गुलमोहर गार्डन के RWA चुनाव प्रचार बंद। प्रचार प्रसार में कोन आगे कोन पीछे।

  गुलमोहर गार्डन बना चुनावी दंगल  जयपुर गुलमोहर गार्डन सोसाइटी में चुनाव के प्रचार का आज सुबह 9.00 बजे बंद हो गया हैं। आज सुबह भी जाखड़,विनय...

Rajasthan लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Rajasthan लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 16 सितंबर 2023

गुलमोहर गार्डन के RWA चुनाव प्रचार बंद। प्रचार प्रसार में कोन आगे कोन पीछे।

 

गुलमोहर गार्डन बना चुनावी दंगल 

Gulmohar garden election 2023

जयपुर गुलमोहर गार्डन सोसाइटी में चुनाव के प्रचार का आज सुबह 9.00 बजे बंद हो गया हैं। आज सुबह भी जाखड़,विनय शर्मा और अनुराग शर्मा,प्रतीक झा जी गुलमोहर गार्डन के मॉर्निंग समूह के सदस्यो के साथ डोर टू डोर प्रचार पूर्ण किया।। इस दौरान युवा टीम ने पूर्व अध्यक्ष श्री मदन जी पारीक से विजय भव का आशीर्वाद प्राप्त किया।। इस दौरान पारीक जी युवा टीम से अपनी अपेक्षा और विश्वास की बात की।। साथ ही सोसाइटी में जो छोटी छोटी बातों में पुलिस को अप्रोच को गलत बताया।। इससे आपसी सोहरदपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश बताया।। और सब को मिल जुल कर रहने की अपील की।। इस दौरान श्री विनय शर्मा जी ने उनके अनुभूव को साथ में रख कर सोसाइटी में कार्यों को गति देने और प्रेमभाव बढ़ाने का भरोसा दिया।। 

गुलमोहर मॉर्निंग ग्रुप का खुला समर्थन 

Gulmohar Morning Group

      इस दौरान मॉर्निंग ग्रुप के सदस्य श्री रामावतार जाट ने पुन दोहराया की उनकी टीम गुलमोहर गार्डन की भलाई के लिए जो भी लोग चुन कर आएंगे उनके साथ मिल कर कार्य करेंगे।। और छोटी छोटी बातों में पुलिस हस्तक्षेप/vip कल्चर/ के खिलाफ खड़े रहेंगे।। क्योंकि इस चुनाव में गुलमोहर गार्डन में मॉर्निंग ग्रुप जिसमे RSS से जुड़े हुए लोगो के साथ खेलो से जुड़े और सेवानिवृत्त लोग प्रतिदिन सुबह गुलमोहर गार्डन में लोगो से मेल मिलाप करके आपसी सेतु का कार्य कर रहा हैं।। जो युवा और सीनियर सिटीजन लोगो का एक अच्छी सामाजिक विचार धारा का समूह हैं।।जिसमे गुलमोहर गार्डन के प्रथम नागरिक श्री अरविंद जी शर्मा, SBI से रिटायर्ड भागीरथ जी ,सुनील जी अग्रवाल ,रमेश जी मीना, गिरीश ,ओमप्रकाश सैनी , रामावतार जाट सहित बहुत से लोग शामिल हैं जो गुलमोहर गार्डन की खुशी के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने की पुरजोर कोशिश करते हैं।।

 चाय पर चर्चा कार्यकर्म फेस 7 & 8 

Chay Pe Charcha

प्रचार प्रसार से प्रतीत हो रहा हैं की लोगो का विश्वास युवा टीम के नेतृत्व में नई RWA के गठन का पूर्ण मानस बन रहा हैं।। क्योंकि कल फेस 7-8 में चाय पे चर्चा के दौरान भी बहुत से नागरिकों ने उनकी बाते सुनने के लिए उनका धन्यवाद किया और अपना पूर्ण समर्थन श्री जाखड़ एंड श्री विनय शर्मा के पैनल को देने का भरोसा जताया।।

परचा निरस्त दावेदारो ने किया कोर्ट का रूख

      गुलमोहर गार्डन में तीसरे ग्रुप जिनमे बहुत से उम्मीदवारों के पर्चे निरस्त हो गए थे। उन्होंने चुनाव स्थगित करने के लिए न्यायलय का रुख किया हैं जंगा से आज निर्णय आने की संभावना हैं।। इसके कारण अध्यक्ष पद के लिए जाखड़ की टक्कर सीधे जसवंत भारद्वाज के बीच में होगी।।

शुक्रवार, 15 सितंबर 2023

गुलमोहर गार्डन सोसायटी के RWA चुनाव बनने जा रहे हैं एक दर्ष्टांत

गुलमोहर गार्डन में चुनाव प्रचार जोरों पर 

Gulmohar RWA election 2023

     जयपुर की आदर्श सोसाइटी में से एक गुलमोहर गार्डन जो अपने नाम के अनुरूप  अपनी सुंदरता और भव्यता के साथ लोगो के लिए स्वर्ग समान माना जाता हैं।। रिसोर्ट्सनुमा इस सोसाइटी में इन दिनों RWA के चुनाव का प्रचार प्रसार जोरो पर चल रहा हैं। और लोग आपसी प्रेम भावनाओ के साथ साथ पुरानी RWA द्वारा किए हुए कार्यों और आने वाले प्रत्याशी अपना विजन डॉक्यूमेंट के साथ साथ डोर टू डोर मतदाताओं से वोट मांगने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

उम्मीदवार जो चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं। 

RWA election 2023  Candidates

चुनाव प्रचार करते हुए प्रत्याशी और समर्थको के साथ


इस चुनाव में अध्यक्ष पद पर हरवेंदर जाखड़ की सीधी टक्कर  जशवंत भारद्वाज के साथ में हैं।। और सचिव पद के लिए एडवोकेट विनय शर्मा जी का मुकाबला ललित नागोरा से हैं।। अध्यक्ष पद पर राकेश पाल जी ने भी अपना पर्चा दाखिल कर मुकाबले को पेचीदा बना दिया हैं।। इन चुनावों में उपाध्यक्ष पद के लिए अनुराग शर्मा के साथ अन्य पदों पर मनोज मालिक ,प्रतीक झा, मंजू सैनी ,हरी सिंह जी यादव और अन्य लोगो ने भी अपनी दावेदारी ठोकी हैं।।।
इस सोसाइटी की अति सुंदर बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं की आचार संहिता लगने के बावजूद काफी लंबे समय से श्रीराम मंदिर का अपूर्ण कार्य पूर्ण हो रहा हैं।  हैं वो भी बिना किसी भी मतभेद के। इस कार्य को पूर्ण करने में बसन्त शर्मा जी अपनी तन्मयता से श्रीराम मंदिर को भव्यता प्रदान करने में जुटे हुए हैं।
गुलमोहर गार्डन में करीब 600- 700 परिवार निवास करते हैं।। यंहा गार्डनिंग ,पार्क,सुख सुविधाओं के साथ इनके रख रखाव की जिम्मेदारी आशियाना मेंटेनेंस के पास होती हैं । जो RWA के दिशा निर्देश में कार्यों को पूर्ण करते हैं।। कई प्रत्याशी और मतदाताओं से बातचीत से पता चला की लंबे समय से बीसलपुर पानी की मांग/ATM मशीनें की कमी के साथ स्कूल बसों का सोसाइटी के अंदर आना जैसी बहुत सी समस्याएं हैं जिनका आने वाली RWA से लोग पूर्ण होने की आशा कर रहे हैं।। आने वाली 17 तारीख को गुलमोहर गार्डन में यह चुनाव एक उत्सव के रूप में मनाया जाता हैं।।

चुनाव कार्यालय का उद्धघाटन करते हुए निवासी 

Jakhar Pannel office inogration

वर्तमान प्रचार प्रसार से तश्वीर साफ होती नज़र आ रही है।  जिसमे अध्यक्ष पद की दौड़ में हरविंदर जाखड़ का अपने पैनल में उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार अनुराग शर्मा और सचिव पद के लिए अधिवक्ता विनय शर्मा,मनोज मलिक  और साफ़ छवि के उम्मीदवार  प्रतिक झा जी आगे नज़र आ रहे हैं। 

युवा टीम के साथ में गुलमोहर गार्डन के सीनियर सिटिज़न के साथ महिला समूह और स्पोर्ट्स ग्रुप भी पुरे जोर सौर से जीताने की कोशिश कर रहा हैं।  वंही पे पिछली RWA  के सदस्य नए चेहरों के साथ चुनाव में उतरे हैं।  जिनकी डगर उनके पुराने किये हुए निर्णयों और पक्षपात निति के चलते मुश्किल में दिखाई दे रही हैं।  वो अपने अनुभव के आधार पर अपने प्रत्याशी के साथ दिन रात एक करके व में वापसी की कोशिश कर रहे हैं।

 

 

 

 

मंगलवार, 25 जुलाई 2023

राजस्थान राजनीतिक में लाल डायरी का खेल

राजस्थान राजनीतिक में लाल डायरी का खेल

लाल डायरी का खेल

       राजस्थान में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा हैं राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आगई हैं। पिछले दो दिन में विधानसभा में जो कुछ भी घटित हुआ वह निंदनीय हैं। 

      मामला राजेंद्र गुढ़ा के उसे बयान से शुरू हुआ जिसमे सचिन पायलट की तर्ज पर उन्होंने गहलोत सरकार को मणिपुर की बजाय राजस्थान में हो रही बलात्कार की घटनाओ पर केंद्रित करने की नसीहत दे डाली। राजेंद्र गुढ़ा झुंझुनू के उदयपुरवाटी से विधानसभा का चुनाव बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर जीतकर आये थे।  

      अपनी ही सरकार को आइना दिखाने के चक्कर में गहलोत सरकार ताव में आगई और राजेंद्र गुढ़ा को सरकार में सैनिक कल्याण मंत्रालय से बर्खास्त कर सदन से बाहर का रास्ता दिखा दिया।  

        राजेंद्र गुढ़ा अशोक गहलोत के निकटम मंत्रियो में शुमार थे।  सचिन पायलट के गुरुग्राम प्रकरण के दौरान गुढ़ा बहुजन समाज पार्टी से जीतकर आये सभी 6 विधायकों के साथ गहलोत सरकार में शामिल हो गए थे और गहलोत सरकार को बचाने में संजीवनी का काम राजेंद्र गुढ़ा ने किया था।  और इसी की बदौलत अशोक गहलोत ने उसे सैनिक कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी से नवाज़ा था। 

राजेंद्र गुढ़ा वैसे तो 2  बार से विधायक हैं।  और अपनी बेखौफ छवि के लिए जाने जाते हैं।  लेकिन गुढ़ा राजनीतिक में सत्यवादी बनने के चक्कर में भेंट चढ़ गए।
     कल जब विधानसभा की कारवाई शुरू हुई तब गुढ़ा एक लाल डायरी लेकर विधानसभा पहुंचे पहले उनको कांग्रेस के विधायकों ने गेट पर रोकने की पुरजोर कोशिश की लेकिन वो अंदर पहुँच गए।  और एक लाल डायरी लेकर सभापति सी पी जोशी  आसान के पास पहुँच गए और जानना चाहा की उनकी गलती क्या हैं।  इस पर सी पी  जोशी ने पहले उनको केबिन में मिलने को कहा पर जब राजेंद्र गुढ़ा नहीं माने तो उन्होंने गुढ़ा को बाउंसर की सहायता से विधानसभा के बाहर निकाल दिया गया। 

राजेंद्र गुढ़ा के आरोप 

      इस दौरान कांग्रेस के विधायकों ने गुढ़ा के साथ धक्का मुक्की की और गुढ़ा के अनुसार शांति धारीवाल ने उन्हें लात भी मारी और निचे गिरा दिया।  यह घटना गहलोत सरकार के लिए एक और निंदनीय कार्य की लिस्ट में जुड़ गया।  बाहर आकर गुढ़ा रोते हुए मीडिया को बताया की उसकी लाल डायरी को जबदरस्ती छीन लिया गया हैं जिसमे करीब 500 करोड़ के लेनदेन का व्यौरा था। 

गहलोत पर गंभीर आरोप 

     राजस्थान सरकार में गहलोत ने कैसे राज्य सभा के लिए MLA को पैसा देकर वोट कराया और इसी प्रकार से RCA के चुनाव में भी वैभव गहलोत के पक्ष में वोट करने के लिए पैंसे का लेनदेन किया। साथ ही गुढ़ा ने आरोप लगाया की गलत सरकार में बहुत से मंत्रियो के अलग अलग महिलाओ के साथ अवैध संबंध हैं।  

बीजेपी हमलावर

लाल डायरी

        इस घटना के बाद बीजेपी के नेता गहलोत सरकार पर हमलावर हो गए हैं। केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह, सतीश पुनिया , स्मृति ईरानी और राजेंद्र राठौड़ सहित सभी नेताओ ने कांग्रेस पर चौतरफा हमले शुरू कर दिए और लाल डायरी  का रहस्य जनता में उजागर करने की गुहार लगाई और आरोप लगाया की कांग्रेस सरकार जनता में अपना विश्वास खो चुकी हैं।

कांग्रेस के लिए गुढा बना नया सिर दर्द

      राजेंद्र गुढ़ा वो विधायक हैं जो बहुजन समाज पार्टी से पहली बार चुनाव जीता और सेकंड टाइम बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायको के साथ गहलोत खेमे में शामिल हुए और गहलोत सरकार ने उन्हे सैनिक कल्याण मंत्री बनाया। लेकिन राजनीतिक में कोई किसी का दोस्त और दुश्मन नहीं होता। इसलिए गहलोत ने तुरंत प्रभाव से राजेंद्र गुढ़ा को पार्टी से निष्कासित ही नहीं किया बल्कि बाउंसरों से पिटाई भी कराई।। अब राजेंद्र गुढ़ा इसकी पूरी सियासत करेंगे और इसे शेखावाटी की अस्मिता का सवाल बनाएंगे।। और निश्चित इसका फायदा आने वाले विधानसभा चुनाव में फायदा लेंगे।।

राजेंद्र गुढ़ा की आज से ऊंट गाड़ी यात्रा शुरू 

       पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री राजेंदर गुढ़ा ने आज से अपने विधासभा के पचलंगी पंचायत में हनुमान मंदिर झड़या से सुबह से शुरुवात करेंगे और लाल डायरी का राज जनता में लेकर जायेंगे और गांव ,ढाणी में जायेंगे और उसके खिलाफ हुए अत्याचार के बारे में जनता को बताएँगे। उधर कांग्रेस अपनी चिर परिचित अंदाज।में इसे अमित शाह और मोदी की चाल बता कर अपना पला झाड़ना चाहती हैं पर ये इतना आसान नहीं हैं। क्योंकि 27 तारीख को सीकर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बड़ी जन सभा को सम्बोधित करेंगे और निश्चित ही लाल डायरी को लेकर गहलोत सरकार पर तीखे हमले करेंगे 

       अशोक गहलोत बड़ी मुश्किल से सचिन पायलट प्रकरण को साध कर चुनाव में जाने की पूरी तैयारी में थे  लेकिन लाल डायरी का नया जिन गहलोत के गले की फांद बन गया हैं।



बुधवार, 5 जुलाई 2023

गहलोत v/s पायलट/मरता क्या नही करता।

 गहलोत v/s पायलट/मरता क्या नही करता

अब बस भी कर भाई अब चुनाव सर पर हैं

    जैसे जैसे राजस्थान विधानसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं। वैसे वैसे कांग्रेस में बैठको के द्वारा मानने मनाने का दौर शुरू हो गया हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  ने सचिन पायलट की मांगों को मानने के संकेत दिए हैं।

पेपरलीक के दोषियों को उम्रकैद तक का प्रावधान संभव।

      सचिन पायलट की तीन महत्वपूर्ण मांगो में से एक थी पेपरलिक के दोषियों को बख्शा ना जाय और कड़े कानून के दायरे में लेकर सक्त सजा का प्रावधान हो। और इसमें पक्ष विपक्ष किसी को आपत्ति नहीं हैं क्योंकि जो लोग युवावो के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं उनके खिलाफ कठोर कारवाई और शक्त सजा का प्रावधान होना चाहिए। लेकिन पता नही की गहलोत जी को ये स्वीकार करने में इतना वक्त लग गया। या अपने प्रतिद्वंदी की बाती को तब्ज्जो ना देने की मानसिकता का नतीजा था।
       पर मरता क्या नही करता। यह कहावत मुख्यमंत्री पर सटीक बैठती हैं। की मरता क्या नही करता। गहलोत जी में कहा की आने वाले विधानसभा सत्र  जो 14 जुलाई को शुरू होगा में अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान बिल लाया जा सकता हैं और साथ ही राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में और पारदर्शिता लाने के लिए बेहतर प्रक्रिया अपनाने के आदेश मुख्य सचिव को दिए गए हैं।

भ्रष्टाचार पर गहलोत की सफाई।

       पायलट के पिछले कार्यकाल के दौरान वसुंधरा राजे द्वारा कथित भ्रष्टाचार पर करवाई के संदर्भ में गहलोत पहले ही सफाई दे चुके हैं।उन्होंने अपने स्तर पर तहकीकात करवा ली हा जिसमे वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार को कोई भी जांच सही नही पाई गई हैं।

      यह सही हैं की अशोक गहलोत की वर्तमान सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भारत में भ्रष्टाचार के सारे पैमाने तोड़ दिए हैं। पिछले 4 साल में ऐसा कोई  दिन मुश्किल से होगा जिस दिन कर्मचारी और अधिकारी रंगो हाथ ना पकड़े गए हो। लेकिन कास सरकार में योगी आदित्यनाथ जैसे इच्छा शक्ति होती।।
 

रोडवेज और विद्युत विभाग का बेड़ा गर्ग कर दिया गया हैं

मंत्री जी हमें इतिहास बना कर ही मानोगे ?

     इस सरकार के कार्यकाल में सबसे अधिक नुकसान राजस्थान रोडवेज बस जिसका लोहा पूरे भारत की ट्रांसपोटेशन व्यवस्था में गिना जाता था। सारा विभाग हांसिए पर चल रहा हैं। और इस विभाग के मंत्री की आंखे नही खुल रही हैं। घाटे में पहुंच चुकी रोडवेज में सरकार अपने वोटबैंक के लिए फ्री की सुविधाएं या सब्सिडी की टिकट वितरण करा रही हैं।साथ में लूट इस कदर चल रही हैं की बिना टिकट काटे कंडक्टर अपनी और अधिकारी लोगो की जेब भर रहे हैं और दुनिया की सबसे बड़ी आबादी के देश में कम सवारियां होने का कारण देकर बसों के रूट बंद किए जा रहे हैं। और सार्वजनिक बसों की जगह प्राइवेट बसों को बढ़ावा दिया जा रहा हैं।
 

       वर्तमान में राजस्थान रोडवेज 6100 करोड़ के घाटे में चल रही हैं और रोडवेज के बेड़े में नई बसों के शामिल हों के समाचार पिछले 4 साल से पढ़ने को मिल रहे हैं लेकिन परिणाम जीरो हैं।

1500 बसों को कंडम घोषित कर बेड़े से बाहर

     राजस्थान जैसे बड़े भौगोलिक क्षेत्र में एकसाथ 1500 बसों को कंडम कर सभी संभागों से कचरा घोषित करके सरकार ने प्राइवेट बसों वालो की मौज कर दी।

विद्युत विभाग की अब तक सी खस्ता हालत।

       जब से विद्युत विभाग प्राइवेट हाथो में गया हैं तब से एक सुधार शानदार हुआ हैं। विद्युत से संबंधित गड़बड़ी को तुरंत ठीक किया जाता हैं। बिल एकदम सही समय पे आते हैं। बिजली किसानों को 2000 यूनिट और घरों में 100 यूनिट फ्री देकर शानदार काम किया हैं लेकिन जब उपभोगता बिजली बिल का अध्यन करते हैं और सर चार्ज देखते हैं तो अपना सर पकड़ लेते हैं। 1500 से 2000 तक के सरचार्ज ।। किस बात के सरकार को पता नही। पिछले 6 महीने में गहलोत जी पूरे राज्य में कहते फिर रहे हैं जो मांगोगे वो मिलेगा।  इसलिए राज्य में गांव को भी जिला बनाने की घोषणाएं कर दी हैं। जिले धरातल पर कितने बनेंगे ये आने वाला समय बताएगा।

         राजस्थान में बलात्कार के केस भारत में सबसे अधिक हैं। बजरी माफिया। हिंदू कार्यक्रमों पर पत्थरबाजी ये सब गहलोत सरकार की मानसिकता का नतीजा हैं या कांग्रेस की मानसिकता बन चुकी हैं इसका हिसाब तो ए वाल चुनाव एम जनता जनार्दन करेगी। लेकिन इस समय गहलोत की हालत एकदम ऐसी हैं की मरता क्या नही करता। इसलिए फ्री फ्री लूट लूट किराया माफ बिजली माफ रोजगार के भंडार सब खोल रखे हैं पर धरातल पर मिल कितना रहा हैं यह जनता अपने वोट से जवाब देगी।

सोमवार, 3 जुलाई 2023

पिकल बॉल-भारत में पहली बार डेजर्ट में/डेजर्ट ओपन-चूरू/9th जुलाई 2023


 डेजर्ट ओपन-चूरू/9th जुलाई 2023 

Associations and Kids players

      यह सत्य हैं की पिकल बॉल अमरीकी खेल अवश्य हैं। लेकिन जिस प्रकार से इस खेल को भारतीय लोगों ने अपनाया हैं यह कहना गलत नहीं होगा की आने वाले समय में यह खेल और खिलाडी  दोनों नई  ऊंचाइयों को छुएंगे।

 पिकल बॉल अब भारत के ग्रामीण परिवेश में

     चूरू जिले में आने वाली 9th जुलाई को पिकल बॉल का एक दिन का आयोजन किया जा रहा हैं। यह प्रतियोगिता अपने आप में विशेष इसलिए भी बन जाती हैं की क्योंकि शेखावाटी आँचल के रामगढ़  शेखावाटी  के छोटे से गांव खोटीया में इस पिकल बॉल खेल का जो माहौल गुरुकुल स्पोर्ट्स डिफेन्स एंड एजुकेशन इंस्टिट्यूट खोटीया ने दिया हैं यह अपने आप में अद्भुत हैं।  और इस छोटे से गांव से सैकड़ो की तादाद में लड़के और लड़कियां अपना परचम राष्ट्रीय स्तर पर लहरा चुके हैं। और इसका श्रेय जाता हैं। आर्मी से सेवानिर्वरत हो चुके श्री अर्जुन जी कँवर  और उनकी धर्मपत्नी शिव कँवर जो की राजस्थान पिकल एसोसिएशन में भी सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। इनके तत्वाधान में इस डेजर्ट ओपन पिकल बॉल प्रतियोगिता का आयोजना 9th जुलाई को चूरू में होने जा  रहा हैं। इसमें U-14 बॉय सिंगल्स एंड डबल्स के साथ ओपन में मेंस, विमेंस एंड मिस्ड में सिंगल और डबल्स का आयोजन किया जा रहा हैं।  

      डेजर्ट ओपन-चूरू/9th जुलाई 2023  में जयपुर सहित सभी जिलों से खिलाड़ी अपना नामांकन करा रहे हैं।  और एक सफल और शानदार आयोजन के लिए सभी सम्बंधित पदाधिकारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं।  यह खिलाडियों के लिए स्टेट चैंपियनशिप से पहले ( 15 -16 जुलाई को जयपुर के सवाई मानसिंग़  स्टेडियम में होने जा रही हैं )अपने को जांचने और परखने  का एक शानदार मौका होगा। 

 

Team Bhilwara

          यह राजस्थान के खिलाड़ियों के सुनहरा अवसर होगा जिससे उनको आगामी प्रतियोगियों में अच्छा प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करेगा। हाल ही में पिकल बॉल एसोसिएशन से जुड़े हुए पदाधिकारी और वरिष्ठ खिलाड़ियों से हुई वर्तानुसार दोनों प्रतियोगिताओ के सफल आयोजन के लिए वो पूर्ण प्रयास कर रहे हैं।  अध्यक्ष अश्वनी वाधवा , अर्जुन जी,रिपु दमन ,नीरज शर्मा और पिकल बॉल खेल के ब्रांड अम्बेस्डर नरेंद्र  आस्था और सुभम अजमेरा  सभी अपने अपने स्तर पर इन प्रतियोगिताओं को सफल बनाने के लिए पूर्ण समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं।

राजस्थान जिला पिकल बॉल संगठनों की भागीदारी 

Team Pali-Marwar 

       इन दोनो प्रतियोगियों में सभी जिला प्रभारी अधिक से अधिक खिलाडियों के रजिस्ट्रशन के लिए कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि इन प्रतियोगिताओं के बाद राजस्थान एसोसिएशन में फेरबदल संभव हैं। और नए लोगों को जिम्मेदारी दी जाने की संभावनाएं हैं।  इसलिए सभी जिला अधिकारी अधिक से अधिक भागीदारी करने की कोशिश में हैं और आयोजकों के साथ समन्वय से कार्य कर रहे हैं। 

शुक्रवार, 30 जून 2023

पिकलबॉल राजस्थान राज्य चैंपियनशिप 15-16 /July /2023 का आयोजन

 पिकलबॉल राजस्थान राज्य चैंपियनशिप 15-16 /July /2023 का आयोजन

Rajasthan State Championship-2023

         राजस्थान में पिकलबॉल राज्य चैंपियनशिप प्रतियोगिता का आयोजन आगामी जुलाई माह की 15-16 को सवाई मानसिंघ स्टेडियम जयपुर में खेला जायेगा  है। SMS स्टेडियम, जयपुर राजस्थान की प्रमुख खेल और क्रीड़ा संगठनों में से एक है। इसमें मौखिक और शारीरिक खेलों के लिए विशेष ढांचा है और पिकलबॉल चैंपियनशिप का इसी स्थान पर आयोजित होना इस अमरीकी खेल की बढ़ती हुई लोकप्रियता का एक बड़ा मंच होगा। । इस चैंपियनशिप में राजस्थान के सभी जिलों से खिलाड़ियों के भाग लेने की सम्भावना हैं। इस खेल के राजस्थान में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं जो इस प्रतियोगिता में नए खिलाड़ियों के साथ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे और नए खिलाड़ियों का उत्षावर्धन करेंगे। 

अंतरराष्ट्रीय खिलाडी कमल कांत जी ने बताया की यह पिकल बॉल प्रतियोगिता का रात्रि आयोजन भारत में पहली बार हो रहा हैं।  और इस प्रतियोगिता को लेकर खिलाड़ियों में बड़ा उत्षाह देखा जा रहा हैं।  और खिलाडी जयपुर /भीलवाड़ा/पाली/जोधपुर/कोटा/सीकर सहित सभी जिला संभागो में युद्ध स्तर की तैयारी कर रहे हैं। 

इस प्रतियोगिता में 200 से अधिक खिलाड़ियों के भाग लेने की सम्भावना हैं।  खिलाडी निचे दिए गए बारकोड को स्कैन करके ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।  साथ है  प्रतियोगिता की सम्पूर्ण विवरण के लिए भी दिए गए नंबरो पर संपर्क कर जानकारी प्राप्त की जा सकती हैं। 

For detail of Tournament

For Purchase Pickle Ball Items visit......


 

 

बुधवार, 31 मई 2023

CM अशोक गहलोत का राजस्थान की जनता को 100 यूनिट बिजली की बड़ी सौगात

CM अशोक गहलोत का राजस्थान की जनता को 100 यूनिट बिजली की बड़ी सौगात

100 Units electricity free i n Rajasthan
31 मई 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक ने रात्रि 10.45 बजे घोषणा की 100 यूनिट बिजली सबके लिए फ्री होगी। गहलोत ने कहा की महंगाई राहत शिविरों में फीडबैक के आधार पर निर्णय लिया गया की पहले तरह सभी के लिए 100 यूनिट बिजली फ्री मिलेगी।और 200 यूनिट तक सभी तरह के सरचार्ज में भी छूट मिलेगी। आज ही भारत के प्रधानमंत्री ने अजमेर में कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए आने वाले विधानसभा चुनावों का बिगुल बजा दिया हैं। यह घोषणा करके गहलोत ने राजस्थान में कल के समाचार पत्रों में मोदी को मुख्यपृष्ठ से रोकने में कामयाबी हासिल की हैं। क्योंकि आज मोदी ने राजस्थान के लिए कोई बड़ी घोषणा नही की। जिसको कांग्रेस केवल बीजेपी को  आंतरिक कलह को समाप्त करने के तौर पर ही देख रही हैं। इससे अब स्थती साफ हो गई की । अब विधानसभा चुनाव तक फ्री की रेवड़ियां टैक्स पेयर के पैसे को इसी प्रकार से बहाया जायेगा।

शुक्रवार, 7 अप्रैल 2023

सचिन पायलट का अपनी सरकार के खिलाफ अनशन

 

राजस्थान कांग्रेस में फिर सचिन गहलोत आमने सामने


    सचिन पायलट का अपनी सरकार के खिलाफ अनशन.यह सही हैं की राजस्थान कांग्रेस का कार्यकाल 4 साल पूरा कर चुका हैं। और कांग्रेस की गहलोत सरकार कांग्रेस और भाजपा के आपसी विवादो से अधिक सचिन और गहलोत खेमों की गहमागहमी की चर्चा रही है। यह आपसी मतभेद कांग्रेस के गले की फांद बन चुका है। और इसका सीधा सीधा असर राष्टीय कांग्रेस की नाकामी को दर्शाता है। जो पार्टी गत 4 वर्ष से अपनी अनुरूनी समस्याओं को निराकरण करने में असफल रही हैं उसपे जनता का विश्वास आना आसान नहीं होगा।



        अब सचिन पायलट ने एक बार फिर अपनी आवाज मुखर करते हुए 11 अप्रैल को जयपुर शाहिद स्मारक पर एक दिन का धरना देने का ऐलान कर दिया हैं। और यह अनशन गहलोत के खिलाफ होगा। सचिन ने गहलोत पे सीधे सीधे आरोप लगाते हुए।कहा की उनकी मिलीभगत वसुंधरा राजे के साथ हैं। क्योंकि पिछले चुनाव में वादे के अनुसार भ्रष्टाचार के खिलाप गहलोत सरकार ने कोई कार्यवाई नही की। जिसको जनता के साथ धोका हुआ हैं। और गहलोत ने बीजेपी के खिलाफ जो भी भ्रष्टाचार के मामले थे किसी पे कोई कार्रवाई नहीं की।और मिले जुले खेल में सारे मामले दबा दिए गए।
 

वसुंधरा सरकार के विपक्ष में रहते हुए गए थे भ्रष्टाचार के मुद्दे।

        सचिन ने कहा की विपक्ष में रहते हुए हमने कड़ा संघर्ष किया ।जिसके कारण कांग्रेस सत्ता में वापसी कर पाई। अब हमे वापस जनता के बीच में जाना हैं उनसे किए हुए वादों जा जवाब देना हैं.सचिन ने कहा की वो 28 मार्च और 2 नवंबर का गहलोत साहेब को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार के मामले में कारवाई की मांग कर चुके हैं पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई हैं।

खनन माफिया और पेपर लीक घोटाला।

     सचिन पायलट का अपनी सरकार के खिलाफ अनशन से पहले सचिन खनन माफिया और पेपर लीक घोटाले पर किसी भी मंत्री और अधिकारियों पर कार्यवाई ना करने को लेकर गहलोत को जादूगरी कह कर तंज कस चुके हैं।क्योंकि बंद तिजोरी में बंद कागज छात्रों तक कैसे पहुंचे इसमें  कोन सी जादूगरी हैं।

मुख्यमंत्री पद की लड़ाई

       यह सही हैं की सचिन पायलट ने पिछले विधानसभा में जी जान से मेहनत को और कांग्रेस को सत्ता में लाने का मुख्य किरदार निभाया। गहलोत साहब जो गांधी परिवार की नजदीकी का फायदा उठाया और पायलट की मेहनत पर पानी फेर दिया।और खुद मुख्यमंत्री बन गए। 

      राजनीति के मंजे हुए गहलोत जहां पर भाजपा के साथ सतरंज का खेल खेलते लेकिन उन्होंने अपनो को ही अपनी जादूगरी के जाल में ऐसा फसाया की सचिन पायलट अभी तक उससे पार नहीं कर पाए हैं। और एक साधारण MLA बनाकर छोड़ दिया।राजनीतिक में महत्वकांक्षा होनी चाहिए लेकिन गहलोत ने एक जुझारू साथी को अपने साथ जोड़ नही पाए और मुख्यमंत्री बनकर कमान अपने हाथ में लेली।

कांग्रेस राजस्थान प्रभारी रंघावा का वक्तव्य

      AICC की ओर से प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रंधावा ने कहा की में 5 महीने से राजस्थान का प्रभारी हूं सचिन ने कभी अपना विरोध दर्ज नहीं कराया,पायलट को अपनी बाद पार्टी के अंदर उठानी चाहिए थी यह उपवास को पार्टी विरोधी गतिविधि के तौर पर देखा जायेगा।।
 

      जब एक नेता मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिख रहा हैं। जनता से किए हुए वादों को पूरा करने की बात कर रहा हैं। और वादों पर एक्शन नही होने पर अपनी ही सरकार के विरोध में अनशन कर रहा हैं तो इसमें गलत क्या हैं। रंघवा को 5 महीने में यह समझ नही आया या गहलोत ने अपने हिसाब से समझा दिया।।
     सचिन और पायलट का विवाद निश्चित कांग्रेस को राजस्थान से सफाया होने में मददगार साबित होगा। गुलाब नबी आजाद ने आप की आदलत में सही कहा था की कांग्रेस को नुकसान चाटुकार कर रहे हैं पार्टी का लोकतंत्र समाप्त हो चुका हैं और इन सब के लिए सोनिया और राहुल जिम्मेदार हैं।

बुधवार, 29 मार्च 2023

चन्द्र प्रकाश जोशी जीवन परिचय /Chandra Prakash Joshi Biography in Hindi/धन्यवाद ज्ञापन

 चन्द्र प्रकाश जोशी जीवन परिचय /Chandra Prakash Joshi Biography in Hindi

धन्यवाद ज्ञापन...Watch Video..

चंद्रप्रकाश जोशी राजस्थान से भाजपा के नयी पीढ़ी के कर्मठ कार्यकर्त्ता के तौर पर अपनी पहचान रखते हैं। राजस्थान में इस वर्ष अंत तक चुनाव होने है और बीजेपी के लिए राजस्थान जितने से बड़ा कोई मुद्दा नहीं हैं।  इसलिए पार्टी आपसी गुटबाजी और मतभेद से दूर एक साफ़ और ईमानदार और बेदाग छवि के कार्यकर्ता के हाथ में बीजेपी की कमान दे कर सबको चौंका दिया हैं। क्योंकि बड़ी बात यह है कि सीपी जोशी किसी भी खेमे में नहीं रहें है।

       अब सीपी जोशी पर राजस्थान बीजेपी में एकता बनाये रखने के साथ साथ इस बार राज्य में पार्टी के लिए जीत को सुनिश्चित करना ही एक  महत्वपूर्ण दायित्व होगा।

      सी पी  जोशी  चित्तौड़गढ़ से दो बार के सांसद और राजस्थान बीजेपी के नव नियुक्त  प्रदेश अध्यक्ष श्री चंद्रप्रकाश जोशी की जीवनी (Chandra Prakash Joshi Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है। 

 नाम चंद्र प्रकाश जोशी
उम्र 47 साल
जन्म तारीख 04 नवंबर 1975
जन्म स्थान भदसौरा, चित्तौड़गढ़, राजस्थान
शिक्षा बी.कॉम

कॉलेज

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर

वर्तमान पद

राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और चित्तौड़गढ़ सांसद

व्यवसाय

राजनेता

राजनीतिक दल

भारतीय जनता पार्टी

वैवाहिक स्थिति

विवाहित

पिता का नाम

स्वर्गीय श्री रामचंद्र जोशी

माता का नाम

श्रीमती सुशीला जोशी

पत्नी का नाम

श्रीमती ज्योत्सना जोशी

बच्चे

एक बेटा और एक बेटी

स्थाई पता

61, सोमनगर-II, मधुबन सेंथी, चित्तौड़गढ़, राजस्थान

वर्तमान पता

3, फिरोजशाह रोड, नयी दिल्ली

फोन नंबर

09414111371, (011) 23388124

ईमेल

Cpjoshi.mp@sansad.nic.in, cpjoshicor@gmail.com

Assets

Rs.1,97,25,115

Liabilities

Rs.100000

criminal record

0

चंद्रप्रकाश जोशी का राजनीतिक करियर


     सीपी जोशी के सक्रिय राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1995 में छात्र संघ के उपाध्यक्ष बनने के साथ हुआ था. बाद में उन्होंने जिला परिषद् के सदस्य के तौर पर कार्य किया और क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इससे वह पंचायत समिति के सदस्य भी रह चुके है. इसके बाद वह स्टेट वर्किंग कमिटी के मेंबर और फिर भाजपा से जुड़कर पार्टी में सक्रिय हो गए. उन्होंने पार्टी में राज्य उपाध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, जिला उपाध्यक्ष, जिला महासचिव, जिला अध्यक्ष, जिला मंत्री जैसे कई पद पर आसीन हुए.


   सीपी जोशी पहली बार 2014 में राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से सांसद चुने गए थे. दूसरी बार 2019 में भी उन्हें अपनी सीट से सफलता मिली. लेकिन यहाँ महत्वपूर्ण बात यह है कि उनकी जीत साधारण जीत नहीं थी. 2014 में उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास से 3 लाख 16 हजार 857 वोट से जीत का रिकॉर्ड अपने नाम किया था और आश्चर्य की बात है कि उन्होंने 2019 में अपने ही पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के गोपालसिंह शेखावत ईडवा को 5 लाख 76 हजार 247 वोटो से पराजित किया. इस प्रकार उन्होंने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में जीत का लगातार रिकॉर्ड बनाया.

सोमवार, 27 मार्च 2023

राजस्थान भाजपा की कमान सीपी जोशी के हाथो में।

 मोदी, शाहा और नडा के एक तीर से कई निशाने

                                 

     राजस्थान बीजेपी के नए अध्यक्ष चंदप्रकाश जोशी ने आज पदग्रहण संभाला। नवरात्रों में आज राजस्थान बीजेपी के नए अध्यक्ष चित्तौड़गढ़ से सांसद सीपी जोशी ने राजस्थान भाजपा के नए अध्यक्ष पद के सम्मान समारोह में सभी नेताओ और कार्यकर्ताओं के बीच पदभार ग्रहण किया।इस अवसर पर राजस्थान भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष सतीश पूनिया,राजेंद्र राठौड़,भाजपा महासचिव महेश जोशी ,अरुण सिंह सहित सभी सीनियर नेताओं ने स्वागत किया और अपन समर्थन सीपी जोशी को दिया।

       सीपी जोशी ने अपने संबोधन में कुछ बाते कही जो जनता को को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। कार्यकर्ताओं को कहा की आप मेरे जयकारे में नारे नही लगाए। में आपके जैसे एक सामान्य कार्यक्रता हूं। मुझे कुछ साथीयों ने कंधे पर उठाने को कहा लेकिन में आप के कंधे पर नही कंधे से कंधा लगाकर काम करेंगे। ये शब्द बताते हैं की भाजपा आलाकमान ने कैसे व्यक्ति को राजस्थान की कमान दी हैं। सीपी जोशी एक सामान्य किसान परिवार से संबंध रखते हैं और राजस्थान में नीचे स्तर से काम करके इस मुकाम तक आएं हैं। सीपी जोशी राजस्थान भाजपा के 14वे अध्यक्ष हैं। चित्तौड़गढ़ से 2014 और 2019 में लोकसभा के लिए मनोनीत हुए हैं। अपने छोटे से जीवन में वो भाजपा यूथ विंग के अध्यक्ष रह चुके हैं।भाजपा युवा मोर्चा के स्टेट प्रेसिडेंट भी रह कर कार्य कर चुके हैं।

       अपने सम्बोधन में  जोशी ने कार्यकर्ताओ का आह्वान किया की आज के बाद आने वाले 6 महीनो तक हमें कंधे से कन्धा मिलाकर कांग्रेस की नींद हराम कर देनी हैं।  हमें होर्डिंग्स लगनी हैं लेकिन उस पर सरकार के किये हुए कार्यों को जनता को दिखाना और बताना हैं।  शिक्षा,स्वास्थ ,सुरक्षा, धारा ३७०, गरीबो के लिए पक्के घर,घर-घर जल, राममंदिर से लेकर कैन्हया लाल हत्याकांड तक की बाते  जनता तक लेकर जानी हैं। 

मेवाड़ और ब्राह्मण समाज को साधने की कोशिश।

ये सही हैं की गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बनाने के बाद मेवाड़ के एक कद्दावर नेता की कमी को पूरा करने का काम निश्चित सीपी जोशी करेंगे। साथ में भाजपा का कोर वोटर ब्राह्मण समाज को चुनावों से पहले ये सौगात देकर एक बड़ा दांव भाजपा में खेला हैं।

युवाओं को नेतृत्व

    नए अध्यक्ष सीपी जोशी भाजपा के यूथ विंग के अध्यक्ष रह चुके हैं वो युवा मोर्चा के स्टेट प्रेसिडेंट पद को सुशोभित कर चुके हैं। निश्चित इससे भाजपा को युवाओं में अपनी पकड़ को मजबूत करने में सहायता मिलेगी। 

       यह कहा जा सकता हैं की मोदी, शाहा और नडा की तिकड़ी ने राजस्थान में अपना वजीर मैदान में उतार दिया हैं। और अब बिसात बिछ चुकी हैं आने वाले विधानसभा चुनावों की और धरातल तैयार होने लगा हैं 2024 के लोकसभा का। अब देखना हैं की कांग्रेस सचिन और गहलोत की खींचतान के बीच कैसे सामना करती हैं। Read More...





मरुप्रदेश अब मांग नहीं हक़ हैं

     मरुप्रदेश अब मांग नहीं हक़ हैं

Jaisalmer Temple

 

 मरू प्रदेश की मांग कोई नई नही हैं। राजस्थान निर्माण समय से अलग अलग रूप में नए राज्य के  निर्माण की मांग जनता द्वारा की जाती रही हैं। कारण बहुत साफ हैं।जब किसी क्षेत्र का सर्वांगीण विकास देश दुनिया की गति से नहीं होता हो।और क्षेत्र की भाषा,रीति रिवाज, संस्कृति और भौगोलिक संरचना भिन्नता से परिपूर्ण हो।

        जो दुनियां का 09 वाँ सबसे गर्म स्थान  हो।जहां वर्ष भर तेज धूलभरी आंधियां,बंजड़ जमीन,कंटीली झाड़ियां,विपदाओं भरा जीवन,पानी की अनुउपलब्धता,पशुपालन पर आधारित अर्थव्यवस्था व रोजगार की तलाश में भटकते नागरिक, स्वास्थ सेवाओं के लिए 200-300 किलोमीटर का सफर, राजधानी की दूरी ,रुकने ठहरने की समस्या और खर्चा साथ में शारीरिक मानसिक थकान जैसी विषम परिस्थितियों में कोई भी राज्य  विकास की धारा से संपूर्ण विलय बहुत मुश्किल हैं।इसलिए राजस्थान को दो भागों में विभाजित करके मरूप्रदेश का निर्माण करना जनता जनार्धन के साथ भारत के विकास में अहम फैसला हो सकता हैं। जो राज्य दुनिया के 109 देशों से भी क्षेत्रफल में बड़ा हो। वो देश के विकास में मुख्य भूमिका निभा सकता हैं।

 मरुप्रदेश का संभावित प्रशासनिक स्वरुप

      वर्तमान राजस्थान जो की 10 संभाग और 50 जिलों में वर्गीकृत हैं। यदि हैं निम्न 19 जिलों के साथ 4 संभाग को मरूप्रदेश से जोड़ते हैं तो एक नए राज्य को जन्म दे सकते हैं।

राज्य - मरूप्रदेश

राजधानी मुख्यालय - जोधपुर

सम्भांग की लिस्ट

1.जोधपुर

2.पाली

3.सीकर

4.बीकानेर

जिला मुख्यालय की लिस्ट

1.अनूपगढ़

2.गंगानगर

3.हनुमानगढ़

4.बीकानेर

5. नागौर

6.सीकर

7.डीडवाना

8.कुचामनसिटी

9.ब्यावर

10.पूर्वी जोधपुर

11.फलोदी

12.जैसलमेर

13.बालोतरा

14 बाड़मेर

15. सांचौर

16. जालौर

17.सिरोही

18.पाली

19.पश्चिमी जोधपुर

संभावित भौगोलिक भू-भाग


मरुप्रदेश का क्षेत्रफल- 2,13,883 वर्ग किमी.

मरुप्रदेश की जनसंख्या- 2,85,65,500

मरुप्रदेश की साक्षरता दर 63.80%

मरुप्रदेश में गरीब 68.85 लाख

मरुप्रदेश में शिक्षित बेरोजगार 10 लाख

मरुप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 252 ₹

          यह संभावित डाटा हमे नया मरूप्रदेश बनाने की और अग्रसर होने को विवश करता हैं। जो व्यक्ति इस भू भाग में विचरण कर चुका हैं वो कह सकता हैं की आज भी इस क्षेत्र का ग्रामीण परिवेश आजादी के 75 साल बाद भी देश की मुख्य धारा से 25-30 वर्ष पिछड़ा हुआ हैं।

मरुप्रदेश का इतिहास 

       यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि राजस्थान निर्माण के दौरान बीकानेर और जोधपुर रियासत ने विलय कब पूरी ताकत से विरोध किया था तत्कालीन जोधपुर महाराजा हनवंत सिंह पहली लोकसभा में काली पगड़ी पहनकर पहुंचे थे 1953 में श्रीमान प्रताप सिंह पूर्व मंत्री बीकानेर स्टेट नेवी बीकानेर का राजस्थान विलय के विरोध में बंद का आह्वान किया था लेकिन सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा का हवाला देकर इस मांग को खारिज कर दिया गया था मरू प्रदेश दुनिया का नौवा गर्म स्थान है तेज धूल भरी आंधियां बंजर जमीन कटीली झाड़ियां के पदों से परिपूर्ण पानी की अनुपलब्धता पशुपालन पर आधारित रोजगार की कमी से  ग्रसित क्षेत्र है पूर्व सांसद स्वामी केशवानंद ने अपनी पुस्तक "मरुभूमि सेवा" में भी रेगिस्तान के संपूर्ण विकास के लिए मरू प्रदेश की मांग की थी स्वर्गीय गुमान सिंह लोधा 1998, महाराजगंज सिंह ने, बाड़मेर से अमृता जी ने ,लेखक दिलसुख राय चौधरी सीकर, पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने भी अलग-अलग समय पर राजस्थान में मरूप्रदेश की मांग उठाई है। यहां तक कि 3 नए राज्य निर्माण के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के सामने राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने सन् 2000 से 2001 के बीच में पत्र लिखकर इस मांग को रखा था.

मरू प्रदेश भारत को विश्व शक्ति  बनने मुख्य आधार साबित हो सकता है.

*मरुप्रदेश बनने से आम आदमी की पहुंच सरकार-प्रशासन तक आसान हो सकती हैं। आज जैसलमेर से जयपुर की दुरी 675 किलोमीटर की हैं /12 घंटे का सफर किसी भी बुजुर्ग व्यक्ति की सोचने मात्र से  रूह काँप जाती हैं।
*सरकार और प्रशासन अपनी नीतिओ को दूरदराज के  गांव तक पहुव्हा सकता हैं। बेहतरीन तरीके से निगरानी रख सकता हैं।
*भ्रष्टाचार और माफिया गठजोड़ का खात्मा करना आसान हो जाता हैं
*सरकार,प्रशासन और जनता का प्रदेश में आवगमन कम होगा और  व्यय में कटौती संभव हो पायेगी ।जयपुर जैसे शहरों पर जनसख्या का दबाब घटेगा।
*  अधिकारी और सरकार के मंत्रीगण जनता से सीधा संपर्क बढ़ेगा तो संवाद सेतु बनेगा जिससे जनता से जुडी हुई समस्याओ का निराकरण समय पर तेजी होंगे।
* इस समय मरुप्रदेश में आय के लिए मिनरल्स ,उद्योग,पशुधन, खेती में नवाचार, सौर ऊर्जा का उत्पादन, बाड़मेर में पेट्रोलियम रिफाइनरी,जैसलमेर,जोधपुर,माउंट अबू,रणकपुर जैसे पर्यटक स्थानों , जोधपुर का हैंडिक्राफ्ट उद्योग, जैसलमेर और जालोर में चमड़ा उद्योग,नए मेडिकल कॉलेज,इंदिरा गाँधी नहर,मूंगफली,जीरा,इसबगोल,अनार ,सरसों जैसी फसलों का मुख्य केंद्र निश्चित मरुप्रदेश को नई  बुलंदियों पर ले जाने का मादा रकते हैं।
* मात्र पानी के प्रबंधन से ही मरुप्रदेश अकेला अन्न के भण्डार भरने में सक्षम हो सकता हैं। जो भारत की भुखमरी मिटाने के लिए सहायक हो सकता हैं।
*भारत में जंगल,समुद्र,पहाड़ बहुत जगह पर हैं लेकिन रेगिस्तान मात्र मरुप्रदेश में ही हैं जो की पर्यटकों के लिए समेशा से आकर्षण का केंद्र रहा हैं। विशवस्तरीय व्यवस्तओं का विस्तार करके इसे दुनिया में अलग पहचान दी जा सकती हैं।
*सीकर झुंझुनू की शिक्षा और भारतीय सेना में योगदान,चूरू स्पोर्ट्स का हब,गंगानगर,अनूपगढ़,हनुमागढ़ कृषि आधारित उद्योग,नागोरी में मार्बल जालोर में ग्रेनाइट,जालोर बाडमेंर में अनार ,जीरा,ईसबगोल का उत्पादन,दुग्ध उतपदं, भेड़ ,बकरी और ऊँट का पशुधन, बारमेर की हिरण ,बीकानेर का भुजया पापड़,बीकानेर और जोधपुर का रिच खाना माउंट की प्राकृतिक छटा,ये सब मरु प्रदेश को नई पहचान देने में सक्षम हैं।
     
  इन सभी मापदंडो को देकते हुए निश्चित केंद्र सरकार को राज्य का विभाजन करके विकास  के नए मापदंड निर्धारित करने चाहिए। और जनता को मरुप्रदेश बनाकर रेगिस्तान की जनता के साथ न्याय करना चाहिए।
 

मरुप्रदेश अब मांग नहीं हक़ हैं. 

सोमवार, 20 मार्च 2023

मरुप्रदेश होगा 20 जिलों के साथ भारत का नया राज्य

 राजस्थान में सियासी मास्टर स्टोक 

   यह निर्णय राजस्थान के विकास की दर्ष्टि से अहम् साबित हो सकता हैं यह सही है की राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर (132140 वर्ग मील) है। जो कि देश का 10.41% है

कई देशों से बड़ा हैं राजस्थान

   राजस्थान श्रीलंका से पांच गुना, चेकोस्लोवाकिया से तीन गुना, इजराइल से सत्रह गुना तथा इंग्लैण्ड से दुगुने से भी बड़ा है

19 नए जिले और 3 नए संभाग

      राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में जनता को अब तक का सबसे बड़ा तोहफा दिया। "मांगते मांगते थक जाओगे, मैं देते देते नहीं थकूंका" वाले अपने कथन के बाद उन्होंने जनता की मांग पर राजस्थान का नक्शा ही बदल दिया। हम बात कर रहे हैं प्रदेश में 19 नए जिलों की घोषणा की। गहलोत ने राज्य में 19 नए जिले और तीन नए संभाग बनाने की घोषणा की। इसी के साथ राजस्थान में अब जिलों की संख्या 50 हो गई है। चुनाव से पहले कांग्रेस इस बड़ी घोषणा को गहलोत की जादूगरी बताकर पेश किया जा रहा है।  

मरुप्रदेश की रूपरेखा

  मरूप्रदेश उत्तर-पश्चिम भारत का प्रस्तावित राज्य है। जो राजस्थान के कुछ भू-भागों को मिलाकर बनाने का प्रयास है। प्रस्तावित राज्य में राजधानी जोधपुर के साथ 20  इसमें  जिलें बाडमेर, जैसलमेर, बीकानेर, चुरु, गंगानगर, हनुमानगढ़, पूर्वी जोधपुर,पश्चिमी जोधपुर,सांचोर, जालोर, पाली, सिरोही ब्यावर ,कुचामन सिटी ,डीडवाना, बालोतरा,फलौदी ,अनूपगढ़, सीकर और नागौर शामिल हो सकता हैं ।इसमें संभाग भी जोधपुर,पाली,बीकानेर और सीकर सहित कुल 4  संभाग बन सकते हैं मरूप्रदेश में इसका क्षेत्रफल 213883 वर्ग किमी हो सकता हैं। जनसंख्या 2 कराेड़ 85 लाख 65 हजार 500 है। साक्षरता दर 63.80 गरीबी 68.85 लाख, शिक्षित बेराेजगार 10 लाख और प्रति व्यक्ति आय 252 रु. है।


   1953 से चल रही है मरूप्रदेश की मांग : वर्ष 2008 से मरूप्रदेश की मांग प्रदेश में चर्चा का विषय बनी। जयबीर गाेदारा ने अपने साथियाें संग ये मांग उठाते हुए कहा कि ये पुरानी मांग है। 1953 में जब राजस्थान बन रहा था तब जाेधपुर और बीकानेर रियासत के राजाओं ने मरूप्रदेश की मांग रखी थी।

    उस समय कई ज्ञापन दिए गए। 1956 में बीकानेर राजघराने के आव्हान पर बीकानेर बंद भी रहा था। तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी काे तत्कालीन सीएम भैंराेसिंह शेखावत ने पत्र लिखकर कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाॅर्डर व विकास काे देखते हुए राजस्थान के दाे टूकडे किए जाएं। गाैरतलब है कि 2008 से अब तक कई बार ये मांग उठाई जा चुकी है। 

   इसलिए राजस्थान और मरूप्रदेश बनकर भारत के विकास में मुख्य भूमिका निभा सकता हैं। राजस्थान में उद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। कोटा और सीकर भारत में IIT और NEET के लिए प्रसिद्ध हैं तो जोधपुर हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के लिए अपनी पहचान रखता हैं। बाड़मेर में पेट्रोलियम उत्पादन से पश्चिमी राजस्थान की बदलती तस्वीर साफ तौर पे देखी जा सकती हैं। इसलिए मरूप्रदेश और राजस्थान का विभाजन प्रदेश और देश हित में लिया हुआ फैसला साबित हो सकता हैं। अब देखना यह हैं की जादूगर अशोक गहलोत इसे धरातल पर उतारने की ओर पहला कदम बढ़ाते हैं या मोदी सरकार इस विषय पर अपना मास्टर स्टोक खेल सकती हैं।

शनिवार, 18 मार्च 2023

राजस्थान में अब 50 जिले-मरूप्रदेश की नींव

 राजस्थान और मरूप्रदेश की नींव

(जयपुर और जोधपुर )

       राजस्थान भौगोलिक स्थिति में भारत का सबसे बड़े राज्य में शुमार हैं। और जिला मुख्यालय की अत्यधिक दूरी होने के कारण दूर दराज के लोगो के लोगो की समस्या के साथ विकास में भी बाधक रहा हैं। जिस गति से छोटे राज्यों ने परिसीमन कर के नए जिलों का निर्माण किया उन्होंने उसी गति से विकास भी किया। राजस्थान में 33 वा जिला प्रतापगढ़ 2008 में बना था। उसके बाद लंबे समय से जनता की यह मांग थी इतने बड़े राज्य में जिलों की संख्या अधिक होनी चाहिए । आखिरकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावो के मध्य नजर रखते हुए ही सही जनता को ये बड़ी सौगात दी हैं। और अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया हैं।इसलिए यह कदम प्रशंसा के योग्य हैं।निश्चित ही आने वाले समय में ये जिले राजस्थान के आधारभूत संरचना,विकास,सामाजिक सुरक्षा,रोजगार और राज्य को आर्थिक विकास के मोर्चे पर अपना योगदान देने में सहायक सिद्ध होंगे। गहलोत ने इसके लिए 2000 करोड़ के बजट का भी प्रावधान किया हैं।

नए जिले वर्तमान 13 जिलों से बनाए गए हैं और साथ में तीन नए संभाग भी बनाए गए हैं। जिनको मिलाकर अब राजस्थान में 10 संभाग और 50 जिले होंगे।

अब 10 नए संभाग

1 सीकर

2 पाली

3 बांसवाड़ा


नए जिलो की लिस्ट तथा किस जिले से जन्म हुआ।


1.नीमकाथाना (सीकर)

2.जयपुर उत्तर(जयपुर)

3.जयपुर दक्षिण(जयपुर)

4.कोटपुतली(जयपुर)

5 दूदू(जयपुर)

6.खैरथल(अलवर)

7.डीग ( भरतपुर)

8. गंगापुर सिटी (सवाई माधोपुर)

9.शाहपुरा (भीलवाड़ा )

10.सलूंबर(उदयपुर)

11. सांचौर (जालौर)

12.बालोतरा(बाड़मेर)

13.जोधपुर पूर्व (जोधपुर)

14.जोधपुर पश्चिम(जोधपुर)

15.फलोदी(जोधपुर)

16.अनूपगढ़(श्री गंगानगर)

17.डीडवाना(नागौर)

18.ब्यावर(अजमेर)

19.केकड़ी(अजमेर)


निश्चित विपक्ष इसको चुनावी घोषणा कहेगा। लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पक्ष और विपक्ष दोनो ने खुशी का इज़हार किया हैं जो बताता हैं की आने वाले समय में यह निर्णय राजस्थान की आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र के साथ में देश को आगे बढ़ाने में सहायक होगा।


नया रूप क्या होगा

नए संभाग और नए जिले बनने के बाद का स्वरूप कैसा होगा ये सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद ही पता चल पाएगा।


सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती।

नए संभाग और जिलों के स्वरूप को धरातल पर लाना कोई आसान काम नही होगा। इसमें बहुत अधिक राजनेतिक और सामाजिक समावेश की आवश्यकता होगी। प्रशासनिक ढांचा तैयार करना भी एक बड़ी चुनौती होगी

     प्रशासनिक रिकॉर्ड्स को विस्थापित करना, नई कागज कारवाई जिसमे आधार कार्ड से लेके वोटर कार्ड,राशनकार्ड,नरेगा जॉब कार्ड्स सब कुछ बदलना होगा। जिसके लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होगी। यह आने वाली सरकार के लिए एक चुनौती पूर्ण कार्य होगा। ये निश्चित हैं की राज्य में आगे किसी की भी सरकार आए। अगले पांच वर्ष के लिए सरकार को नया काम ढूंढने की आवश्यकता होगी नही। इन नए जिलों के विकास के लिए लिए मॉडल तैयार करना और पूर्ण करना ही सरकारों की सफलता और असफलता के मुख्य मापदंडों में से एक होगा

      यह सही हैं की राजस्थान कांग्रेस ने गहलोत के नेतृत्व में यह कार्य काल चुनौतीपूर्ण रहा हैं सरकार पर विपक्ष के साथ साथ आंतरिक खींचातान का भी सामना करना पड़ा हैं। गहलोत का यह फैसला अपने अनुभव और सभी को साथ लेकर चलने की नीति के कारण इन चुनौतियों के बावजूद अपने 5 साल का कार्यकाल ही पूर्ण नहीं कर रहे हैं बल्कि आने वाले 5 साल के लिए रास्ता साफ करने की और एक कदम आगे बढ़ाने वाला साबित हो सकता हैं

 यदि  राजस्थान में राहुल और सोनिया का हस्तक्षेप कम होता हैं तो गहलोत कांग्रेस की इस नया को पार लगाने में कामयाब हो सकता हैं।


सोमवार, 13 फ़रवरी 2023

विधायक सुरेश मोदी द्वारा नीमकाथाना को जिला बनाने की विनती

       गहलोत जी हक़ मांग रहे हाँ भीख नहीं 

 

राजस्थान विधानसभा में आज बजट सत्र में नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी ने अपना भाषण दिया। और गहलोत द्वारा पेश बजट में युवाओं,किसानों,महिलाओं, बुजुर्गो के साथ घरेलू बिजली उपभोगताओ वी गैस सिलेंडर में राहत को बहुत जनहितेशी बताया । मोदी ने पुन मुख्यमंत्री का ध्यान नीमकाथाना को जिला बनाने की और खींचा और याद दिलाया की इससे जनता ने बड़ी निराशा है। जनवरी महीने में नीमकाथाना से हजारों की संख्या में लोग मोदी के नेतृत्व में शहिद स्मारक पहुंचे थे और लोगो को नीमकाथाना के साथ की लगी सीमा के विधायको का भी समर्थन था इसलिए जनता को बहुत अधिक आशा थी और गहलोत ने नए जिले बनाने के लिए एक समिति का घटन किया जिसने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी हैं उससे भी लोगो के नीमकाथाना को जिला बनते देख पाने के झूठे सपने दिखाए।पर अशोक गहलोत ने सदैव की भांति शेखावाटी के प्रति अपना तोहिन वाला रवया  इस बजट में डेंगा दिखाकर  शेखावाटी के प्रति अपनी उपेक्षा को जाहिर किया।। मोदी ने नीमकाथाना में सरकार के पिछले बजट में 8800 करोड़ की कुम्भा नहर परियोजना को सरकार ने स्वीकृत किया था जिसका काम अभी तक शुरू भी नहीं हो पाया और इन कामों कि सरकार द्वारा अनदेखी से जनता में निराशा हैं तथा नीमकाथाना में पानी के अभाव में लोग कृषि के कार्य को छोड़ अपराध की दुनिया में बढ़ रहे हैं इसलिए नीमकाथाना में सिंचाई के लिए यमुना का पानी लाने की मांग भी सदन के पटल पे रखी।।

साथ ही मोदी ने सरकार को बताया की वनभूमि और गोचर भूमि के सही चिंनित नही होने के कारण

सुरेश मोदी ने नीमकाथाना की सबसे बढ़ी पंचायत सिरोही जिसमे सबसे पुराना हॉस्पिटल  हैं और आबादी की हिसाब से बहुत बड़ी पंचायत हैं , और सीमेंट प्लांट व कई गांव के मध्य में होने के कारण यथा की OPD बहुत अधिक हैं और इस चिकित्सालय को कर्मोनत करने की पुरानी मांग को भी पूरा करने का अनुरोध किया।।
साथ ही मोदी ने बताया की नीमकाथाना में बहुत अधिक संख्या में लोग जो लम्बे समय से बसे  हुए हैं  वनभूमि व गोचर भूमि में गलत चयनित हुई जगह जिसको सही करने के आदेश पारित किये जाये | ताकि लोगो को रहत मिले/
 गुहाला को उपतहसील या नगरपालिका  बनाने की मांग भी सुरेश मोदी ने सरकार  से आग्रह किया/साथ में विधयकों को सड़को के लिए १० करोड़ को बढ़ा कर २० करोड़ करने की विनती की गई /ताकि किये गए वादे पुरे किये जासके /
 पाटन के हॉस्पिटल को भी उपजिला स्तरीय चिकित्सालय  बनाने का आग्रह किया/
यह सही हैं की मोदी जी ने अपनी मांग पुरजोर तरीके से विधानसभा में रखी लेकिन ये सही हाँ की गहलोत का नीमकाथाना ही नहीं शेखावाटी के प्रति हमेशा से निराशात्मक रवया रखा हैं / अब नहीं लगता की गहलोत इन सब बिन्दुओ पर कोई ध्यान देंगे./

नीमकाथाना के लिए नेचर पार्क की स्वीकारती की विनती की गई और जमींन भी दिलाने की सदन को भरोषा दिया/ 

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

जिले बनाओ मुहिम

 "राजस्थान में नए जिले बनाने की तैयारी में गहलोत



 सरकार"राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है | वर्तमान में राजस्थान में 33 जिले हैं व वसुंधरा जी की सरकार के समय 2008 में प्रतापगढ़ को 33वां जिला बनाया गया था।इसके बाद से ही राजस्थान में लगातार नये जिलों की मांग उठाई जा रही है। और  इस कड़ी मे नीमकाथाना,ब्यावर और बालोतरा जिले बनने की कतार में सबसे आगे हैं। और जनता के साथ वँहा के विधायक भी अपनी और से पुर जोर कोशिश मे लगे हुये है ।इस समय राजस्थान में विधानसभा चुनाव को देखते हुए गहलोत सरकार पर आगामी 10 तारीख को राजस्थान के बजट में इन जिलों की घोषणा करने का पूरा दबाव है। इस वर्ष राजस्थान में विधानसभा चुनाव को देखते हुए गहलोत सरकार इन जिलों की घोषणा करने की उम्मीद है। क्योंकि राजस्थान सरकार द्वारा सेवानिवृत्त आईएएस राम लुभया की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट भी राजस्थान सरकार को सौंपी जा चुकी है। जिसमें 24 जिलो के 60 शहरों का अध्ययन किया है और जिले बनने के तय मापदंडों के आधार पर सरकार को यह रिपोर्ट सौंपी जा चुकी हैं । और माना जा रहा है की नीम का थाना इस रेस मे ब्यावर व बालोतरा के साथ टॉप 3 की रेस मे बना हुया है ।गहलोत सरकार द्वारा 10 फरवरी को राजस्थान का बजट पेश किया जाएगा। 

नीमकाथाना की पदयात्रा ।

इसमे जनवरी माह मे नीमकाथाना के वर्तमान विधायक सुरेश मोदी के साथ हजारो की संख्या में लोग जयपुर विधानसभा पैदल यात्रा कर  पहुंचे और अशोक गहलोत को अपना ज्ञापन सौंपा, जिसमें नीमकाथाना को जिला बनाने की पुरानी मांग को  पुर जोर से उठाया गया। क्योंकि जनता को डर की कन्ही नीमकाथाना सुरेश मोदी के सचिन गुट की भेंट ना चढ जाये।

विधायक ने अपने जूते त्यागे ।।

और इसी कड़ी मे पिछले बजट सत्र में बालोतरा विधायक मदन लाल प्रजापत ने जूते त्याग दिए हैं. उन्होंने विधानसभा में अपने जूते उतार दिए और संकल्प लिया कि जब तक बालोतरा जिला नहीं बन जाता तब तक वे जूते नहीं पहनेंगे। 

जिला नही बना तो कोर्ट स्टे

भाजपा के विधायक की धमकी की यदि ब्यावर को जिला नहीं बनाया जाता है तो वो पुरानी कमेटतोकमेटि को आधार बना कर कोर्ट स्टे ला सकते है क्योंकि उस रिपोर्ट मे ब्यावर जनसंख्या की दृष्टि से भी बहुत बड़ा है। 

इसलिए राजस्थान में कयास लगाए जा रहे हैं कि मौजूदा सरकार इस बजट में और चुनाव से पहले नए जिलों की घोषणा कर अपना मास्टर स्टॉक खेल सकती है.

मंगलवार, 24 जनवरी 2023

Rajasthan-विधानसभा का बजट सत्र

 India-विधानसभा का बजट सत्र

लोकतंत के मन्दिर कहे जाने वाली जगह लोकसभा,राज्यसभा हो या फिर विधानसभा जँहा पे जनता से जुड़े मुदे सुलझाने के लिये लाखो रुपया खर्च होता है । और राजनीतक पार्टी सड़क से लेकर सदन तक केवल हंगामा करने के अलावा और कुछ नही करती। यही दर्श्य कल फिर से राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के शुरुवात मे देखने को मिला।राज्यपाल अपना अभिभाषण ओर करते उससे पहले ही विपक्ष ने शोर करना शुरू कर दिया।। इसी बीच सदन के विपक्ष के नेता गुलाबचांद कटारिया ने पेपर लिक होने का मुदा बीच मे ही उठा दिया। वंही RLP के तीनो विधायक वेल मे पहुंच गये और जोर जोर से नारे लगाने लगे। सदन को एक बार रोक के कारवाई दुबारा चालू की पर वही इस्थथि बनी रही तो सदन के अध्यक्ष सी पी जोशी ने मार्शल को आदेश दिये की तीनो नेताओ को सदन के बाहर निकाला जाये और उनको दिन भर के लिये निष्काषित कर दिया गया।। अब सोचने वाली बात ये है की क्या विपक्ष थोड़ा सा धर्य रख कर राज्यपाल के अभिभाषण को सुन नही सकता । उसमे उनका क्या नुकसान होता।। क्योंकि सरकार अपने किये हुये कार्य को अभिभाषण मे शामिल करती हैं जो वो सदन मे पढते है । को विपक्ष जनता तक नही जाने देना चाहते है ।ये मानसिकता हमारे सदनो की गरीमा को बहुत बड़ी ठेस पहुंचाने का काम करती है । चाहे पक्ष व विपक्ष मे कोई भी पार्टी हो सबका यही रव्या रहता हैं । क्या सता पक्ष जवलंत मुदो पर जबाब देने मे असमर्थ होता है या ऐसे मुदो पर वार्ता करने से उनके वोट बैंक पे असर पड़ता हैं । क्योँ नही सदन मे ये परिपाटी बनाई जाये की विपक्ष के 5 टॉप के मुदो पर सरकार व विपक्ष शुरुवात के दो दिन वार्ता करके ऐसी गलती दुबारा ना हो इसके लिये सरकार अपने उठाये कदमो को बताये और विपक्ष अपना पक्ष रखे ताकी इनकी पुनरावर्ती रोक सके।। गहलोत जी अपना रटा रटाया जबाब देते है ।। की पेपर लिक को चिंता हमे अधिक हैं ।। गहलोत जी गलती एक बार होती है बार बार होने पे आपकी सरकार को कटघरे मे तो खड़ा होना पड़ेगा ।। गरीब किसानों के लाखो बच्चे शहरो मे अपने गरीब मा बाप का सहारा बनने के लिये पैसा खर्च करते है क्या सरकार उनको इसका मुवावजा देगी नही ना।। आपने तो वैभव का भविष्य RCC के अध्यक्ष का पद देकर संवार दिया क्या उस गरीब का कोई हक नही हैं ।। ये सोशल मीडिया का जमाना हैं आपकी गोपनीय सूचनाये जनता तक पहुंच जाती है तो विपक्ष आपकी उप्लब्धियो को कैसे रोक सकता हैं जरा बताईयेगा।।। आपके किये हुये कार्यो से विपक्ष की हवा निकलती या नही पता नही आपकी हवा जरुर निकल चुकी हैं । इसलिये आप केवल हवा मे बाते करते रहते हो।। आपमे गांधी होता तो सदन मे आपके सहयोगी सचिन से बात करते बड़े होने का एग्ज़ाम्पल देते लेकिन आपका अभिमान आपको रोक देता है ।। और जैसे ही सदन का समय पुर होता है पक्ष विपक्ष के बीच अची खासी रामा श्यामा होती है । इसलिये जनता को जनता की आवाज बनने वाले नेताओ को आगे लाना चाहिये।। अन्यथा ये लोग सामाजिक-आर्थिक विकास का महिमा मंडित करके केवल अपनी रोजी-रोटी के अलवा इनको जनता से कोई सरोकार नही।।