सोमवार, 27 मार्च 2023

राजस्थान भाजपा की कमान सीपी जोशी के हाथो में।

 मोदी, शाहा और नडा के एक तीर से कई निशाने

                                 

     राजस्थान बीजेपी के नए अध्यक्ष चंदप्रकाश जोशी ने आज पदग्रहण संभाला। नवरात्रों में आज राजस्थान बीजेपी के नए अध्यक्ष चित्तौड़गढ़ से सांसद सीपी जोशी ने राजस्थान भाजपा के नए अध्यक्ष पद के सम्मान समारोह में सभी नेताओ और कार्यकर्ताओं के बीच पदभार ग्रहण किया।इस अवसर पर राजस्थान भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष सतीश पूनिया,राजेंद्र राठौड़,भाजपा महासचिव महेश जोशी ,अरुण सिंह सहित सभी सीनियर नेताओं ने स्वागत किया और अपन समर्थन सीपी जोशी को दिया।

       सीपी जोशी ने अपने संबोधन में कुछ बाते कही जो जनता को को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। कार्यकर्ताओं को कहा की आप मेरे जयकारे में नारे नही लगाए। में आपके जैसे एक सामान्य कार्यक्रता हूं। मुझे कुछ साथीयों ने कंधे पर उठाने को कहा लेकिन में आप के कंधे पर नही कंधे से कंधा लगाकर काम करेंगे। ये शब्द बताते हैं की भाजपा आलाकमान ने कैसे व्यक्ति को राजस्थान की कमान दी हैं। सीपी जोशी एक सामान्य किसान परिवार से संबंध रखते हैं और राजस्थान में नीचे स्तर से काम करके इस मुकाम तक आएं हैं। सीपी जोशी राजस्थान भाजपा के 14वे अध्यक्ष हैं। चित्तौड़गढ़ से 2014 और 2019 में लोकसभा के लिए मनोनीत हुए हैं। अपने छोटे से जीवन में वो भाजपा यूथ विंग के अध्यक्ष रह चुके हैं।भाजपा युवा मोर्चा के स्टेट प्रेसिडेंट भी रह कर कार्य कर चुके हैं।

       अपने सम्बोधन में  जोशी ने कार्यकर्ताओ का आह्वान किया की आज के बाद आने वाले 6 महीनो तक हमें कंधे से कन्धा मिलाकर कांग्रेस की नींद हराम कर देनी हैं।  हमें होर्डिंग्स लगनी हैं लेकिन उस पर सरकार के किये हुए कार्यों को जनता को दिखाना और बताना हैं।  शिक्षा,स्वास्थ ,सुरक्षा, धारा ३७०, गरीबो के लिए पक्के घर,घर-घर जल, राममंदिर से लेकर कैन्हया लाल हत्याकांड तक की बाते  जनता तक लेकर जानी हैं। 

मेवाड़ और ब्राह्मण समाज को साधने की कोशिश।

ये सही हैं की गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बनाने के बाद मेवाड़ के एक कद्दावर नेता की कमी को पूरा करने का काम निश्चित सीपी जोशी करेंगे। साथ में भाजपा का कोर वोटर ब्राह्मण समाज को चुनावों से पहले ये सौगात देकर एक बड़ा दांव भाजपा में खेला हैं।

युवाओं को नेतृत्व

    नए अध्यक्ष सीपी जोशी भाजपा के यूथ विंग के अध्यक्ष रह चुके हैं वो युवा मोर्चा के स्टेट प्रेसिडेंट पद को सुशोभित कर चुके हैं। निश्चित इससे भाजपा को युवाओं में अपनी पकड़ को मजबूत करने में सहायता मिलेगी। 

       यह कहा जा सकता हैं की मोदी, शाहा और नडा की तिकड़ी ने राजस्थान में अपना वजीर मैदान में उतार दिया हैं। और अब बिसात बिछ चुकी हैं आने वाले विधानसभा चुनावों की और धरातल तैयार होने लगा हैं 2024 के लोकसभा का। अब देखना हैं की कांग्रेस सचिन और गहलोत की खींचतान के बीच कैसे सामना करती हैं। Read More...





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