Crime-श्रद्धा हत्याकांड एक दुर्घटना
राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत ने इस जघन्य ह्त्या को एक दुर्घटना कहा है और कहा हैं की इसके द्वारा एक जाती विशेष मतलब की मुसलमानओ को टारगेट किया जा रहा हैं । अंतरधार्मिक विवाह सदियो से चलते आ रहे हैं ।ये वक्त्वय गहलोत व कांग्रेस की सोच है व उसी सोच का नतिजा है ।। क्या ये घटना गहलोत जी के परिवार के साथ घटती तो भी क्या उनका यही कहना होता असंभव ।
प्रेम करना कोई गुनहा नही होता। लेकिन जब कोई व्यक्ति उसकी बॉडी के 36 टुकडे कर देता हैं । उसकी मरत बॉडी के साथ अन्य लड्की के साथ सहर्ष एन्जॉय करता है । उसके जबडे को हथोड़े से टुकडे करना और 5-6 महिनों तक उस बॉडी के साथ किया अमानवीय व्य्हवार जो आफताब की मानसिक विकास को दर्शाता है ।
ऐसा नही की ऐसी हरकत अन्य धर्म का व्यक्ति नही कर सकता लेकिन अधिकांश केस मे मुस्लिम समाज के युवको द्वारा इस तरह के अपराधों को अंजाम दिया जाता है और इसके पीछे हैं उनकी परवरिश व तुस्टीकरण की राजनीती करने वाले गहलोत जैसे नेता जो इस बदलाव की बजाय इसको सह देते हैं अपने व्यक्तव्य के द्वारा । पर इनकी कोई गलती नही क्योंकि इनको लगता हैं की इससे हमारे वोट बैंक मे मुस्लिम मतदाताओं को विश्वास बना रहेगा।
लेकिन ऐसा है नही क्योंकि मुस्लिम भी इस प्रकार के आपराध को सह नही देंगे। लव जिहाद हैं क्या। प्यारके जाल मे फसा कर या तो धर्म परिवर्तन करना या अपनी हवस को मिटाना । जबकी ऐसे कर्त्य को सभ्य समाज के द्वारा हर हाल मे भ्र्त्स्णा करनी चाहिय। निस्चीत कानुन अपना काम कर रहा है और करता रहेगा। लेकिन समाज के हरेक तपके को व हर धर्म को परिवार को एक अच्छे संस्कारो का करूणा का जीव की पर्ति दया का भाव के बीज बचपन से बोन पड़ेंगे ।
अन्यथा ये सोच किसी भी परिवार,समाज देश व धर्म के लिये सही नही है क्योंकि बुराई का अंत निस्चीत हैं । हमे जागने की आवश्यकता है ताकी कल किसी और श्रद्धा को हमे ऐसी श्रद्धांजलि ना देनी पड़े ।
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