3rd ग्रेड के मजबूर शिक्षकों से प्रधानमंत्री ने किया छल।
3rd ग्रेड शिक्षक ट्रांसफर संभव यदि आपके पास प्रभाव या पैसा हैं। यह बात में क्यों कह रहा हूँ। इसका सबूत हैं शिक्षा विभाग में स्तानांतरण पर रोक होने के बावजूद ट्रांसफर आदेश जिसे आप शाला दर्पण पर भी देख सकते हैं। कारण दिया हैं "शिक्षण व्यवस्थार्थ" अब इन दो स्थान पर शिक्षा की व्यवस्था इतनी ख़राब हैं की होनहार और अपने कार्य में राज्य स्तर या राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान रखने वाले ये दोनों शिक्षक जाके व्यवस्थाओ को सम्पूर्ण बदल देंगे। और राजस्थान सरकार की एक बेहतरीन पहल को सब सराएँगे। इन शिक्षकों नए स्थान पर ज्वाइन करते समय वंहा के निवासियों में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी हैं और ख़ुशी में ढोल नगाडे बज रहे हैं। या यह वर्तमान सरकार के भ्रष्ट तंत्र में सेंध मारने में कामयाब हो गए। यदि ऐसा नहीं हैं तो ये सभी 3rd ग्रेड शिक्षकों के सामने भ्रष्टाचार का मामला हैं जिसमे प्रभाव या पैसे का असर हैं और ईमानदार छवि के शिक्षा मंत्री की ईमानदारी सब के सामने आ चुकी हैं।
मोदी के आदेश की अवेहलना
चुनाव के दौरान भारत के यश्वशी प्रधानमंत्री ने कहा था की ट्रांसफर के लिए नेताओ के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं हैं। नेता पालिसी बनाकर इसे लागु करें। ऐसा हुआ नहीं क्यों ?
अब शिक्षा मंत्री बोल हैं की 3rd ग्रेड के शिक्षकों को तो पता ही हैं की वो दूसरे जिलों में नहीं जा सकते। और अब कल बोल रहा हैं की विधानसभा के बाद कैबिनेट मिनिस्ट्री की मीटिंग में निर्णय लिया जायेगा। यह समझने की बात हैं की इतने कंफ्यूज व्यक्ति को शिक्षा मंत्री क्यों बनाया गया हैं। मदन दिलावर को तुरंत प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए और किसी योग्य व्यक्ति को यह मंत्रालय दिया जाना चाहिए जो छात्रों और शिक्षकों के हित में कार्य कर सके।
यह बात निश्चित हैं जब तक 3rd ग्रेड के शिक्षक संगठित होकर अनिश्चित काल हड़ताल का रास्ता नहीं अपनाएंगे तब तक कोई भी सरकार इनके हकों की बात नहीं मानेगी. मेरी सभी शिक्षक संघो से आग्रह हैं की तुरंत प्रभाव से एकत्रित होकर सरकार को अल्टीमेटम देंवे और हड़ताल के लिए उचित कदम बढ़ाये।