शनिवार, 7 सितंबर 2024

बदलाव ही हैं आपके अस्तित्व का आधार

आपकी होशियारी रखी रह जाएगी यदि आपने नहीं किये बदलाव 

बदलाव ही जिंदगी हैं

       इंसान सब कुछ भूल सकता हैं लेकिन यह तस्वीर में दिए हुए बदलाव को नहीं भूल सकते। जितना दुनिया में करेंसी में बदलाव हुआ हैं उसी गति से इंसान ने भी बदलाव किया हैं।

     कोडक कंपनी याद है? जिस रील में हम अपनी तस्वीर खिंचा करते थे। इस कम्पनी के पास 1997 में लगभग 160,000 कर्मचारी थे। और दुनिया की लगभग 85% फोटोग्राफी कोडक कैमरों से की जाती थी। पिछले कुछ सालों में मोबाइल कैमरों के आगमन के साथ,कोडक कैमरा कंपनी मार्केट से बाहर हो गई है। यहाँ तक कि कोडक पूरी तरह से दिवालिया हो गई और उसके सभी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया।

उसी समय कई और मशहूर कंपनियों भी विराजमान थी और अच्छी गुणवत्ता के साथ उनकी मार्केट प्रसिद्धि भी नंबर एक थी जैसे-

HMT (घड़ी)
BAJAJ (स्कूटर)
DYANORA (TV)
MURPHY (रेडियो)
NOKIA (मोबाइल मोबाइल )
RAJDOOT (बाइक)
AMBASSADOR (कार)
     उपरोक्त कंपनियों में से किसी की भी गुणवत्ता खराब नहीं थी। फिर भी ये कंपनियाँ बाहर क्यों हो गईं? क्योंकि वे समय के साथ खुद को बदल नहीं पाईं।

वर्तमान क्षण में खड़े होकर आप शायद यह भी न सोचें कि अगले 10 सालों में दुनिया कितनी बदल सकती है!  और आज की 70%-90% नौकरियाँ अगले 10 सालों में पूरी तरह से खत्म हो जाएँगी। हम धीरे-धीरे "चौथी औद्योगिक क्रांति" के दौर में प्रवेश कर रहे हैं। और देश जी सरकारे विश्व प्रतिस्पर्धा में जिस गति के साथ बढ़ रही हैं उस दौर में कब कौनसा नया आईडिया पुराने विचार को इतिहास बना दे कोई पता नहीं हैं।  इसलिए आज का समय गति से बदलाव मांगता हैं।  फिर चाहे बदलाव आपके जीवन के व्यवहार में हो , आय के साधनों में हो या फिर आपकी जीवन शैली में हो। जन्म से मृत्यु का यह दौर बदलाव की अनगिनत कहानियाँ बताता हैं। 

आज की मशहूर कंपनियों को देखिए


    UBER सिर्फ़ एक सॉफ्टवेयर का नाम है। नहीं, उनके पास अपनी कोई कार नहीं है। फिर भी आज दुनिया की सबसे बड़ी टैक्सी-फ़ेयर कंपनी UBER है।  
    Airbnb आज दुनिया की सबसे बड़ी होटल कंपनी है। लेकिन मज़ेदार बात यह है कि दुनिया में उनके पास एक भी होटल नहीं है।
     इसी तरह, Paytm, Ola Cab, Oyo rooms आदि जैसी अनगिनत कंपनियों के उदाहरण दिए जा सकते हैं।

     आज अमेरिका में नए वकीलों के लिए कोई काम नहीं है, क्योंकि IBM Watson नामक एक कानूनी सॉफ्टवेयर किसी भी नए वकील से कहीं बेहतर वकालत कर सकता है। इस प्रकार अगले 10 सालों में लगभग 90% अमेरिकियों के पास कोई नौकरी नहीं होगी। शेष 10% बच जाएँगे। ये 10% विशेषज्ञ होंगे।

     नए डॉक्टर भी काम पर जाने के लिए बैठे हैं। Watson सॉफ्टवेयर कैंसर और दूसरी बीमारियों का पता इंसानों से 4 गुना ज़्यादा सटीकता से लगा सकता है।  2030 तक कंप्यूटर इंटेलिजेंस मानव इंटेलिजेंस से आगे निकल जाएगा।
     अगले 20 सालों में आज की 90% कारें सड़कों पर नहीं दिखेंगी। बची हुई कारें या तो बिजली से चलेंगी या हाइब्रिड कारें होंगी। सड़कें धीरे-धीरे खाली हो जाएंगी। गैसोलीन की खपत कम हो जाएगी और तेल उत्पादक अरब देश धीरे-धीरे दिवालिया हो जाएंगे।

     अगर आपको कार चाहिए तो आपको उबर जैसे किसी सॉफ्टवेयर से कार मांगनी होगी। और जैसे ही आप कार मांगेंगे, आपके दरवाजे के सामने एक पूरी तरह से ड्राइवरलेस कार आकर खड़ी हो जाएगी। अगर आप एक ही कार में कई लोगों के साथ यात्रा करते हैं, तो प्रति व्यक्ति कार का किराया बाइक से भी कम होगा।

     बिना ड्राइवर के गाड़ी चलाने से दुर्घटनाओं की संख्या 99% कम हो जाएगी। और इसीलिए कार बीमा बंद हो जाएगा और कार बीमा कंपनियाँ भी बाहर हो जायेंगी।

       पृथ्वी पर ड्राइविंग जैसी चीजें अब नहीं बचेंगी। जब 90% वाहन सड़क से गायब हो जाएँगे, तो ट्रैफ़िक पुलिस और पार्किंग कर्मचारियों की ज़रूरत नहीं होगी।

      जरा सोचिए, 10 साल पहले भी गली-मोहल्लों में STD बूथ हुआ करते थे। देश में मोबाइल क्रांति के आने के बाद ये सारे STD बूथ बंद होने को मजबूर हो गए। जो बच गए वो मोबाइल रिचार्ज की दुकानें बन गए। फिर मोबाइल रिचार्ज में ऑनलाइन क्रांति आई। लोग
घर बैठे ऑनलाइन ही अपने मोबाइल रिचार्ज करने लगे। फिर इन रिचार्ज की दुकानों को बदलना पड़ा। अब ये सिर्फ मोबाइल फोन खरीदने-बेचने और रिपेयर की दुकानें रह गई हैं। लेकिन ये भी बहुत जल्द बदल जाएगा। Amazon, Flipkart से सीधे मोबाइल फोन की बिक्री बढ़ रही है।

    जैसा मैंने शुरू में बताया पैसे की परिभाषा भी बदल रही है। कभी कैश हुआ करता था लेकिन आज के दौर में ये "प्लास्टिक मनी" बन गया है। क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का दौर कुछ दिन पहले की बात है। अब वो भी बदल रहा है और मोबाइल वॉलेट का दौर आ रहा है। पेटीएम का बढ़ता बाजार, मोबाइल मनी की एक क्लिक।

    जो लोग उम्र के साथ नहीं बदल सकते, उम्र उन्हें धरती से हटा देती है। इसलिए जमाने के साथ बदलते रहें मस्त रहे और हर हाल में अपने आपको खुश रखना सीखिए।

शनिवार, 31 अगस्त 2024

NEET Admission- शिक्षा और चिकित्सा में प्रवेश में आरक्षण

 विकसित भारत का सपना नहीं होगा पूरा

NEET and Reservation

यह सर्व विधित हैं की जब नींव ही कमजोर होगी तो वंहा पर बड़ी और सुन्दर ईमारत खड़ी नहीं हो सकती हैं। किसी भी देश दुनिया में विकास का बुनियादी आधार होता हैं वंहा की शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था।  

         यह भारत का दुर्भाग्य ही हैं की यंहा की निति निर्धारकों ने समयनुसार  सविंधान का निर्माण किया और वो भारत की विकास में सहायक भी रहा।  लेकिन जब वर्तमान में हम शिक्षा और चिकित्सा में प्रतिभाओं को आरक्षण की आड़ में दम तोड़ते हुए देखते हैं तो समझ में आता हैं की यह व्यवस्था किसी भी सभ्य और समझदार समाज की नहीं हो सकती हैं।  हम सभी देख रहे हैं की नीट जैसी परीक्षा जिसमे 25  लाख युवाओं ने डॉक्टर बनने के सपने के लिए दिन रात मेहनत की और आरक्षण और वर्गीकरण के कारण जो प्रतिभाएं 25 लाख छात्र और छात्रों में 20 हजार रैंक प्राप्त करने के बावजूद भी प्रवेश से वंचित हैं और दूसरी तरफ 12 लाख की रैंक लाने वाले स्टूडेंट भी मैनेजमेंट सीट /आरक्षित सीट के नाम से डॉक्टर की डिग्री लेकर कल इस समाज में कैसी सेवाएं देंगे इसे हम  भली भांति समझ सकते हैं। क्या आपने सोचा हैं की युवराज सिंह से लेकर ऋषभ पंत तक क्यों विदेश में इलाज करने गए यही हाल अमीर लोगो का हैं क्यों ? क्योंकि उनको पता हैं की यंहा का सिस्टम एक सटीक समाधान देने में लाचार हैं। 720 में 300 अंक लाकर हम कैसा डॉक्टर तैयार करेंगे यह हम सब जानते हैं।

आरक्षण से बढ़ती हुई सामाजिक बीमारियां 

       आज हम भारत में आये दिन चिकित्सा  के फील्ड में महंगी होती चिकित्सा, ओर्गेंस स्मगलिंग , हॉस्पिटल्स में चिकित्सा के नाम पर लूट ,  नकली दवाइयों का कारोबार ,ड्रग्स माफिया , नशीली दवाइयों का कारोबार , मिलावट का बोलबाला यह सब की आशा ही रख सकते हैं क्योंकि हम अपनी नींव में ही कमजोर और लचीली ईंट रख रहे हैं।  यही हाल शिक्षा के फील्ड में हैं।  जो परिवार पैसा खर्च करके डिग्री लेंगे उन बच्चों से देश सेवा की आशा करना बेमानी होगी।  फिर शिवाजी की मूर्ति इंजीनियरिंग के नाम पर गिरेगी तो 15 -15  पूल बिहार में बारिश के नाम पर चढ़ जायेंगे। और भारत में बात बात पर सियासत करना आम बात हैं।  जबकि वास्तविकता यह हैं की ईमानदारी का अभाव हैं। संस्कारो का अकाल हैं। और इन सब का जिम्मेदार खुली आँखों से देखते हुए देश के हुकुमरान और यंहा की लचीली न्यायपालिका हैं के साथ यंहा की जनता हैं । 

        वास्तविकता को स्वीकार करना यंहा की जनता और राजनैतिक पार्टीयो में कोशो दूर  हैं।  इसलिए हम कह सकते हैं की 2047 तक विकसित भारत का सपना देखना गुनाह नहीं हैं लेकिन जब तक हम अपनी मूल शक्ति शिक्षा और चिकित्सा को दुरस्त करने के लिए प्रतिभा को प्रथम लाइन से पीछे की लाइन में धकेलने का काम करेंगे तब तक यंहा की प्रतिभा ऐसे ही दम तोड़ती रहेगी। फिर हम जब अच्छी शिक्षा और चिकित्सा की आशा करते हैं तो आम आदमी अपने आप को ठगा सा महसूस करता हैं।   हाल ही में 140 करोड़ के देश को ओलिंपिक में एक गोल्ड पदक के लिए तरसते हुए हम सब ने देखा हैं क्योंकि हम प्रतिभा का समान समारोह अपनी संस्था और राजनीती को चमकाने के लिए करते हैं।  ना की देश के मान समान के लिए यह छल हम अपने आप से कर रहे हैं।  और 2047 में हम विकसित देश बनेंगे यह सब झूंठा ख्वाब हैं।  बूलेट ट्रैन चलाने से देश विकसित नहीं होगा हमें आज भी जनरल डिब्बे में पशुओ की भांति जिन्दा जिन्दगीयो को देखते हैं।  

अराजकता की और बढ़ते कदम 

       वर्तमान हालत में यह कोई बड़ी बात नहीं की आने वाले समय यदि इन समस्याओ को दुरस्त नहीं किया गया तो देश में लोग इसके खिलाफ सड़को पे निकलेंगे और सरकार और सिस्टम को समझ नहीं आएगा की क्या करे।  इसलिए इस तरह के छात्र और छात्राओं को को निश्चित आर्थिक सहयोग देना चाहिए।  ओलिंपिक गेम्स में लोग आपकी प्रतिभा को देखते है ना की तुम्हारी योग्यता और जातपात को।  इसलिए भारतीय न्यायपालिका को इसमें सह्नज्ञान लेना चाहिए और प्रतिभाओ के साथ इन्साफ हो ऐसा सिस्टम पैदा करने के लिए सरकार  और समाज पर दबाब बनाना चाहिए। बांग्लादेश के हालत हम सब ने देखे हैं जंहा पर लोगो की मांग पूरी होने के बाद भी क्या हालत हुए हैं और देश को एकझटके में 20  साल पीछे धकेल दिया हैं।

 

बुधवार, 10 जुलाई 2024

3rd ग्रेड शिक्षक ट्रांसफर संभव यदि आपके पास प्रभाव या पैसा हैं।

3rd ग्रेड के मजबूर शिक्षकों से प्रधानमंत्री ने किया छल।

3rd grade teacher transfer

      3rd ग्रेड शिक्षक ट्रांसफर संभव यदि आपके पास प्रभाव या पैसा हैं। यह बात में क्यों कह रहा हूँ। इसका सबूत हैं शिक्षा विभाग में स्तानांतरण पर रोक होने के बावजूद ट्रांसफर आदेश  जिसे आप शाला दर्पण पर भी देख सकते हैं।  कारण दिया हैं "शिक्षण व्यवस्थार्थ" अब इन दो स्थान पर शिक्षा की व्यवस्था इतनी ख़राब  हैं की  होनहार और अपने कार्य में राज्य स्तर या राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान रखने वाले ये दोनों शिक्षक जाके व्यवस्थाओ को सम्पूर्ण बदल देंगे। और राजस्थान सरकार की एक बेहतरीन पहल को सब सराएँगे।  इन शिक्षकों  नए स्थान पर ज्वाइन करते  समय वंहा के निवासियों में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी हैं और ख़ुशी में ढोल नगाडे बज रहे हैं। या यह वर्तमान सरकार के भ्रष्ट तंत्र में सेंध मारने में कामयाब हो गए।   यदि ऐसा नहीं हैं तो ये सभी 3rd ग्रेड शिक्षकों के सामने भ्रष्टाचार का मामला हैं जिसमे प्रभाव या पैसे का असर हैं और ईमानदार छवि के शिक्षा मंत्री की ईमानदारी सब के सामने आ चुकी हैं। 

मोदी के आदेश की अवेहलना 

          चुनाव के दौरान भारत के यश्वशी प्रधानमंत्री ने कहा था की ट्रांसफर के लिए नेताओ के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं हैं। नेता पालिसी बनाकर इसे लागु करें।   ऐसा हुआ नहीं क्यों ?

    अब शिक्षा मंत्री बोल हैं की 3rd ग्रेड के शिक्षकों को तो पता ही हैं की वो दूसरे जिलों में नहीं जा सकते।  और अब कल बोल रहा हैं की विधानसभा के बाद कैबिनेट मिनिस्ट्री की मीटिंग में निर्णय लिया जायेगा। यह समझने की बात हैं की इतने कंफ्यूज व्यक्ति को शिक्षा मंत्री क्यों बनाया गया हैं।  मदन दिलावर को तुरंत प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए और किसी योग्य व्यक्ति को यह मंत्रालय दिया जाना चाहिए जो छात्रों और शिक्षकों के हित में कार्य कर सके। 

        यह बात निश्चित हैं जब तक 3rd ग्रेड के शिक्षक संगठित होकर अनिश्चित काल हड़ताल का रास्ता नहीं अपनाएंगे तब तक कोई भी सरकार इनके हकों की बात नहीं मानेगी. मेरी सभी शिक्षक संघो से आग्रह हैं की तुरंत प्रभाव से एकत्रित होकर सरकार को अल्टीमेटम देंवे और हड़ताल के लिए उचित कदम बढ़ाये।



मंगलवार, 2 जुलाई 2024

NEET विवाद के अंदर की कहानी

 NEET विवाद के अंदर की कहानी


कहने को डॉक्टर को भगवन के समकक्ष स्थान मिला हैं हमारे समाज में और मिले भी क्यों नहीं जीवन देने वाला सच में भगवान ही होता हैं। 

     इस पवित्र पेशे को भी दूषित कर दिया हैं इस लालची इंसान ने । 24  लाख छात्र /छात्राएं और उनके परिवार इस मानव सेवा क्षेत्र को होने जीवन का आधार बनाने का सपना देख रहे थे और इसके लिए 2 से 3 साल से निरंतर अपनी कठिन तैयारी कर रहे थे और चंद लोगो ने इन करोड़ो लोगो के सपनो को चकना चूर कर दिया।  

    और सारा सिस्टम इन लोगो को बचाने में में लगा हैं। न्यायपालिका और कार्यपालिका सहित सारा सरकारी तंत्र कैसे भी कर इस मामले को रफा दफा करने की कोशिश में लगा हुआ हैं।  एक आतंकवादी के लिए भारतीय सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे रात्रि को खुल सकते हैं।  राजनितिक से जुडी हुई कोई हस्ती हो तो रोजाना सुनवाई हो सकती हैं।  लेकिन एक स्वस्थ समाज का आधार होता हाँ डॉक्टर उनके जीवन के इस कठिन समय में देश के 1.25  करोड़ लोगो की भावनाओ से खेल रहे हैं। 2023 में जिन छात्र/ छात्राओं ने 620 प्लस का स्कोर किया था उनकी रैंक जंहा 14 से 15 हजार के आस पास थी और वो इस स्कोर पर भारत के किसी ना किसी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेकर अपने सपनो के पंख लगा रहे थे।  वंही पर 2024  में यह छात्र 56 हजार से अधिक की रैंक पाकर भी दाखिले से वंचित रह जायेंगे। इतनी बड़ी धांधली कुछ एग्जाम सेंटर से संभव नहीं हैं।  इसमें यह साफ़ दिखाई दे रहा है की इसमें NTA के अधिकारियो की मिली भगत है. पैसे के लेनदेन से OMR सीट्स में झमेला हुआ हैं।  और यह बात री- NEET के रिजल्ट्स से साबित हो चुकी हैं जिसमे किसी एक बच्चे ने भी 720 में से 720 का स्कोर नहीं किया। यह पूरी  गफलत 600 प्लस स्कोर करने वाले छात्रों के साथ हुई हैं जिसमे बडी संख्या में सांठ गाँठ से मेहनत और सक्षम छात्रों के साथ धोखा हुआ हैं। निश्चित ही भारतीय न्यापालिका को इस 600 प्लस स्कोर करने वाले 70 से 80 हजार छात्रों की OMR सीट में जो गफलत हुई हैं उसमे झांकना चाहिए।  CBI इस केस में अपनी छानबीन करके SC में रिपोर्ट पेश करेगी। लेकिन OMR  सीट्स में बदलाव या बाद में आंसर ऐड जैसे कार्य बिना NTA के सहयोग से संभव नहीं हैं।  इन्साफ की आशा छोड़ चुके अभिभावक निराश भाव से ८ जुलाई के सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की  तरफ टकटकी लगाए देख  रहे हैं।  

यह सत्य है की भारत देश में  भ्र्स्ताचार आम बात हैं।  यह कहावत  सत्य हैं की भारत में उतने ही लोग ईमानदार हैं  जिनको ऊपर की कमाई के मौके नहीं मिलते। जो बच्चे अपना जीवन शुरू करने के लिए इतनी जीतोड़ मेहनत करते हैं और ऐसे माहौल का शिकार हो जाते हैं इनसे देश और जनता के प्रति ईमानदारी की आशा करना बेईमानी होगी। पहले केवल पुलिस रिश्वत के लिए बदनाम होती थी आज प्रतेक सरकारी  अधिकारी /नेता सब खुले में जनता का शोषण कर रहे हैं ,और हम दुनिया में भारत के लोकतंत्र का डंका बज रहा है  बोल कर खुश हो रहे है। 

इस समाज को नहीं भूलना चाहिए की कल ऐसे डॉक्टर निकल कर हॉस्पिटल्स में पहुंचेगे जिनके यंहा से आप अपनों की लाश हाथो से उठाकर निकलोगे।   

       क्योंकि भ्रष्टाचार से बनी इमारते अक्षर ढह जाती हैं।  मेरा लेख हो सकता हैं कड़वा हो लेकिन यह वास्तविकता हैं भारत में मेहनतकस लोगो साथ कभी इन्साफ की आशा नहीं की जानी चाहिए।  क्योंकि वर्तमान में अधिकांश राजनैतिक नेता भ्रष्ट, IAS , IPS ,IFS से लेकर पटवारी और ग्राम सेवक तक भ्रष्टाचार फैला हुआ हैं।  एक कोर्ट कुछ निर्णय देता हैं दूसरा उसे बदल देता हैं। सब जगह भ्रष्टाचार व्याप्त हैं।   

रविवार, 30 जून 2024

भारत बना वर्ल्ड चैंपियन-क्रिकेट अनिश्चिताओं का खेल हैं सच हुआ

 भारत ने रचा इतिहास -राहुल द्रविड़ के साथ रोहित शर्मा और विराट कोहली की भी T 20 क्रिकेट से बाय बाय 

T20 WC champion 2024
        बारबाडोस, वेस्टइंडीज में कल ICC T20  WC में भारत ने दक्षिणी अफ्रीका के मुँह से जीत छीन ली और फिर से क्रिकेट में अपनीह बादशाह कायम करली।
क्रिकेट  का खेल अनिश्चिताओं से  भरपूर होता हैं।  कल के मैच में सूर्यकुमार का अविश्नमणीय कैच ने यह सिद्ध कर दिया की आवश्यकता पड़ने पर हनुमान जी कैच लपकने सूर्यकुमार के रूप में आ सकते हैं।  यह 150  करोड़ लोगों के विश्वास का ही नतीजा था की 16 ओवर तक 176 का स्कोर बोना साबित होता दिख रहा था  टीम के माथे पर पसीना साफ़ दिखाई दे रहा था। क्रिकेट अनिश्चिताओं का खेल हैं। 

       सच हुआ अक्षर पटेल की 6  बाल पर 24 रन बटोर कर हेनरिक क्लासेन ने मैच को दक्षिणी अफ्रीका के द्वार पर ट्रॉफी रख दी थी।  और अंतिम 24 बॉल पर केवल 26 रन की आवश्यकता थी।  तभी हार्दिक पांड्या के हाथो में गेंद देकर जानो इंडियन कप्तान रोहित शर्मा किसी चमत्कार का इंतजार कर रहे थे और पांड्या की पहली फुलटॉस बॉल पर सूर्यकुमार हनुमान जी बन कर विश्व क्रिकेट इतिहास का सबसे बेहतरीन कैच पकड़ कर मानो कह रहा हो की ट्रॉफी इतनी आसानी से नहीं जितने देंगे । और अंतिम पलों में बुमराह और हार्दिक पांड्या के साथ सूर्यकुमार ने इस बेहद रोमांच से भरा मैच भारत की झोली में डाल दिया और 11 वर्ष  बाद ICC T 20 वर्ल्ड चैंपियन का ताज सर सजाया।

        विराट कोहली का बल्ला मानो अमरीका की पिचों पर खेलना भूल गया हो इसी पल के लिए  खामोश था।   बेहतरीन मोके पर 59  पर 76 रन की पारी खेल कर यह सिद्ध दिया की विराट कोहली अपने नाम के स्वरूप ही क्रिकेट से प्यार करते हैं। 

        बारबाडोस वेस्टइंडीज में कल ICC T20  WC में भारत ने दक्षिणी अफ्रीका के मुँह से जीत छीन ली और फिर से क्रिकेट में अपनीह बादशाह कायम करली।
क्रिकेट  का खेल अनिश्चिताओं से  भरपूर होता हैं।  कल के मैच में सूर्यकुमार का अविश्नमणीय कैच ने यह सिद्ध कर दिया की आवश्यकता पड़ने पर हनुमान जी कैच लपकने सूर्यकुमार के रूप में आ सकते हैं।  यह 150  करोड़ लोगों के विश्वास का ही नतीजा था की 16 ओवर तक 176 का स्कोर बोना साबित होता दिख रहा था  टीम के माथे पर पसीना साफ़ दिखाई दे रहा था। क्रिकेट अनिश्चिताओं का खेल हैं यह सच हुआ अक्षर पटेल की 6  बाल पर 24 रन बटोर कर हेनरिक क्लासेन ने मैच को दक्षिणी अफ्रीका के द्वार पर ट्रॉफी रख दी थी।  और अंतिम 24 बॉल पर केवल 26 रन की आवश्यकता थी।  

        तभी हार्दिक पांड्या के हाथो में गेंद देकर जानो इंडियन कप्तान रोहित शर्मा किसी चमत्कार का इंतजार कर रहे थे और पांड्या की पहली फुलटॉस बॉल पर सूर्यकुमार हनुमान जी बन कर विश्व क्रिकेट इतिहास का सबसे का सबसे बेहतरीन कैच पकड़ कर मानो कह रहा हो की ट्रॉफी जितना इतना आसान हैं। और अंतिम पलों में बुमराह और हार्दिक पांड्या के साथ सूर्यकुमार ने इस बेहद रोमांच से भरा मैच भारत की झोली में दाल दिया और 11 वर्ष  बाद ICC T 20 वर्ल्ड चैंपियन का ताज सर सजाया।

         विराट कोहली का बल्ला मानो अमरीका की पिचों पर खेलना भूल गया हो इसी पल  खामोश था।   बेहतरीन मोके पर 59  पर 76 रन की पारी खेल कर यह सिद्ध दिया की विराट कोहली अपने नाम के स्वरूप ही क्रिकेट से प्यार करते हैं। 

         कोच राहुल द्रविड़ की विदाई भी विश्व विजेता कप के साथ हुई और साथ में विराट कोहली और रोहित शर्मा ने भी इस पल T20 फॉर्मेट से संन्यास की घोसणा कर दी। दोनों ही खिलाङी ने आने वाले यंग पीढ़ी के लिए अवसर प्रदान कर अपना सम्मान क्रिकेट की दुनिया में हमेशा के दर्ज करा दिया। दोनों ही खिलाड़ी  बेहतरीन प्रदर्शन के लिए  सदैव याद किया जायेगा. 

         अनुष्का शर्मा का फाइनल मैच में ग्राउंड पर नहीं होना क्या कोहली के लिए लकी साबित हुआ। 

        इस वर्ल्ड कप में अधिकांश खिलाडियों की पत्नियां साथ में थी।  लेकिन फाइनल से पहले सबसे अधिक चर्चा में थी विराट  की पत्नी अनुष्का शर्मा।  जिसको लगातार विराट के प्रदर्शन के अशुभ माना जा रहा था।  और फाइनल में अनुष्का ग्राउंड पर नहीं  आई और विराट का बल्ला शुरुवात से आग उगलना शुरू कर दिया। और 59 बॉल्स में 76  रन बनाकर टीम को 176  के स्कोर तक पहुँचाया।

गुरुवार, 25 अप्रैल 2024

चुंबकयुक्त उत्पादों के प्रयोग मात्र से गहन बीमारीयां छुमंतर


केवल सोने पानी पीने और हाथ की कलाई पर मैग्नेटिक ब्रासलेट पहनने से रोगों से चमत्कारी मुक्ति की सचाई 
Magnetic Products

         चुम्बकीय चिकित्सा हर आयु के नर-नारियों के लिए गुणकारी है। आज के समय में चुम्बकों के माध्यम से इलाज इतना सीधा-सादा है कि यह किसी भी समय, किसी भी स्थान पर और शरीर के किसी भी अंग पर आजमाया जा सकता है। पुरुष हो या स्त्री, जवान हो या बूढ़ा, सभी इससे लाभान्वित हो सकते हैं। 

             क्योंकि आधुनिकता के समय में चुम्बक से बने हुए मेट्रेस ,ब्लड प्रेशर का सही बनाये रखने के लिए रिस्ट बैंड ,नैक बैंड ,वाटर बॉटल कवर ,कार सीट कवर इत्यादि उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं।  इनमें उपस्थित चुम्बक के प्रभाव से  रक्तसंचार सुधरता है कुछ समय तक चुम्बक लगातार शरीर के संपर्क में रहे तो शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है, उसकी सारी क्रियाएँ सुधर जाती हैं और रक्तसंचार बढ़ जाता है। इस कारण सारे शरीर को शक्ति मिलती है, रोग दूर होने में सहायता मिलती है, थकावट और दुर्बलता दूर होती है, जिससे रोगी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करता है और शरीर के प्रत्येक अंग की पीड़ा और सूजन भी दूर हो जाती है। कुछ मामलों में लाभ बड़ी तेजी से यह पद्धति इतनी शक्तिशाली है और इसका प्रभाव इतनी तेजी से पड़ता है कि कई बार एक ही बार में चुम्बकयुक्त उत्पाद काम में लेने से रोग को सदा के लिए समाप्त करने के लिए काफी होता है। कई मामलों में इसके नियमित काम में लेने की आवश्यकता ही नहीं  पड़ती । जैसे कि दाँत की पीड़ा और मोच आदि में। पहले से तैयारी जरूरी नहीं एक ही चुम्बक का अनेक व्यक्ति उपयोग कर सकते हैं।  इसकी लत नहीं पड़ती चुम्बक के उपचार की आदत नहीं पड़ती और उसका उपयोग अचानक बंद कर दिया जाए तो भी कोई मुश्किल खड़ी नहीं होती। 

             चुम्बक शरीर से पीड़ा को खींच लेता है प्रत्येक रोग में कोई न कोई पीड़ा अवश्य होती है। पीड़ा चाहे किसी कारण से हो, चुम्बक में उसे घटाने, बल्कि समाप्त तक करने का गुण है। उसकी सहायता से शरीर की सारी क्रियाएं सामान्य हो जाती हैं। इसी कारण सभी रोगों पर चुम्बकों का प्रभाव पड़ता है, पीड़ा दूर हो जाती है और शरीर की क्रियाओं के विकार ठीक हो जाते हैं।


2014 में किए गए एक अन्य अध्ययन से पता चला कि चुंबकीय क्षेत्र के संपर्क में आने वाले शुक्राणु अधिक टिकाऊ होते हैं। 

FAQs - नियोडिमियम मैग्नेट का मानव जीवन में चिकित्सा में कैसे काम आता हैं ? 

        इस समीक्षा में दुर्लभ पृथ्वी चुम्बकों के इतिहास, परिभाषा और गुणों को संक्षेप में समझाया गया। इसके अतिरिक्त, अब तक किए गए अध्ययनों से मोटे तौर पर जांचे गए परिणामों के आधार पर, हमने निष्कर्ष निकाला कि शरीर प्रणालियों, ऊतकों, अंगों, रोगों और उपचारों पर चुंबक, विशेष रूप से नियोडिमियम चुंबक का प्रभाव पड़ता है।

पुरुष हो या स्त्री, जवान हो या बूढ़ा, सभी इससे लाभान्वित हो सकते हैं। चुम्बकत्व से रक्तसंचार सुधरता है कुछ समय तक चुम्बक लगातार शरीर के संपर्क में रहे तो शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है, उसकी सारी क्रियाएँ सुधर जाती हैं और रक्तसंचार बढ़ जाता है।


नियोडिमियम मैग्नेट हर 100 वर्षों में केवल अपना लगभग 5% चुंबकत्व शक्ति  खो देते हैं 


FAQs -मैग्नेट दर्द को दूर करने के लिए कैसे काम करते हैं?

       एक अन्य सिद्धांत से पता चलता है कि चुंबकीय क्षेत्र त्वचा और चमड़े के नीचे और मांसपेशियों के ऊतकों के माध्यम से रक्त के प्रवाह में वृद्धि को बढ़ावा देता है , जिससे दर्द कम हो जाता है।


FAQs -क्या मैग्नेट दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है?

          अधिकांश समय नहीं. सावधानी से संभालने पर एक मजबूत चुंबकीय क्षेत्र मानव शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है । ब्रिटिश प्री-स्टैंडर्ड संख्या 50166-1 के अनुसार, यदि चुंबकीय क्षेत्र का स्तर 3000 गॉस से नीचे है [1] तो दैनिक सफाई और रखरखाव में मानव शरीर के लिए कोई स्वास्थ्य जोखिम नहीं है।


Important -निओडिमियम चुम्बक बाजार में उपलब्ध चुम्बकों में सबसे शक्तिशाली चुम्बक हैं।

बुधवार, 24 अप्रैल 2024

रोगों का दुश्मन है आक का पौधा, दर्द से तुरंत दिलाता है राहत, पाइल्स समेत कई रोगों में भी रामबाण हैं इसकी जड़े ।

बवासीर/पाइल्स का रामबाण हैं आँकड़ा /आक/मदार

औषधीय गुणों से भरा पौधा है आक

  आयुर्वेदिक में आक के पौधे को मदार भी बोला जाता है बहुत से क्षेत्र में इसे आँकड़ा के नाम से भी पुकारा जाता हैं।

        यह एक ऐसा पौधा है, जो बंजर भूमि पर अपने आप से उग आता है. इस पर सफेद और बैंगनी कलर के फूल आते हैं और यह अनेक औषधीय गुणों से भरा पौधा है.वैसे तो धरती पर सभी पेड़ पौधे गुणों का खजाना होते हैं.ऐसा ही एक है आक के पौधे हल्के फूल के साथ बीज हवा से बंजर भूमि पर अपने एक स्थान से अन्य स्थानों पर हवा के साथ चले जाते हैं और अपने आप उग आता है. 

         यह पौधा औषधि गुणों से भरा होता है. इसका दूध, पत्ती, जड़ प्रत्येक भाग औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसके इस्तेमाल से शरीर की अनेको बीमारियों में फायदा होता है. इसके सेवन से किसी भी प्रकार के दर्द में राहत मिलती है. सिर दर्द, कान दर्द और बवासीर में यह तेजी से राहत पहुंचाता है. 

        अगर इसका प्रयोग नियमित रूप से किया जाए तो यह शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करताहै.और यह एक ऐसा औषधीय गुणों से भरा पौधा है, जिसके फूल, पत्ती, जड़ अलग- अलग बीमारियों में काम आते हैं. यह सिर दर्द और कान दर्द को तेजी से ठीक करने मे है. इसके इस्तेमाल से व्यक्ति अपने आप को स्वस्थ रख सकता है. बस इसका इस्तेमाल करते वक्त डॉक्टर द्वारा बताई गई सावधानियां बरतनी होती हैं.   

         आयुर्वेद में आक जिसमे एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक, एंटी फंगल, एंटी डाइसेंट्रिक, एंटी सिफिलिटिक और एंटी रूमेटिक तत्व पाए जाते हैं. इसके पत्ते का इस्तेमाल तेल के साथ करने से सूजन को कम किया जा सकता है. इसके फूलों के इस्तेमाल से दर्जनों बीमारियों में तुरंत राहत मिलती है और इसकी जड़ का इस्तेमाल बवासीर जैसी गंभीर बीमारी को ठीक करने के लिए किया जाता है. 

        इसके इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी होती है.   

      आक की शाखाओं में दूध निकलता है । वह दूध विष का काम देता है । आक गर्मी के दिनों में रेतिली बंजर भूमि पर होता है । आक के पौधे शुष्क प्रकृति के होते हैं । इस वनस्पति के विषय में साधारण समाज में यह भ्रान्ति फैली हुई है कि आक का पौधा विषैला होता है, यह मनुष्य को मार डालता है । इसमें किंचित सत्य जरूर है क्योंकि आयुर्वेद संहिताओं में भी इसकी गणना उपविषों में की गई है । यदि इसका सेवन अधिक मात्रा में कर लिया जाये तो, उल्दी दस्त होकर मनुष्य की मृत्यु हो सकती है । इसके विपरीत यदि आक का सेवन उचित मात्रा में, योग्य तरीके से, चतुर वैद्य की निगरानी में किया जाये तो अनेक रोगों में इससे बड़ा लाभ होता है ।   

      चिकित्सा में उपयोग चिकत्सक की देख रेख में करें। 

ASK -आक के पौधे के नकारात्मक प्रभाव क्या होते हैं? 

ANS -आक का दूध यदि आंख में चला जाए तो आंख की रोशनी भी जा सकती है । अतः प्रयोग करते समय अपनी आंखों को बचा के रखे । ।  आक का पौधा बहुत ही विषैला होता है. इसको सूंघने मात्र से आप बेहोश हो सकते हैं. इसका सबसे ज़हरीला हिस्सा होता है जड़. हालांकि इसके पत्तों में भी जहर पाया जाताहै.नाज़ुक हिस्सो को बचा के रखे.   इसलिए बिना चिकित्सक की सलाह के इसका सेवन ना करें ।    

Disclaimer- इस खबर में दी गई दवा/ औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. यह ब्लॉग का लेख किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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