रविवार, 2 जुलाई 2023

पिकलबॉल -भारतीय पिकल बॉल के भीष्म पितामह/अश्वनी वाधवा

  पिकलबॉल खेल पर अश्वनी वाधवा के विचार और प्रेम 

Gold medals in men’s doubles and mix doubles in 50+ at German open cup in Germany.

      अश्वनी वाधवा यह नाम भारतीय पिकलबॉल में एक उस  खिलाड़ी से संबंध रखता हैं जिन्हे लोग पिकलबॉल के भीष्मपितामह के नाम से जानते हैं। वर्तमान में अश्वनी जी राजस्थान पिकलबॉल खेल में एक सीनियर खिलाडी होने के साथ साथ अध्यक्ष के तौर पर अपनी सेवाए दे रहे हैं। हम आज अश्वनी वाधवा से हाल ही में हुई वार्तालाप  के आधार उनके पिकलबॉल खेल के बारे में उनकी जुबानी अनुभव शेयर करने की कोशिश करेंगे।

अश्वनी वाधवा का पिकलबॉल के प्रति रुझान


     आज हम अश्वनी वाधवा  के पिकलबॉल की यात्रा के बारे में और  पिकलबॉल के प्रति रुझान जानने की कोशिश करेंगे।
      अश्वनी वाधवा जी एक समय मधुमेह रोग से ग्रसित होने के कारण डॉक्टर की सलाह पर बैडमिंटन खेलना शुरू किया  ताकि इस रोग को विराम दिया जा सके। इसके लिए अश्वनी वाधवा ने जयपुर क्लब ज्वाइन किया और खेलना शुरू किया परंतु कुछ समय के पश्चात् इन्हे मायोपिया की बीमारी हो गई जिसमे अब इनको बैडमिंटन खेलते वक्त एक समय में दो सटल दिखाई देने लगी। इसके कारण इन्हें बैडमिंटन खेल को अलविदा कहना पड़ा। अब अश्वनी  वाधवा ने अपने को स्वस्थ रखने के लिए मॉर्निंग वॉक की शुरुवात की इसी दौरान इन्होने कुछ खिलाड़ी को अपने नजदीकी स्टेडियम में एक अलग तरह का खेल(पिकलबॉल) खेलते हुए देखते थे। क्योंकि अश्वनी वाधवा में बचपन से ही तंदुरुस्त और एक्टिव रहने की ललक थी। इसलिए उम्र को दरकिनार करके इन्होंने इस खेल को खेलने का निर्णय लिया और सर्वप्रथम 2015 में पिकलबॉल के साथ अपने नए अध्याय की शुरुवात की।अश्वनी वाधवा ने अपनी स्वस्थ रहने की जिद्द ने उन्हे पिकलबॉल में नेशनल हीरो बना दिया । और आज भी अश्वनी वाधवा इस खेल को इतनी ही तन्मयता से खेलते हैं।

  अश्वनी वाधवा में अपने खेल के दम पर बड़ा नाम बनाया है। वह भारतीय पिकलबॉल संघ (Pickleball  India) के प्रमुख सदस्यों में से एक हैं और उनका योगदान इस खेल के प्रचार और प्रसार में महत्वपूर्ण है।

 अश्वनी वाधवा ने प्रथम प्रशिक्षक जयपुर में ही पिकलबॉल की शिक्षा प्राप्त की और उनका खेलने के प्रति उत्साह और समर्पण शुरुवाती कुछ महीनो में ही वो एक अच्छे खिलाडी के रूप में दिखाई देने लगे । वह नियमित रूप से प्रशिक्षण सेशनों और प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे और अपनी क्षमता को सुधारते रहे।
अश्वनी वाधवा का व्यक्तिगत उद्यम और प्रतिभा उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करने का मौका दिया। उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया और अपने प्रदर्शन से लोगों का मोह लिया।
 

अश्वनी वाधवा की  प्रथम प्रतियोगिता और सर्विस एक्शन पर सवाल

    वाधवा ने अपने प्रथम टूर्नामेंट में पानीपत हरियाणा भाग लिया और अपने प्रथम मुकाबले में 8-3 की बढ़त के बाद इनके सर्विस एक्शन पे सवाल खड़ा किया गया और उनके एक्शन को सही नहीं माना गया और इनको वह मैच हार कर निराशा हाथ लगी।  लेकिन हार नहीं मानने की जिद ने उनको और अधिक अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया और अपने सर्विस एक्शन में सुधार किया।

अश्वनी वाधवा के अंतरराष्ट्रीय मैडल

Gold medal in 50+ men’s double at Asian open held in phuket in 2022

    वर्ष 2017 में अश्वनी ने थाईलैंड में मेंस डबल्स में सिल्वर जीत कर अपने अंतरराष्ट्रीय जीवन का शानदार आगाज किया। इसके उपरांत अश्वनी ने 2018 में स्पेन में मेंस डबल में गोल्ड पदक और मैंस सिंगल्स में सिल्वर जीत कर भारत का झंडा विदेशी धरती  पर बुलंद किया। लेकिन अश्वनी के अंदर छुपे खिलाडी की आग यही शांत नहीं हुई और अगले ही वर्ष 2019 में इन्होने जर्मन ओपन कप में भाग लिया मेंस एंड मिक्स्ड डबल्स दोनों में गोल्ड मैडल भारत के नाम किये। इसी साल इन्होने बैनब्रिज कप में भी अपना सर्वश्रेष्ठ देकर भारत का नाम ऊँचा किया। इस बार उन्हें प्रतियोगिता में भारत का सर्वश्रेष्ठ खिलाडी घोषित किया गया। इसके बाद अश्वनी वाधवा ने 2021 में एशिया ओपन में मैंस डबल में गोल्ड मेडल जीत कर 50+ में नंबर 1 रैंक पर काबिज हुए।

   अश्वनी वाधवा की विशेषता

        अश्वनी वाधवा की विशेषता उनकी तकनीकी कुशलता, रणनीतिक ज्ञान और गेम का समझ है। उन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर अपने खेल को मजबूत बनाया है और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण पदक जीते हैं।
अश्वनी वाधवा ने अपने प्रदर्शन से भारतीय पिकलबॉल को एक प्रमुख स्थान दिया है और देश की प्रतिष्ठा में वृद्धि की है। उनकी योगदान और सामरिक उपलब्धियों के कारण वह एक प्रमुख पिकलबॉल खिलाड़ी के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुके हैं।

प्रश्न-1  एक बेहतरीन खिलाड़ी में क्या क्या विशेष होना चाहिए ?

 
उतर -" इस खेल में कुछ  विशेष बातो का समावेश होना चाहिए। निरंतर अभ्यास ,प्रतिभा,आत्मविश्वास,संवेदनशीलता स्किल उप ,धैर्य और माइंड गेम के साथ खेल के प्रति समर्पण से कोई भी खिलाडी थोड़े समय में अपना एक अलग मुकाम हासिल कर सकता हैं।

प्रश्न -2 भारत वर्ष में खिलाड़िओ के लिए सबसे बड़ी संशय होता हैं आजीविका और महंगे खेल का खर्चा इसको आप कैसे देखते हो ?

उतर - "  हाल ही कुछ सालो में हमने देखा हैं की जैसे कर्नाटक सरकार ने पिकलबॉल को मान्यता प्रदान की हैं  और अब वंहा पर खिलाड़िओ को सरकारी नौकरियों में वरीयता दी जाने लगी हैं। खेल को आयोजक भी मिलने लगे हैं।  अच्छे खिलाड़िओ को स्पांरसीप भी  हुई हैं। और अब प्रतियोगिताओ में कैश मनी भी प्राइज के रूप में मिलने लगी हैं।  और एसोसिएशन के लोगो की कोशिश से इस खेल को अन्य राज्यों के साथ भारत सरकार से भी मान्यता दिलाने की कोशिश की जा रही हैं।  हाल ही में भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैंगलोर में बाबा रामदेव और भारत के पिकल बॉल के ब्रांड अम्बेस्डर सुभम अजमेरा के साथ नरेंद्र आस्था को भी नया ब्रांड अम्बेस्डर नियुक्त किया गया हैं और इस खेल को खेल कर अपना व्यक्तिगत समर्थन प्रदान किया हैं।बाबा रामदेव ने इस खेल को अपने गुरुकुल में और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसे भारतीय खेलो में शामिल करने का आश्वान दिया हैं।

प्रश्न -3 पिकलबॉल संघो में आपसी खींचतान को आप कैसे देखते हैं ?


उतर -" यह खेल के लिए दुर्भाग्य हैं। सभी को मिल जूल कर इस खेल को आगे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।  मेरी नज़र में जो भी लोग पिकलबॉल को प्यार करते हैं वो कभी भी बाधक नहीं बन सकते।  राजस्थान पिकलबॉल में पिछले कुछ समय में बेहतरीन कार्य हुए हैं।  जिसमे मूलभूत कोर्टस का निर्माण और ट्रेनिंग्स शामिल हैं। और में सभी से अपील करूँगा की अपने निजिगत मुद्दों से बाहर निकल कर खेल की बेहतरी के लिए सब ही को मिलजुल कर कार्य करना चाहिए। और  खिलाड़िओ को अपने खेल पर पूर्ण ध्यान देना चाहिए। और आप( रामावतार जाट ) और नरेंद्र आस्था (पिकल बॉल के ब्रांड अम्बेस्डर) के साइलेंट योगदान ने राजस्थान पिकल बॉल में नई जान फूंकी हैं और आपसे और अधिक उम्मीद हैं।


प्रश्न -4 आप लम्बे समय से अध्यक्ष पद पर हैं आगे की क्या योजनाएं हैं ?


उतर -" में अपने निजिगत कारणों से अब ज्यादा समय नहीं दे पाता हु। इसलिए अब और लोगो को आगे आना चाहिए ताकि इस खेल को आगे तेजी से बढ़ाया जा सके।  


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