मंगलवार, 28 फ़रवरी 2023

क्रिकेट पे मंडराता हुआ खतरा

सचिन के वनडे को बचाने का सुझाव



आज के समय फुटबॉल के बाद सबसे अधिक लोकप्रिय खेल हैं क्रिकेट। यह खेल  रोमांच व अनिश्चिताओं से भरपूर हैं व साथ ही मनोरंजन से भरपूर होता हैं। इसलिए आप हर शहर हर गांव की गली मोहल्लों में इसे खेलते हुए देख सकते हो। क्रिकेट का सबसे पुराना फॉर्मेट हैं टेस्ट मैच जो दो टीमों के बीच 5 दिन तक खेला जाता हैं। और आज भी टीमों की टेक्निकल कुशलता के साथ शारीरिक दक्षता का इम्तेहान इस फॉर्मेट में देखने को मिलता है। और आज भी क्रिकेट विशेषज्ञ इस फॉर्मेट में सफल खिलाड़ियों को ही क्रिकेट की अच्छी समझ वाले खिलाड़ी मानते हैं। लेकिन जैसे जैसे दुनिया में आधुनिकता की और बढ़ रही हैं तो अब लोगो के पास 5 दिन तक स्टेडियम में या टेलीविजन के सामने बैठ कर देखना मुश्किलों भरा होता हैं। इसलिए एक दिवसीय क्रिकेट मैचों का दौर शुरू हुआ और लोगों ने इसे खूब प्यार दिया और खेल और खिलाड़ी दोनो को खूब सम्मान मिला। और समय के साथ 60 ओवर का एक दिवसीय मैच अब 50 ओवर का खेला जाने लगा। समय के साथ तकनीकी का विकास हुआ।और कैमरे की नजरो से इस खेल ने बुलंदियो को  छुआ। और लोगो का खूब मनोरंजन किया और आज भी कर रहा हैं।

      भारत पाकिस्तान का मैच हो या ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की एशेज सीरीज  का रोमांच प्रशंसकों के सर चढ़ कर बोलता था। और जिस दिन खेल होता ।देशों की आर्थिक गतिविधियां रुक सी जाति थी। दुनियां की सबसे पुरानी क्रिकेट सीरीज में शुमार एशेज सीरीज जो 15- 19 मार्च 1877 में इंग्लैंड खेला गया जिससे टेस्ट मैचों को पहचान मिली। और इसका रोमांच इतना था की 1882 में जब ओवल मैदान पर आसानी से जीतता हुआ मैच इंग्लैंड हार गई जो उसकी धरती पर पहली हार थी। इस हार को इंग्लैंड की मीडिया ने "इंग्लैंड क्रिकेट की मौत" का नाम दिया था। लेकिन समय के साथ बहुत कुछ बदला और ये खेल भी अपना रूप बदलता हुआ। अब 4 घंटे के T20  फॉर्मेट सीमित हो गया हैं। इसमें ग्लैमर और पैसे का प्रवेश हो गया हैं। जिन खिलाड़ियों को लोग भगवान के रूप में देखते थे। उनको आज उनके खेल के आधार पर पशुओं की भांति बोली लगाकर कर खरीदा जाता हैं। बहुत से लोग इसे क्रिकेट के स्कोप,रोजगार,बड़ते हुऐ दायरे के तौर पर देखते हैं। क्या आज से 15 - 20 वर्ष पूर्व कोई बोलता की सचिन आओ आपको हम 10 लाख रुपए देते हैं। क्या सचिन इसके लिए तैयार होते शायद नहीं। क्योंकि क्रिकेट सचिन के लिए एक साधना थी। इस पैसे के कारण अधिक से अधिक खेल होने लगे और IPL जैसी सीरीज अब हर देश में शुरू हो चुकी हैं। जिसमे मात्र कुछ घंटों में  चोको और छको की बारिश होती हैं। और दर्शक अपने घर लोट जाते हैं। अब इतने मैच होने लगे हैं की खिलाड़ी तो खिलाड़ी दर्शकों के भी अच्छे खेल की स्मृतियां धूमिल होने लगीं हैं। अब टेलीविजन से खेल आपके मोबाइल स्क्रीन पर आ चुका हैं। नही देख पाए तो रिकॉर्ड देख सकते हैं। सामग्री आपके पास उपलब्ध हैं। बहुत से महान खिलाड़ी इस बदलाव को क्रिकेट के पतन की और बढ़ते कदम बता चुके हैं और अपनी चिंता भी जता चुके हैं। 

 ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल-

    क्रिकेट के किसी एक प्रारूप पर मजबूत निर्णय लिया जाना चाहिए।क्योंकि सबको पता हैं यदि ऐसा ही चला टेस्ट मैचों के बाद एक दिवसीय मैच और अब T 20 और आने वाले समय में हम देखेंगे की T 10 का दौर चालू हो चुका हैं और उसका भी दौर 10 साल से अधिक नहीं रहेगा। इस तरह तो हम अपने इस अद्भुत खेल को खो देंगे। निश्चित ही ICC को अब इस पर मनन करने की जरूरत हैं। क्योंकि अब ज्यादा समय नहीं हैं की T-10 प्रारूप में अमीरात क्रिकेट बोर्ड नाइंटी बैश बना चुका हैं जो आने वाले समय में हमारे सामने होगा। जिसमे मात्र 2 घंटे में आप चौके और छको की बारिश देखने को मिलेगी। हालांकि अभी तक T 20 प्रारूप को ICC से मान्यता नहीं दी हैं लेकिन UEA के सफल आयोजन के बाद श्रीलंका ने भी आयोजन का फैसला किया हैं।क्योंकि इंग्लैंड के बेहतरीन ऑलराउंडर ब्रेन स्टॉक्स ने एक दिवसीय प्रारूप से सन्यास लेके सबको चौका दिया और कहा की तीनो फॉर्मेट में क्रिकेट खेलना बहुत मुश्किल हैं।इसलिए T 20 के सामने एक दिवसीय मैच फीके होने लगे हैं और T 10 के सामने T 20 फीके होने लगेंगे और अंतत इस खेल से रोमांच,शोहरत सब समाप्त हो जायेगी। या ये खेल अपना रूप बदल देगा।

वसीम अकरम - 

      एक दिवसीय फॉर्मेट 50 ओवर का खेल अब थकाऊ और बोझ की तरह लगता हैं कमेंटर के तोड़ पर भी यह प्रारूप मजेदार नही लगता।ऐसा महसूस होता हैं की हम इसे जबरन खींच रहे हैं।T 20  इसकी तुलना में ज्यादा बेहतर हैं इसलिए वनडे धीरे धीरे खत्म होते जा रहा हैं।

रविचंद्रन अश्विन 

   R अश्विन ने भी कहा की वनडे मैच देखते देखते एक समय बोर हो जाते हैं और टीवी ऑफ कर देते हैं।

उस्मान ख्वाजा

ऑस्ट्रिलाई ओपनर  ने भी वनडे फॉर्मेट को खत्म करने की मांग की थी । उन्होंने कहा की ये फॉर्मेट धीर धीर मर रहा हैं। कई बार मुझे वनडे वर्ल्डकप भी T 20 के सामने कुछ खास नहीं लगता।और मौजूदा समय में आप फॉर्मेट नही खेल सकते आपको कोई एक प्रारूप छोड़ना ही होगा।

इस प्रकार से टेस्ट।मैचों से सन्यास ले चुके साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर क्विंटन डिकॉक भी बोल चुके हैं।

सचिन के वनडे को बचाने का सुझाव

सचिन ने कहा था की इस प्रारूप को बचाया जा सकता हैं यदि 50 ओवर को 25-25 ओवर की दो पारियों में खेला जाए तो यह बहुत ही मजेदार और रोमांच से भरा हो सकता हैं। इसी प्रकार टोनी ग्रेग ने भी 2012 में वनडे फॉर्मेट को 4 पारियों में खेल जाने की वकालत की थी। यह सब चिंताएं T 20 के बड़ते हुई पॉपुल र्टी के कारण हैं क्योंकिइस प्रारूप की फैन फॉलोइंग बहुत अधिक हैं। लेकिन क्रिकेट के भविष्य को लेके इससे आगे देखना और बढ़ना होगा।

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