BJP-बूथ मजबुत की कहानी
अपना बूथ सबसे मजबुत।। राजनीति की बिछात हो या व्यवसाय का विस्तार हो ।। दोनो मे बहुत कुछ समानताएँ हैं ।। चाहे इसे प्लानिंग की तराजू मे तोल के देखा जाये या चाहे मैनेजमेंट स्किल पे तोला जाये।। इसे चलाने का ढरा हो या नतीजो का आना। फिर चाहे टीम/ कार्यकर्ताओ का उत्साह हो या निराशा ।।
इस बात को समझना बिल्कुल भी मुश्किल नही हैं की व्यवसाय मे जो कार्य कंपनीयॉ ने अपना उत्पाद/ सेवायें हर घर तक पहुंचाने के लिये।जिस मॉडल को काम मे लेती हैं हम उसे मैनेजमेंट की भाषा मे रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन कहती हैं और ये दुनिया मे सफलतम मॉडल हो जिसके द्वारा आप कोई भी उत्पाद या सेवा आम व्यक्ति तक बहुत ही जल्दी पहुंचा सकते हैं और इसके द्वारा ग्राहक उस उत्पाद या सेवा के बारे मे क्या मह्सूस करता है ।
इसका भी बिना विलम्ब के मैनेजमेंट तक फीडबैक पहुंच जाता हैं । जिसके अनुसार मैनेजमेंट असन्तुष्ट ग्राहक के अनुसार अपने उत्पाद/सेवाओ मे परिवर्तन करके या कहे की अपग्रेड करके पुन ग्राहक तक पहुंचता हैं ।। और अपने व्यवसाय को निरंतर सफलता की नई बुलंदियो को छुता हैं ।
भारत जैसा देश जँहा पर इतनी अधिक जनसंख्या तक ये ढांचा खड़ा करना अपने आप मे बहुत महत्वपुर्ण व चुनौतिपर्ण कार्य होता है ।। जँहा पर कई कंपनी आज के इस टेक्नोलॉजी के युग मे एक कदम आगे जाके घर घर तक अपनी सेवाओ को विस्तार करने मे लगी हुई है ।। भाजपा जो की आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी हैं ने इस मॉडल को पुरे भारत मे लागू कर दिया हैं ।।
जिसके कार्यकर्ता एक एक वोटर तक अपनी बात पहुंचाने से लेकर उनकी बात नरेंदर मोदी जो की आज भारत के प्रधानमंत्री हैं तक पहुंच जाती हैं ।। जबकी ये मॉडल कांग्रेस ने कभी भी तहसील स्तर से आगे ले जाने की कोशिश नही की।। और उसका किला ध्वस्थ हो गया और आज भी ये पार्टी केवल परिवार के दम पर भारत मे कामयाब होना चाहती हैं जो लगभग असंभव सा हैं ।।
ये छोटी सी बात इनको समझ नही आ रही की हमारा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क ध्वस्थ हो चुका है और इसे नये तरीके से बनाने की आवश्यकता है । इनको समझना होगा की आज का वोटर पढ़ा लिखा होने के साथ समझदार भी हैं वो सही गलत को समझने की काबिलियत रखता हैं ।उसको लॉक लुभावने वादो से अब नही रिझाया जा सकता ।इसके लिये भारत जोड़ो यात्रा जैसे प्रोपोगंड़ा से नही रीझाया जा सकता इसके लिये सही नीतियो का समर्थन व गलत नीतियो का विरोध् तथ्यात्मक तरीको से करने की आवश्यकता हैं । जिसको करने मे कांग्रेस असफल रही हैं ।
भाजपा का पना प्रमुख जँहा पर अपनी हर बात को वोटर तक पहूंचा रहा हैं वंही पे कांग्रेस केवल अपनी भड़ास निकालने तक सीमित हो गई है ।। राहुल गाँधी जी देश जोड़ो यात्रा करे।। चाहे मन्दिर मे पूजा करे।। चाहे जनेऊ पहने जो कुछ हैं वो सब उनकी असफलताओं को ढकने के लिये नाकाफी हैं । अब भी समय हैं की एक अच्छे लोकतांत्रिक देश मे अपनी नई विचार धारा के साथ नये रूप मे रे लौन्च करे और अच्छे विपक्ष की भुमिका क नेतृव करे!
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के बूथ मजबूत करने की कहानी में कई पहलु हो सकते हैं। यहां कुछ मुख्य तत्व हैं जो भा.ज.पा. के बूथों की मजबूती को समर्पित हैं:
संगठन की मजबूती: भा.ज.पा. के बूथ मजबूत होने का पहला और महत्वपूर्ण तत्व संगठन की मजबूती है। भा.ज.पा. ने अपने संगठन को आदान-प्रदान करने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया है, उन्हें समर्पित किया है और उनकी सक्रियता को प्रोत्साहित किया है। संगठन के मजबूत होने से बूथों के प्रबंधन और संगठन द्वारा कार्यकर्ता-प्रधानों की सक्रियता में सुधार होता है।
विज्ञान और तकनीक का उपयोग: भा.ज.पा. ने विज्ञान और तकनीक का उपयोग करके बूथों के संगठन, प्रबंधन और नेतृत्व को मजबूत बनाने में योगदान दिया है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाले विज्ञानिक उपकरणों का उपयोग, डिजिटल पहचान प्रणाली के स्थापना, और डेटा विश्लेषण शामिल हैं। इससे बूथों का सुचारू रूप से प्रबंधन हो सकता है और कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया जा सकता है।
भाषा और संचार: भा.ज.पा. के बूथों को मजबूत करने में भाषा और संचार की महत्ता होती है। उच्च स्तरीय संचार प्रणाली और संबंधों को व्यवस्थित रूप से अद्यतित रखने के माध्यम से, भा.ज.पा. बूथों में संगठित संचार नेटवर्क बना सकती है। यह कार्यकर्ताओं के बीच संचार को बेहतर बनाता है और उन्हें नवीनतम विचारों और नीतियों की जानकारी प्रदान करता है।
योजनाबद्धता और गतिविधियाँ: भा.ज.पा. के बूथों को मजबूत करने के लिए योजनाबद्धता और गतिविधियों का महत्व होता है। यह भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्यों, मार्गदर्शन और कार्यक्रमों को अच्छी तरह से बूथों के सदस्यों तक पहुंचाने में मदद करता है। निर्धारित गतिविधियों, कार्ययोजनाओं और प्रोग्रामों को संगठित रूप से अंकित करने द्वारा, भा.ज.पा. बूथों को उच्चतम स्तर के नेतृत्व में लाने में मदद मिलती है।
यह तत्व एक साथ मिलकर भा.ज.पा. को बूथों को मजबूत करने में सहायता करते हैं, जिससे उनकी संगठनात्मक ताकत बढ़ती है और उनके नेताओं को जनता के बीच अधिक प्रभावी बनाता है।