बुधवार, 30 नवंबर 2022

BJP बूथ मजबुत की कहानी

                                            BJP-बूथ मजबुत की कहानी

 

    अपना बूथ सबसे मजबुत।। राजनीति की बिछात हो या व्यवसाय का विस्तार हो ।। दोनो मे बहुत कुछ समानताएँ हैं ।। चाहे इसे प्लानिंग की तराजू मे तोल के देखा जाये या चाहे मैनेजमेंट स्किल पे तोला जाये।। इसे चलाने का ढरा हो या नतीजो का आना। फिर चाहे टीम/ कार्यकर्ताओ का उत्साह हो या निराशा ।। 

       इस बात को समझना बिल्कुल भी मुश्किल नही हैं की व्यवसाय मे जो कार्य कंपनीयॉ ने अपना उत्पाद/ सेवायें हर घर तक पहुंचाने के लिये।जिस मॉडल को काम मे लेती हैं हम उसे मैनेजमेंट की भाषा मे रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन कहती हैं और ये दुनिया मे सफलतम मॉडल हो जिसके द्वारा आप कोई भी उत्पाद या सेवा आम व्यक्ति तक बहुत ही जल्दी पहुंचा सकते हैं और इसके द्वारा ग्राहक उस उत्पाद या सेवा के बारे मे क्या मह्सूस करता है ।

     इसका भी बिना विलम्ब के मैनेजमेंट तक फीडबैक पहुंच जाता हैं । जिसके अनुसार मैनेजमेंट असन्तुष्ट ग्राहक के अनुसार अपने उत्पाद/सेवाओ मे परिवर्तन करके या कहे की अपग्रेड करके पुन ग्राहक तक पहुंचता हैं ।। और अपने व्यवसाय को निरंतर सफलता की नई बुलंदियो को छुता हैं । 

       भारत जैसा देश जँहा पर इतनी अधिक जनसंख्या तक ये ढांचा खड़ा करना अपने आप मे बहुत महत्वपुर्ण व चुनौतिपर्ण कार्य होता है ।। जँहा पर कई कंपनी आज के इस टेक्नोलॉजी के युग मे एक कदम आगे जाके घर घर तक अपनी सेवाओ को विस्तार करने मे लगी हुई है ।। भाजपा जो की आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी हैं ने इस मॉडल को पुरे भारत मे लागू कर दिया हैं ।। 

      जिसके कार्यकर्ता एक एक वोटर तक अपनी बात पहुंचाने से लेकर उनकी बात नरेंदर मोदी जो की आज भारत के प्रधानमंत्री हैं तक पहुंच जाती हैं ।। जबकी ये मॉडल कांग्रेस ने कभी भी तहसील स्तर से आगे ले जाने की कोशिश नही की।। और उसका किला ध्वस्थ हो गया और आज भी ये पार्टी केवल परिवार के दम पर भारत मे कामयाब होना चाहती हैं जो लगभग असंभव सा हैं ।। 

      ये छोटी सी बात इनको समझ नही आ रही की हमारा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क ध्वस्थ हो चुका है और इसे नये तरीके से बनाने की आवश्यकता है । इनको समझना होगा की आज का वोटर पढ़ा लिखा होने के साथ समझदार भी हैं वो सही गलत को समझने की काबिलियत रखता हैं ।उसको लॉक लुभावने वादो से अब नही रिझाया जा सकता ।इसके लिये भारत जोड़ो यात्रा जैसे प्रोपोगंड़ा से नही रीझाया जा सकता इसके लिये सही नीतियो का समर्थन व गलत नीतियो का विरोध् तथ्यात्मक तरीको से करने की आवश्यकता हैं । जिसको करने मे कांग्रेस असफल रही हैं ।     

भाजपा का पना प्रमुख जँहा पर अपनी हर  बात को वोटर तक पहूंचा रहा हैं वंही पे कांग्रेस केवल अपनी भड़ास निकालने तक सीमित हो गई है ।। राहुल गाँधी जी देश जोड़ो यात्रा करे।। चाहे मन्दिर मे पूजा करे।। चाहे जनेऊ पहने जो कुछ हैं वो सब उनकी असफलताओं को ढकने के लिये नाकाफी हैं । अब भी समय हैं की एक अच्छे लोकतांत्रिक देश मे अपनी नई विचार धारा के साथ नये रूप मे रे लौन्च करे और अच्छे विपक्ष की भुमिका क नेतृव करे!

 भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के बूथ मजबूत करने की कहानी में कई पहलु हो सकते हैं। यहां कुछ मुख्य तत्व हैं जो भा.ज.पा. के बूथों की मजबूती को समर्पित हैं:

 संगठन की मजबूती: भा.ज.पा. के बूथ मजबूत होने का पहला और महत्वपूर्ण तत्व संगठन की मजबूती है। भा.ज.पा. ने अपने संगठन को आदान-प्रदान करने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया है, उन्हें समर्पित किया है और उनकी सक्रियता को प्रोत्साहित किया है। संगठन के मजबूत होने से बूथों के प्रबंधन और संगठन द्वारा कार्यकर्ता-प्रधानों की सक्रियता में सुधार होता है।


    विज्ञान और तकनीक का उपयोग: भा.ज.पा. ने विज्ञान और तकनीक का उपयोग करके बूथों के संगठन, प्रबंधन और नेतृत्व को मजबूत बनाने में योगदान दिया है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाले विज्ञानिक उपकरणों का उपयोग, डिजिटल पहचान प्रणाली के स्थापना, और डेटा विश्लेषण शामिल हैं। इससे बूथों का सुचारू रूप से प्रबंधन हो सकता है और कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया जा सकता है।


    भाषा और संचार: भा.ज.पा. के बूथों को मजबूत करने में भाषा और संचार की महत्ता होती है। उच्च स्तरीय संचार प्रणाली और संबंधों को व्यवस्थित रूप से अद्यतित रखने के माध्यम से, भा.ज.पा. बूथों में संगठित संचार नेटवर्क बना सकती है। यह कार्यकर्ताओं के बीच संचार को बेहतर बनाता है और उन्हें नवीनतम विचारों और नीतियों की जानकारी प्रदान करता है।


    योजनाबद्धता और गतिविधियाँ: भा.ज.पा. के बूथों को मजबूत करने के लिए योजनाबद्धता और गतिविधियों का महत्व होता है। यह भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्यों, मार्गदर्शन और कार्यक्रमों को अच्छी तरह से बूथों के सदस्यों तक पहुंचाने में मदद करता है। निर्धारित गतिविधियों, कार्ययोजनाओं और प्रोग्रामों को संगठित रूप से अंकित करने द्वारा, भा.ज.पा. बूथों को उच्चतम स्तर के नेतृत्व में लाने में मदद मिलती है।


यह तत्व एक साथ मिलकर भा.ज.पा. को बूथों को मजबूत करने में सहायता करते हैं, जिससे उनकी संगठनात्मक ताकत बढ़ती है और उनके नेताओं को जनता के बीच अधिक प्रभावी बनाता है।


 

रविवार, 27 नवंबर 2022

राजस्थान विधानसभा 2023 का सबसे बड़ा मुद्दा/राजस्थान का विभाजन/जाट मुख्यमंत्री

राजस्थान विधानसभा 2023/राजस्थान का विभाजन/जाट मुख्यमंत्री 

राजस्थान में इस वर्ष अंत में होने वाले विधानसभा चुनाओं की सरगर्मी शुरू हो चुकी हैं। इस महीने के शुरुवात में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुष्कर के दौरे से चुनावी बिगुल बजा चुके हैं। कांग्रेस के अंतरकलह के मध्य मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी संभाग में अपने दौरे कर रहे हैं। राजस्थान हमेशा से बीजेपी और कांग्रेस की सरकारों को 5-5 साल का ही समय देता हैं। जो विश्व में राजनैतिक पंडितो के लिए हमेशा से ही जानने का विषय रहा हैं। और यंहा के वोटर्स को दुनिया में सबसे अधिक बुद्धिमान और राजनितिक की अच्छी समझ के तौर पे देखा जाता हैं। 

इस बार गहलोत ने 19 नए जिले बनाकर इस परम्परा को तोड़ने की कोशिश के तौर पे देखा जा रहा हैं।  हालाँकि अभी तक किसी भी जिले का परिसीमन नहीं हो पाया हैं।  और जयपुर के दो जिले बनाने की घोषणा निरस्त कर दी गई हैं।  और बाकि जिलों के बनने पर भी संशय बना हुआ हैं। 

राजस्थान को भौगोलिक िस्थति के अनुसार मरुप्रदेश को अलग राज्य बनाकर बीजेपी मास्टर स्टॉक  हैं।  राजस्थान एक जाट बाहुल्य राज्य हैं और आज तक राजस्थान में कभी भी जाट मुख्यमंत्री नहीं बन पाया हैं।  इस बार यदि बीजेपी सत्ता में आती हैं तो यह मिथ्या टूट सकती हैं।  क्योंकि मोदी हमेशा ही लोगो को सरप्राइज करने वाले निर्णयों के तौर पे जाने जाते हैं। 

इसलिए यह कहा जा सकता है की मरुप्रदेश और जाट मुख्यमंत्री का कार्ड खेल कर भाजपा राजस्थान में गहलोत सरकार की अंतरकलह और भ्रस्टाचार को उखाड़ को फेंक सकती हैं।

राजस्थान का विभाजन भाग -1 भारत की वर्तमान भौगोलिक स्थिति को देंखे तो राजस्थान क्षैत्रफल के हिसाब से 10.41 % के साथ पहला स्थान हैं ।और यंहा पर लगभग 7 करोड़ की आबादी निवास करती हैं वैसे तो विभाजन शब्द ही अपने आप मे विवाद को जन्म देता है । लेकिन बिना परेशानियों के समाधान मिलते भी नही हैं । आपने बहुत से लेख पढे होंगे की सरकारो ने उतराखण्ड/झारखण्ड/छतीसगढ जैसे छोटे छोटे राज्यो का जन्म इस आधार पे किया की इनकी कार्य क्षमता बदेगी व लोगो तक सेवाओ का विस्तार तेजी से होगा।। और इसी आधार पे सरकारे पंचायतो का विस्तार करती है ताकी अधिक से अधिक लोगो तक लाभ पहुंचे व उनका जीवन स्तर मे इजाफा हो। और मुझे बही लगता की इसमे कोई विरोधाभास होगा। हम सब जानते हैं की राजस्थान का एक बड़ा हिसा रेगिस्थान्ं हैं । साथ मे यंहा पे उधयौग धन्दो का भी बड़ा अभाव है । जिसके करना रोजगार की कमी बहुत अधिक है और जल स्तर गहर होने के कारण लोग शहरो की और पलायन करने मे तेजी देखी जा सकतीं है । या अन्य राज्यो व देशो मे लोग पलायन करने के लिये विवश हैं । साथ ही राजनितिक लोग भी अपने क्षेत्र के अलवा बाकी क्षेत्रो की अनदेखी का नतोजा है की आज पिछले 10-15 वर्षो मे जोधपुर जैसे शहरो मे विकास की गति मे तेजी देखी गई वंही पे शेखावाटी /भरतपुर /बीकानेर जैसे area मे लोग विकास का इन्तजार ही कर रहे हैं । इसलिए क्योँ ना राजस्थान को दो भागो मे विभाजित किया जाना चाहिए ताकी यंहा की विकास की गती को बल दिया जा सके।। आप इस ब्लॉग को सकारत्मक सोच के साथ पढ़े व इसके सकारत्मक व नकारत्म दोनो पहलु पे अपनी राय दे।।

शुक्रवार, 25 नवंबर 2022

गहलोत व पायलट की राड़

       Indian Politics-गहलोत व पायलट की राड़

गहलोत व पायलट की राड़

      आज राजस्थान कांग्रेस मे गहलोत-पायलट मे कलह फिर सामने आई।।गहलोत जी ने आज पायलट पे सीधे-सीधे आरोप लगाया की पायलट समर्थक MLA ने भाजपा के कार्यालय से 10 करोड़ रुपया लिये। जिसका भाजपा के राजस्थान अध्यक्ष पुनिया ने कहा ये उनका आन्तरिक मामला हैं । गहलोत जी तथ्यहीन बाते कह रहे है जिनका उनके पास कोई आधार नही है । वंही इसके उलट सचिन पायलट ने मीडिया मे कहा की गहलोत जी इस तरह की जानकारी कोन देता है मुझे नही पता हां मे ये कहना चाहूँगा इस समय ये जरूरत नहीं अब आवश्यकता है की हम सब मिलके कांग्रेस को मजबूत करने का काम करे।। 

       आज पायलट जी ने राहुल गांधी की पैदल यात्रा को मध्यप्रदेश मे शामिल हुये।। अगले महिने पैदल यात्रा राजस्थान मे पधार रही हैं ऐसे मे कांग्रेस को जनता मे इसको कैसे मैनेज करेगी ये आलाकमान के लिये बहुत कठिन चुनौती होगी।। क्योंकि इस वार्ता का असर गुजरात चुनाव मे भी होगा और राहुल की भारत जोड़ो यात्रा पे भी नाकारात्मक असर होगा।। भाजपा शुरुवात से ही इस यात्रा को असफल करार दे रही हैं । राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत और पायलट के बीच गतिरोध रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की आलोचना करने की बात कोई नई नहीं है. पहले भी कई बार गहलोत ने सचिन पायलट की तीखी आलोचना की है. बहरहाल, गुरुवार को आलोचनाओं की इस फेहरिस्त में एक और वाक्या जुड़ गया राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस विधायक सचिन पायलट के लिए गद्दार शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा कि एक गद्दार को कभी मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता है. 

        कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकती. उसने पार्टी से धोखा किया है, गद्दारी की है. गहलोत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि विधायक कभी उसे स्वीकार नहीं करेंगे जिसने बगावत की हो और जिसे गद्दार कहा गया हो. वह मुख्यमंत्री कैसे बन सकता है? विधायक ऐसे आदमी को मुख्यमंत्री कैसे स्वीकार करेंगे.  मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने सचिन पायलट पर बीजेपी से मिलीभगत कर अपनी ही सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया. सीएम ने कहा कि 2020 में जो हुआ वो पहले कभी नहीं हुआ था. एक पार्टी के अध्यक्ष ने खुद ही राज्य में अपनी सरकार गिराने की कोशिश की थी. गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट ने तब बीजेपी नेता अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठक थी. कांग्रेस के खिलाफ बगावत करने के लिए बीजेपी के दिल्ली दफ्तर से पैसा आया था. 

        मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके पास इस बात का सबूत है कि पायलट समेत प्रत्येक विधायक को 10-10 करोड़ रुपये दिये गये थे. अशोक गहलोत 2020 में राजस्थान में पैदा हुए सियासी संकट का जिक्र कर रहे थे. तब सचिन पायलट कई विधायकों को साथ लेकर दिल्ली के पास गुरुग्राम के एक होटल में ठहरे थे. सियासी गलियारों में चर्चा था कि पायलट ने कांग्रेस को सीधी चुनौती दी थी कि या तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए नहीं तो वे पार्टी छोड़ देंगे. हालांकि बाद में कांग्रेस और सचिन पायलट में सुलह हो गई थी. पायलट को बाद में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद और उपमुख्यमंत्री के पद हटा दिया गया था. 

         मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर सचिन पायलट ने भी पलटवार किया और उन्हें ऐसे बचकाने बयानों से बचने की नसीहत दे डाली. पायलट ने कहा कि ये सारे आरोप निराधार हैं. पहले भी अशोक गहलोत ने मुझे नाकारा और गद्दार कहा है. वे एक अनुभवी नेता हैं. मुझे नहीं पता कि कौन उन्हें मेरे खिलाफ झूठे, बेबुनियाद आरोप लगाने की सलाह दे रहा है. उन्हें इस तरह का बचकाना बयान नहीं देना चाहिए.  पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गहलोत के नेतृत्व में पार्टी को मिली हार का जिक्र करते हुए कहा कि अशोक गहलोत के रहते हुए कांग्रेस दो बार चुनाव हारी है. उन्हें इतना अनसेफ महसूस नहीं करना चाहिए बल्कि हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए. राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि जब मैं पार्टी अध्यक्ष था तब राजस्थान में बीजेपी बुरी तरह से हारी थी. फिर भी, कांग्रेस अध्यक्ष ने गहलोत को सीएम बनने का एक और मौका दिया. आज प्राथमिकता इस बात पर होनी चाहिए कि हम फिर से राजस्थान का चुनाव कैसे जीत सकते हैं. 

          सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर हैं और हम सभी को संयुक्त रूप से यात्रा को सफल बनाने की जरूरत है. बीजेपी को चुनौती देने वाली एकमात्र पार्टी कांग्रेस है. हमें सभी सत्तारूढ़ राज्यों में बीजेपी को चुनौती देने की जरूरत है. बता दें कि, पायलट भी इस समय राहुल गांधी के साथ यात्रा कर रहे हैं. ये यात्रा फिलहाल मध्य प्रदेश से गुजर रही है. भारत जोड़ो यात्रा के बीच गुरुवार को सचिन पायलट की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ की फोटो भी सामने आई है.  राजस्थान के दोनों दिग्गज नेताओं की बयानबाजी के बीच कांग्रेस को भी कूदना पड़ा. पार्टी ने गुरुवार को कहा कि दोनों नेताओं के मतभेदों को इस तरह सुलझाया जाएगा कि पार्टी मजबूत हो. पार्टी ने ये भी कहा कि इस वक्त भारत जोड़ो यात्रा की सफलता पर ध्यान होना चाहिए. 

        कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद ने जयराम रमेश ने कहा कि अशोक गहलोत अनुभवी नेता हैं. उन्होंने अपने जूनियर सचिन पायलट के साथ जो मतभेद जाहिर किये हैं, उन्हें इस तरह से सुलझाया जाएगा कि कांग्रेस मजबूत हो. इस समय हर कांग्रेस कार्यकर्ता की जिम्मेदारी भारत जोड़ो यात्रा को उत्तर भारत के राज्यों में और अधिक प्रभावशाली बनाने की है।

गुरुवार, 24 नवंबर 2022

मुस्लिम महिलाओं की आवाज

 India-मुस्लिम महिलाओं की आवाज

मुस्लिम महिलाओं की आवाज

       कल मंगलवार से जामा मस्जिद दिल्ली के सामने एक तकती लटकाई गई हैं । जिसमे महिलाओ/लड़कियो को अकेले मस्जिद मे दाखिल होने पर रोक लगाने का फरमान जारी किया गया है । और इसपे किसी भी प्रकार की आवाज सुनाई नहीं दे रही है ।। एक तरफ पूरी दुनिया की आधी आबादी को समानता की बात की जा रही है और महिलाये हरेक फ़ील्ड मे अपना लोहा मनवा रही हैं । तथा वो सक्षम हैं हर परिस्थिति को पार पाने मे ऐसे मे ये विषय गौर करने के लिये बाध्य करता है की मुस्लिम समाज के पुरुषार्थ को महिलाओं से इतना डर क्योँ लगता हैं जो उन्हे कभी हिजाब के नाम पर पर्दे मे रखना चाहते है । अब वो मस्जिद मे अकेले दाखिल नही हो सकती ।। 

        एक सभ्य समाज मे जँहा सभी के जीवन को समानता का अधिकार दिया जाना चाहिये ।। हमे धार्मिक सोच से ऊपर उठ कर मानवता की सोच लानी होगी। और इस तरह।की सोच को बदलना होगा। और ये दबाब केवल कमजोर लोगो तक सीमित होता है । आमिर खान की लड़की के कपड़े पहने की फोटो सोशल मीडिया मे बहुत आती हैं जिसमे वो अपनी पसंद के कपड़े पहनती है और इसका कोई भी विरोद्ध नही होता। और होना भी नही चाहिये क्योंकि हमे अपनी सोच मे बदलाव की आवश्यकता है ।। हर व्यक्ति को अपनी पसंद के अनुसार खाने पहनने की आजादी हैं । हाँ जँहा पर ड्रेस कोड एक अलग पहचान के लिये आवश्य होता है उसकी भी हमे पालना करनी चाहिये । 

        वकील की काले रँग की ड्रेस होती हैं डॉक्टरों के लिये सफेद ड्रेस होती हैं । ऐसे ही पुलिस हो या आर्मी हो सबकी अपनी ड्रेस कोड होता है ।।स्कूल की अपनी ड्रेस होती हैं जो उनको एक अलग पहचान देने के लिये बनाई गई हैं। जिसको हम एकता, पहचान व सुरक्षा के नजरिये से बनाया गया है । मुस्लिम समाज का एक तपका जो मानव व राज्य से बढ़ कर इन सब बातो को मह्त्व देता हैं उनको अपनी मानसिकता को बदलना चाहिए । 

       क्योंकि ये सब मानव हित मे नही है ।। हम 21 वीं सदी में जी रहे है जँहा पे चीजे बड़ी तेजी से बदल रही हैं । ऐसे मे कामयाब मुल्क को ये विषय बिल्कुल भी सौभा नही दे सकती ।। इसलिए समाज के लोगो को आगे आके इन सब बातो का विरोध करना चाहिये। और देश की छवि को धूमिल नही करना चाहिये।।

बुधवार, 23 नवंबर 2022

सचिन गुट की सक्रियता के संकेत

      Indian Politics-सचिन गुट की सक्रियता के संकेत

सचिन गुट की सक्रियता के संकेत

जयपुर/23/11/2021/बुधवार कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले ही कांग्रेस में सियासी हलचल देखने को मिल रही है। एक बार फिर समर्थक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने पर जोर देने लगे हैं। 

         यूथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राकेश मीणा के इस्तीफे के बाद अब गहलोत के मंत्री हेमाराम चौधरी ने सचिन पायलट को जिम्मेदारी देने की मांग उठाई है। पुर्व विधायक सूचित्रा आर्य ने भी अब बिना विलम्ब के सचिन के मुख्यमंत्री बनाने की परवी की है । ऐसा नही होने पे उन्होने राजस्थान मे भी पार्टी का बंटाधार होने को बात कही हैं । पायलट गुट राहुल की यात्रा से पुर्व मीडिया मे बयानबाजी कर के गहलोत के लिये कांटे की राह बिछा रही हैं । और साथ ही महेश जोशी व शान्ति धरिवाल के खिलाफ कारवाई की मांग की जा रही हैं । 

        अब देखना हैं की गहलोत एक तरफ गुर्जर अपनी पुरानी मांग पूरी नही होने को लेके आन्दोलन व राहुल की यात्रा मे व्यवधान डालने की ताक मे लगे हुये हैं और सचिन गुट भी इस मौके को भुनाने की पूरी कोशिश मे है । गुजरात चुनाव की बागडोर गहलोत जी के हाथो मे है ।। देखो कांग्रेस के जादुगर अब क्या जादू दिखाते है ।।।

मंगलवार, 22 नवंबर 2022

श्रद्धा हत्याकांड एक दुर्घटना - अशोक गहलोत

        Crime-श्रद्धा हत्याकांड एक दुर्घटना

श्रद्धा हत्याकांड एक दुर्घटना

      राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत ने इस जघन्य ह्त्या को एक दुर्घटना कहा है और कहा हैं की इसके द्वारा एक जाती विशेष मतलब की मुसलमानओ को टारगेट किया जा रहा हैं । अंतरधार्मिक विवाह सदियो से चलते आ रहे हैं ।ये वक्त्वय गहलोत व कांग्रेस की सोच है व उसी सोच का नतिजा है ।। क्या ये घटना गहलोत जी के परिवार के साथ घटती तो भी क्या उनका यही कहना होता असंभव । 

      प्रेम करना कोई गुनहा नही होता। लेकिन जब कोई व्यक्ति उसकी बॉडी के 36 टुकडे कर देता हैं । उसकी मरत बॉडी के साथ अन्य लड्की के साथ सहर्ष एन्जॉय करता है । उसके जबडे को हथोड़े से टुकडे करना और 5-6 महिनों तक उस बॉडी के साथ किया अमानवीय व्य्हवार जो आफताब की मानसिक विकास को दर्शाता है । 

      ऐसा नही की ऐसी हरकत अन्य धर्म का व्यक्ति नही कर सकता लेकिन अधिकांश केस मे मुस्लिम समाज के युवको द्वारा इस तरह के अपराधों को अंजाम दिया जाता है और इसके पीछे हैं उनकी परवरिश व तुस्टीकरण की राजनीती करने वाले गहलोत जैसे नेता जो इस बदलाव की बजाय इसको सह देते हैं अपने व्यक्तव्य के द्वारा । पर इनकी कोई गलती नही क्योंकि इनको लगता हैं की इससे हमारे वोट बैंक मे मुस्लिम मतदाताओं को विश्वास बना रहेगा। 

      लेकिन ऐसा है नही क्योंकि मुस्लिम भी इस प्रकार के आपराध को सह नही देंगे। लव जिहाद हैं क्या। प्यारके जाल मे फसा कर या तो धर्म परिवर्तन करना या अपनी हवस को मिटाना । जबकी ऐसे कर्त्य को सभ्य समाज के द्वारा हर हाल मे भ्र्त्स्णा करनी चाहिय। निस्चीत कानुन अपना काम कर रहा है और करता रहेगा। लेकिन समाज के हरेक तपके को व हर धर्म को परिवार को एक अच्छे संस्कारो का करूणा का जीव की पर्ति दया का भाव के बीज बचपन से बोन पड़ेंगे । 

        अन्यथा ये सोच किसी भी परिवार,समाज देश व धर्म के लिये सही नही है क्योंकि बुराई का अंत निस्चीत हैं । हमे जागने की आवश्यकता है ताकी कल किसी और श्रद्धा को हमे ऐसी श्रद्धांजलि ना देनी पड़े ।

सोमवार, 21 नवंबर 2022

मोदी के भाषण का मसाला

                 Modi's मोदी के भाषण का मसाला

 

 मोदी के भाषण का मसाला


        ये सही हैं की नरेंद्र मोदी जब बोलते है तो हर कोई उनको सुनता है । उनकी बोलने का अन्दाज सब को भाता हैं । लेकिन ऐसा क्या हैं की लोंगो के मन मे इतनी जल्दी उसने अपना एक अलग मुकाम बना लिया हैं । इसी मेजिक को समझने का हम आज इस ब्लोग मे समझने की कोशिश करेंगे। देखिये इसको जानने व समझने के लिये मोदी के जीवन को समझना होगा ।। 

       उसके बचपन का जीवन और उसके बाद रास्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परचारक के रुप मे कार्य करना जिसमे हर दिन अलग अलग जगह पे लोगो से मिलना व उनको समझना यही समय था 

        जब मोदी ने इस दुनिया मे हर तरह के तपके को गहराई से पहचान पाने मे सफल रहा। जब ये विधा उनको आगाई तो उनको ये भी समझ पाने मे सक्षम हो गये की जनता को कब क्या चाहती है । कैसा ताना बाना बुना जाये जिससे देश व जनता को खुशहाली की राह पर आगे बढाया जा सके।। 

      ये सब समझने के बाद जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री रहे वी समय मे उन्होने प्रसाशनिक व प्रबंधक को अच्छे से समझा व गुजरात को एक नये मुकाम तक लेके गये जो देश की GDP मे बहुत अच्छा सहयोग कर रहा है। आज मोदी जी को किसी तरह की guidance की इतनी आवश्यकता नही है वो व्यक्ति व व्यक्तित्व दोनो को भली भाँति समझ रखते हैं व नियमित कार्य करने के कारण जन भावनाओं की अच्छी समझ का नतिजा है की भाजपा पुरे देश मे कामयाब रही हैं ।

         आज गुजरात के चुनाव मे कॉंग्रेस मे राहुल गांधी के गुरु मधुसूदन जी मिस्त्री ने इन चुनाव मे मोदी को औकात दखाने की बात बोल कर 2019 मे जो गलती मणिशंकर ने की थी वही गलती मधुसूदन मिस्ट्री ने कर दी हैं और भाजपा के लिये ग्राउंड साफ कर दिया गया ह।। जिससे उन्को 150 से ऊपर सीट गुजरात मे जितने की भरपुर कोशिश जारी रखे हुये हैं ।।

3rd ग्रेड शिक्षक ट्रांसफर संभव यदि आपके पास प्रभाव या पैसा हैं।

3rd ग्रेड के मजबूर शिक्षकों से प्रधानमंत्री ने किया छल।       3rd ग्रेड शिक्षक ट्रांसफर संभव यदि आपके पास प्रभाव या पैसा हैं। यह बात में क्...