसी ने THE MODI QUESTIONS मे मोदी की शुरुवती राजनीतिक सफर पर बाते की है जिसमे उसके भाजपा मे बड़ते कद व रास्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ उसके रिश्तों का भी जिक्र किया गया है तथा मोदी की गुजरात मे रहते हुये दंगो के लिये मोदी की कथित भूमिका की बात कही गई है ।।
यह बात निश्चित ही एक बात को सिद्ध करने वाली हैं क्योंकि भारत की जो आर्थिक विकास दर का असर अब दुनिया मे दिखने लगा है । भारत का बढ़ता हुया कद अब देश के बाहर भी पेट मे दर्द पैदा कर रहा है । हमारे लिये ये शुभ समाचर हैं ।। ब्रिटेन संसद मे ऋषि सनक का करारा जबाब- विवाद के बीच ये विषय आज ब्रिटेन की संसद मे भी पाकिस्थान मुल के व लेबर पार्टी के सांसद इमरान हुसैन ने भी इस विषय पर ब्रिटिश संसद का क्या स्टैंड है के बारे मे जानने पर वक्तव्य दिया ।
जिस पर वँहा के हिन्दू प्रधानमंत्री ने अपने गुस्से को काबू मे रखते हुये दो टुक करारा जबाब दिया की इमरान हुसैन के व बीबीसी की मोदी के चारित्र व चित्रण से कोई भी इत्फाक नही रखता और संसद का स्टैंड कभी भी इस मत के साथ ना था ना हैं ।। ऋषि सुनक के जबाब का का असर ब्रिटिश संसद मे प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का जबाब व भारत के विदेश मंत्रालय की कड़ी प्रतिकिर्या के 24 घन्टे मे ही बीबीसी ने इस डॉक्यूमेंट्री को यूट्यूब से हटा दिया है ।
विदेश मंत्रालय ने साफ किया की ये केवल बीबीसी की घटती लोकप्रियता के कारण सस्ती प्रचार सामग्री है जिसे एक कहानी के रुप मे आगे बढाने की नापाक कोशिश हैं जिसमे निष्पक्षता का अभाव है इसपे ब्रिटिश सांसद लार्ड रामी रेंजर ने भी ट्विट कर बीबीसी को भारत के करोड़ो लोगो की भावनाओ को आहत करने वाला कहा व यूनाइटेड हिन्दू फ़्रंट ने भी करोड़ो भारतीय लोगो के साथ इसकी भर्त्स्ना की है ।।
जो नेता आज पुरे दुनिया के हित की बात व काम करता है । यह बात सही है की मोदी को भारत की जनता ही नही दुनिया को चाहने वाले भी अच्छी तरह से समझ चुके है ।कुछेक बचे है उनको जानने के लिये 2029 तक इन्तजार करना ही होगा। ।
Dated -0/01/2029
कल जब बीबीसी के लदंन ऑफ़िस के सामने भारत समर्धको ने मोदी documentary का विरोध प्रदर्शन किया तो एक बात अच्छी तरह से साफ हो चुकी हैं की बीबीसी जैसी एजेन्सी को ये सोचना चाहिये की ये नया भारत हैं जो घर मे घुस जाता हैं जब बात आन की होती है ।।
हर भारतीय को सोचना चाहिये की हम देश दुनिया के लिये जी तोड़ मेहनत करने है पर कोई हम पे कीचड़ उछालेगा तो उसे हाथी व दर्जी की कहानी जरुर पढ़ लेनी चाहिये की हम जरूरत पड़ने पर फुल की जगह आक्रोश से भी जबाब दे सकते है ।।
जय भारत
सचिन v/s गहलोत
India-Poltics-सचिन v/s गहलोत
यह बात सत्य है की कांग्रेस के दोनो बड़े नेताओ की अना भी उन्के जैसे बड़ी है । जँहा कल पायलट ने पेपर तिजोरी से बाहर आने मे सिधे सिधे जादुगर की जादुगरी को जिमेदार ठहराया वंही अलग अलग कर्मचारी संगठनो के साथ बजट से पहले संवाद मे ने भी बिल्कुल देरी नही की और और इशारो ही इशारो मे सचिन पायलट पर तीर चलाये और सियाशी बाण ऐसे चलाये की गांधी छवि का भी ख्याल नही आया। पायलट को कोविड के बाद कांग्रेस का कोरोना बताया। जँहा सचिन इंन दिनो किसान सम्मेलन कर रहे हैं जो को सचिन गूट के विधायकओ द्वारा आयोजित किये जा रहे है । और ये पायलट गूट की चाल से के तोर पे देखा जा सकता है जो की चुनाव से पहले आलाकमान पर दबाब बनाके एक समान जनक स्थान ले सके व अपने समर्थको की टिकटों को बचा सके। यह लड़ाई राजस्थान से कांग्रेस का हार का मुख्य कारण साबित होगा।
Dated 30/01/2023-
सचिन पायलट का अन्तिम निर्णय का समय !
राजस्थान मे मोदी की यात्रा के बाद पायलट कैंप के ऊपर गुर्जर समाज का दबाब बढ़ता जा रहा है और फैसला लेने की घड़ी बहुत नजदीन दिख रही हैं क्योंकि ये इन्तजार लम्बा खींचता दिखाई दे रहा है और अब पायलट समर्धक निर्णायक कदम उठाने के मूड में दिख रहे हैं इस फैसले के लिए पायलट समर्थकों का पायलट पर जबरदस्त दबाव हैं विधानसभा में 10 फरवरी को बजट पेश होने से पहले फैसला लेने का दबाव, समर्थकों के दबाव को देखते हुए पायलट इस बारे में अगले दो या तीन दिनों में राहुल से कर सकते निर्णायक बातचीत, लेकिन राहुल से पहले हो सकती केसी वेणुगोपाल से बातचीत, कल श्रीनगर में यात्रा समाप्त होने के पश्चात किसी भी वक्त हो सकती ये मुलाकातें, सूत्रों के अनुसार यदि नहीं बनी बात तो पायलट अगले कुछ दिनों में ही उठा सकते कोई बड़ा कदम। मोदी की भीलवाड़ा मे गुर्जर के देवता देवंनारायण के मन्दिर के 1111 वर्ष पुर्ण होने के अवसर पर जो जोश और समर्धन मोदी के पक्ष मे दिखा उसको अब कांग्रेस के लिये और लम्बा खींचना खतरे से खाली नही होगा। ये अब पका दिख रहा हैं या तो सचिन पायलट को गुर्जर समाज के मान समान के रुप मे कांग्रेस देखे और उचित प्रतिनिधित्व दे या फिर अधिकांश गुर्जर समाज राजस्थान सहित दिल्ली, मध्यप्रदेश, उतरप्रदेश,हरियाणा व गुजरात मे मोदी के लिये कमल का बटन दबाए जिस्की पुरजोर संभावना हैं । अब राहुल बाबा जँहा भारत जोड़ो यात्रा से ये तकनिकी ज्ञान लगा कर कैसे कांग्रेस जोड़ों व हाथ को पकड़ो को सम्भाल पायेंगे। क्योंकि आज की वर्तमान स्थिति मे पेपर लिक प्रकरण,गहलोत की सचिन पर तीखी तिपणी और सचिन पायलट का अपने समर्धक विधायको के एरिया मे किसान रेली करना ये साफ इंगित करता है की अब ये पटरी बढ़ने वाली हैं नही और 25 मे 25 की हट्रिक लगाने को भाजपा तैयार खड़ी हुई हैं ।
पक्षी-जारोवर की कहानी
कहानी-Surprising Science for Human beings
कुड़कुड़ाना... इसका क्या मतलब है? परिघटना जब प्रवास में पक्षियों के विशाल झुंड आकार-परिवर्तनशील उड़ान पैटर्न बनाते हैं, तो इसे मुरमुरेशन के रूप में जाना जाता है। निहारना वास्तव में आश्चर्यजनक आश्चर्य है। तो आइए देखते हैं यह सब वीडियो में होता है। क्लिप में लगभग 50 सेकंड में घटना अभूतपूर्व हो जाती है। यहाँ, आप ज़ारोवर पक्षी को विभिन्न रूपों में उड़ते हुए देखते हैं। वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने की कोशिश की कि वे एक दूसरे से टकराए बिना इस तरह कैसे उड़ते हैं और निष्कर्ष निकाला कि यह तभी संभव है जब प्रत्येक पक्षी एक सेकंड में लगभग 100 मिलियन गणितीय गणना कर सके ताकि एक दूसरे से टकराए नहीं। प्रकृति की सबसे बड़ी और सबसे क्षणभंगुर घटनाओं में से एक। प्रकृति हमें विस्मित करना कभी बंद नहीं करती।
बुधवार, 18 जनवरी 2023
पकिस्तान का पिंजरे मे कबुलनामा
मंगलवार, 17 जनवरी 2023
राजस्थान की फिल्म सिटी
Business-Film productions house possibilities in Rajasthan,
जवाईबान्ध जो की पश्चिमी राजस्थान की लाइफ लाईन कहा जाता हैं । पीने के पानी से लेकर किसानो के सिंचाई मे भी यह अपना सम्पुर्ण योगदान देता है । पाली जिले के साथ साथ जोधपुर व जालोर व सिरोही जिलों की प्यास भुजाने की जिमेदारी यह निभा रहा है । यह पाली जिले के एक छोर पर स्थित हैं । जिस्की दुरी सुमेरपुर व शिवगंज तहसील से मात्र 4-5 किलोमिटर है । यह बान्ध पहाडियों से घिरा होने के कारण जंगली जानवरो के लिये एक सुरक्षीत जगह मानी जाती है इसलिए यंहा पे मुंबई व गुजरात से लोग घुमने व लापार्ड सफ़ारी के लिये आते हैं । इसकी कनेक्टीवीटी रेलवे के द्वारा जयपुर,जोधपुर,गुजरात, मुम्बई के साथ जुडी हुई हैं ।
इस क्षेत्र के नजदीक सुथार के गांव कोलिवाड़ा जो की मन्दिरो के दरवाजे बनाने के लिये विख्यात हैं साथ ही स्मॉल इंडस्ट्रीज से जुड़ाव यंहा की अलग ही पहचान बना रहा है यंहा की प्राकर्तिक सुन्दरता इस जगह को चार चांद लगती हैं । आस्था संस्थान के नरेंद्र आस्था ने के हवाले से जानकारी मिली की इसको राजस्थान सरकार ने राजस्थान का एकमात्र wellness सेंटर के लिये जमिन अल्लोट करके यंहा के लोगो को एक बहुत अच्छी सौगात दी है । जो की राजस्थान की फिल्म सिटी के ऐड जॉइंट मे स्वीकर्त की गई है ।। इसलिए इस जगह जमीन के भाव आसमान छु रहे हैं ।। इस लिये अभी से लोग अपना आवास जवाई बान्द रोड के इर्द-गिर्द बना रहे हैं और एक से एक अच्छी आवासीय कॉलोनी, हॉस्पिटल,शिक्षण संस्थान सभी का तेजी से विकास हो रहा हैं । यह कहने मे कोई अतिसोक्ति नही होगी की आने वाले समय मे यह राजस्थान मे पहाड़ो की नगरी Mount abu, झीलो की नगरी उदयपुर व रेगिस्तान के धोरो का शहर जैसलमेर के लिये एक सेतू का काम फिल्म इंडस्ट्री व टूरिस्ट स्पॉट साबित के लिये साबित होगा ।।
शुक्रवार, 13 जनवरी 2023
तिल गूड़ के लड्डू की कहानी
गुरुवार, 12 जनवरी 2023
मकर-संक्रांति 2023
कहानी-मकर-संक्रांति का तिल व गूड़ का संबंद्ध की पौराणिक कहानी
किसी भी साल की भांति 2023 का पहला पर्व मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) का पड़ रहा है. देशभर में इस पर्व को बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. मकर संक्रांति का ज्योतिषी रूप से भी बहुत महत्व है. कहते हैं कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. सूर्य 30 दिन में राशि बदलते हैं और 6 माह में उत्तरायण और दक्षिणायन होते हैं. मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. मकर संक्रांति 14 जनवरी, शुक्रवार के।
मंगलवार, 10 जनवरी 2023
नीमकाथाना नया जिला घोषित
Rajasthan-Neemkathana's Public demand for District
अभी नही तो कभी नही
नीम का थाना से हजारों की तादाद मे लोगों ने वर्तमान विधायक सुरेश मोदी के नेतृत्व मे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन दिया जिसमे नीम का थाना को इसी विधानसभा सत्र मे जिले बनाने का आग्रह किया।। और जनता ने पार्टी बजी से उठ कर नीम का थाना को जिला बनाने के लिये एक स्वर मे आवाज को बुलंद किया और नारा दिया की अभी नही तो कभी नही।।
ऐसा नही है की यह कोई पहला पर्यास है इससे पहले भी पूर्व विधायक रमेश जी खंडेलवाल,वरिष्ठ वकील मनिराम जाखड सहित बहुत से कार्यकर्ताओ ने किसानों व जनता के साथ जयपुर कुछ किया था और जिले की मांग को पुरे जोर शोर से उठाया था उसी का परिणाम हैं । कल की रेली मे जनता जनार्दन ने बढ़ चड कर हिसा लिया।।
एक बात अवश्य देखने मे आई की इस कार्यकर्म मे सुरेश मोदी कांग्रेस के दूसरा धडा जिसकी अगुवाई मनिराम जाखड जी व रमेश जी खंणडेलवाल कर रहे है । उनकी अनदेखी करना इस मांग को कन्ही ना कन्ही कमजोर करने का कारण ना बन जाये।
बहुत ही अच्छा होता की सुरेश मोदी को इन कार्यकर्तओ की अनदेखी ना करके भावनात्मक रूप इस आन्दोलन को अधिक बल मिलता । क्योंकि इन्ही कांग्रेस के कार्यकर्ता के द्वारा ये आरोप लगाये जा रहे हैं की सुरेश मोदी ने नीम का थाना मे धरातल पर कुछ खास काम नही किये गये इसलिए जनता के सामने अपनी नाकामी छुपाने के लिये ये आन्दोलन यात्रा की गई है यदि नीम का थाना जिला बन जाता हैं तो इसका सीधा लाभ मोदी लेना चाहते हैं और किसी कारण वश यदि ये नही होता है तो भी सुरेश मोदी के पास बोलने के लिये रहेगा की अशोक गहलोत ने नही किया।।। क्योंकि कांग्रेस मे जिस हिसाब से वर्तमान विधायको की टिकटों पे केंचि चलने की संभावना हैं उसके चलते भी सुरेश मोदी को अपनी सरकार के खिलाप ही यह आन्दोलन करना पड़ा ।। क्योंकि 2024 मे टिकट नये कार्यकर्ता को देने के आलाकमान के निर्देशों के तहद मनिराम जाखड पर भी कांग्रेस रमेश खंडेलवाल व सुरेश मोदी की इस खिंचतान मे टिकट देकर दाव खेल सकती है ।। जो की पिछले लम्बे समय से पूरी तहसील मे लोगो सक्रिय व लोकप्रिय बनते जा रहे हैं ।।। हाँ यह सही है की खिचतान के मध्य नीमकाथाना को जिले बनाने की संभावना अधिक है क्योंकि ये यंहा की जनता की लम्बी समय से मांग है । साथ ही ये सभी मापदंडों मे सबसे आगे हैं । इसलिए यदि जिले बनेगे तो नीमकाथाना की अनदेखी करना वर्तमान सरकार के लिये आसान नही होगा।।
बदलाव ही हैं आपके अस्तित्व का आधार
आपकी होशियारी रखी रह जाएगी यदि आपने नहीं किये बदलाव इंसान सब कुछ भूल सकता हैं लेकिन यह तस्वीर में दिए हुए बदलाव को नहीं भूल सकते। जि...
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छछूंदर के सिर में चमेली का तेल मुहावरे का शब्दारार्थ और बोलचाल के वाक्यों मे प्रयोग मुहावरा: "छछूंदर के सिर में चमेली का तेल" श...
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पिकलबॉल कैसे खेला जाता हैं /How to play pickle Ball in Hindi पिकलबॉल एक आसान और मजेदार खेल है जिसे आप इस प्रकार खेल सकते हैं: अपने आप को तै...
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सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर शुक्रवार को रोक लगा दी.सुप्रीम कोर्ट ने राहुल ग...