रविवार, 27 नवंबर 2022

राजस्थान विधानसभा 2023 का सबसे बड़ा मुद्दा/राजस्थान का विभाजन/जाट मुख्यमंत्री

राजस्थान विधानसभा 2023/राजस्थान का विभाजन/जाट मुख्यमंत्री 

राजस्थान में इस वर्ष अंत में होने वाले विधानसभा चुनाओं की सरगर्मी शुरू हो चुकी हैं। इस महीने के शुरुवात में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुष्कर के दौरे से चुनावी बिगुल बजा चुके हैं। कांग्रेस के अंतरकलह के मध्य मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी संभाग में अपने दौरे कर रहे हैं। राजस्थान हमेशा से बीजेपी और कांग्रेस की सरकारों को 5-5 साल का ही समय देता हैं। जो विश्व में राजनैतिक पंडितो के लिए हमेशा से ही जानने का विषय रहा हैं। और यंहा के वोटर्स को दुनिया में सबसे अधिक बुद्धिमान और राजनितिक की अच्छी समझ के तौर पे देखा जाता हैं। 

इस बार गहलोत ने 19 नए जिले बनाकर इस परम्परा को तोड़ने की कोशिश के तौर पे देखा जा रहा हैं।  हालाँकि अभी तक किसी भी जिले का परिसीमन नहीं हो पाया हैं।  और जयपुर के दो जिले बनाने की घोषणा निरस्त कर दी गई हैं।  और बाकि जिलों के बनने पर भी संशय बना हुआ हैं। 

राजस्थान को भौगोलिक िस्थति के अनुसार मरुप्रदेश को अलग राज्य बनाकर बीजेपी मास्टर स्टॉक  हैं।  राजस्थान एक जाट बाहुल्य राज्य हैं और आज तक राजस्थान में कभी भी जाट मुख्यमंत्री नहीं बन पाया हैं।  इस बार यदि बीजेपी सत्ता में आती हैं तो यह मिथ्या टूट सकती हैं।  क्योंकि मोदी हमेशा ही लोगो को सरप्राइज करने वाले निर्णयों के तौर पे जाने जाते हैं। 

इसलिए यह कहा जा सकता है की मरुप्रदेश और जाट मुख्यमंत्री का कार्ड खेल कर भाजपा राजस्थान में गहलोत सरकार की अंतरकलह और भ्रस्टाचार को उखाड़ को फेंक सकती हैं।

राजस्थान का विभाजन भाग -1 भारत की वर्तमान भौगोलिक स्थिति को देंखे तो राजस्थान क्षैत्रफल के हिसाब से 10.41 % के साथ पहला स्थान हैं ।और यंहा पर लगभग 7 करोड़ की आबादी निवास करती हैं वैसे तो विभाजन शब्द ही अपने आप मे विवाद को जन्म देता है । लेकिन बिना परेशानियों के समाधान मिलते भी नही हैं । आपने बहुत से लेख पढे होंगे की सरकारो ने उतराखण्ड/झारखण्ड/छतीसगढ जैसे छोटे छोटे राज्यो का जन्म इस आधार पे किया की इनकी कार्य क्षमता बदेगी व लोगो तक सेवाओ का विस्तार तेजी से होगा।। और इसी आधार पे सरकारे पंचायतो का विस्तार करती है ताकी अधिक से अधिक लोगो तक लाभ पहुंचे व उनका जीवन स्तर मे इजाफा हो। और मुझे बही लगता की इसमे कोई विरोधाभास होगा। हम सब जानते हैं की राजस्थान का एक बड़ा हिसा रेगिस्थान्ं हैं । साथ मे यंहा पे उधयौग धन्दो का भी बड़ा अभाव है । जिसके करना रोजगार की कमी बहुत अधिक है और जल स्तर गहर होने के कारण लोग शहरो की और पलायन करने मे तेजी देखी जा सकतीं है । या अन्य राज्यो व देशो मे लोग पलायन करने के लिये विवश हैं । साथ ही राजनितिक लोग भी अपने क्षेत्र के अलवा बाकी क्षेत्रो की अनदेखी का नतोजा है की आज पिछले 10-15 वर्षो मे जोधपुर जैसे शहरो मे विकास की गति मे तेजी देखी गई वंही पे शेखावाटी /भरतपुर /बीकानेर जैसे area मे लोग विकास का इन्तजार ही कर रहे हैं । इसलिए क्योँ ना राजस्थान को दो भागो मे विभाजित किया जाना चाहिए ताकी यंहा की विकास की गती को बल दिया जा सके।। आप इस ब्लॉग को सकारत्मक सोच के साथ पढ़े व इसके सकारत्मक व नकारत्म दोनो पहलु पे अपनी राय दे।।

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