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मंगलवार, 23 अप्रैल 2024

जयपुर गुलमोहर गार्डन मे कार्पेंटर की धोखाधड़ी।

 पढ़े लिखे लोग भी बन रहे हैं ठगी का शिकार  

Gulmohar Garden Jaipur
           

           जयपुर मे आशियाना बिल्डर की सोसाइटी गुलमोहर गार्डन जो वाटिका मे हैं। यंहा पर राजस्थान के बाहर  दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यपादेश, गुजरात, मुंबई, बंगाल और कर्नाटक से भी लोग रहते हैं। और भारत की मिलीजुली संस्कृति का रूप हैं गुलमोहर गार्डन।  इन दिनों यंहा पर एक अलग प्रकार की ठगी का शिकार हो रहे हैं यंहा पर घर खरीदने वाले लोग। आज की   भागदोड़ जिंदगी मे लोग यंहा पर अच्छी सुख सुविधाओ के साथ बिल्डर की ख्याति के अनुसार घर खरीदते हैं। और फिर ये लोग समय के अभाव मे या जानकारी की कमी से अन्य लोगो के दिशा निर्देश मे घर मे फर्नीचर और इंटीरियर का काम करवाने के लिए  इन ठगो के चक्कर मे आते हैं। जो इन्हे कुछ अच्छे विला या फ्लैटेस् का काम दिखा कर कार्य हाथ मे ले लेते हैं। और पैसा एडवांस लेकर कार्य को प्रारंभ कर देते हैं। फिर धीर धीरे करके पुरा पैसा ले लेते हैं। और कार्य को धीमा करते करते अधूरा छोड़ कर कार्य अपूर्ण अवस्था मे छोड़ कर निकल लेते हैं। 

          इस प्रकार के कार्य की जानकारी अभी सार्वजनिक तौर पर सामने आई तो इस तरह की ठगी के शिकार बहुत से लोग सामने आये हैं। जिन्होंने एक विकास कांवट एंड नीलू कांवट नाम की दम्पति  जिनकी फर्म का नाम हर्षिता क्रिएशन्स हैं के खिलाफ RWA को अपनी कम्प्लेन दर्ज कराई  हैं। इस फर्म के खिलाफ एयरफोर्स से रिटायर श्री शेर सिंह जी ने भी पुलिस कंप्लेन दर्ज कराई थी।  

कार्य का क्वोटेशन पत्र 

          लेकिन लोगो की व्यस्थता का फायदा उठाने में माहिर यह व्यक्ति आदतन लोगों को परेशान कर पैसे लेकर कार्य नहीं करके ठगी कर रहा हैं।  विला नंबर M -111,110,168 & 169  से श्रीमान सौरभ जी एंड प्रियंका जी ,नसीब,विवेक रस्तोगी ने इस प्रकार की शिकायत की हैं।  अब देखने वाली बात यह हैं की RWA इसके स्थायी   समाधान  पर काम करती हैं या लीपापोती करके इसे रफा दफा करती हैं। 

शनिवार, 16 सितंबर 2023

गुलमोहर गार्डन RWA चुनावों के ज्वलंत मुद्दे

गुलमोहर गार्डन में कल RWA के चुनावो के लिए वोटिंग  

RWA Election 2023

      गुलमोहर गार्डन में रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के चुनावो में वोटिंग की घड़ी जैसे जैसे नजदीक आ रही हैं। सभी प्रत्याशी अपनी अपनी टीमों के साथ रणनीति को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं। यह चुनाव समाज में गिरते हुए नैतिक स्तर को दर्शाता हैं।।

       इस चुनाव में पुरानी RWA जिस पर  पूरे दो साल तक रिमोट से चलने के आरोप लगे और गुलमोहर गार्डन के लोगो से संवाद की कमी रही उनको लेकर लोगो में गहरी नाराजगी देखी जा रही हैं। साथ में रिमोट से चलने वाली RWA में कई लोगो पर वित्तीय अनियमताओं के आरोप लगे।

स्विमिंग पूल में अनियमिताओं के आरोप 

financial fraud in swimming pool

       गुलमोहर गार्डन के  मुख्य स्विमिंग पूल में वित्तीय अनियमिताओं का आरोप भी पुरानी  RWA के सरदर्द बना हुआ हैं जिसकी टेंडरिंग में पारदर्शिता की कमी के साथ लोगो ने अपने रिश्तेदारों को ही कार्य आवंटित करके धाँधली की जिनके  पास स्विमिंग पूल का कोई अनुभव नहीं था।। और जो कार्य किया उसमे गुणवत्ता का आभाव रहा और स्विमिंग पूल की गहराई कम हो गई  जिसके चलते उसे पुन रिपेयर किया और बजट बढ़ाया गया।। जिनके  जवाबदेहि लोग जसवंत भारद्धाज जी के प्रचार में लोगो के सवालों से बचते नजर आये।  

      और यह सभी लोग जो पिछली RWA के साथ मिलकर कार्य कर रहे थे वही लोग अब नए चेहरे के रूप में जसवंत भारद्वाज को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाकर चुनाव मैदान में हैं। 

     विपक्ष की और से आरोप लग रहे हैं की इन लोगो ने सोसाइटी का सौहार्द खराब कर दिया हैं।। और परिवारवाद के साथ आपसी द्वेष का माहौल बना दिया हैं।। अच्छी सोसाइटी में अमूमन पुलिस का आवगमन देखा जा सकता हैं।।।

श्रीराम मंदिर निर्माण का मुद्दा 

श्रीराम मंदिर

 ओपन हाउस में एक स्वर से समर्थन के बावजूद मंदिर निर्माण नही करना भी पुरानी RWA की नाकामयाबी के तौर पर देखा जा रहा हैं।।और इन लोगो द्वारा ट्रस्ट बनाकर मंदिर पर कुछ लोगो का अधिकार स्थापित करने की कोशिश के भी आरोप लग चुके हैं लेकिन लोगो की सुझभूज से यह संभव नहीं हो पाया। गुलमोहर गार्डन के मंदिर में सामान उठाने का आरोप में 17 लोगो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई हैं ।ख़ुशी की बात यह हैं की आचार सहिंता के बावजूद लोगों ने सौहार्दपूर्ण माहौल में मंदिर कार्य को सम्पूर्ण कराने में कोई व्यवधान नहीं डाला।  और मंदिर का कार्य अपने अंतिम पड़ाव में हैं।  इसको लेकर लोगो में काफी ख़ुशी देखि जा सकती हैं।  

साफ़ छवि और ऊर्जावान नवयुवक पैनल

Jakhar Panel in RWA election 2023

      अब गुलमोहर गार्डन में लोगो को केवल नवयुवकों के पैनल जिसमे अध्यक्ष पद पर हरवेन्द्र सिंह जाखड़ उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार अनुराग शर्मा और सचिव पद के प्रत्याशी एडवोकेट विनय शर्मा जी के साथ प्रतीक झा और मनोज मालिक से आशा हैं की वो लोग गुलमोहर गार्डन में वापस सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने में कामयाब होंगे।। और सोसाइटी की बेहतरी के लिए मिलकर कार्य करेंगे।

गुलमोहर गार्डन के RWA चुनाव प्रचार बंद। प्रचार प्रसार में कोन आगे कोन पीछे।

 

गुलमोहर गार्डन बना चुनावी दंगल 

Gulmohar garden election 2023

जयपुर गुलमोहर गार्डन सोसाइटी में चुनाव के प्रचार का आज सुबह 9.00 बजे बंद हो गया हैं। आज सुबह भी जाखड़,विनय शर्मा और अनुराग शर्मा,प्रतीक झा जी गुलमोहर गार्डन के मॉर्निंग समूह के सदस्यो के साथ डोर टू डोर प्रचार पूर्ण किया।। इस दौरान युवा टीम ने पूर्व अध्यक्ष श्री मदन जी पारीक से विजय भव का आशीर्वाद प्राप्त किया।। इस दौरान पारीक जी युवा टीम से अपनी अपेक्षा और विश्वास की बात की।। साथ ही सोसाइटी में जो छोटी छोटी बातों में पुलिस को अप्रोच को गलत बताया।। इससे आपसी सोहरदपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश बताया।। और सब को मिल जुल कर रहने की अपील की।। इस दौरान श्री विनय शर्मा जी ने उनके अनुभूव को साथ में रख कर सोसाइटी में कार्यों को गति देने और प्रेमभाव बढ़ाने का भरोसा दिया।। 

गुलमोहर मॉर्निंग ग्रुप का खुला समर्थन 

Gulmohar Morning Group

      इस दौरान मॉर्निंग ग्रुप के सदस्य श्री रामावतार जाट ने पुन दोहराया की उनकी टीम गुलमोहर गार्डन की भलाई के लिए जो भी लोग चुन कर आएंगे उनके साथ मिल कर कार्य करेंगे।। और छोटी छोटी बातों में पुलिस हस्तक्षेप/vip कल्चर/ के खिलाफ खड़े रहेंगे।। क्योंकि इस चुनाव में गुलमोहर गार्डन में मॉर्निंग ग्रुप जिसमे RSS से जुड़े हुए लोगो के साथ खेलो से जुड़े और सेवानिवृत्त लोग प्रतिदिन सुबह गुलमोहर गार्डन में लोगो से मेल मिलाप करके आपसी सेतु का कार्य कर रहा हैं।। जो युवा और सीनियर सिटीजन लोगो का एक अच्छी सामाजिक विचार धारा का समूह हैं।।जिसमे गुलमोहर गार्डन के प्रथम नागरिक श्री अरविंद जी शर्मा, SBI से रिटायर्ड भागीरथ जी ,सुनील जी अग्रवाल ,रमेश जी मीना, गिरीश ,ओमप्रकाश सैनी , रामावतार जाट सहित बहुत से लोग शामिल हैं जो गुलमोहर गार्डन की खुशी के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने की पुरजोर कोशिश करते हैं।।

 चाय पर चर्चा कार्यकर्म फेस 7 & 8 

Chay Pe Charcha

प्रचार प्रसार से प्रतीत हो रहा हैं की लोगो का विश्वास युवा टीम के नेतृत्व में नई RWA के गठन का पूर्ण मानस बन रहा हैं।। क्योंकि कल फेस 7-8 में चाय पे चर्चा के दौरान भी बहुत से नागरिकों ने उनकी बाते सुनने के लिए उनका धन्यवाद किया और अपना पूर्ण समर्थन श्री जाखड़ एंड श्री विनय शर्मा के पैनल को देने का भरोसा जताया।।

परचा निरस्त दावेदारो ने किया कोर्ट का रूख

      गुलमोहर गार्डन में तीसरे ग्रुप जिनमे बहुत से उम्मीदवारों के पर्चे निरस्त हो गए थे। उन्होंने चुनाव स्थगित करने के लिए न्यायलय का रुख किया हैं जंगा से आज निर्णय आने की संभावना हैं।। इसके कारण अध्यक्ष पद के लिए जाखड़ की टक्कर सीधे जसवंत भारद्वाज के बीच में होगी।।

शुक्रवार, 15 सितंबर 2023

गुलमोहर गार्डन सोसायटी के RWA चुनाव बनने जा रहे हैं एक दर्ष्टांत

गुलमोहर गार्डन में चुनाव प्रचार जोरों पर 

Gulmohar RWA election 2023

     जयपुर की आदर्श सोसाइटी में से एक गुलमोहर गार्डन जो अपने नाम के अनुरूप  अपनी सुंदरता और भव्यता के साथ लोगो के लिए स्वर्ग समान माना जाता हैं।। रिसोर्ट्सनुमा इस सोसाइटी में इन दिनों RWA के चुनाव का प्रचार प्रसार जोरो पर चल रहा हैं। और लोग आपसी प्रेम भावनाओ के साथ साथ पुरानी RWA द्वारा किए हुए कार्यों और आने वाले प्रत्याशी अपना विजन डॉक्यूमेंट के साथ साथ डोर टू डोर मतदाताओं से वोट मांगने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

उम्मीदवार जो चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं। 

RWA election 2023  Candidates

चुनाव प्रचार करते हुए प्रत्याशी और समर्थको के साथ


इस चुनाव में अध्यक्ष पद पर हरवेंदर जाखड़ की सीधी टक्कर  जशवंत भारद्वाज के साथ में हैं।। और सचिव पद के लिए एडवोकेट विनय शर्मा जी का मुकाबला ललित नागोरा से हैं।। अध्यक्ष पद पर राकेश पाल जी ने भी अपना पर्चा दाखिल कर मुकाबले को पेचीदा बना दिया हैं।। इन चुनावों में उपाध्यक्ष पद के लिए अनुराग शर्मा के साथ अन्य पदों पर मनोज मालिक ,प्रतीक झा, मंजू सैनी ,हरी सिंह जी यादव और अन्य लोगो ने भी अपनी दावेदारी ठोकी हैं।।।
इस सोसाइटी की अति सुंदर बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं की आचार संहिता लगने के बावजूद काफी लंबे समय से श्रीराम मंदिर का अपूर्ण कार्य पूर्ण हो रहा हैं।  हैं वो भी बिना किसी भी मतभेद के। इस कार्य को पूर्ण करने में बसन्त शर्मा जी अपनी तन्मयता से श्रीराम मंदिर को भव्यता प्रदान करने में जुटे हुए हैं।
गुलमोहर गार्डन में करीब 600- 700 परिवार निवास करते हैं।। यंहा गार्डनिंग ,पार्क,सुख सुविधाओं के साथ इनके रख रखाव की जिम्मेदारी आशियाना मेंटेनेंस के पास होती हैं । जो RWA के दिशा निर्देश में कार्यों को पूर्ण करते हैं।। कई प्रत्याशी और मतदाताओं से बातचीत से पता चला की लंबे समय से बीसलपुर पानी की मांग/ATM मशीनें की कमी के साथ स्कूल बसों का सोसाइटी के अंदर आना जैसी बहुत सी समस्याएं हैं जिनका आने वाली RWA से लोग पूर्ण होने की आशा कर रहे हैं।। आने वाली 17 तारीख को गुलमोहर गार्डन में यह चुनाव एक उत्सव के रूप में मनाया जाता हैं।।

चुनाव कार्यालय का उद्धघाटन करते हुए निवासी 

Jakhar Pannel office inogration

वर्तमान प्रचार प्रसार से तश्वीर साफ होती नज़र आ रही है।  जिसमे अध्यक्ष पद की दौड़ में हरविंदर जाखड़ का अपने पैनल में उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार अनुराग शर्मा और सचिव पद के लिए अधिवक्ता विनय शर्मा,मनोज मलिक  और साफ़ छवि के उम्मीदवार  प्रतिक झा जी आगे नज़र आ रहे हैं। 

युवा टीम के साथ में गुलमोहर गार्डन के सीनियर सिटिज़न के साथ महिला समूह और स्पोर्ट्स ग्रुप भी पुरे जोर सौर से जीताने की कोशिश कर रहा हैं।  वंही पे पिछली RWA  के सदस्य नए चेहरों के साथ चुनाव में उतरे हैं।  जिनकी डगर उनके पुराने किये हुए निर्णयों और पक्षपात निति के चलते मुश्किल में दिखाई दे रही हैं।  वो अपने अनुभव के आधार पर अपने प्रत्याशी के साथ दिन रात एक करके व में वापसी की कोशिश कर रहे हैं।

 

 

 

 

शनिवार, 5 अगस्त 2023

राहुल गांधी को मोदी सरनेम पर राहत

राहुल गांधी को मोदी सरनेम पर राहत

      सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर शुक्रवार को रोक लगा दी.सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गाँधी का सभी मोदी सरनेम वाले लोग चोर होते हैं को इतना बड़ा अपराध नहीं माना और एक चुने हुए सांसद जो की जनता का प्रतिनिधत्व करता हैं उसको सबसे बड़ी सज़ा नहीं देनी चाहिए।  राहुल गांधी को उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पण पर सुप्रीम कोर्ट ने केवल रोक लगाई हैं। और केस को सैशन कोर्ट में लड़ने का आदेश दिया हैं। और राहुल को कहा की उसे किसी को आहात करने वाले शब्दों से परेहज करना चाहिए।  सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय की सभी लोग लोकत्रंत की जीत बता रहे हैं।  कांग्रेस तो इसे किसी बड़े फेस्टिवल के तौर  पर जश्न मना रही हैं।  

       में व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट के इस निर्णय से सहमत नहीं हु। कोर्ट एक तरफ कहा रहा हैं की राहुल गाँधी को किसी व्यक्ति विशेष के विरोद्ध में किसी समाज विशेष की भावनाओ को आहात करने से बचना चाहिए मतलब की ऐसा नहीं कहना चाहिए।  मुझे ऐसा लगा की सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय संविधान में बने कानून की बजाय एक शिक्षक की भूमिका निभाई हैं। और गाँधी परिवार का वारिश होने के नाते किसी को भी आहात करने का अप्रत्यक्ष अधिकार दे दिया हैं। 

      नहीं भूलना चाहिए की राहुल गाँधी और उसका परिवार कितने भ्रस्टाचारी  के केस में जमानत पर चल रहा हैं।  मेरा यह मत हैं की सुप्रीम कोर्ट को ऐसे निर्णय देने से बचना चाहिए अन्यथा अन्य राजनैतिक  लोग भी अलग अलग समाजो को चोर/भ्रस्टाचारी /रेपिस्ट/हत्यारे कहेंगे और उनकी भावनाओ को आहात करने का काम करेंगे।  बोलने की स्वत्रंता का यह कतई  मतलब नहीं हैं की मेरे को जो मन आया वो कह दिया।  भारत जैसे विशाल देश में यदि हम एक दूसरे की भावनाओ को समान नहीं करेंगे तो इसका नुकसान अनेकता में एकता पर पड़ेगा।  और कल राहुल जैसा और कोई सरफिरा / बददिमाग /बेबुद्धि लोग अपनी भाषा की मर्यादा को लांघेंगे।और यह भारतीय समाज की दृष्टि से एक गलत  उधारण होगा।  और देश के लिए शर्म की बात यह हैं की राहुल एंड टीम ने एक अज्ञानी व्यक्ति जो सार्वजानिक जीवन में भाषा का सयंम नहीं रख सकता देश का प्रधानमंत्री बनाना चाहता हैं ने देश का और कोर्ट का कितना समय बर्बाद कर दिया उसको देखने की जरुरत हैं। और बेशर्म कांग्रेस इस अज्ञानी व्यक्ति को दूल्हा बनाकर पेश करने की कोशिश कर रही हैं। 

      हमें नहीं भूलना चाहिए की भाषा आपके संस्कार और व्यक्तित्व का आयना होता हैं।  और जब आप एक सम्मानीय पद पर हो तो आपकी जिम्मेदारिया अधिक हो जाती हैं। यही राहुल गाँधी हैं जिसने कुछ दिन पहले तक देश के बाहर कहा था की भारत में लोकतंत्र जैसी कोई चीज नहीं हैं तब कितने भारतीय लोगो की भावनाये आहात हुई थी और देश के समान को ठेश पहुंची होगी।  इससे साफ़ होता हैं की यदि परिस्थियाँ मेरे पक्ष में हों तो लोकत्रंत जिन्दा हैं और विपरीत हैं हो लोकतंत्र जैसा कुछ भी नहीं। हमें याद रखना होगा की एक प्रधानमंत्री और सांसद रहते हुए गाँधी परिवार ने खरबो रुपयों की सम्पति इकट्ठा कर ली।  कोण सी फैक्ट्री /कलकारख़ाने थे इस परिवार के पास। केवल दलाली/कमिशनखोरी से देश की जनता के टैक्स का पैसा डकार कर खा गए। और मेरे देश को इस परिवार के पूर्व प्रधानमंत्री ने जंहा गरीब को रहत पहुंचाने का कार्य किया वंही इन्होने लूटने के अलावा कुछ नहीं किया। इसलिए जनता की अदालत में पप्पू को पास होना आसान नहीं होगा।   

मंगलवार, 25 जुलाई 2023

राजस्थान राजनीतिक में लाल डायरी का खेल

राजस्थान राजनीतिक में लाल डायरी का खेल

लाल डायरी का खेल

       राजस्थान में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा हैं राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आगई हैं। पिछले दो दिन में विधानसभा में जो कुछ भी घटित हुआ वह निंदनीय हैं। 

      मामला राजेंद्र गुढ़ा के उसे बयान से शुरू हुआ जिसमे सचिन पायलट की तर्ज पर उन्होंने गहलोत सरकार को मणिपुर की बजाय राजस्थान में हो रही बलात्कार की घटनाओ पर केंद्रित करने की नसीहत दे डाली। राजेंद्र गुढ़ा झुंझुनू के उदयपुरवाटी से विधानसभा का चुनाव बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर जीतकर आये थे।  

      अपनी ही सरकार को आइना दिखाने के चक्कर में गहलोत सरकार ताव में आगई और राजेंद्र गुढ़ा को सरकार में सैनिक कल्याण मंत्रालय से बर्खास्त कर सदन से बाहर का रास्ता दिखा दिया।  

        राजेंद्र गुढ़ा अशोक गहलोत के निकटम मंत्रियो में शुमार थे।  सचिन पायलट के गुरुग्राम प्रकरण के दौरान गुढ़ा बहुजन समाज पार्टी से जीतकर आये सभी 6 विधायकों के साथ गहलोत सरकार में शामिल हो गए थे और गहलोत सरकार को बचाने में संजीवनी का काम राजेंद्र गुढ़ा ने किया था।  और इसी की बदौलत अशोक गहलोत ने उसे सैनिक कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी से नवाज़ा था। 

राजेंद्र गुढ़ा वैसे तो 2  बार से विधायक हैं।  और अपनी बेखौफ छवि के लिए जाने जाते हैं।  लेकिन गुढ़ा राजनीतिक में सत्यवादी बनने के चक्कर में भेंट चढ़ गए।
     कल जब विधानसभा की कारवाई शुरू हुई तब गुढ़ा एक लाल डायरी लेकर विधानसभा पहुंचे पहले उनको कांग्रेस के विधायकों ने गेट पर रोकने की पुरजोर कोशिश की लेकिन वो अंदर पहुँच गए।  और एक लाल डायरी लेकर सभापति सी पी जोशी  आसान के पास पहुँच गए और जानना चाहा की उनकी गलती क्या हैं।  इस पर सी पी  जोशी ने पहले उनको केबिन में मिलने को कहा पर जब राजेंद्र गुढ़ा नहीं माने तो उन्होंने गुढ़ा को बाउंसर की सहायता से विधानसभा के बाहर निकाल दिया गया। 

राजेंद्र गुढ़ा के आरोप 

      इस दौरान कांग्रेस के विधायकों ने गुढ़ा के साथ धक्का मुक्की की और गुढ़ा के अनुसार शांति धारीवाल ने उन्हें लात भी मारी और निचे गिरा दिया।  यह घटना गहलोत सरकार के लिए एक और निंदनीय कार्य की लिस्ट में जुड़ गया।  बाहर आकर गुढ़ा रोते हुए मीडिया को बताया की उसकी लाल डायरी को जबदरस्ती छीन लिया गया हैं जिसमे करीब 500 करोड़ के लेनदेन का व्यौरा था। 

गहलोत पर गंभीर आरोप 

     राजस्थान सरकार में गहलोत ने कैसे राज्य सभा के लिए MLA को पैसा देकर वोट कराया और इसी प्रकार से RCA के चुनाव में भी वैभव गहलोत के पक्ष में वोट करने के लिए पैंसे का लेनदेन किया। साथ ही गुढ़ा ने आरोप लगाया की गलत सरकार में बहुत से मंत्रियो के अलग अलग महिलाओ के साथ अवैध संबंध हैं।  

बीजेपी हमलावर

लाल डायरी

        इस घटना के बाद बीजेपी के नेता गहलोत सरकार पर हमलावर हो गए हैं। केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह, सतीश पुनिया , स्मृति ईरानी और राजेंद्र राठौड़ सहित सभी नेताओ ने कांग्रेस पर चौतरफा हमले शुरू कर दिए और लाल डायरी  का रहस्य जनता में उजागर करने की गुहार लगाई और आरोप लगाया की कांग्रेस सरकार जनता में अपना विश्वास खो चुकी हैं।

कांग्रेस के लिए गुढा बना नया सिर दर्द

      राजेंद्र गुढ़ा वो विधायक हैं जो बहुजन समाज पार्टी से पहली बार चुनाव जीता और सेकंड टाइम बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायको के साथ गहलोत खेमे में शामिल हुए और गहलोत सरकार ने उन्हे सैनिक कल्याण मंत्री बनाया। लेकिन राजनीतिक में कोई किसी का दोस्त और दुश्मन नहीं होता। इसलिए गहलोत ने तुरंत प्रभाव से राजेंद्र गुढ़ा को पार्टी से निष्कासित ही नहीं किया बल्कि बाउंसरों से पिटाई भी कराई।। अब राजेंद्र गुढ़ा इसकी पूरी सियासत करेंगे और इसे शेखावाटी की अस्मिता का सवाल बनाएंगे।। और निश्चित इसका फायदा आने वाले विधानसभा चुनाव में फायदा लेंगे।।

राजेंद्र गुढ़ा की आज से ऊंट गाड़ी यात्रा शुरू 

       पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री राजेंदर गुढ़ा ने आज से अपने विधासभा के पचलंगी पंचायत में हनुमान मंदिर झड़या से सुबह से शुरुवात करेंगे और लाल डायरी का राज जनता में लेकर जायेंगे और गांव ,ढाणी में जायेंगे और उसके खिलाफ हुए अत्याचार के बारे में जनता को बताएँगे। उधर कांग्रेस अपनी चिर परिचित अंदाज।में इसे अमित शाह और मोदी की चाल बता कर अपना पला झाड़ना चाहती हैं पर ये इतना आसान नहीं हैं। क्योंकि 27 तारीख को सीकर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बड़ी जन सभा को सम्बोधित करेंगे और निश्चित ही लाल डायरी को लेकर गहलोत सरकार पर तीखे हमले करेंगे 

       अशोक गहलोत बड़ी मुश्किल से सचिन पायलट प्रकरण को साध कर चुनाव में जाने की पूरी तैयारी में थे  लेकिन लाल डायरी का नया जिन गहलोत के गले की फांद बन गया हैं।



रविवार, 9 जुलाई 2023

हर_हर_महादेव/काँवर/कावड़ यात्रा 2023/कावड़ का इतिहास

हर_हर_महादेव

कावड़ यात्रा 2023 और इतिहास

कावड़ यात्रा भारत में एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है जो विशेष रूप से हिंदू धर्म के प्रमुख देवता भगवान शिव के भक्तों द्वारा मनाया जाता है। यह यात्रा मुख्य रूप से श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में होती है, जब शिवरात्रि के दिनों में शिवभक्तों ने जल ले कर अपने घरों से हरिद्वार, गंगोत्री, यमुनोत्री और खड़ग यात्रा में जाने का परंपरागत आयोजन किया है।इस दौरान पूरा माहौलहर_हर_महादेव मय हो जाता हैं।

        कावड़ यात्रा का इतिहास बहुत पुराना है और मान्यताओं के अनुसार इसे त्रेतायुग के समय से ही चलाया जाता रहा है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने अपने समुद्र मंथन के दौरान अमृत प्राप्त किया था जो उन्हें अमरत्व का वरदान देता है। इस अवसर पर, भगवान शिव के भक्त अमृत को लेकर यात्रा करते हैं,और हर_हर_महादेव के साथ बूम बूम भोले के नारे गूंजते हैं  जिसे हम आज कावड़ यात्रा के रूप में जानते हैं।

       कावड़ यात्रा में श्रद्धालुओं को गंगा जल को एक कावड़ में संग्रह करके शिव मंदिरों में चढ़ाना होता है। यह यात्रा विभिन्न रूपों में की जा सकती है, जैसे कि काँवड़ यात्रा (पैदल यात्रा), बाइक यात्रा, ट्रेन यात्रा आदि। कई श्रद्धालुओं को भक्ति और त्याग के प्रतीक के रूप में यह यात्रा महत्वपूर्ण होती है।

       इस यात्रा का मुख्य धार्मिक स्थल हरिद्वार, उत्तराखंड है, जहां से श्रावण मास में कावड़ यात्री अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं। उन्हें गंगाजल को लेकर पैदल या अन्य वाहनों का उपयोग करके हरिद्वार से हर महीने बाबा विश्वनाथ मंदिर, काशी (वाराणसी) तक यात्रा करनी होती है।

        कावड़ यात्रा धार्मिक और सामाजिक महत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसे हज और कुंभ मेले के समान माना जाता है, जो भारतीय धार्मिक परंपराओं में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। कावड़ यात्रा के दौरान भक्तों की भीड़ बड़ी होती है और उन्हें पुण्य का अनुभव होता है जब वे अपनी भक्ति और विश्वास का प्रदर्शन करते हैं।

कावड़ यात्रा के पवित्र स्थल  

कावड़ यात्रा के दौरान कई पवित्र स्थानों का दौरा किया जाता है। ये स्थान मुख्य रूप से श्रावण मास में शिवभक्तों द्वारा चढ़ाई के लिए पसंद किए जाते हैं। ये हैं कुछ प्रमुख पवित्र स्थल:

  1. हरिद्वार, उत्तराखंड: हरिद्वार भारतीय कावड़ यात्रा की प्रमुख आरंभिक स्थल है। यहां पर्वतीय नदी गंगा बहती है और श्रावण मास में कावड़ यात्रियों को गंगाजल लेने का अवसर प्रदान किया जाता है। हरिद्वार में हर की पौड़ी और माया देवी मंदिर भी महत्वपूर्ण हैं।

  2. गंगोत्री, उत्तराखंड: गंगोत्री भगवान गंगा की जन्मस्थल है और कावड़ यात्रा के माध्यम से पहुंचा जाता है। यह स्थान हिमालयी पर्वतों में स्थित है और भगवान शिव की उपासना का महत्वपूर्ण केंद्र है।

  3. यमुनोत्री, उत्तराखंड: यमुनोत्री भगवान यमुना की उत्पत्ति स्थल है। यह भी हिमालयी पर्वतों में स्थित है और कावड़ यात्रियों द्वारा पूज्य गंगाजल को लेने के लिए पहुंचा जाता है।

  4. खड़ग, हरियाणा: खड़ग हरियाणा राज्य में स्थित है और श्री छड़ानी जयपाल महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। कावड़ यात्रा के दौरान यहां भक्तों द्वारा दर्शन किया जाता है।

  5. केदारनाथ, उत्तराखंड: केदारनाथ हिमालयी पर्वतों में स्थित है और यह चार धामों में से एक है। यहां पर्वतीय भगवान शिव का प्रमुख मंदिर स्थित है और यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है।

ये केवल कुछ प्रमुख पवित्र स्थल हैं, जो कावड़ यात्रा के दौरान भक्तों द्वारा दर्शन किए जाते हैं। इसके अलावा भी कई और स्थान हैं जहां यात्रियों को धार्मिक महत्व होता है और वे वहां चढ़ाई करते हैं।

कावड़ यात्रा में महत्वपूर्ण सामग्री  

कावड़ यात्रा में कुछ महत्वपूर्ण सामग्री होती है, जो यात्रियों के लिए आवश्यक होती है। ये सामग्री यात्रा की सुविधा और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। नीचे दी गई सामग्री कावड़ यात्रा के लिए सामान्यतः जरूरी मानी जाती है:

  1. कावड़ (पालनी): कावड़ यात्रा का प्रमुख प्रतीक है। यात्रियों को एक कावड़ (एक डण्डा जिसमें झूला होता है) लेकर चलना होता है, जिसे पालनी या कावड़ कहा जाता है। इसे यात्रियों को अपने कंधे पर रखकर यात्रा किया जाता है।

  2. कंधारी या झोला: यात्रियों को कावड़ लेकर चलते समय अपनी पीठ पर झोला (कंधारी) लेना चाहिए। इसमें वस्त्र, सामग्री और अन्य आवश्यक चीजें रखी जाती हैं।

  3. गंगाजल: कावड़ यात्रा के दौरान यात्रियों को गंगाजल को लेने के लिए एक या अधिक बोतलें ले जानी चाहिए। यह गंगाजल पूजा के लिए और मंदिरों में चढ़ाई के लिए प्रयोग होता है।

  4. पूजा सामग्री: शिव पूजा के लिए कुछ महत्वपूर्ण पूजा सामग्री जैसे रुद्राक्ष माला, बिल्व पत्र, धूप, दीप, कपूर, सुपारी, इलायची, लौंग, चावल, पूजा के लिए बने लम्बे धागे आदि ले जानी चाहिए।

  5. आहार-विहार सामग्री: यात्रा के दौरान आहार और विहार के लिए कुछ आवश्यक चीजें ले जानी चाहिए, जैसे पानी की बोतलें, खाद्य पदार्थ, फल, निम्बू, दूध, घी, आदि।

  6. पहनावा: यात्रा के लिए उचित पहनावा लेना चाहिए, जैसे ऊँची टोपी, जूते, जूनामी वस्त्र, गमछा, कम्बल, रूमाल, आदि।

  7. औषधि सामग्री: यात्रियों को अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए कुछ आवश्यक औषधि सामग्री ले जानी चाहिए, जैसे एंटीसेप्टिक लोशन, एंटी-एलर्जी दवाएं, पैनडोल, बैंडेज, गैस्ट्रो टेबलेट्स, एंटी-उल्टी दवाएं आदि।

कृपया ध्यान दें कि कावड़ यात्रा के दौरान सामग्री को स्थानीय सूचना, यात्रा की आवश्यकताओं और स्थानीय आदतों के आधार पर तउपयोग करना चाहिए। यात्रा से पहले स्थानीय आदेशों और नियमों को ध्यान से पढ़ें और मानें। सुरक्षा के लिए यात्रा के दौरान सबसे महत्वपूर्ण होता है, इसलिए सुरक्षा नियमों का पालन करें और अपनी यात्रा को सुरक्षित रखें।

कावड़ यात्रा में आवश्यक सावधानिया

कावड़ यात्रा में आपको कुछ महत्वपूर्ण सावधानियों का पालन करना चाहिए ताकि आपकी यात्रा सुरक्षित और समृद्ध हो। नीचे दी गई हैं कुछ सावधानियां:

  1. शारीरिक तैयारी: यात्रा से पहले अपने शारीर की तैयारी करें। ध्यान दें कि आप स्वस्थ हैं और यात्रा के लिए पर्याप्त ताकत और स्थामिति रखते हैं। योग्यता और सामरिक दक्षता की जांच करने के लिए एक चिकित्सा जाँच करवाएं।

  2. सुरक्षा के नियमों का पालन: यात्रा के दौरान स्थानीय सुरक्षा नियमों का पूर्णतः पालन करें। यात्रा के लिए निर्धारित मार्ग पर चलें और गाइडेलाइन्स का पालन करें। अपनी सुरक्षा के लिए सावधानीपूर्वक रहें और अज्ञात क्षेत्रों में न जाएं।

  3. यात्रा के समय की योजना: यात्रा के लिए अपनी योजना बनाएं और समय सारणी का पालन करें। पर्यटन स्थलों के उचित समय पर पहुंचें और लौटने का समय ध्यान में रखें।

  4. पूर्ण सावधानी से चलें: यात्रा के दौरान संयमपूर्वक चलें और अपनी प्रतिष्ठा और सामरिकता को सुरक्षित रखें। खुद को भोजन, पानी और आराम के लिए पर्याप्त समय दें।

  5. पर्याप्त आहार-विहार: यात्रा के दौरान पर्याप्त पानी पिएं और स्वस्थ आहार का सेवन करें। गर्मी के मौसम में ताजगी के फल खाएं और शराबी या तंबाकू का सेवन न करें।

  6. बारिश की सावधानी: बारिश के मौसम में सड़कों पर चलते समय सतर्क रहें। सतह पर नल और गीली मिट्टी से बचें ताकि दुर्घटना न हो।

  7. सामग्री की सुरक्षा: अपनी सामग्री की सुरक्षा के लिए सतर्क रहें। मूल्यवान वस्त्र और धनराशि को सुरक्षित जगह पर रखें।

  8. आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें: आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें और यात्रा के दौरान अपने मोबाइल फोन, एमएसएम और आपातकालीन संख्याओं का उपयोग करना जानें।

  9. आपसी सहायता: यात्रा के दौरान अपने सहयात्रियों और स्थानीय लोगों के साथ सहयोगपूर्ण और नम्र बनें। यदि आपको किसी परेशानी का सामना करना पड़े, तो सतत्पर रहें और स्थानीय अधिकारियों की मदद लें।

  10. आदर्श आचार व्यवहार: यात्रा के दौरान स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक महत्व का सम्मान करें। अन्य यात्रियों के साथ सही तरीके से बर्ताव करें और अपने परिवार को भी संबंधित सावधानियों के बारे में जागरूक करें।

यात्रा के दौरान इन सावधानियों का पालन करने से आप अपनी सुरक्षा और सुखद यात्रा की सुनिश्चित कर सकते हैं। ध्यान दें कि ये सावधानियां आपकी स्थिति, स्थान और स्थानीय नियमों पर भी निर्भर कर सकती हैं, इसलिए स्थानीय निर्देशों का पालन करें और समय-समय पर समाचार और सुरक्षा सलाहकार संस्थानों को ध्यान से सुनें। 

कावड़ यात्रा में व्यवहार  

वैसे तो हर_हर_महादेव और बूम बूम भोले के नारों के बिच इस यात्रा के  दौरान उचित व्यवहार का पालन करना आपके और अन्य यात्रियों की सुरक्षा और सुखद यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है। नीचे दी गई हैं कुछ व्यवहारिक संकेत:

  1. स्थानीय संस्कृति का सम्मान करें: कावड़ यात्रा के दौरान स्थानीय संस्कृति, परंपराओं, और आदतों का सम्मान करें। यात्रा के स्थलों पर शांति और सामरिकता का माहौल बनाए रखें।

  2. समय पर चलें: यात्रा के दौरान निर्धारित समय पर पहुंचें और गतिविधियों को नियमित रूप से संपादित करें। दूसरों के साथीयों की सुविधा को ध्यान में रखें और उनके साथीयों के साथ विश्राम और सुखद यात्रा का आनंद लें।

  3. सार्वभौमिकता बनाए रखें: यात्रा के दौरान अन्य यात्रियों के प्रति सार्वभौमिकता और सम्मान बनाए रखें। उनके धर्म, भाषा, और संस्कृति के प्रति समझदारी दिखाएं।

  4. सभ्यता बनाए रखें: अपने आप को सभ्य तरीके से व्यवहार करें और अन्य यात्रियों की सामरिकता को सम्भालें। अनुचित भाषा, अश्लीलता, और विवादापूर्ण व्यवहार से बचें।

  5. स्थानीय नियमों का पालन करें: किसी भी यात्रा के दौरान स्थानीय नियमों, निर्देशों और अनुशासन का पालन करें। यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासनिक और सुरक्षा नियमों का आदान-प्रदान करें।

  6. पर्यावरण की सुरक्षा करें: पर्यावरण की सुरक्षा के लिए यात्रा के दौरान अपने कचरे को सुरक्षित तरीके से निपटाएं और प्रकृति के साथ सद्भाव रखें। प्लास्टिक के उपयोग को कम करें और आपातकालीन स्थितियों के लिए तत्पर रहें।

  7. अपनी संख्या को संयम में रखें: कावड़ यात्रा के दौरान भारी भीड़ का होना सामान्य है। अपनी संख्या को संयमित रखें और दूसरों की राहत को सुनिश्चित करें। ज्यादा भीड़ में अपनी सुरक्षा का ख्याल रखें और धीरे-धीरे चलें।

  8. धार्मिक स्थलों का सम्मान करें: कावड़ यात्रा में आपको धार्मिक स्थलों का सम्मान करना चाहिए। पूजा और अनुष्ठानों के दौरान शांति बनाए रखें और उन्हें पवित्र रखें। अन्य यात्रीयों के प्रति आदरभाव दिखाएं और उनके अवश्यकताओं को समझें।

  9. स्वच्छता का ध्यान रखें: यात्रा के दौरान स्वच्छता का पूर्णतः ध्यान रखें। यात्रा के स्थलों को साफ-सुथरा रखें और अपनी कचरे को सटीक तरीके से निपटाएं।

  10. अपने गुरु या गाइड की सलाह का पालन करें: कावड़ यात्रा में आपके पास एक गुरु या गाइड हो सकता है, जो आपको यात्रा के दौरान सलाह देते हैं। उनकी सलाह का पालन करें और उनकी दिशा में चलें।

यात्रा के दौरान इन व्यवहारिक संकेतों का पालन करने से आप समृद्ध और धार्मिक यात्रा का आनंद ले सकते हैं और साथ ही दूसरों को भी सम्मान और सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। यात्रा के स्थानीय नियमों और संस्कृति को समझें और उनका सम्मान करें, जिससे आप अपने और अन्य यात्रियों के लिए एक सुखद और सामरिक यात्रा का आनंद ले सकें।

251 kg holy water Kawad

हर_हर_महादेव बम बम भोले। ..... हर_हर_महादेव बम बम भोले  

 


बुधवार, 5 जुलाई 2023

गहलोत v/s पायलट/मरता क्या नही करता।

 गहलोत v/s पायलट/मरता क्या नही करता

अब बस भी कर भाई अब चुनाव सर पर हैं

    जैसे जैसे राजस्थान विधानसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं। वैसे वैसे कांग्रेस में बैठको के द्वारा मानने मनाने का दौर शुरू हो गया हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  ने सचिन पायलट की मांगों को मानने के संकेत दिए हैं।

पेपरलीक के दोषियों को उम्रकैद तक का प्रावधान संभव।

      सचिन पायलट की तीन महत्वपूर्ण मांगो में से एक थी पेपरलिक के दोषियों को बख्शा ना जाय और कड़े कानून के दायरे में लेकर सक्त सजा का प्रावधान हो। और इसमें पक्ष विपक्ष किसी को आपत्ति नहीं हैं क्योंकि जो लोग युवावो के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं उनके खिलाफ कठोर कारवाई और शक्त सजा का प्रावधान होना चाहिए। लेकिन पता नही की गहलोत जी को ये स्वीकार करने में इतना वक्त लग गया। या अपने प्रतिद्वंदी की बाती को तब्ज्जो ना देने की मानसिकता का नतीजा था।
       पर मरता क्या नही करता। यह कहावत मुख्यमंत्री पर सटीक बैठती हैं। की मरता क्या नही करता। गहलोत जी में कहा की आने वाले विधानसभा सत्र  जो 14 जुलाई को शुरू होगा में अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान बिल लाया जा सकता हैं और साथ ही राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में और पारदर्शिता लाने के लिए बेहतर प्रक्रिया अपनाने के आदेश मुख्य सचिव को दिए गए हैं।

भ्रष्टाचार पर गहलोत की सफाई।

       पायलट के पिछले कार्यकाल के दौरान वसुंधरा राजे द्वारा कथित भ्रष्टाचार पर करवाई के संदर्भ में गहलोत पहले ही सफाई दे चुके हैं।उन्होंने अपने स्तर पर तहकीकात करवा ली हा जिसमे वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार को कोई भी जांच सही नही पाई गई हैं।

      यह सही हैं की अशोक गहलोत की वर्तमान सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भारत में भ्रष्टाचार के सारे पैमाने तोड़ दिए हैं। पिछले 4 साल में ऐसा कोई  दिन मुश्किल से होगा जिस दिन कर्मचारी और अधिकारी रंगो हाथ ना पकड़े गए हो। लेकिन कास सरकार में योगी आदित्यनाथ जैसे इच्छा शक्ति होती।।
 

रोडवेज और विद्युत विभाग का बेड़ा गर्ग कर दिया गया हैं

मंत्री जी हमें इतिहास बना कर ही मानोगे ?

     इस सरकार के कार्यकाल में सबसे अधिक नुकसान राजस्थान रोडवेज बस जिसका लोहा पूरे भारत की ट्रांसपोटेशन व्यवस्था में गिना जाता था। सारा विभाग हांसिए पर चल रहा हैं। और इस विभाग के मंत्री की आंखे नही खुल रही हैं। घाटे में पहुंच चुकी रोडवेज में सरकार अपने वोटबैंक के लिए फ्री की सुविधाएं या सब्सिडी की टिकट वितरण करा रही हैं।साथ में लूट इस कदर चल रही हैं की बिना टिकट काटे कंडक्टर अपनी और अधिकारी लोगो की जेब भर रहे हैं और दुनिया की सबसे बड़ी आबादी के देश में कम सवारियां होने का कारण देकर बसों के रूट बंद किए जा रहे हैं। और सार्वजनिक बसों की जगह प्राइवेट बसों को बढ़ावा दिया जा रहा हैं।
 

       वर्तमान में राजस्थान रोडवेज 6100 करोड़ के घाटे में चल रही हैं और रोडवेज के बेड़े में नई बसों के शामिल हों के समाचार पिछले 4 साल से पढ़ने को मिल रहे हैं लेकिन परिणाम जीरो हैं।

1500 बसों को कंडम घोषित कर बेड़े से बाहर

     राजस्थान जैसे बड़े भौगोलिक क्षेत्र में एकसाथ 1500 बसों को कंडम कर सभी संभागों से कचरा घोषित करके सरकार ने प्राइवेट बसों वालो की मौज कर दी।

विद्युत विभाग की अब तक सी खस्ता हालत।

       जब से विद्युत विभाग प्राइवेट हाथो में गया हैं तब से एक सुधार शानदार हुआ हैं। विद्युत से संबंधित गड़बड़ी को तुरंत ठीक किया जाता हैं। बिल एकदम सही समय पे आते हैं। बिजली किसानों को 2000 यूनिट और घरों में 100 यूनिट फ्री देकर शानदार काम किया हैं लेकिन जब उपभोगता बिजली बिल का अध्यन करते हैं और सर चार्ज देखते हैं तो अपना सर पकड़ लेते हैं। 1500 से 2000 तक के सरचार्ज ।। किस बात के सरकार को पता नही। पिछले 6 महीने में गहलोत जी पूरे राज्य में कहते फिर रहे हैं जो मांगोगे वो मिलेगा।  इसलिए राज्य में गांव को भी जिला बनाने की घोषणाएं कर दी हैं। जिले धरातल पर कितने बनेंगे ये आने वाला समय बताएगा।

         राजस्थान में बलात्कार के केस भारत में सबसे अधिक हैं। बजरी माफिया। हिंदू कार्यक्रमों पर पत्थरबाजी ये सब गहलोत सरकार की मानसिकता का नतीजा हैं या कांग्रेस की मानसिकता बन चुकी हैं इसका हिसाब तो ए वाल चुनाव एम जनता जनार्दन करेगी। लेकिन इस समय गहलोत की हालत एकदम ऐसी हैं की मरता क्या नही करता। इसलिए फ्री फ्री लूट लूट किराया माफ बिजली माफ रोजगार के भंडार सब खोल रखे हैं पर धरातल पर मिल कितना रहा हैं यह जनता अपने वोट से जवाब देगी।

मंगलवार, 4 जुलाई 2023

मुहावरा-"छछूंदर के सिर में चमेली का तेल मुहावरे" का शब्दारार्थ और बोलचाल के वाक्यों मे प्रयोग

 छछूंदर के सिर में चमेली का तेल मुहावरे का शब्दारार्थ  और बोलचाल के वाक्यों मे प्रयोग

छछूंदर के सिर में चमेली का तेल मुहावरे

मुहावरा: "छछूंदर के सिर में चमेली का तेल"

शब्दार्थ: 

         यह मुहावरा एक उपमा है जिसका शब्दार्थ होता है कि किसी के मन में अप्रायासित खुशी या आनंद होना। इसे बहुत ही सरलतापूर्वक दिखाने के लिए छछूंदर एक चूहे प्रजाति का छोटा जीव होता हैं। जिसके शरीर से दुर्गंध निकलती हैं जिससे उसे अच्छी खुशबू की पहचान नहीं होती हैं।  

        जिसके कारण  जंगल के अन्य जानवर उसके पास नहीं आते। चमेली नामक पुष्प के तेल की योग्यता के बावजूद छछूंदर अच्छी और प्रिय बातों की पहचान नहीं होती। इसलिए, यह मुहावरा एक ऐसे व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो खुशी या आनंद की बातों को समझने में असमर्थ होता है।

     मतलब की अयोग्य व्यक्ति को मूल्यवान वस्तु प्राप्त होना हैं। कहावत “छछूंदर के सर में चमेली का तेल” मैं चमेली का तेल एक उत्कृष्ट वस्तु है और छछूंदर निकृष्ट जीव

उदाहरण वाक्य:
1. वह एक ऐसा व्यक्ति है जिसे छछूंदर के सिर में चमेली का तेल होने की जरूरत है, ताकि वह खुशी की सामग्री को समझ सके।

 2.  अच्छे और बुरे में अंतर के भाव को समझने की आवश्यकता होती हैं। अर्थार्थ अपने आप से बाहर झांक कर देखने की अति आवश्यकता होती हैं।

 3. जब तक उसे अपनी दिमागी समझ में सुधार नहीं होगा, वह हमेशा छछूंदर के सिर में चमेली का तेल बना रहेगा। आवश्यक विद्या या वस्तु पास होने पर भी वो समझने में सक्षम नहीं होता हैं।
  4. उसकी खुशी और आनंद छछूंदर के सिर में चमेली का तेल होने के कारण, वह खुद को अकेला महसूस करता है।

   5 उसे छछूंदर के सिर में चमेली का तेल होने की आदत दूर करनी होगी, ताकि वह अपने दोस्तों के साथ खुशी और आनंद को साझा कर सके।

इसलिए व्यक्ति  को छछूंदर के सिर में चमेली का तेल होने से बचना चाहिए। 


गुरुवार, 29 जून 2023

ईद मुबारक /बच्चों के सामने बकरे की बलि देने से परेहज करे

ईद मुबारक /बच्चों के सामने बकरे की बलि देने से परेहज करे 

ईद मुबारक

 ईद पर बकरे को प्यार से पालना और फिर उसकी बलि देना एक प्राचीन परंपरा है जो मुस्लिम समुदाय में प्रचलित है। यह प्रक्रिया धार्मिक और सामाजिक महत्व की रखवाली के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुकी है। हालांकि, इस प्रक्रिया के साथ जुड़ी कुछ विवादित चिंताएं भी हो सकती हैं।

      यह विषय विवादास्पद है और इसे विभिन्न दृष्टिकोण से देखा जा सकता है। एक दृष्टिकोण से देखें तो, बकरे को प्यार से पालना और उसे बलि देना एक धार्मिक रीति है और यह मानवता के भावनात्मक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, मानव धार्मिकता, उदारता, और अल्लाह के प्रति भक्ति की भावना को व्यक्त करता है। 

       इसके साथ ही बकरे को प्यार से पालना और उसके रक्षण में दिलचस्पी रखना मानवीयता की प्रतीक्षा करता है। यह हमें प्राकृतिक संतुलन और दया के महत्व को समझाता है। बकरे की देखभाल और प्यार से उसकी जरूरतों की पूर्ति करना हमें सामरिक और उद्धारवादी भावनाओं को विकसित करता है।

बकरे को प्यार से पालना एक मानवीय और दयालु पृष्ठभूमि तैयार करता है। जब हम उन्हें देखते हैं, उनके साथ संवाद करते हैं, उनका ख्याल रखते हैं और उन्हें सही खाने की देखभाल करते हैं, तो हम उनके प्रति प्यार और सम्मान का अभिव्यक्ति करते हैं। यह हमें स्वयं को और दूसरों को मानवीय और दयालुता की भावना से संबंधित करता है। इसके अलावा, बकरे को अच्छी देखभाल करना उनकी अच्छी स्वास्थ्य और कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण है।

 

विपरीत दृष्टिकोण से देखें तो, इस प्रक्रिया में बकरे को निर्ममता के साथ मारा जाता है और उसके नन्हे बच्चों के सामने इसकी बलि दी जाती है। इससे क्रूरता की भावना को प्रोत्साहित किया जा सकता है और बच्चों में दया और संवेदनशीलता का आभाव पैदा करता हैं। 

अंततः हर धार्मिक प्रथा को उचित संदर्भ और समय पर अपनाना चाहिए। बलि देने की प्रक्रिया को सही तरीके से निर्वहन करना और धर्मिक आदर्शों का पालन करना आवश्यक है, लेकिन हिंसा के प्रति संवेदनशीलता और भावनाओं का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। यह हमारे अहिंसा, दया, और समरसता के मूल्यों को प्रकट करता है और हमें एक मानवीय समाज की ओर अग्रसर बनाता है।

 


बुधवार, 31 मई 2023

CM अशोक गहलोत का राजस्थान की जनता को 100 यूनिट बिजली की बड़ी सौगात

CM अशोक गहलोत का राजस्थान की जनता को 100 यूनिट बिजली की बड़ी सौगात

100 Units electricity free i n Rajasthan
31 मई 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक ने रात्रि 10.45 बजे घोषणा की 100 यूनिट बिजली सबके लिए फ्री होगी। गहलोत ने कहा की महंगाई राहत शिविरों में फीडबैक के आधार पर निर्णय लिया गया की पहले तरह सभी के लिए 100 यूनिट बिजली फ्री मिलेगी।और 200 यूनिट तक सभी तरह के सरचार्ज में भी छूट मिलेगी। आज ही भारत के प्रधानमंत्री ने अजमेर में कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए आने वाले विधानसभा चुनावों का बिगुल बजा दिया हैं। यह घोषणा करके गहलोत ने राजस्थान में कल के समाचार पत्रों में मोदी को मुख्यपृष्ठ से रोकने में कामयाबी हासिल की हैं। क्योंकि आज मोदी ने राजस्थान के लिए कोई बड़ी घोषणा नही की। जिसको कांग्रेस केवल बीजेपी को  आंतरिक कलह को समाप्त करने के तौर पर ही देख रही हैं। इससे अब स्थती साफ हो गई की । अब विधानसभा चुनाव तक फ्री की रेवड़ियां टैक्स पेयर के पैसे को इसी प्रकार से बहाया जायेगा।

मोदी सरकार के 9 वर्ष के बड़े कार्य

 PM मोदी सरकार के 9 वर्ष में 90  बड़ी उपलब्धियाँ 

BJP Govt complted 9 Year rules in India

     PM मोदी सरकार ने गत  नौ सालों में देश के प्रत्येक मोर्चे पर अपने बेहतरीन कार्य से देश दुनिया में अपना लोहा मनवाने में सफल रही हैं। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी बनने का गौरव हासिल किया हैं। आर्थिक, सांस्कृतिक, नैतिक एवं सामाजिक विकास के साथ  देश की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। 

       सरकार के इन फैसलों एवं योजनाओं का असर धरातल पर दिखा है। शिक्षा , स्वास्थ ,कृषि, किसान, महिला, युवा, बुजुर्ग, कारोबार एवं विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए निचले  स्तर पर कार्य हुए हैं। जो आज जनता के सामने दिखते हैं। फिर चाहे स्वच्छ भारत अभियान हो ,धार्मिक तीर्थ स्थानों को जीर्णोउथान हों , कश्मीर में धारा 370 के साथ विकास के कार्य हों ,देश में आतंकी हमलो पर ब्रेक हों , विश्व में भारत का सम्मान और कद बढ़ा हैं। हम यदि मोदी सरकार के इन 9 वर्ष को विश्व की दृष्टि से देख्ने तो यह समय भारत का स्वर्णिम समय में दर्ज होगा।  

5 ट्रिलियन इकोनॉमी

3 trillian economy in India

भारत के प्रधानमंत्री का लोहा दुनिया ने ऐसे ही नहीं माना हैं। दुनिया को झुकाने के लिए आपको अपनी कथनी और करनी के गैप को समाप्त करना होता हैं। एक लीडर की प्रमुख विशेषताओ में सबसे बड़ी विशेषता होती हैं विज़नरी (दूरदर्शी ) जो भारत के प्रधानमंत्री में हैं। भारतीय PM दूरदर्शी के साथ साथ वादों और इरादों के पक्के हैं। तभी उन्हें कहते हुए सुना  जा सकता हैं की एक नेता को शिलान्यास करते समय ही शपथ लेने चाहिए की उसका उद्धघाटन भी उसके कार्यकाल में ही हो यह वक्तव्य बताता हैं की समयबद्ध किये हुए कार्य ही मान सम्मान और जनता का आशीर्वाद दिलाने में सहायता करते हैं। इसलिए  साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था (Indian economy) और वैश्विक बिजलीघर बनाने की कल्पना की थी। इस कल्पना को  समय से पहले भारत की मोदी सरकार ने दुनिया की 5th सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने में कामयाबी  हासिल कर पूर्ण किया हैं।

हाल ही में भारत ने ब्रिटिश को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की 5th सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने में कामयाबी हासिल की हैं।


विश्व की टॉप 10 आर्थिक (Economy )शक्ति। और विश्व की कुल इकॉनमी ?

2023 में विश्व की कुल इकॉनमी $95.28 Trillion की हैं (लेटेस्ट जीडीपी आंकड़ों के अनुसार )

1.United States of America- - -$23.31 Trillion

2.People's Republic of China---$17.71 Trillion

3.Japan-------------------------$4.97 Trillion  

4.Germany--------------------$4.37Trillion

5.India-------------------------$3.27Trillion
6.United Kingdom-----------$3.11Trillion
7.France....--------------------$3 00 Trillion
8.Italy--------------------------$2 .10 Trillion
9.Canada----------------------$2. 00 Trillion
10 South Korea-$Trillion---$1.8 0  Trillion

12 करोड़ शौचालय गांव व शहरो में

यह सही हैं  की आजादी के बाद सभी सरकारों ने महात्मा गाँधी के स्वच्छ भारत बनाने के सपने पे काम किया लेकिन बापू के इस सपने को साकार करने काम PM नरेंद्र मोदी ने पूरा किया और अपनर हाथ में झाड़ू उठाकर ऐसी चलाई की इस मुहीम में आमजन शामिल हो गया। मोदी को पता था की भारत में महिलाओ की सबसे बड़ी समस्या शौचालय की हैं और इससे  निजाज पाना भारत के लिए स्वच्छता के साथ स्वास्थ में भी महत्वपूर्ण होगा। इसलिए मोदी सरकार ने 12 करोड़  शौचालय बनाकर देश में स्वच्छता का एक अलग माहौल बनाया।  इसके साथ में देश में शहरो में स्वच्छता को लेकर एक अलग पर्तिस्पर्धा बनी और स्वच्छ सर्वेक्षण 2022, स्वच्छ भारत मिशन. के तहद 2022  में इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहरो में टॉप पर रहा हैं।  

48.93 करोड़ नए बैंक खाते खोलकर विश्व रिकॉर्ड कायम किया 

      48.93 करोड़ बैंक खाते जीरो बैलेंस पे खोल कर नरेंद्र मोदी ने वो काम दिखाया जो बैंकिंग के विशेषज्ञ भी कल्पना नहीं कर सकते। इससे नरेगा जैसी योजनाओ में भारतीय लोगो को डायरेक्ट पेमेंट जाने लगा और मोदी ने इसके साथ भ्रष्टाचार पर कुठारघाट किया।  इसके साथ ही लाखो फर्जी अकाउंट बंद होगये। 

        इसके द्वारा RuPay कार्ड पर 2 लाख का बीमा, 48.65 करोड़ लोगों को ये लाभ दे रही हैं सरकार। इससे एक अच्छी बात यह रही की सरकार की सब्सिडी इन खातों में सीधे भेजना शुरू कर दिया। और ये अकाउंट परिवार की मुखिया महिला के नाम से खोलें जिससे महिला शक्तिकरण  को बल मिला। 

      और इन अकाउंट्स में कुल 198,844 करोड़ बैलेंस है। महिलाओ का बैंक से जुड़ने के कारण।  बैंक बेनिफिट्स का लाभ और समझ बढ़ी हैं।  

इसके साथ ही नीचे दिए हुए कार्य जो मोदी सरकार के इन ९ सालो में पूर्ण हुये। 

  • PM आवास योजना के तहद्द 3.45 करोड़ घर
  • उज्जवला योजना में 9.49 करोड़ घरों में एलपीजी गैस कनेक्शन देकर गृहणियों को धुंआ से छूटी दिलाने का काम वर्तमान मोदी सरकार ने किया।
  • आरोग्य योजना में 4.44 करोड़ का लोगो को निशुल्क इलाज मुहया करा कर चिकित्सा केफील्ड में बेहतरीन कार्य मोदी सरकार ने किया हैं।
  • 12 करोड़ किसानों को 6000रूपये  की सीधी राशि सीधे खाते में भेजी जा रही हैं।
  • 11.66 करोड़ परिवारों को पीने का साफ पानी मुहया कराया
  • कोराना में 220.67 करोड़ लोगों को मुफ्त में स्वदेशी वैक्सीन का  डोज दिया गया. यही नहीं मोदी सरकार ने विश्व के बहुत से देशो में यह डोज़ उपलब्ध कराकर देश का नाम रोशन किया हैं।  कोविड में इतने बड़े देश में अनाज उपलब्ध कराना और अपने लोगो के लिए इतना बड़ा सिस्टम बनाना वाकई सहरानीय कार्य हैं। 
  • जीएसटी कलेक्शन 1.87 लाख करोड़  रूपये रहा हैं मई 2023 में जो अपने आप में एक रिकॉर्ड हैं। 
  • नोट बंदी से उग्रवाद , हवाला , नकली नोटों का कारोबार , और तमाम तरह के कार्य जिनसे देश को नुकसान होता हैं पर लगाम लगाने भी कामयाबी पाई।  इसी का नतीजा हैं  की भारत दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल पेमेंट करने वाला देश बन गया हैं।  आज चाय सब्जी की दुकान से लेकर विदेश तक का पेमेंट एक चुटकी में लिया या दिया जा सकता हैं।
  • फॉरेन पॉलिसी के तहद हाल ही मोदी की G-7 देशो की मीटिंग में मेहमान के तोर पर जापान गए उसी दौरान मोदी की ऑस्ट्रिलिया और पापुआ न्यू गिनी की यात्रा की और जिस प्रकार से अमरीकी राष्ट्पति द्वारा मोदी का ऑटोग्राफ लेना। ऑस्ट्रिलिया ले PM द्वारा मोदी को बॉस बोलना और पापुआ न्यू गिनी के राष्ट्पति द्वारा पैर छू कर आशीर्वाद लेना भारत के पासपोर्ट के महत्व को बताने के लिए बहुत कुछ हैं।  मोदी सरकार ने चीन और पाकिस्तान के साथ जंहा सख्ती दिखाई वंही पर दुनिया में अपना कद ऊपर उठाने का कार्य मोदी सरकार ने किया हैं 

    • एक्सपोर्ट इंपोर्ट-WTO (World trade organization) के अनुसार भारत का मई में रिकॉर्ड 770 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ हैं और भारत की आर्थिक वृद्धि  दर भी 7.2 % रही हैं।  
    • भारत की जीडीपी ने भी इस पीरियड में बेहतरीन प्रदर्शन किया हैं 
    • 9 वर्ष पूर्व भारत मोबाइल एंड डिफेंस में केवल इम्पोर्ट करता था जो आज मोबाइल में अपनी जरूरतों को पूरा कर एक्सपोर्ट कर रहा हैं।इसी इसी प्रकार से डिफेन्स में भी भारत एक्सपोर्ट करने वाले देशो में शामिल हो गया हैं।
    • जंहा 9 वर्ष पूर्व भारत में प्रतिदिन १३ किलोमीटर रोड बन रही थी वो आज  33 km रोड पर डे बन रही हैं।  यह गति भारत को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
    • 2014  से पहले भारत में केवल 74 एयरपोर्ट थे जिनकी संख्या बढ़ कर 148 एयरपोर्ट हो चुकी हैं।
    • 2014 से पहले भारत में केवल 2 मेट्रो ट्रैन के प्रोजेक्ट थे जो आज बढ़कर  20 मेट्रो बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
    • अभी तक बंदे भारत की 19 ट्रेन चालू हो चुकी हैं जिनकी संख्या बढ़ाकर 400 तक लेजाने का प्लान हैं।
    • धारा 370 हटाकर कश्मीर को मुख्य धारा में शामिल कर मोदी सरकार ने पाकिस्तान को करारा जबाब दिया हैं। 
    • भारत के आरध्य  भगवन राम का मंदिर का पुराण मुद्दा आज एक भव्य मंदिर के रूप  में अयोध्या में बनकर तैयार होने को है
    • 3 तलाक जैसे मुद्दे का समाधान कर मुस्लिम महिलाओ के जीवन को सँवारने का कार्य मोदी ने किया हैं।
    • कांशी,उजैन और गुजरात में स्टेच्यू ऑफ  यूनिटी ,कश्मीर और चीन बॉर्डर पर टनलो का निर्माण कर मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ टूरिज्म को भी बढ़ावा देने का बेहतरीन कार्य इस सरकार ने किया हैं। इसलिए यह कहा जा सकता हैं  वर्तमान में मोदी सरकार का कार्य जनता को भा रहा हैं।  इसलिए भाजपा पुरे देश में फ़ैल चुकी हैं।

रविवार, 28 मई 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नई संसद में पहला संबोधन/New Parliament Building Inauguration session

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नई संसद में पहला संबोधन

PM Modi Address in New Parliament House

       आज का दिन जेष्ठा शुक्ल पक्ष अष्टमी संवत 2080 अर्थात  28 मई 2023 स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर जी की जयंती के शुभ अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा नई संसद भवन का सनातनी परंपरा के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान के उपरांत लोकार्पण किया गया. जो कि भारतीय इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है।  साथ ही राष्ट्र को 2050 तक विकसित राष्ट्र की तरफ मजबूती के साथ अग्रेषित भी किया इस शुभ अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन में निम्न बातों का जिक्र किया :

      नई संसद भवन जो कि 64500 स्क्वायर फीट में त्रिभुजाकार आकृति में बनकर तैयार हुई है। इसमें पूर्ण रुप से डिजिटली तैयार किया गया हैं. जो हमारे सांसदो की गुणवत्ता, पारदर्शिता और  कार्य दक्षता को बढ़ने का  पूरा ध्यान दिया गया है. सोलर एनर्जी का उपयोग किया जाएगा एक समय था जब भारत के लोग विदेशों में बनी हुई चीजों को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाया करते थे।  लेकिन आज भारत में नई संसद का निर्माण दुनिया की किसी भी लोकतांत्रिक भवन से भव्य व अल्प समय में पूर्ण करके एक मिशाल कायम की हैं।

           इस भवन के निर्माण में अलग-अलग राज्यों के द्वारा सामग्री मंगवाई गई जैसे बलवा पत्थर लाल पत्थर राजस्थान से संसद में लगी कालीन मिर्जापुर यूपी के कारीगरों द्वारा हाथ से बुनी गई है मुंबई से मंगवाया गया तथा सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र से मंगवाई गई है भारत की नई संसद में वास्तुकार भी है तो वास्तुकला का अनूठा संगम है सभी राज्यों की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है लोकसभा की थीम राष्ट्रीय पक्षी मोर पर है।  तो वहीं उच्च सदन राज्यसभा की थीम राष्ट्रीय पुष्प कमल पर तथा संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद का पेड़ भी है.

        नई संसद भवन के निर्माण से 60000 श्रमिकों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा कहा गया कि मुझे संतोष है कि हमने गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए 300000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया तथा 4 करोड लोगों को घर और 11 करोड़ लोगो को शौचालय का निर्माण कर के देना का काम भी हमारी सरकार ने किया।  हमने 30000 ग्राम पंचायतों का भवन निर्माण भी किया है जिससे गांव की दुर्दशा को सुधारा गया प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि सफल होने के लिए सबसे पहले सफलता में विश्वास होना चाहिए।

मोदी ने अपने सम्बोधन जिस कविता की पंक्तियों " नविन प्राण चाहिए " का उच्चारण किया जिससे निश्चित देश में नई ऊर्जा का संचार होगा।


"नवीन पर्व के लिए नवीन प्राण चाहीए।

स्वतन्त्र देश हो गया प्रभुत्वमय दिशा मही,
निशा कराल टल चली स्वतन्त्र माँ विभामयी।
मुक्त मातृभूमि को नवीन मान चाहिए।
नवीन पर्व के लिए ॥

चढ़ रहा निकेत है कि स्वर्ग छू गया सरल,
दिशा-दिशा पुकारती कि साधना करो सफल।
मुक्त गीत हो रहा नवी राग चाहिए,
नवीन पर्व के लिए ॥


युवकों कमर कसो कि कष्ट-कण्टकोंकी राह है,
प्राण-दान का समय उमंग है उछाह है।
पगों में आँधियाँ भरे प्रयाण-गान चाहिए।

इस मौके पर मोदी ने एक डाक टिकट जारी किया साथ में 75 रुपया का सिक्का भी जारी किया। 


Rs.75/- Coin Launched in New parliament Building By Modi


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया संसद भवन का उद्घाटन कर देश को समर्पित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया संसद भवन का उद्घाटन कर देश को समर्पित किया 

नया संसद भवन

      प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सर्वप्रथम महात्मा गांधी की मूर्ति पर पुष्प अर्पण किये और उसके बाद नई संसद भवन का वैदिक मंत्रोच्चार व हवन पूजन के साथ नए भवन में प्रवेश की विधिवत शुरुवात  की। 

मोदी ने विधि विधान से सेंगोल को दंडवत प्रणाम किया और फिर संसद भवन में ॐ बिरला जी के साथ सभापति के आसान के पास स्थापित किया।

सेंगोल
     इस अवसर पर भारत की अखण्ड धर्मनिरपेक्षता का ध्यान रखा गया और सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमे सभी धर्मो के प्रतिनिधियों ने अपनी भाषा में अखंड भारत के इस शुभ अवसर पर नए संसद भवन में भारत के लोकतंत्र के लिए प्रार्थना की और अच्छे भविष्य की कामना की। 


     नए संसद निर्माण में 60000 श्रमयोगी ने अपनी दिन रात मेहनत से ३ वर्ष से काम समय में निर्माण कार्य को पूर्ण किया।  उनके विशेष और महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनमे से टॉप 11 श्रमयोगी को इस अवसर वर मोदी द्वारा साल उढ़ाकर समृति चिन्ह भेंट किया गया।  यह सम्मान सभी 60000 श्रमयोगी को दिया गया हैं।  

श्रमयोगी सम्मान
इसलिए वीर सावरकर की जयंती के दिन आज 28 मई 2023 का दिन भारत के लिहाज से स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है। जब भारत के निति निर्धारको के लिए आजाद भारत में निर्मित  नए संसद भवन जो की पूर्णतय स्वदेशी हैं । आज देश के प्रधानमंत्री मोदी जी नए संसद भवन का उद्घाटन किया। नये  भवन की भव्यता  इतनी  आलिशान है की इसकी सुविधाओं के आगे तो विदेशी पार्लियामेंट भी फेल हैं। संसद भवन को लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं,और इस मंदिर को भव्य बनाने के लिए पूरे 96 साल बाद इसे फिर से एक नया रूप दिया गया  है।

Ols and New Parliamnent Building

     नये संसद भवन सेंट्रल विस्टा डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट बिमल पटेल (Bimal Patel)  हैं। उनके पास दशकों का अनुभव है और वो एक कुशल वास्तुकार हैं। नए संसद भवन का आकार त्रिकोणीय है, और यह मौजूदा संसद भवन के पास ही बना है। नए संसद भवन लगभग 150 वर्ष तक इस्तेमाल किया जा सकेगा।

आर्किटेक्ट बिमल पटेल
     पुराना संसद भवन जो की 35000 स्क्वायर फ़ीट के क्षेत्र में हैं वंही पर नए भवन का क्षेत्र 64500 स्क्वायर फ़ीट में बना हुआ हैं। जो वर्तमान संसद से 17000 स्क्वायर फ़ीट अधिक बड़ा बनाया गया हैं। नए संसद भवन में 4,700 कमरे हैं। इसमें लोकसभा चैम्बर को हरा सजाया गया है, जबकि राज्य सभा चैम्बर में लाल रंग की थीम तैयार की गई हैं।
पुराना संसद भवन की लगत 83  लाख रूपये थी वंही पर नया भवन 970 करोड़ की अनुमानित लागत से तैयार हुआ हैं।

नये  संसद भवन की निर्माण सामग्री 

अशोक स्तम्भ
 
नई संसद के निर्माण में भारत के अलग अलग राज्यों से निर्माण सामग्री व अन्य आवश्यक सामान  मंगवाया गया  :-

-नई संसद के लिए लकड़ी का कार्य सागवान (टिक वुड) की कीमती और मजबूत लकड़ी से किया गया जो की  लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाई गई है.

-सैंडस्टोन यानी बलुआ पत्थर (लाल और सफेद) राजस्थान के सरमथुरा से खरीदा गया है. 

-पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर से लिया गया. कुछ पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से भी मंगवाए गए

- स्टोन जाली वर्क्स राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से लिए गए हैं। -अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाया गया है.

-त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग मंगवाई गई है.

-नई संसद के लिए अशोक चक्र को मध्य प्रदेश के इंदौर से लिया गया है.

-नई संसद भवन के लिए कुछ फर्नीचर मुंबई से भी मंगाए गए थे.
-लाल लाख राजस्थान के जैसलमेर से लिया गया है.
-राजस्थान के अंबाजी से सफेद संगमरमर पत्थर खरीदे गए हैं.

-केसरिया ग्रीन स्टोन राजस्थान के उदयपुर से मंगवाया गया है.
 -एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी, फ्लाई ऐश ब्रिक्स को एनसीआर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से खरीदा गया था.

-ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से लिए गए.

-नई संसद के लिए कार्पेट उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मंगवाए गए.

-एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन और दीव से ली गई.

FAQ :सेंगोल क्या हैं ? इसका इतिहास क्या हैं ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु के अधीनम मठ से सेंगोल स्वीकार किया और इसे लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया गया है.

भारत के दक्षिण में चोल वंश साम्रज्य ने 9 वीं शताब्दी से 13 वीं शताब्दी के बीच एक अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य का निर्माण किया। तमिल साहित्य के इतिहास में चोल शासनकाल को स्वर्ण युग की संज्ञा दी जाती है. चोल राजाओं का राज्याभिषेक करते समय जब सत्ता स्थानंतरण होता था तब सेंगोल जिसे राजदंड भी कहते हैं।  यह एक धातु से बनी हुई छड़ी टाइप दंडिका होती हैं जिसपे स्वर्ण का लेप लगा होता हैं। सेंगोल सत्ता हस्तान्तरित किया जाता के प्रतीक चिन्ह के तौर पे दिया जाता हैं,उससे न्यायपूर्ण शासन की आशा की जाती है।
भारत में आजादी की प्राप्ति के समय तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत गणराज्य के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को इसे सौंप था बाद में इसे इलाहाबाद संग्रहालय में रख दिया गया था। यह सेंगोल चांदी से बना हुआ हैं जिस पर सोने की परत चढ़ी हुई हैं।

सेंगोल







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