मानारोवर की यात्रा अब मात्र 7 दिन में
भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत के दर्शन कोन श्रद्धालु नही करना चाहेगा। भारतीय लोगो के लिए हमेशा से ही मानसरोवर यात्रा चुनौतीपूर्ण रहीं हैं। चीन नेपाल रास्ते से कैलाश दर्शन जटिलताओं और डर से भरा होता हैं।भारत सरकार के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार 2023 में सड़क निर्माण पूर्ण हो जायेगा अभी तक निर्माण कार्य 85%तक पूरा हो चुका हैं।
मानसरोवर का भारतीय मार्ग
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा मानसरोवर यात्रा के लिए 3 रास्ते निर्धारित हैं।लिपुलेख दर्रा जो उत्तराखंड से गुजरता है। द्वितीय मार्ग हैं नाथुला दर्रा जो सिक्किम से निकलता हैं और तीसरा रास्ता हैं जो काठमांडू से होकर जाता है ।और ये तीनो रास्ते ही जोखिम से भरे हुए हैं जिसमे 25 से 30 दिन का वक्त लगता हैं।
नया मार्ग अब मात्र 7 दिन में पूर्ण होगा।
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर 2023 में भारत के श्रद्धालु उतराखंड के पिथौरगढ़ से 25 दिन की यात्रा मात्र 7 दिन में सुगमता से पूर्ण कर पाएंगे।
मानसरोवर के नए रूट की सम्पूर्ण जानकारी
जहां लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर पहुंचने में यात्रियों को बर्फीले मौसम का सामना करते हुए 19500 फीट की ऊंचाई पर करीब 90 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ती हैं। अब इन यात्रियों को उत्तराखंड के पिथौरगढ़ से मनारोवर के लिए पिथौरगढ़ से तवाघाट तक 107.6 किलोमीटर तथा तवाघाट से घटियाबाढ़ तक 19.5 किलोमीटर सिंगल लेने हैं जिसे BRO द्वारा डबल रोड में बदला जा रहा हैं। और तीसरा घटियाबगढ से लिपुलेख दर्रे यानी चीन सीमा तक हैं जो करीब 80 किलोमीटर तक पैदल यात्रा द्वारा ही तय किया जा सकता हैं। Read More...
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