NEET विवाद के अंदर की कहानी
कहने को डॉक्टर को भगवन के समकक्ष स्थान मिला हैं हमारे समाज में और मिले भी क्यों नहीं जीवन देने वाला सच में भगवान ही होता हैं।
इस पवित्र पेशे को भी दूषित कर दिया हैं इस लालची इंसान ने । 24 लाख छात्र /छात्राएं और उनके परिवार इस मानव सेवा क्षेत्र को होने जीवन का आधार बनाने का सपना देख रहे थे और इसके लिए 2 से 3 साल से निरंतर अपनी कठिन तैयारी कर रहे थे और चंद लोगो ने इन करोड़ो लोगो के सपनो को चकना चूर कर दिया।
और सारा सिस्टम इन लोगो को बचाने में में लगा हैं। न्यायपालिका और कार्यपालिका सहित सारा सरकारी तंत्र कैसे भी कर इस मामले को रफा दफा करने की कोशिश में लगा हुआ हैं। एक आतंकवादी के लिए भारतीय सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे रात्रि को खुल सकते हैं। राजनितिक से जुडी हुई कोई हस्ती हो तो रोजाना सुनवाई हो सकती हैं। लेकिन एक स्वस्थ समाज का आधार होता हाँ डॉक्टर उनके जीवन के इस कठिन समय में देश के 1.25 करोड़ लोगो की भावनाओ से खेल रहे हैं। 2023 में जिन छात्र/ छात्राओं ने 620 प्लस का स्कोर किया था उनकी रैंक जंहा 14 से 15 हजार के आस पास थी और वो इस स्कोर पर भारत के किसी ना किसी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेकर अपने सपनो के पंख लगा रहे थे। वंही पर 2024 में यह छात्र 56 हजार से अधिक की रैंक पाकर भी दाखिले से वंचित रह जायेंगे। इतनी बड़ी धांधली कुछ एग्जाम सेंटर से संभव नहीं हैं। इसमें यह साफ़ दिखाई दे रहा है की इसमें NTA के अधिकारियो की मिली भगत है. पैसे के लेनदेन से OMR सीट्स में झमेला हुआ हैं। और यह बात री- NEET के रिजल्ट्स से साबित हो चुकी हैं जिसमे किसी एक बच्चे ने भी 720 में से 720 का स्कोर नहीं किया। यह पूरी गफलत 600 प्लस स्कोर करने वाले छात्रों के साथ हुई हैं जिसमे बडी संख्या में सांठ गाँठ से मेहनत और सक्षम छात्रों के साथ धोखा हुआ हैं। निश्चित ही भारतीय न्यापालिका को इस 600 प्लस स्कोर करने वाले 70 से 80 हजार छात्रों की OMR सीट में जो गफलत हुई हैं उसमे झांकना चाहिए। CBI इस केस में अपनी छानबीन करके SC में रिपोर्ट पेश करेगी। लेकिन OMR सीट्स में बदलाव या बाद में आंसर ऐड जैसे कार्य बिना NTA के सहयोग से संभव नहीं हैं। इन्साफ की आशा छोड़ चुके अभिभावक निराश भाव से ८ जुलाई के सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की तरफ टकटकी लगाए देख रहे हैं।
यह सत्य है की भारत देश में भ्र्स्ताचार आम बात हैं। यह कहावत सत्य हैं की भारत में उतने ही लोग ईमानदार हैं जिनको ऊपर की कमाई के मौके नहीं मिलते। जो बच्चे अपना जीवन शुरू करने के लिए इतनी जीतोड़ मेहनत करते हैं और ऐसे माहौल का शिकार हो जाते हैं इनसे देश और जनता के प्रति ईमानदारी की आशा करना बेईमानी होगी। पहले केवल पुलिस रिश्वत के लिए बदनाम होती थी आज प्रतेक सरकारी अधिकारी /नेता सब खुले में जनता का शोषण कर रहे हैं ,और हम दुनिया में भारत के लोकतंत्र का डंका बज रहा है बोल कर खुश हो रहे है।
इस समाज को नहीं भूलना चाहिए की कल ऐसे डॉक्टर निकल कर हॉस्पिटल्स में पहुंचेगे जिनके यंहा से आप अपनों की लाश हाथो से उठाकर निकलोगे।
क्योंकि भ्रष्टाचार से बनी इमारते अक्षर ढह जाती हैं। मेरा लेख हो सकता हैं कड़वा हो लेकिन यह वास्तविकता हैं भारत में मेहनतकस लोगो साथ कभी इन्साफ की आशा नहीं की जानी चाहिए। क्योंकि वर्तमान में अधिकांश राजनैतिक नेता भ्रष्ट, IAS , IPS ,IFS से लेकर पटवारी और ग्राम सेवक तक भ्रष्टाचार फैला हुआ हैं। एक कोर्ट कुछ निर्णय देता हैं दूसरा उसे बदल देता हैं। सब जगह भ्रष्टाचार व्याप्त हैं।
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