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रविवार, 9 जुलाई 2023

हर_हर_महादेव/काँवर/कावड़ यात्रा 2023/कावड़ का इतिहास

हर_हर_महादेव

कावड़ यात्रा 2023 और इतिहास

कावड़ यात्रा भारत में एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है जो विशेष रूप से हिंदू धर्म के प्रमुख देवता भगवान शिव के भक्तों द्वारा मनाया जाता है। यह यात्रा मुख्य रूप से श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में होती है, जब शिवरात्रि के दिनों में शिवभक्तों ने जल ले कर अपने घरों से हरिद्वार, गंगोत्री, यमुनोत्री और खड़ग यात्रा में जाने का परंपरागत आयोजन किया है।इस दौरान पूरा माहौलहर_हर_महादेव मय हो जाता हैं।

        कावड़ यात्रा का इतिहास बहुत पुराना है और मान्यताओं के अनुसार इसे त्रेतायुग के समय से ही चलाया जाता रहा है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने अपने समुद्र मंथन के दौरान अमृत प्राप्त किया था जो उन्हें अमरत्व का वरदान देता है। इस अवसर पर, भगवान शिव के भक्त अमृत को लेकर यात्रा करते हैं,और हर_हर_महादेव के साथ बूम बूम भोले के नारे गूंजते हैं  जिसे हम आज कावड़ यात्रा के रूप में जानते हैं।

       कावड़ यात्रा में श्रद्धालुओं को गंगा जल को एक कावड़ में संग्रह करके शिव मंदिरों में चढ़ाना होता है। यह यात्रा विभिन्न रूपों में की जा सकती है, जैसे कि काँवड़ यात्रा (पैदल यात्रा), बाइक यात्रा, ट्रेन यात्रा आदि। कई श्रद्धालुओं को भक्ति और त्याग के प्रतीक के रूप में यह यात्रा महत्वपूर्ण होती है।

       इस यात्रा का मुख्य धार्मिक स्थल हरिद्वार, उत्तराखंड है, जहां से श्रावण मास में कावड़ यात्री अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं। उन्हें गंगाजल को लेकर पैदल या अन्य वाहनों का उपयोग करके हरिद्वार से हर महीने बाबा विश्वनाथ मंदिर, काशी (वाराणसी) तक यात्रा करनी होती है।

        कावड़ यात्रा धार्मिक और सामाजिक महत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसे हज और कुंभ मेले के समान माना जाता है, जो भारतीय धार्मिक परंपराओं में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। कावड़ यात्रा के दौरान भक्तों की भीड़ बड़ी होती है और उन्हें पुण्य का अनुभव होता है जब वे अपनी भक्ति और विश्वास का प्रदर्शन करते हैं।

कावड़ यात्रा के पवित्र स्थल  

कावड़ यात्रा के दौरान कई पवित्र स्थानों का दौरा किया जाता है। ये स्थान मुख्य रूप से श्रावण मास में शिवभक्तों द्वारा चढ़ाई के लिए पसंद किए जाते हैं। ये हैं कुछ प्रमुख पवित्र स्थल:

  1. हरिद्वार, उत्तराखंड: हरिद्वार भारतीय कावड़ यात्रा की प्रमुख आरंभिक स्थल है। यहां पर्वतीय नदी गंगा बहती है और श्रावण मास में कावड़ यात्रियों को गंगाजल लेने का अवसर प्रदान किया जाता है। हरिद्वार में हर की पौड़ी और माया देवी मंदिर भी महत्वपूर्ण हैं।

  2. गंगोत्री, उत्तराखंड: गंगोत्री भगवान गंगा की जन्मस्थल है और कावड़ यात्रा के माध्यम से पहुंचा जाता है। यह स्थान हिमालयी पर्वतों में स्थित है और भगवान शिव की उपासना का महत्वपूर्ण केंद्र है।

  3. यमुनोत्री, उत्तराखंड: यमुनोत्री भगवान यमुना की उत्पत्ति स्थल है। यह भी हिमालयी पर्वतों में स्थित है और कावड़ यात्रियों द्वारा पूज्य गंगाजल को लेने के लिए पहुंचा जाता है।

  4. खड़ग, हरियाणा: खड़ग हरियाणा राज्य में स्थित है और श्री छड़ानी जयपाल महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। कावड़ यात्रा के दौरान यहां भक्तों द्वारा दर्शन किया जाता है।

  5. केदारनाथ, उत्तराखंड: केदारनाथ हिमालयी पर्वतों में स्थित है और यह चार धामों में से एक है। यहां पर्वतीय भगवान शिव का प्रमुख मंदिर स्थित है और यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है।

ये केवल कुछ प्रमुख पवित्र स्थल हैं, जो कावड़ यात्रा के दौरान भक्तों द्वारा दर्शन किए जाते हैं। इसके अलावा भी कई और स्थान हैं जहां यात्रियों को धार्मिक महत्व होता है और वे वहां चढ़ाई करते हैं।

कावड़ यात्रा में महत्वपूर्ण सामग्री  

कावड़ यात्रा में कुछ महत्वपूर्ण सामग्री होती है, जो यात्रियों के लिए आवश्यक होती है। ये सामग्री यात्रा की सुविधा और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। नीचे दी गई सामग्री कावड़ यात्रा के लिए सामान्यतः जरूरी मानी जाती है:

  1. कावड़ (पालनी): कावड़ यात्रा का प्रमुख प्रतीक है। यात्रियों को एक कावड़ (एक डण्डा जिसमें झूला होता है) लेकर चलना होता है, जिसे पालनी या कावड़ कहा जाता है। इसे यात्रियों को अपने कंधे पर रखकर यात्रा किया जाता है।

  2. कंधारी या झोला: यात्रियों को कावड़ लेकर चलते समय अपनी पीठ पर झोला (कंधारी) लेना चाहिए। इसमें वस्त्र, सामग्री और अन्य आवश्यक चीजें रखी जाती हैं।

  3. गंगाजल: कावड़ यात्रा के दौरान यात्रियों को गंगाजल को लेने के लिए एक या अधिक बोतलें ले जानी चाहिए। यह गंगाजल पूजा के लिए और मंदिरों में चढ़ाई के लिए प्रयोग होता है।

  4. पूजा सामग्री: शिव पूजा के लिए कुछ महत्वपूर्ण पूजा सामग्री जैसे रुद्राक्ष माला, बिल्व पत्र, धूप, दीप, कपूर, सुपारी, इलायची, लौंग, चावल, पूजा के लिए बने लम्बे धागे आदि ले जानी चाहिए।

  5. आहार-विहार सामग्री: यात्रा के दौरान आहार और विहार के लिए कुछ आवश्यक चीजें ले जानी चाहिए, जैसे पानी की बोतलें, खाद्य पदार्थ, फल, निम्बू, दूध, घी, आदि।

  6. पहनावा: यात्रा के लिए उचित पहनावा लेना चाहिए, जैसे ऊँची टोपी, जूते, जूनामी वस्त्र, गमछा, कम्बल, रूमाल, आदि।

  7. औषधि सामग्री: यात्रियों को अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए कुछ आवश्यक औषधि सामग्री ले जानी चाहिए, जैसे एंटीसेप्टिक लोशन, एंटी-एलर्जी दवाएं, पैनडोल, बैंडेज, गैस्ट्रो टेबलेट्स, एंटी-उल्टी दवाएं आदि।

कृपया ध्यान दें कि कावड़ यात्रा के दौरान सामग्री को स्थानीय सूचना, यात्रा की आवश्यकताओं और स्थानीय आदतों के आधार पर तउपयोग करना चाहिए। यात्रा से पहले स्थानीय आदेशों और नियमों को ध्यान से पढ़ें और मानें। सुरक्षा के लिए यात्रा के दौरान सबसे महत्वपूर्ण होता है, इसलिए सुरक्षा नियमों का पालन करें और अपनी यात्रा को सुरक्षित रखें।

कावड़ यात्रा में आवश्यक सावधानिया

कावड़ यात्रा में आपको कुछ महत्वपूर्ण सावधानियों का पालन करना चाहिए ताकि आपकी यात्रा सुरक्षित और समृद्ध हो। नीचे दी गई हैं कुछ सावधानियां:

  1. शारीरिक तैयारी: यात्रा से पहले अपने शारीर की तैयारी करें। ध्यान दें कि आप स्वस्थ हैं और यात्रा के लिए पर्याप्त ताकत और स्थामिति रखते हैं। योग्यता और सामरिक दक्षता की जांच करने के लिए एक चिकित्सा जाँच करवाएं।

  2. सुरक्षा के नियमों का पालन: यात्रा के दौरान स्थानीय सुरक्षा नियमों का पूर्णतः पालन करें। यात्रा के लिए निर्धारित मार्ग पर चलें और गाइडेलाइन्स का पालन करें। अपनी सुरक्षा के लिए सावधानीपूर्वक रहें और अज्ञात क्षेत्रों में न जाएं।

  3. यात्रा के समय की योजना: यात्रा के लिए अपनी योजना बनाएं और समय सारणी का पालन करें। पर्यटन स्थलों के उचित समय पर पहुंचें और लौटने का समय ध्यान में रखें।

  4. पूर्ण सावधानी से चलें: यात्रा के दौरान संयमपूर्वक चलें और अपनी प्रतिष्ठा और सामरिकता को सुरक्षित रखें। खुद को भोजन, पानी और आराम के लिए पर्याप्त समय दें।

  5. पर्याप्त आहार-विहार: यात्रा के दौरान पर्याप्त पानी पिएं और स्वस्थ आहार का सेवन करें। गर्मी के मौसम में ताजगी के फल खाएं और शराबी या तंबाकू का सेवन न करें।

  6. बारिश की सावधानी: बारिश के मौसम में सड़कों पर चलते समय सतर्क रहें। सतह पर नल और गीली मिट्टी से बचें ताकि दुर्घटना न हो।

  7. सामग्री की सुरक्षा: अपनी सामग्री की सुरक्षा के लिए सतर्क रहें। मूल्यवान वस्त्र और धनराशि को सुरक्षित जगह पर रखें।

  8. आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें: आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें और यात्रा के दौरान अपने मोबाइल फोन, एमएसएम और आपातकालीन संख्याओं का उपयोग करना जानें।

  9. आपसी सहायता: यात्रा के दौरान अपने सहयात्रियों और स्थानीय लोगों के साथ सहयोगपूर्ण और नम्र बनें। यदि आपको किसी परेशानी का सामना करना पड़े, तो सतत्पर रहें और स्थानीय अधिकारियों की मदद लें।

  10. आदर्श आचार व्यवहार: यात्रा के दौरान स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक महत्व का सम्मान करें। अन्य यात्रियों के साथ सही तरीके से बर्ताव करें और अपने परिवार को भी संबंधित सावधानियों के बारे में जागरूक करें।

यात्रा के दौरान इन सावधानियों का पालन करने से आप अपनी सुरक्षा और सुखद यात्रा की सुनिश्चित कर सकते हैं। ध्यान दें कि ये सावधानियां आपकी स्थिति, स्थान और स्थानीय नियमों पर भी निर्भर कर सकती हैं, इसलिए स्थानीय निर्देशों का पालन करें और समय-समय पर समाचार और सुरक्षा सलाहकार संस्थानों को ध्यान से सुनें। 

कावड़ यात्रा में व्यवहार  

वैसे तो हर_हर_महादेव और बूम बूम भोले के नारों के बिच इस यात्रा के  दौरान उचित व्यवहार का पालन करना आपके और अन्य यात्रियों की सुरक्षा और सुखद यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है। नीचे दी गई हैं कुछ व्यवहारिक संकेत:

  1. स्थानीय संस्कृति का सम्मान करें: कावड़ यात्रा के दौरान स्थानीय संस्कृति, परंपराओं, और आदतों का सम्मान करें। यात्रा के स्थलों पर शांति और सामरिकता का माहौल बनाए रखें।

  2. समय पर चलें: यात्रा के दौरान निर्धारित समय पर पहुंचें और गतिविधियों को नियमित रूप से संपादित करें। दूसरों के साथीयों की सुविधा को ध्यान में रखें और उनके साथीयों के साथ विश्राम और सुखद यात्रा का आनंद लें।

  3. सार्वभौमिकता बनाए रखें: यात्रा के दौरान अन्य यात्रियों के प्रति सार्वभौमिकता और सम्मान बनाए रखें। उनके धर्म, भाषा, और संस्कृति के प्रति समझदारी दिखाएं।

  4. सभ्यता बनाए रखें: अपने आप को सभ्य तरीके से व्यवहार करें और अन्य यात्रियों की सामरिकता को सम्भालें। अनुचित भाषा, अश्लीलता, और विवादापूर्ण व्यवहार से बचें।

  5. स्थानीय नियमों का पालन करें: किसी भी यात्रा के दौरान स्थानीय नियमों, निर्देशों और अनुशासन का पालन करें। यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासनिक और सुरक्षा नियमों का आदान-प्रदान करें।

  6. पर्यावरण की सुरक्षा करें: पर्यावरण की सुरक्षा के लिए यात्रा के दौरान अपने कचरे को सुरक्षित तरीके से निपटाएं और प्रकृति के साथ सद्भाव रखें। प्लास्टिक के उपयोग को कम करें और आपातकालीन स्थितियों के लिए तत्पर रहें।

  7. अपनी संख्या को संयम में रखें: कावड़ यात्रा के दौरान भारी भीड़ का होना सामान्य है। अपनी संख्या को संयमित रखें और दूसरों की राहत को सुनिश्चित करें। ज्यादा भीड़ में अपनी सुरक्षा का ख्याल रखें और धीरे-धीरे चलें।

  8. धार्मिक स्थलों का सम्मान करें: कावड़ यात्रा में आपको धार्मिक स्थलों का सम्मान करना चाहिए। पूजा और अनुष्ठानों के दौरान शांति बनाए रखें और उन्हें पवित्र रखें। अन्य यात्रीयों के प्रति आदरभाव दिखाएं और उनके अवश्यकताओं को समझें।

  9. स्वच्छता का ध्यान रखें: यात्रा के दौरान स्वच्छता का पूर्णतः ध्यान रखें। यात्रा के स्थलों को साफ-सुथरा रखें और अपनी कचरे को सटीक तरीके से निपटाएं।

  10. अपने गुरु या गाइड की सलाह का पालन करें: कावड़ यात्रा में आपके पास एक गुरु या गाइड हो सकता है, जो आपको यात्रा के दौरान सलाह देते हैं। उनकी सलाह का पालन करें और उनकी दिशा में चलें।

यात्रा के दौरान इन व्यवहारिक संकेतों का पालन करने से आप समृद्ध और धार्मिक यात्रा का आनंद ले सकते हैं और साथ ही दूसरों को भी सम्मान और सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। यात्रा के स्थानीय नियमों और संस्कृति को समझें और उनका सम्मान करें, जिससे आप अपने और अन्य यात्रियों के लिए एक सुखद और सामरिक यात्रा का आनंद ले सकें।

251 kg holy water Kawad

हर_हर_महादेव बम बम भोले। ..... हर_हर_महादेव बम बम भोले  

 


शनिवार, 8 जुलाई 2023

चीन की आर्थिक तरक्की के महत्वपूर्ण बिंदु पर लेख 2023

चीन की आर्थिक तरक्की के महत्वपूर्ण बिंदु    

चीन की आर्थिक तरक्की के महत्वपूर्ण बिंदु पर लेख

आउटवार्ड इन्वेस्टमेंट (बाहरी निवेश)

      चीन ने विदेशी निवेश को अपनी आर्थिक तरक्की का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया है । वे उच्च निवेश और बाहरी मार्केटों में व्यापारिक गतिविधियों के माध्यम से विदेशी मुद्रा प्राप्त कर रहे हैं । इसके परिणामस्वरूप उनकी आर्थिक सक्रियता बढ़ी है और विश्व अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं

चीन आउटवार्ड इन्वेस्टमेंट (बाहरी निवेश) एक प्रक्रिया है जिसमें चीनी कंपनियाँ या व्यक्तियों द्वारा चीन के बाहर निवेश किया जाता है। यह विदेशी वित्तीय और व्यापारिक गतिविधियों में निवेश के माध्यम से होता है। यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक क्रिया है जो चीनी उद्यमिता और कंपनियों को विश्व अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख भूमिका देती है।

चीनी आउटवार्ड इन्वेस्टमेंट के पीछे कई कारण हैं, जैसे:

  1. बाजार उपयोगिता: चीनी कंपनियों को विदेशी बाजारों के उपयोगिता और पोटेंशियल से लाभ हो सकता है। विदेशी निवेश के माध्यम से, वे नए ग्राहक वापसी और विपणन मौके ढूंढ सकते हैं जो अपने उत्पादों और सेवाओं के लिए संभावित हैं।

  2. सामरिक और भूमिगत सुविधाएं: विदेशी निवेश चीनी कंपनियों को सामरिक और भूमिगत सुविधाओं का लाभ उठाने की संभावना प्रदान करता है। वे अपने उत्पादों के निर्माण और प्रदान करने के लिए नए बाजारों और संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।

  3. टेक्नोलॉजी और ज्ञान संसाधनों का उपयोग: चीनी कंपनियों को विदेशी निवेश के माध्यम से विदेशी टेक्नोलॉजी और ज्ञान संसाधनों का उपयोग करने का अवसर मिलता है। वे विदेशी संबंधों और विदेशी कंपनियों के साथ सहयोग करके नए और उन्नत तकनीकी ज्ञान का लाभ उठा सकते हैं।

  4. भारी बाजारों का एकीकरण: विदेशी निवेश चीनी कंपनियों को भारी बाजारों में प्रवेश करने का एकीकरण करने की संभावना प्रदान करता है। वे विदेशी निवेश के माध्यम से ग्राहकों का आकर्षण कर सकते हैं और विपणन नेटवर्क का विस्तार कर सकते हैं।

चीनी आउटवार्ड इन्वेस्टमेंट का महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह चीनी कंपनियों को विश्व अर्थव्यवस्था में प्रमुख खिलाड़ी बनाता है और उन्हें विदेशी मार्केटों में विपणन और वित्तीय मौद्रिक क्षेत्र में मजबूती प्रदान करता है।

निजीकरण और उद्यमिता 

        चीन ने व्यापारिक क्षेत्र में निजीकरण को प्रोत्साहित किया है और व्यापारिक उद्यमिता को बढ़ावा दिया है । इससे नये उद्योगों की स्थापना, रोजगार के संभावनाएं, नवाचार और नई प्रौद्योगिकियाँ विकसित हुई हैं, जो आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं ।   

निजीकरण और उद्यमिता दो महत्वपूर्ण आर्थिक प्रक्रियाएं हैं जो आर्थिक विकास और उद्योग को प्रोत्साहित करती हैं। ये दोनों प्रक्रियाएं कंपनियों और उद्यमियों को स्वतंत्रता, स्वाधीनता, और सक्रियता के साथ व्यापारिक क्षेत्र में बदलाव और विकास का माध्यम प्रदान करती हैं।

निजीकरण (प्राइवेटाइज़ेशन) एक प्रक्रिया है जिसमें सरकारी संस्थानों, उद्योगों, और सेवा प्रदायकों को निजी स्वामित्व में लिया जाता है। इसमें सरकार संसाधनों को निजी कंपनियों को सौंपती है जो इनके प्रबंधन और प्रदान किए जाने वाले सेवाओं का जिम्मा लेती हैं। निजीकरण का मुख्य उद्देश्य सरकारी संस्थानों को दक्षता, कुशलता, और आर्थिक प्रगति के लिए बेहतर व्यवस्था प्रदान करना होता है। इसके अलावा, निजीकरण के माध्यम से सरकारी संस्थानों को अधिक नवीनीकरण, तकनीकी प्रगति, और कारगरता का मौका मिलता है।

उद्यमिता (एंट्रेप्रेनरशिप) एक प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति (उद्यमी) नए व्यवसाय की स्थापना करने और व्यवसायी उपक्रमों में नई गतिविधियों को प्रारंभ करने के लिए आगे आता है। उद्यमिता का महत्वपूर्ण पहलु यह है कि इससे नए रोजगार के अवसर सृजित होते हैं, आयोग्यता का स्तर बढ़ता है, वित्तीय और व्यापारिक स्वाधीनता मिलती है, और आर्थिक विकास होता है। उद्यमिता का महत्वपूर्ण कारक है क्यिउद्यमियों के द्वारा नवीन और नवाचारी विचारों का आविष्कार और प्रगति होती है। उद्यमिता व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है और समाज के आर्थिक विकास को सुदृढ़ करती है। उद्यमिता आर्थिक स्वाधीनता, सामरिक न्याय, और सामाजिक उत्थान की संकल्पना को प्रोत्साहित करती है।

निजीकरण और उद्यमिता दोनों प्रक्रियाएं आर्थिक विकास और उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हैं। निजीकरण द्वारा सरकारी संस्थानों को निजी स्वामित्व में लेकर उन्हें प्रभावी और दक्ष प्रबंधन का मौका मिलता है। उद्यमिता द्वारा व्यक्ति को स्वतंत्र व्यवसायी बनाकर नए रोजगार के अवसर सृजित होते हैं और समाज को नवीन और उन्नत उत्पादों और सेवाओं का लाभ मिलता है।

इन दोनों प्रक्रियाओं का सही मिश्रण एक आर्थिक परिदृश्य को सुदृढ़ करता है और उद्योग, रोजगार, और आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने में मदद करता है। इसलिए, निजीकरण और उद्यमिता को आर्थिक विकास के प्रमुख तत्वों के रूप में माना जाता है जो व्यापारिक संदर्भों में सक्रिय होते हैं।

निर्यात और विदेशी व्यापार 

          चीन विश्व बाजारों में उनके निर्यात को बढ़ाने के लिए कई उपाय अपना रहे हैं । वे विदेशी व्यापार के लिए उत्पादों की उच्च गुणवत्ता, कम लागत, और मजबूत विपणन प्रणाली प्रदान कर रहे हैं । इससे उनकी निर्यात बढ़ी है और विदेशी मुद्रा के प्रवाह को बढ़ावा मिला है । 

चीन एक प्रमुख निर्यात और विदेशी व्यापार राष्ट्र है, जो विश्व अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चीन का निर्यात और विदेशी व्यापार उद्योग, औद्योगिक उत्पादों, सेवाओं, और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों को सम्मिलित करता है।

चीन के निर्यात और विदेशी व्यापार के अहम् बिंदुगत ये हैं:

  1. विदेशी बाजार प्रवेश: चीन के निर्यातकों को विदेशी बाजारों में प्रवेश करने के लिए अवसर मिलता है। चीनी उत्पादों की गुणवत्ता, कीमत, और मान्यता के कारण, वे विदेशी बाजारों में महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। चीनी कंपनियाँ अब तक विभिन्न विपणन संबंधी मुद्दों का सामना करती हैं, जैसे मानकों और विनिर्माण अनुबंधों की अनुकूलता, विदेशी बाजारों की नैतिकता और कानूनी तत्वों का पालन।

  2. विदेशी निवेश: चीन ने विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया है और अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है। विदेशी निवेश के माध्यम से चीनी कंपनियों ने विदेशी बाजारों में स्थानांतरण किया है और विदेशी मुद्रा प्राप्त की है। विदेशी निवेश की वजह से चीनी कंपनियों का विश्वस्तरीय उपस्थान बढ़ा है और उन्हें विश्वस्तरीय मानकों, तकनीकी ज्ञान का लाभ, और नवीनीकरण की संभावनाएं मिली हैं।

  3. निर्यात समर्थन नीति: चीन सरकार ने विभिन्न निर्यात समर्थन नीतियाँ अपनाई हैं जो निर्यात सेक्टर को प्रोत्साहित करती हैं। वे निर्यात उद्योगों को वित्तीय समर्थन, कर्मियों कआर्थिक संकल्पना और प्रगति में वृद्धि, विपणन और विपणन रसोई, विदेशी मुद्रा आय, प्रदायक और उद्योग की विकास दक्षता, वैदेशिक निवेश के लिए निवेश नीतियों और सुविधाओं का प्रबंधन करने में मदद करती हैं। चीन अपनी उद्योगिकता, विनिर्माण ऊर्जा संरचना, प्रौद्योगिकी और नवीनीकरण में प्रगति कर रहा है जो उद्यमियों और कंपनियों को निर्माण के लिए अवसर प्रदान करता है।

चीन के निर्यात और विदेशी व्यापार के माध्यम से उन्नति हो रही है और यह उद्यमियों को ग्राहकों के बाजारों और स्रोतों के लिए अधिक विकासशील और ग्लोबलीकृत बनाता है। चीनी निर्यातकों का विश्व बाजारों में बढ़ता हुआ हिस्सा निर्माण, उद्योग, टेक्नोलॉजी, और सेवा संबंधी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हो रहा है। चीन के विदेशी व्यापार में गतिविधियों का विस्तार भारत, अफ्रीका, अमेरिका, और यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में हो रहा है।

चीन के निर्यात और विदेशी व्यापार का सफलतापूर्वक मानव संसाधनों, टेक्नोलॉजी और नवीनता के साथ उपयोग करना, विदेशी निवेश को सुविधाजनक बनाना, और नैतिकता और कानूनीता का पालन करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए चीन सरकार कई नीतियाँ और उपाय अपनाती है जो निर्यात और विदेशी व्यापार को समर्थन करती हैं और उद्यमियों को अधिक बढ़त और प्रगति का मार्ग प्रदान करती हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश 

         चीन ने विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में महत्वपूर्ण निवेश किया है, जिससे उनकी आर्थिक विकास और व्यापारिक गतिविधियों को सुदृढ़ किया गया है । यह उनकी सड़क, रेलवे, बंदरगाह, उड़ानभरण, ऊर्जा और डिजिटल संचार इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के माध्यम से हुआ है ।   

         चीन ने अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश को एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बनाया है और इसे अपनी आर्थिक और सामाजिक विकास की प्रमुख चुनौतियों का सामना करने का एक माध्यम माना है। इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश के माध्यम से चीन सड़क, रेल, हवाई मार्ग, बंदरगाह, ऊर्जा, टेलीकम्यूनिकेशन, नलकूप, औद्योगिक क्षेत्र आदि में उद्यमों को प्रशस्त करने और विकास को प्रोत्साहित करने का प्रयास करता है।

चीन के इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश के महत्वपूर्ण बिंदुगत ये हैं:

  1. शहरी विकास: चीन ने शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। यहां शामिल हैं शहरी सड़कों, पुलों, टनलों, सड़कों, इलेक्ट्रिकल ग्रिड, पानी सप्लाई, नलकूप, औद्योगिक क्षेत्रों की सुविधाएं और शहरी वातावरण परियोजनाएं। इसका मुख्य उद्देश्य शहरों की आवास और परिवहन क्षमता में सुधार कर जनसंख्या की बढ़ती मांग को पूरा करना है।

  2. परिस्थितिकी और ऊर्जा: चीन ने ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दिया है। यहां शामिल हैं ऊर्जा उत्पादन, ऊर्जा संगठन, ऊर्जा संचार, ऊर्जा परिवहन, और ऊर्जा संभालने के प्रोजेक्ट्स। चीन ने अत्यधिक प्रदूषण और ऊर्जा आपूर्ति की चुनौतियों का सामना करते हुए विकास के लिए पर्यावरणीय और जीवाश्मी ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केंद्रित किया है।

  3. बाहरी व्यापार और यातायात: चीन ने बाहरी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अपनी यातायात इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया है। शामिल हैं बंदरगाह, हवाईअड्डे, रेलवे लाइनें, और जलमार्ग परियोजनाएं। यहां का मुख्य उद्देश्य व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना, वाणिज्यिक संचार को सुविधाजनक और कार्यकारी बनाना, और विदेशी निवेश को आकर्षित करना है।

  4. राष्ट्रीय उद्यान, जलप्रपात, और पर्यटन: चीन ने अपने पर्यटन और आकर्षण स्थलों के विकास के लिए भी इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश किया है। यहां शामिल हैं राष्ट्रीय उद्यान, जलप्रपात, पर्यटनीय परियोजनाएं और पर्यटन सुविधाएं। चीन ने पर्यटन को महत्व दिया है और अपने प्राकृतिक संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहरों, और ऐतिहासिक स्थलों के प्रशासन और विकास को मजबूत किया है।

    5.  परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर: चीन ने पारिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में विशेष ध्यान दिया है। यहां शामिल हैं बेहतर रेलवे संचार, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे, महासागरीय पोत, और उच्च गति रेल मार्गों का निर्माण। इससे चीन लोगों और सामग्री को सुरक्षित और आसानी से यात्रा करने की सुविधा प्रदान करता है और व्यापार और व्यापार को सहज बनाने में मदद करता है।

    6. ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर: चीन ने ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। यहां शामिल हैं बांधकाम परियोजनाएं, विद्युत उत्पादन संयंत्र, ऊर्जा संगठन, और विद्युत बिजली ग्रिड का निर्माण। चीन विद्युत उत्पादन क्षमता में अग्रणी है और ऊर्जा स्वरूपों, जैसे कि सौर, वायु, जल और आधुनिक ऊर्जा स्रोतों के लिए विशेष महत्व देता है।


            इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश के माध्यम से चीन ने अपने आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है, जिसने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उद्यमों, व्यापार, और आर्थिक सुविधाओं को प्रोत्साहित किया है। यह निर्माण क्षमता, लोगों के पहुंच को सुधारने, विकास के लिए अवसर प्रदान करने, और आर्थिक सामरिकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चीन का इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश एक महत्वपूर्ण कारक है जो उन्नति और सुविधा को संभालने में मदद करता है और देश को ग्लोबल विकास के मार्ग पर अग्रसर करता है।

       चीन ने उच्च शिक्षा और अनुसंधान को महत्व दिया है और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति की है । उनके विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा, अनुसंधान और तकनीकी ज्ञान की मान्यता बढ़ी है, जिससे उन्हें विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने का फायदा मिला ।   

        चीन उच्च शिक्षा और अनुसंधान में बड़ी प्रगति कर रहा है और यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो देश के आर्थिक और तकनीकी विकास को समर्थन करता है। चीन ने उच्च शिक्षा और अनुसंधान को महत्वपूर्ण रखा है और बड़े स्तर पर निवेश किया है ताकि उद्यमियों, वैज्ञानिकों, और अनुसंधानकर्ताओं को उनकी ऊर्जा और नवीनता को संवारने और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए अवसर मिलें।

चीन के उच्च शिक्षा और अनुसंधान के महत्वपूर्ण बिंदुगत ये हैं:

  1. शिक्षा प्रणाली: चीन ने अपनी शिक्षा प्रणाली को सुधार करने पर विशेष ध्यान दिया है। यहां शामिल हैं उच्च शिक्षा संस्थानों के विकास, पाठ्यक्रमों की समीक्षा, गुणवत्ता मानकों का पालन और नवीनता के अनुसार कौशल विकास को प्रोत्साहन। चीन ने विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए अपनी शिक्षा प्रणाली में सुधार किए हैं और नवीनता, तकनीक, और विज्ञान के क्षेत्र में मान्यताओं को प्राप्त करने के लिए प्रयास किए हैं।

  2. अनुसंधान और नवीनता: चीन ने अनुसंधान और नवीनता को अपनी प्राथमिकता बनाया है। यहां शामिल हैं वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियाँ, और औद्योगिक एकीकरण और प्रगति। चीन अनुसंधान क्षेत्र में अग्रणी हो रहा है और वैज्ञानिकों को सामरिक और उद्योगिक आधारित अनुसंधान करने के लिए अवसर प्रदान करता है। चीनी वैज्ञानिकों ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अविष्कार किए हैं, जैसे कंप्यूटर विज्ञान, जैव विज्ञान, ऊर्जा प्रबंधन, औरनवाचारी प्रौद्योगिकी।

  3. विदेशी विद्यार्थी और उपस्थिति: चीन ने अपने उच्च शिक्षा क्षेत्र में विदेशी विद्यार्थियों के लिए आकर्षक मौके प्रदान किए हैं। चीन में कई विश्वविद्यालयों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रदान की जाती है और विदेशी छात्रों को नवीनता, बांधकाम क्षमता, और वैश्विक संवाद की स्थापना करने का मौका मिलता है। इससे चीन को वैश्विक शिक्षा नेतृत्व में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने का मौका मिला है।

  4. उद्योग-शिक्षा संबंध: चीन में उद्योग-शिक्षा संबंध महत्वपूर्ण है। यहां शामिल हैं उद्योग संस्थानों के साथ औद्योगिक संबंध, तकनीकी सहयोग, प्रशिक्षण और गतिविधियाँ। चीनी उद्योगों ने उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ साझा कार्य किया है और उन्हें अनुसंधान और विकास के लिए उच्च गुणवत्ता विज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान प्रदान करते हैं।

चीन का उच्च शिक्षा और अनुसंधान उच्च गुणवत्ता, नवीनता, और अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह उद्यमियों, वैज्ञानिकों, और अनुसंधानकर्ताओं को प्रोत्साहित करता है और विभिन्न क्षेत्रों में नवीनता और प्रगति की संभावनाओं को संवारने में मदद करता है। चीन इंफ्रास्ट्रक्चर, बाहरी निवेश, विदेशी व्यापार, और उच्च शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से अपने आरथिक विकास को प्रमोट करता है और देश को ग्लोबल मंच पर महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाने में मदद करता है।

विनिर्माण उद्योग 

           चीन ने विनिर्माण क्षेत्र में विश्वस्तरीय महत्वपूर्ण योगदान दिया है । वे दुनिया के सबसे बड़े निर्माण कारख़ानों को होस्ट करते हैं और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण करते हैं । चीन के विनिर्माण सेक्टर ने उन्नति के लिए विश्वस्तरीय मानक स्थापित किए हैं ।   बाहरी निवेश चीन ने विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया है और अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है । उन्होंने विदेशी सीमाओं को समाप्त करके विदेशी निवेशकों को आसानी से अपने व्यवसायों में प्रवेश करने की सुविधा प्रदान की है । चीनी कंपनियों का विदेशी निवेश अब तक कई विभाजनों को प्राप्त हुआ है और उन्हें विश्वस्तरीय उपस्थिति देने में मदद मिली है ।   

चीन विनिर्माण उद्योग में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है और विश्व भर में अपनी मजबूती और प्रगति के लिए प्रसिद्ध है। चीन विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी है और विविधता, वैश्विक मंच पर प्रभाव, और ऊर्जा क्षमता की उच्च स्तर पर उपलब्धता के कारण मशहूर है।

चीन के विनिर्माण उद्योग के महत्वपूर्ण बिंदुगत ये हैं:

  1. उद्यमिता और व्यापारिक माहौल: चीन का विनिर्माण उद्योग व्यापारिक माहौल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चीन में उद्यमियों को सुविधाजनक माहौल, उच्च स्तर की प्रौद्योगिकी और सामरिक मूल्य के साथ ऊर्जावान बाजार प्रदान किया जाता है। यह उद्योगियों को नवीनता और प्रगति के लिए अवसर प्रदान करता है और उन्हें विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करता है।

  2. विनिर्माण क्षमता: चीन विनिर्माण क्षमता में मजबूती रखता है और अपने उद्योगों के विकास के लिए प्रमुख धाराओं को पूरा करता है। चीन में उच्च स्तर की तकनीकी क्षमता, संसाधनों की प्रभावी उपयोगिता, और कार्यक्रमों के माध्यम से उद्योगों को विनिर्माण करने और उत्पादन करने में मदद की जाती है।

  3. उच्च गुणवत्ता उत्पादन: चीन अपनी उच्च गुणवत्ता उत्पादन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। चीनी कंपनियाँ विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप उत्पादन करती हैं और उत्पादों की गुणवत्ता और मानकों की पालना करने के लिए प्रयास करती हैं। इससे चीनी उद्योगियों को विश्वव्यापी बाजारों में मजबूती से स्थान बनाने में मदद मिलती है।

  4. उद्योग संरचना और एकीकरण: चीन ने अपनी उद्योग संरचना को और एकीकरण को महत्व दिया है। यह शामिल है उद्योग क्षेत्रों के संगठन, प्रबंधन को अपग्रेड, और उद्योगों के बीच तंत्रिका सुविधाओं का निर्माण। इससे चीन अपनी उद्योग संरचना को प्रभावी और सुविधाजनक बनाने में सक्षम हुआ है और विभिन्न क्षेत्रों में विनिर्माण की संभावनाओं को बढ़ावदेता है। चीनी उद्योगों का एकीकरण और संरचना उन्नति को प्रोत्साहित करता है और उन्हें बड़े स्तर पर मजबूती और प्रभाव देता है।

चीन का विनिर्माण उद्योग विश्वस्तरीय दर्जे का है और उच्चतम मानकों की पालना करता है। यह देश एक वैश्विक उद्योगिकरण केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त कर रहा है और विनिर्माण क्षेत्र में नए और नवीनतम प्रौद्योगिकी, विकसित संरचना, और ऊर्जावानता के अवसरों को प्रोत्साहित करता है। चीन के विनिर्माण उद्योग ने देश को उद्यमिता, नवीनता, और विकास के मार्ग पर मजबूती से आगे बढ़ाहैं।


बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं 

        चीन की आर्थिक तरक्की के लिए वित्तीय सेवाओं और बैंकिंग का महत्वपूर्ण योगदान है । वे बड़ी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को स्थापित करने के माध्यम से वित्तीय सेवाओं के लिए एक स्थायी और सुरक्षित मार्ग प्रदान कर रहे हैं । चीनी बैंकिंग सेक्टर की सुरक्षा, स्थायित्व और प्रगति उनकी आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है ।  

चीन बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं दुनिया भर में महत्वपूर्ण हैं और देश की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। चीन के बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में कई महत्वपूर्ण कारक शामिल हैं:

  1. चीनी बैंक: चीन में कई प्रमुख बैंक हैं जो वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं। चीनी बैंकों में सबसे प्रमुख हैंगकांग और चीन बैंक (Hong Kong and Shanghai Banking Corporation - HSBC), चीन बैंकिंग निगम (Bank of China), चीन जीवन बीमा (China Life Insurance) और चीन कन्ट्रोल (China Construction Bank) शामिल हैं। ये बैंक विभिन्न वित्तीय सेवाएं, जैसे वित्तीय संरचना, ऋण और ऋण निगम, वित्तीय निवेश और बीमा प्रदान करते हैं।

  2. विदेशी निवेश: चीन ने अपने बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए भी खुला है। चीनी बैंकों ने विदेशी निवेश और संपत्ति के प्रबंधन में मजबूती प्रदान की है और विदेशी कंपनियों को वित्तीय सहायता और सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हुए हैं।

  3. शेयर बाजार: चीन के पास अपना शेयर बाजार है, जिसमें आम जनता के लिए शेयरों की खरीदारी और बेचने का मौका होता है। शेयर बाजार चीनी बैंकों और कंपनियों को पूंजीपति जुटाने, नवीनता को प्रोत्साहित करने, और आर्थिक विकास को संभालने में मदद करता है।

  4. डिजिटल वित्तीय सेवाएं: चीन में डिजिटल वित्तीय सेवाएं भी महत्वपूर्ण हैं। चीन के बैंकों ने डिजिटल पेमेंट सेवाएं, ई-वालेट, और इंटरनेट बैंकिंग जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके आसान और सुरक्षित वित्तीय सेवाएं प्रदान की हैं। यह व्यापारियों और उपभोक्ताओं को आसानी से लेन-देन करने की सुविधा प्रदान करता है।

चीन की बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं देश की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और उद्यमियों, व्यापारियों, और व्यक्तियों को आर्थिक सहायता और सेवाएं प्रदान करने में मदद करती हैं। इसके अलावा, चीन की वित्तीय सेवाएं बैंकिंग सुविधाओं, निवेश अवसरऔर ऋण प्रणालियों को सम्पूर्णता देती हैं।

गुरुवार, 29 जून 2023

ईद मुबारक /बच्चों के सामने बकरे की बलि देने से परेहज करे

ईद मुबारक /बच्चों के सामने बकरे की बलि देने से परेहज करे 

ईद मुबारक

 ईद पर बकरे को प्यार से पालना और फिर उसकी बलि देना एक प्राचीन परंपरा है जो मुस्लिम समुदाय में प्रचलित है। यह प्रक्रिया धार्मिक और सामाजिक महत्व की रखवाली के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुकी है। हालांकि, इस प्रक्रिया के साथ जुड़ी कुछ विवादित चिंताएं भी हो सकती हैं।

      यह विषय विवादास्पद है और इसे विभिन्न दृष्टिकोण से देखा जा सकता है। एक दृष्टिकोण से देखें तो, बकरे को प्यार से पालना और उसे बलि देना एक धार्मिक रीति है और यह मानवता के भावनात्मक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, मानव धार्मिकता, उदारता, और अल्लाह के प्रति भक्ति की भावना को व्यक्त करता है। 

       इसके साथ ही बकरे को प्यार से पालना और उसके रक्षण में दिलचस्पी रखना मानवीयता की प्रतीक्षा करता है। यह हमें प्राकृतिक संतुलन और दया के महत्व को समझाता है। बकरे की देखभाल और प्यार से उसकी जरूरतों की पूर्ति करना हमें सामरिक और उद्धारवादी भावनाओं को विकसित करता है।

बकरे को प्यार से पालना एक मानवीय और दयालु पृष्ठभूमि तैयार करता है। जब हम उन्हें देखते हैं, उनके साथ संवाद करते हैं, उनका ख्याल रखते हैं और उन्हें सही खाने की देखभाल करते हैं, तो हम उनके प्रति प्यार और सम्मान का अभिव्यक्ति करते हैं। यह हमें स्वयं को और दूसरों को मानवीय और दयालुता की भावना से संबंधित करता है। इसके अलावा, बकरे को अच्छी देखभाल करना उनकी अच्छी स्वास्थ्य और कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण है।

 

विपरीत दृष्टिकोण से देखें तो, इस प्रक्रिया में बकरे को निर्ममता के साथ मारा जाता है और उसके नन्हे बच्चों के सामने इसकी बलि दी जाती है। इससे क्रूरता की भावना को प्रोत्साहित किया जा सकता है और बच्चों में दया और संवेदनशीलता का आभाव पैदा करता हैं। 

अंततः हर धार्मिक प्रथा को उचित संदर्भ और समय पर अपनाना चाहिए। बलि देने की प्रक्रिया को सही तरीके से निर्वहन करना और धर्मिक आदर्शों का पालन करना आवश्यक है, लेकिन हिंसा के प्रति संवेदनशीलता और भावनाओं का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। यह हमारे अहिंसा, दया, और समरसता के मूल्यों को प्रकट करता है और हमें एक मानवीय समाज की ओर अग्रसर बनाता है।

 


गुरुवार, 15 जून 2023

गुजरात तूफान/Gujarat Cyclone/बिपारजॉय

 गुजरात तूफान/Gujarat Cyclone/बिपरजॉय

समुद्र उफ़ान पर-Bipurjoy

समुद्री उफ़ान भुज में

      कहावत हैं की दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक के पिता हैं।  यह कहावत भारत और गुजरात सरकार की बिपरजॉय को लेकर की जा रही तैयारिओं पर सौ  फीसदी चरीतार्थ हो रही हैं।  6 जून से पता लगते ही सरकार ने इसको गभींरता से लिया और युद्ध स्तर की तैयारी शुरू कर दी। जैसे जैसे ये  शक्तिशाली चक्रवात 'बिपरजॉय' गुजरात की और बढ़ रहा हैं।  सरकार का सारा तंत्र पुरे एक्टिव मोड में आचुका हैं।  गुजरात समुद्र तट से लगे इलाको से 10 किलोमीटर के दायरे से लोगो को सुरक्षित जगहों पर विस्तापित कर दिया गया हैं। करीब 1 लाख 20 हजार से अधिक लोगों को सेलटर होम /सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षित पहुँचाया जा चूका हैं।  समुद्र के इलाके को पूर्ण रूप से सील कर दिया गया हैं। शक्तिशाली चक्रवात 'बिपरजॉय' के गुजरात के कच्छ में जखौ बंदरगाह के पास संभावित रूप से गुरुवार को टकराने के मद्देनजर श्रद्धालु के दर्शन पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया गया हैं। और सोमनाथ मंदिर की सुरक्षा में सुरक्षाकर्मी की ड्यूटी लगा दी गई हैं।
यह तूफान इतिहास में सबसे लम्बे समय तक चलने वाला तूफान मन गया हैं।  जिसकी आज सांय तक गुजरात पहुँचने की संभावना हैं।  इस वक्त गुजरात के तटीय इलाको में तेज हवाओ के साथ वर्षा का दौर शुरू हो गया हैं।
स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह युद्ध स्तर पर  िस्थति पे पैनी नजर लगाए हुए हैं।  ताकि काम से काम जान धन की हानि होने से बचाया जा सके।
क्योंकि गुजरात के तटीय इलाकों पर एक बार फिर से समुद्री चक्रवात कहर बनाकर टूट रहा है। चक्रवात अभी काफी दूर हैं लेकिन कच्छ,मोरबी,देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में डराने वाली तस्वीरें सामने आ रही है। समुद्री चक्रवात बिपरजॉय की तुलना 25 साल पहले आए तूफान से की जा रही है   जिसमे बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया था।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और नागरिक सुरक्षा ( NDRF  ) ने संभाल रखा हैं मोर्चा
NDRF की 33 टीमें और सेना हाई अलर्ट पर मदद के लिए तैयार हैं। और ये तटीय इलाको में लोगों की सुरक्षा में दिन रात एक कर रहे हैं। 

तूफान से सबसे अधिक क्या नुकसान होता हैं ?


मोबाइल टावर-दूरसंचार तंत्र ध्वस्त हो जाता हैं

    वर्तमान दौर में कम्युनिकेशन को बनाये रखना ऐसी िस्तथी में बहुत चुनौतीपूर्ण होता हैं। जिससे आवश्यक लोगो तक तुरंत सूचना पहुँच सके और मदद हो सके।

बिजली के खम्भे टूट जाते हैं :
     ऊर्जा जीवन का आधार हैं। सरकार ने तूफान के बाद के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं।  और विधुत विभाग की टीम तैयार हैं।  ताकि तूफान के बाद तुरन्त बिजली की सप्लाई को दुरस्त किया जा सके।
तेज हवाओं से फूस के घरों के पूरी तरह से नष्ट होने, कच्चे घरों को व्यापक नुकसान और पक्के घरों को भी थोड़ा-बहुत नुकसान होने की आशंका है.

फैसले ख़राब/पेड़ उखड जाते हैं। 

130 से 150 किलोमीटर की स्पीड़ से हवाएँ पेड़ पौधो के साथ जमीनी फसल को भारी नुकसान पहुंचाती हैं।


मंगलवार, 13 जून 2023

क्या गधों से बदलेगी पाकिस्तान की आर्थिक हालात/गधों का देश पाकिस्तान

 क्या गधों से बदलेगी पाकिस्तान की आर्थिक हालात/गधों का देश पाकिस्तान 

Poor Condition of PAK Economy

      हाल ही में पाकिस्तान इकोनॉमिक (पीईएस) 2022-23 ने अपनी आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश की जिसमे बताया गया की  इस वक्त पाकिस्तान  गंभीर आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा है. पाकिस्तान में बिजनेस ठप पड़ा है. कोई कर्ज देने के लिए भी तैयार नहीं है. खाने-पीने की जरूरी चीजों समेत तमाम वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं।  

 

     इस दुःख की घड़ी में पाकिस्तान के लिए एक खुशखबरी है कि उनके देश में गधों की संख्या बढ़ गई हैं।  हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि गधे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में खासा योगदान देते हैं। और गधे हमेशा से आमजीवन में हसीं के पात्र होते हैं। किसी को गधा कहने का मतलब होता हैं।  मुर्ख कहना। क्योंकि गधे को जानवरों में सबसे अधिक मुर्ख माना जाता हैं।   पाकिस्तान से बड़ी संख्या में चीन को बेचे जाते हैं।  

 

     पीईएस 2022-23 का सर्वे बताता है कि गधों की संख्या में 1 लाख का इजाफा हो गया है. पाकिस्तान में गधे 57 लाख से बढ़कर 58 लाख तक हो गए हैं। इस न्यूज़ के कारण पाकिस्तान पुरे विश्व में हँसी का पात्र बना हुआ हैं। 


     अब तो वंहा की आवाम भी बोल रही हैं की पाकिस्तान के राजनेताओ और सेना से अच्छे तो गधे निकले जिन्होंने अपनी आबादी बढाकर कम से कम अपने देश के इस कंगाली हालत में योगदान देने का काम कर रहे हैं।

भारत के गधे पाकिस्तानी गधों से पिछड़े।

      पाकिस्तान के आर्थिक सर्वे 2022-2023 रिपोर्ट के नतीजों में जंहा गधों की संख्या 1 लाख का इजाफा होकर 56 लाख से बढ़कर 57 लाख तक पहुँच गई हैं। वंही भारत में पशुधन जनगणनां 2012  के अनुसार गधों की संख्या 3 लाख 20 हजार थीं। जो 2019 की रिपोर्ट में घटकर  मात्र 1 लाख 20 हजार रह गई हैं। गधों की संख्या में 61.23 % की कमी चिंतनीय विषय हैं।

FAQ ..

Questions :डोंकी(Donkey ) को हिंदी में क्या कहते हैं?/Donkey Meaning in Hindi


Answer : डोंकी को हिंदी में गधा कहते हैं।  यह एक पालतू जानवर होता हैं।  इसकी पहचान कठिन मेहनत के साथ में मूर्खता के रूप में जाना जाता हैं।  डोंकी के लिए अलग अलग परपेक्ष में अलग शब्द काम में लिए जाते हैं।

1  गधा (donkey, burro, jackass, dicky, Neddy, moke)
2 गदहा (ass, donkey)
3  मूर्ख मनुष्य (gull, fathead, dotterel, fool, donkey, dottrel)
    अहमक़

Pak is second largest production of Donkey

दुनिया के सबसे बड़े गधा उत्पादक देश

     पुरे विश्व में चीन सबसे अधिक गधे पालने वाले देशो में टॉप पर हैं। वंही पे पाकिस्तान और एथोपिआ क्रमश द्वितीय और तृतीय नंबर पर हैं।

Question :चीन ही दुनिया में गधों का सबसे बडा आयातक देश क्यों हैं ?
        Answer :गधों के चमड़े से बनने वाले जिलेटिन यानी गोंदनुमा पदार्थ से चीन में एजियाओ (ejiao) नाम की दवा बनाई जाती है. Traditional Chinese Medicine (TCM) के तहत आने वाली ये दवा शरीर में बहुत कारगर होती हैं। इससे मानव की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दी जाती है. इसके अलावा जोड़ों के दर्द में भी ये कारगर दवा मानी जाती है. रिप्रोडक्टिव समस्या में भी गधे की चमड़ी से बना जिलेटिन दवा की तरह लेते हैं और साथ में गधे का मांस भी खाया जाता है. चीन में इस दवा की भारी मांग है. इसका कारोबार लगभग 130 बिलियन डॉलर का माना जाता है. TCM के तहत आने वाली दूसरी दवाएं भी जानवरों से तैयार होती हैं. दावा किया जाता है कि सांप, बिच्छू, मकड़ी और कॉक्रोच जैसे जीव-जंतुओं से बनने वाली इन दवाओं से कैंसर, स्ट्रोक, पर्किंसन, हार्ट डिसीज और अस्थमा तक का इलाज होता है.



शनिवार, 3 जून 2023

भारत और चीन के बीच सीमा पर विवादित स्थानों की जानकारी हिंदी में

 भारत और चीन के बीच सीमा पर विवादित स्थानों की जानकारी हिंदी में

Border Meeting India and china Officers
     भारत और चीन के बीच कई सीमाओं पर लम्बे समय से सीमा विवाद हैं, जिनमें निम्न स्थान शामिल हैं:
      1.आक्साईचिन: आक्साईचिन एक विवादित क्षेत्र है जो भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थित है। चीन इस क्षेत्र को अपना दावा करता है और इसे अपनी आधिकारिक भूमि मानता है।

    2.पांगोंग झील: पांगोंग झील जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख विभाग में स्थित है और यह भी विवादित है। चीन और भारत दोनों इस क्षेत्र का मालिकाना दावा करते हैं और यहां आक्रमणों की सूचनाएं रिपोर्ट की गई हैं।

      3.डोकलाम: डोकलाम त्रिकोणमण्डल में भारत, चीन, और भूटान के बीच एक विवादित स्थान है। इस सीमा पर विवाद 2017 में हुआ था, जब भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच तनाव उभरा था।

      मोदी सरकार लम्बे समय से इन स्थानों को लेकर अलग अलग स्तर की वार्तालाप जारी हैं। दोनों ही देश जनसंख्या और आर्थिक दृष्टि से दुनिया सबसे बड़े देशो में हैं। दोनों परमाणु सम्पन देश हैं। दोनों देश अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए आने वाले समय में किसी स्थाई समाधान की और बढ़ेंगे। यही दोनों देशो और दुनिया के लिए सुखद होगा।


ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में 233 यात्रियों की मौत, 900 से ज्यादा लोग जख़्मी

 

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में 233 यात्रियों की मौत, 900 से ज्यादा लोग जख़्मी

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना

 रेलवे इतिहास की सबसे दर्दनांक घटना कल ओडिशा के बालासोर जिले में बहानागा रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार की शाम 6 से 7 बजे की बीच में  यात्री ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां पटरी से उतर गईं. इसी बीच उसके पास की पटरी से गुजरते हुए यशवंतपुर से हावड़ा जा रही एक्सप्रेस ट्रेन उतरी हुई बोगियों से बाजू से टकरा गई. ओडिशा के मुख्‍य सचिव पीके जेना के मुताबिक, इस हादसे में अब तक 233 लोगों की मौत हो गई है और 900 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. 

      मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्रेन हादसे के बाद राज्य दिवस समारोह रद्द करते हुए एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. घायल लोगों को अस्पतालों में ले जाया गया है. राहत और बचाव दल दुर्घटनास्थल पर मौजूद हैं. घायल कुछ यात्रियों को बालासोर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है. मेडिकल कॉलेज और बालासोर के आसपास के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है.

      इस घटना में 3  ट्रेनों की आपसी टक्कर में करीब 17 बोगियाँ में लोगों की मौत/जख्मी हुये हैं।
       आज सुबह रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव मौके पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा की उनकी प्राथमिकता हैं।  बोगियों से तमाम लोगो कप जल्द से जल्द निकल कर बचाया जा सके। और साथ में जख्मी लोगो को उचित इलाज की व्यवस्था की जाये।
इस घटना में मारे गए लोगो को 2 लाख रूपये की अतिरिक्त सहायता की जाएगी।  मतलब प्र्तेक मृतक परिवार को 10 प्लस 2 लाख रुपया का मुआवजा दिया जायेगा जबकि घीलो को मुफ्त इलाज के साथ 50 हजार की सहायता की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस घटना पर ट्विट करके दुःख जाहिर किया हैं। 

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना हेल्पलाइन नंबर 

033- 22143526/ 22535185

 

 

शुक्रवार, 2 जून 2023

Apple retail store Sell reached 25 crore in first Month in Delhi and Mumbai in Hindi

  

एप्पल स्टोर की बिक्री 25 करोड़ पहले महीने 

Apple Store in India
       एप्पल मोबाइल फ़ोन का भारत में क्रेज किस क़दर बढ़ रहा हैं इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता हैं।  मुंबई और दिल्ली में एप्पल स्टोर खुलने के एक महीने में इन स्टोर की कुल बिक्री 25  करोड़ से ऊपर रही हैं।  मुंबई स्टोर की उद्धघाटन के दिन १० करोड़ की बिक्री आंकी गई थी। इन स्टोर ने एक महीने में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में सबसे अधिक रेवेन्यू स्टोर में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। यह दिखाता की एप्पल का अपनी प्रोडक्शन यूनिट का चीन से भारत में शिफ्ट करना सही कदम साबित हुआ हैं।

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बुधवार, 31 मई 2023

मोदी सरकार के 9 वर्ष के बड़े कार्य

 PM मोदी सरकार के 9 वर्ष में 90  बड़ी उपलब्धियाँ 

BJP Govt complted 9 Year rules in India

     PM मोदी सरकार ने गत  नौ सालों में देश के प्रत्येक मोर्चे पर अपने बेहतरीन कार्य से देश दुनिया में अपना लोहा मनवाने में सफल रही हैं। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी बनने का गौरव हासिल किया हैं। आर्थिक, सांस्कृतिक, नैतिक एवं सामाजिक विकास के साथ  देश की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। 

       सरकार के इन फैसलों एवं योजनाओं का असर धरातल पर दिखा है। शिक्षा , स्वास्थ ,कृषि, किसान, महिला, युवा, बुजुर्ग, कारोबार एवं विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए निचले  स्तर पर कार्य हुए हैं। जो आज जनता के सामने दिखते हैं। फिर चाहे स्वच्छ भारत अभियान हो ,धार्मिक तीर्थ स्थानों को जीर्णोउथान हों , कश्मीर में धारा 370 के साथ विकास के कार्य हों ,देश में आतंकी हमलो पर ब्रेक हों , विश्व में भारत का सम्मान और कद बढ़ा हैं। हम यदि मोदी सरकार के इन 9 वर्ष को विश्व की दृष्टि से देख्ने तो यह समय भारत का स्वर्णिम समय में दर्ज होगा।  

5 ट्रिलियन इकोनॉमी

3 trillian economy in India

भारत के प्रधानमंत्री का लोहा दुनिया ने ऐसे ही नहीं माना हैं। दुनिया को झुकाने के लिए आपको अपनी कथनी और करनी के गैप को समाप्त करना होता हैं। एक लीडर की प्रमुख विशेषताओ में सबसे बड़ी विशेषता होती हैं विज़नरी (दूरदर्शी ) जो भारत के प्रधानमंत्री में हैं। भारतीय PM दूरदर्शी के साथ साथ वादों और इरादों के पक्के हैं। तभी उन्हें कहते हुए सुना  जा सकता हैं की एक नेता को शिलान्यास करते समय ही शपथ लेने चाहिए की उसका उद्धघाटन भी उसके कार्यकाल में ही हो यह वक्तव्य बताता हैं की समयबद्ध किये हुए कार्य ही मान सम्मान और जनता का आशीर्वाद दिलाने में सहायता करते हैं। इसलिए  साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था (Indian economy) और वैश्विक बिजलीघर बनाने की कल्पना की थी। इस कल्पना को  समय से पहले भारत की मोदी सरकार ने दुनिया की 5th सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने में कामयाबी  हासिल कर पूर्ण किया हैं।

हाल ही में भारत ने ब्रिटिश को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की 5th सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने में कामयाबी हासिल की हैं।


विश्व की टॉप 10 आर्थिक (Economy )शक्ति। और विश्व की कुल इकॉनमी ?

2023 में विश्व की कुल इकॉनमी $95.28 Trillion की हैं (लेटेस्ट जीडीपी आंकड़ों के अनुसार )

1.United States of America- - -$23.31 Trillion

2.People's Republic of China---$17.71 Trillion

3.Japan-------------------------$4.97 Trillion  

4.Germany--------------------$4.37Trillion

5.India-------------------------$3.27Trillion
6.United Kingdom-----------$3.11Trillion
7.France....--------------------$3 00 Trillion
8.Italy--------------------------$2 .10 Trillion
9.Canada----------------------$2. 00 Trillion
10 South Korea-$Trillion---$1.8 0  Trillion

12 करोड़ शौचालय गांव व शहरो में

यह सही हैं  की आजादी के बाद सभी सरकारों ने महात्मा गाँधी के स्वच्छ भारत बनाने के सपने पे काम किया लेकिन बापू के इस सपने को साकार करने काम PM नरेंद्र मोदी ने पूरा किया और अपनर हाथ में झाड़ू उठाकर ऐसी चलाई की इस मुहीम में आमजन शामिल हो गया। मोदी को पता था की भारत में महिलाओ की सबसे बड़ी समस्या शौचालय की हैं और इससे  निजाज पाना भारत के लिए स्वच्छता के साथ स्वास्थ में भी महत्वपूर्ण होगा। इसलिए मोदी सरकार ने 12 करोड़  शौचालय बनाकर देश में स्वच्छता का एक अलग माहौल बनाया।  इसके साथ में देश में शहरो में स्वच्छता को लेकर एक अलग पर्तिस्पर्धा बनी और स्वच्छ सर्वेक्षण 2022, स्वच्छ भारत मिशन. के तहद 2022  में इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहरो में टॉप पर रहा हैं।  

48.93 करोड़ नए बैंक खाते खोलकर विश्व रिकॉर्ड कायम किया 

      48.93 करोड़ बैंक खाते जीरो बैलेंस पे खोल कर नरेंद्र मोदी ने वो काम दिखाया जो बैंकिंग के विशेषज्ञ भी कल्पना नहीं कर सकते। इससे नरेगा जैसी योजनाओ में भारतीय लोगो को डायरेक्ट पेमेंट जाने लगा और मोदी ने इसके साथ भ्रष्टाचार पर कुठारघाट किया।  इसके साथ ही लाखो फर्जी अकाउंट बंद होगये। 

        इसके द्वारा RuPay कार्ड पर 2 लाख का बीमा, 48.65 करोड़ लोगों को ये लाभ दे रही हैं सरकार। इससे एक अच्छी बात यह रही की सरकार की सब्सिडी इन खातों में सीधे भेजना शुरू कर दिया। और ये अकाउंट परिवार की मुखिया महिला के नाम से खोलें जिससे महिला शक्तिकरण  को बल मिला। 

      और इन अकाउंट्स में कुल 198,844 करोड़ बैलेंस है। महिलाओ का बैंक से जुड़ने के कारण।  बैंक बेनिफिट्स का लाभ और समझ बढ़ी हैं।  

इसके साथ ही नीचे दिए हुए कार्य जो मोदी सरकार के इन ९ सालो में पूर्ण हुये। 

  • PM आवास योजना के तहद्द 3.45 करोड़ घर
  • उज्जवला योजना में 9.49 करोड़ घरों में एलपीजी गैस कनेक्शन देकर गृहणियों को धुंआ से छूटी दिलाने का काम वर्तमान मोदी सरकार ने किया।
  • आरोग्य योजना में 4.44 करोड़ का लोगो को निशुल्क इलाज मुहया करा कर चिकित्सा केफील्ड में बेहतरीन कार्य मोदी सरकार ने किया हैं।
  • 12 करोड़ किसानों को 6000रूपये  की सीधी राशि सीधे खाते में भेजी जा रही हैं।
  • 11.66 करोड़ परिवारों को पीने का साफ पानी मुहया कराया
  • कोराना में 220.67 करोड़ लोगों को मुफ्त में स्वदेशी वैक्सीन का  डोज दिया गया. यही नहीं मोदी सरकार ने विश्व के बहुत से देशो में यह डोज़ उपलब्ध कराकर देश का नाम रोशन किया हैं।  कोविड में इतने बड़े देश में अनाज उपलब्ध कराना और अपने लोगो के लिए इतना बड़ा सिस्टम बनाना वाकई सहरानीय कार्य हैं। 
  • जीएसटी कलेक्शन 1.87 लाख करोड़  रूपये रहा हैं मई 2023 में जो अपने आप में एक रिकॉर्ड हैं। 
  • नोट बंदी से उग्रवाद , हवाला , नकली नोटों का कारोबार , और तमाम तरह के कार्य जिनसे देश को नुकसान होता हैं पर लगाम लगाने भी कामयाबी पाई।  इसी का नतीजा हैं  की भारत दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल पेमेंट करने वाला देश बन गया हैं।  आज चाय सब्जी की दुकान से लेकर विदेश तक का पेमेंट एक चुटकी में लिया या दिया जा सकता हैं।
  • फॉरेन पॉलिसी के तहद हाल ही मोदी की G-7 देशो की मीटिंग में मेहमान के तोर पर जापान गए उसी दौरान मोदी की ऑस्ट्रिलिया और पापुआ न्यू गिनी की यात्रा की और जिस प्रकार से अमरीकी राष्ट्पति द्वारा मोदी का ऑटोग्राफ लेना। ऑस्ट्रिलिया ले PM द्वारा मोदी को बॉस बोलना और पापुआ न्यू गिनी के राष्ट्पति द्वारा पैर छू कर आशीर्वाद लेना भारत के पासपोर्ट के महत्व को बताने के लिए बहुत कुछ हैं।  मोदी सरकार ने चीन और पाकिस्तान के साथ जंहा सख्ती दिखाई वंही पर दुनिया में अपना कद ऊपर उठाने का कार्य मोदी सरकार ने किया हैं 

    • एक्सपोर्ट इंपोर्ट-WTO (World trade organization) के अनुसार भारत का मई में रिकॉर्ड 770 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ हैं और भारत की आर्थिक वृद्धि  दर भी 7.2 % रही हैं।  
    • भारत की जीडीपी ने भी इस पीरियड में बेहतरीन प्रदर्शन किया हैं 
    • 9 वर्ष पूर्व भारत मोबाइल एंड डिफेंस में केवल इम्पोर्ट करता था जो आज मोबाइल में अपनी जरूरतों को पूरा कर एक्सपोर्ट कर रहा हैं।इसी इसी प्रकार से डिफेन्स में भी भारत एक्सपोर्ट करने वाले देशो में शामिल हो गया हैं।
    • जंहा 9 वर्ष पूर्व भारत में प्रतिदिन १३ किलोमीटर रोड बन रही थी वो आज  33 km रोड पर डे बन रही हैं।  यह गति भारत को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
    • 2014  से पहले भारत में केवल 74 एयरपोर्ट थे जिनकी संख्या बढ़ कर 148 एयरपोर्ट हो चुकी हैं।
    • 2014 से पहले भारत में केवल 2 मेट्रो ट्रैन के प्रोजेक्ट थे जो आज बढ़कर  20 मेट्रो बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
    • अभी तक बंदे भारत की 19 ट्रेन चालू हो चुकी हैं जिनकी संख्या बढ़ाकर 400 तक लेजाने का प्लान हैं।
    • धारा 370 हटाकर कश्मीर को मुख्य धारा में शामिल कर मोदी सरकार ने पाकिस्तान को करारा जबाब दिया हैं। 
    • भारत के आरध्य  भगवन राम का मंदिर का पुराण मुद्दा आज एक भव्य मंदिर के रूप  में अयोध्या में बनकर तैयार होने को है
    • 3 तलाक जैसे मुद्दे का समाधान कर मुस्लिम महिलाओ के जीवन को सँवारने का कार्य मोदी ने किया हैं।
    • कांशी,उजैन और गुजरात में स्टेच्यू ऑफ  यूनिटी ,कश्मीर और चीन बॉर्डर पर टनलो का निर्माण कर मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ टूरिज्म को भी बढ़ावा देने का बेहतरीन कार्य इस सरकार ने किया हैं। इसलिए यह कहा जा सकता हैं  वर्तमान में मोदी सरकार का कार्य जनता को भा रहा हैं।  इसलिए भाजपा पुरे देश में फ़ैल चुकी हैं।

रविवार, 28 मई 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नई संसद में पहला संबोधन/New Parliament Building Inauguration session

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नई संसद में पहला संबोधन

PM Modi Address in New Parliament House

       आज का दिन जेष्ठा शुक्ल पक्ष अष्टमी संवत 2080 अर्थात  28 मई 2023 स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर जी की जयंती के शुभ अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा नई संसद भवन का सनातनी परंपरा के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान के उपरांत लोकार्पण किया गया. जो कि भारतीय इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है।  साथ ही राष्ट्र को 2050 तक विकसित राष्ट्र की तरफ मजबूती के साथ अग्रेषित भी किया इस शुभ अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन में निम्न बातों का जिक्र किया :

      नई संसद भवन जो कि 64500 स्क्वायर फीट में त्रिभुजाकार आकृति में बनकर तैयार हुई है। इसमें पूर्ण रुप से डिजिटली तैयार किया गया हैं. जो हमारे सांसदो की गुणवत्ता, पारदर्शिता और  कार्य दक्षता को बढ़ने का  पूरा ध्यान दिया गया है. सोलर एनर्जी का उपयोग किया जाएगा एक समय था जब भारत के लोग विदेशों में बनी हुई चीजों को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाया करते थे।  लेकिन आज भारत में नई संसद का निर्माण दुनिया की किसी भी लोकतांत्रिक भवन से भव्य व अल्प समय में पूर्ण करके एक मिशाल कायम की हैं।

           इस भवन के निर्माण में अलग-अलग राज्यों के द्वारा सामग्री मंगवाई गई जैसे बलवा पत्थर लाल पत्थर राजस्थान से संसद में लगी कालीन मिर्जापुर यूपी के कारीगरों द्वारा हाथ से बुनी गई है मुंबई से मंगवाया गया तथा सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र से मंगवाई गई है भारत की नई संसद में वास्तुकार भी है तो वास्तुकला का अनूठा संगम है सभी राज्यों की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है लोकसभा की थीम राष्ट्रीय पक्षी मोर पर है।  तो वहीं उच्च सदन राज्यसभा की थीम राष्ट्रीय पुष्प कमल पर तथा संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद का पेड़ भी है.

        नई संसद भवन के निर्माण से 60000 श्रमिकों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा कहा गया कि मुझे संतोष है कि हमने गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए 300000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया तथा 4 करोड लोगों को घर और 11 करोड़ लोगो को शौचालय का निर्माण कर के देना का काम भी हमारी सरकार ने किया।  हमने 30000 ग्राम पंचायतों का भवन निर्माण भी किया है जिससे गांव की दुर्दशा को सुधारा गया प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि सफल होने के लिए सबसे पहले सफलता में विश्वास होना चाहिए।

मोदी ने अपने सम्बोधन जिस कविता की पंक्तियों " नविन प्राण चाहिए " का उच्चारण किया जिससे निश्चित देश में नई ऊर्जा का संचार होगा।


"नवीन पर्व के लिए नवीन प्राण चाहीए।

स्वतन्त्र देश हो गया प्रभुत्वमय दिशा मही,
निशा कराल टल चली स्वतन्त्र माँ विभामयी।
मुक्त मातृभूमि को नवीन मान चाहिए।
नवीन पर्व के लिए ॥

चढ़ रहा निकेत है कि स्वर्ग छू गया सरल,
दिशा-दिशा पुकारती कि साधना करो सफल।
मुक्त गीत हो रहा नवी राग चाहिए,
नवीन पर्व के लिए ॥


युवकों कमर कसो कि कष्ट-कण्टकोंकी राह है,
प्राण-दान का समय उमंग है उछाह है।
पगों में आँधियाँ भरे प्रयाण-गान चाहिए।

इस मौके पर मोदी ने एक डाक टिकट जारी किया साथ में 75 रुपया का सिक्का भी जारी किया। 


Rs.75/- Coin Launched in New parliament Building By Modi


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया संसद भवन का उद्घाटन कर देश को समर्पित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया संसद भवन का उद्घाटन कर देश को समर्पित किया 

नया संसद भवन

      प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सर्वप्रथम महात्मा गांधी की मूर्ति पर पुष्प अर्पण किये और उसके बाद नई संसद भवन का वैदिक मंत्रोच्चार व हवन पूजन के साथ नए भवन में प्रवेश की विधिवत शुरुवात  की। 

मोदी ने विधि विधान से सेंगोल को दंडवत प्रणाम किया और फिर संसद भवन में ॐ बिरला जी के साथ सभापति के आसान के पास स्थापित किया।

सेंगोल
     इस अवसर पर भारत की अखण्ड धर्मनिरपेक्षता का ध्यान रखा गया और सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमे सभी धर्मो के प्रतिनिधियों ने अपनी भाषा में अखंड भारत के इस शुभ अवसर पर नए संसद भवन में भारत के लोकतंत्र के लिए प्रार्थना की और अच्छे भविष्य की कामना की। 


     नए संसद निर्माण में 60000 श्रमयोगी ने अपनी दिन रात मेहनत से ३ वर्ष से काम समय में निर्माण कार्य को पूर्ण किया।  उनके विशेष और महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनमे से टॉप 11 श्रमयोगी को इस अवसर वर मोदी द्वारा साल उढ़ाकर समृति चिन्ह भेंट किया गया।  यह सम्मान सभी 60000 श्रमयोगी को दिया गया हैं।  

श्रमयोगी सम्मान
इसलिए वीर सावरकर की जयंती के दिन आज 28 मई 2023 का दिन भारत के लिहाज से स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है। जब भारत के निति निर्धारको के लिए आजाद भारत में निर्मित  नए संसद भवन जो की पूर्णतय स्वदेशी हैं । आज देश के प्रधानमंत्री मोदी जी नए संसद भवन का उद्घाटन किया। नये  भवन की भव्यता  इतनी  आलिशान है की इसकी सुविधाओं के आगे तो विदेशी पार्लियामेंट भी फेल हैं। संसद भवन को लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं,और इस मंदिर को भव्य बनाने के लिए पूरे 96 साल बाद इसे फिर से एक नया रूप दिया गया  है।

Ols and New Parliamnent Building

     नये संसद भवन सेंट्रल विस्टा डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट बिमल पटेल (Bimal Patel)  हैं। उनके पास दशकों का अनुभव है और वो एक कुशल वास्तुकार हैं। नए संसद भवन का आकार त्रिकोणीय है, और यह मौजूदा संसद भवन के पास ही बना है। नए संसद भवन लगभग 150 वर्ष तक इस्तेमाल किया जा सकेगा।

आर्किटेक्ट बिमल पटेल
     पुराना संसद भवन जो की 35000 स्क्वायर फ़ीट के क्षेत्र में हैं वंही पर नए भवन का क्षेत्र 64500 स्क्वायर फ़ीट में बना हुआ हैं। जो वर्तमान संसद से 17000 स्क्वायर फ़ीट अधिक बड़ा बनाया गया हैं। नए संसद भवन में 4,700 कमरे हैं। इसमें लोकसभा चैम्बर को हरा सजाया गया है, जबकि राज्य सभा चैम्बर में लाल रंग की थीम तैयार की गई हैं।
पुराना संसद भवन की लगत 83  लाख रूपये थी वंही पर नया भवन 970 करोड़ की अनुमानित लागत से तैयार हुआ हैं।

नये  संसद भवन की निर्माण सामग्री 

अशोक स्तम्भ
 
नई संसद के निर्माण में भारत के अलग अलग राज्यों से निर्माण सामग्री व अन्य आवश्यक सामान  मंगवाया गया  :-

-नई संसद के लिए लकड़ी का कार्य सागवान (टिक वुड) की कीमती और मजबूत लकड़ी से किया गया जो की  लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाई गई है.

-सैंडस्टोन यानी बलुआ पत्थर (लाल और सफेद) राजस्थान के सरमथुरा से खरीदा गया है. 

-पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर से लिया गया. कुछ पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से भी मंगवाए गए

- स्टोन जाली वर्क्स राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से लिए गए हैं। -अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाया गया है.

-त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग मंगवाई गई है.

-नई संसद के लिए अशोक चक्र को मध्य प्रदेश के इंदौर से लिया गया है.

-नई संसद भवन के लिए कुछ फर्नीचर मुंबई से भी मंगाए गए थे.
-लाल लाख राजस्थान के जैसलमेर से लिया गया है.
-राजस्थान के अंबाजी से सफेद संगमरमर पत्थर खरीदे गए हैं.

-केसरिया ग्रीन स्टोन राजस्थान के उदयपुर से मंगवाया गया है.
 -एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी, फ्लाई ऐश ब्रिक्स को एनसीआर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से खरीदा गया था.

-ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से लिए गए.

-नई संसद के लिए कार्पेट उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मंगवाए गए.

-एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन और दीव से ली गई.

FAQ :सेंगोल क्या हैं ? इसका इतिहास क्या हैं ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु के अधीनम मठ से सेंगोल स्वीकार किया और इसे लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया गया है.

भारत के दक्षिण में चोल वंश साम्रज्य ने 9 वीं शताब्दी से 13 वीं शताब्दी के बीच एक अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य का निर्माण किया। तमिल साहित्य के इतिहास में चोल शासनकाल को स्वर्ण युग की संज्ञा दी जाती है. चोल राजाओं का राज्याभिषेक करते समय जब सत्ता स्थानंतरण होता था तब सेंगोल जिसे राजदंड भी कहते हैं।  यह एक धातु से बनी हुई छड़ी टाइप दंडिका होती हैं जिसपे स्वर्ण का लेप लगा होता हैं। सेंगोल सत्ता हस्तान्तरित किया जाता के प्रतीक चिन्ह के तौर पे दिया जाता हैं,उससे न्यायपूर्ण शासन की आशा की जाती है।
भारत में आजादी की प्राप्ति के समय तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत गणराज्य के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को इसे सौंप था बाद में इसे इलाहाबाद संग्रहालय में रख दिया गया था। यह सेंगोल चांदी से बना हुआ हैं जिस पर सोने की परत चढ़ी हुई हैं।

सेंगोल