शनिवार, 11 फ़रवरी 2023

चीन का दुश्मन देशों से व्यापार

          चीन का निर्यात दुश्मन देशों को

हम जानते हैं की अमरीका दुनिया में नंबर वन की आर्थिक महाशक्ति हैं और चीन नंबर टू की आर्थिक शक्ति हैं। चीन अमरीकी संबंध वियतनाम एंड कोरिया युद्ध के समय से हमें जटिलताओं से भरे रहे हैं।और आज भी एशिया प्रशांत क्षेत्र में आधिपत्य की लड़ाई जारी है। अमेरिका हमेशा से चीन को मानवाधिकारों का उलंघन करने का दोषी मानता हैं और कोरोना का वायरस का जनक भी वो चीन को ठहराता है।  ताइवान की स्वायता को लेकर भी लंबे समय से दोनो देशों के बीच आपसी खींचातान देखी जाती है। इन सब के बावजूद अमरीका व चीन के आर्थिक संबंध 21 वी सदी के सबसे अधिक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के तौर पे देखे जा सकते हैं। साल 2014 के बाद अमरीका का व्यापारिक संबंधों का झुकाव चीन से भारत की तरफ बढ़ रहा हैं और दोनो देश ट्रेड के साथ साथ अन्य क्षेत्रों में भी एक दूसरे के सहयोगी के रूप में उभरे है।  जन्हा चीन के दुश्मन देशों में अमरीका टॉप पे हैं व साथ में ताइवान,ऑस्ट्रेलिया,दक्षिणी कोरिया और जापान सहित मलेशिया,वियतनाम, हॉन्ग कॉन्ग सभी देशों के साथ रिश्ते हमेशा कड़वाहट भरे ही रहे हैं और आज भी इनके बीच विवाद का कोई न कोई विषय बना रहता है। एक रूस जो की मित्र देशों में चीन की टॉप लिस्ट में हैं। इन सब के बावजूद चीन का सबसे अधिक निर्यात भी इन्ही देशों के साथ होता है। यह सब चीन की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूत जड़ों का नतीजा हैं की वो अपनी आर्थिक गति को बनाए रखा हैं। आज हम आपको बताते हैं की चीन दुनिया में अपने दुश्मन देशों से कितना निर्यात करता हैं ।

चीन - अमरीका व्यापार -

      चीन की जापान के बाद अमरीका से सबसे बड़ी लेनदारी हैं। इसके बावजूद साल 2022 में चीन ने अमरीका को 759.4 अरब डॉलर का निर्यात किया हैं जो चीन के द्वारा किया हुआ किसी भी देश के साथ सबसे अधिक एक्सपोर्ट हैं और अमरीका चीन के साथ दुश्मन नंबर एक साथ व्यापारिक रिश्ते भी नंबर वन पर कायम हैं।

दक्षिणी कोरिया चीन व्यापार -

       चीन का 2nd सबसे बड़ा एक्सपोर्ट दक्षिणी कोरिया को करता है। ये निर्यात बढ़कर 362.3 अरब डॉलर का हो चुका हैं। इसमें कोरिया चीन से बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रिकल वी इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद आयत करता हैं साथ ही मशीनरी,न्यूक्लियर रिएक्टर,बॉयलर,आयरन,स्टील, केमिकल इंजीनियरिंग,फर्नीचर सहित बहुत सी जरूरतों की पूर्ति चीन से करता हैं।

जापान चीन व्यापार -

        चीन 357.4 अरब डॉलर के साथ 3रा बढ़ा एक्सपोर्ट करने वाला देश जापान हैं जो चीन से टेलीफोन,मोबाइल,कंप्यूटर , इंटीग्रेटेड सर्किट्स वी मोटर विहकल्स के साथ वीडियो और कार्ड्स गेम्स खरीदता है।  जबकि दोनो देशों में डीयाओयू  द्वीप सहित आठ निर्जन द्वीप हैं जिनका कुल क्षेत्रफल  7 वर्ग किलोमीटर हैं। इन्ही से संबंधित क्षेत्र को चीन अपनी सीमा मानता हैं और चीन इसके आस पास के द्वीपों पर जगहों के बेड़े रखता हैं।

ताइवान चीन व्यापार -

         वर्तमान समय में ताइवान वी चीन में तनाव बना हुआ है। इन सब के बावजूद ताइवान 319.7 अरब डॉलर का आयत चीन से करता हैं। और चीन का 4th सबसे बड़ा आयात करने वाला देश है। जबकि दोनो देशों में 73 साल से आपसी खींचातान  बनी हुई हैं। मात्र 100 मिल की दूरी पर स्थित दोनो देश हमेशा एक दूसरे को आंख दिखाते रहते हैं जहां चीन ताइवान को अपना एक हिस्सा मानता हैं और ताइवान एक संप्रभु देश मानता है।

हॉन्गकॉन्ग व चीन व्यापार -

         साल 2022 में चीन ने हॉन्गकॉन्ग  को 305.4अरब डॉलर के उत्पाद एंड सेवाए निर्यात की हैं यह देश दुनिया में एक उच्च विकसित पूंजीवादी देश हैं।इसकी आबादी दुनिया के सबसे अधिक धनी लोगो में से एक है। इस देश के लोग भी अपने आप को चाइनीज कहलाना पसंद नही करते इसलिए आए दिन आजादी के नारे बुलंद हो रहे होते हैं और प्रदर्शनकारी लोगो ने चीन समर्थित प्रशासन के साथ टकराव होता रहता है। 

वियतनाम चीन व्यापार -

    साल 1979 के चीन वियतनाम युद्ध सारी दुनिया को याद है जब चीन की 6 लाख सैनिकों को सेना वियतनाम के 70 हजार वीर सैनिकों से एक महीने में हार का मुख देखना पड़ा था और दुनिया में अपनी किरकरी कराई थी। और वियतनाम ने दुनिया को बताया था की युद्ध बड़ी सेना से ही नही जीते जाते जिसका आज ताजा उदाहरण रूस और यूक्रेन का युद्ध भी हैं जो पिछले 1साल से अधिक समय से जारी हैं।चीन वियतनाम को 234 अरब डॉलर का निर्यात करता हैं जो की चीन के द्वारा निर्यातक देशों में 6वा स्थान पे आता हैं।

ऑस्ट्रेलिया चीन व्यापार -

       चीन ऑस्ट्रेलिया को साल 2022 में 220.9 अरब डॉलर का निर्यात किया हैं।जबकि दोनो देशों में कोविड -19 से ही आपसी मतभेद जारी हैं। जन्हा ऑस्ट्रेलिया भी चाइना को कोरॉना के लिए दोषी मानता है और चीन के खिलाओ जांच की मांग की थी  और हिंद प्रशांत महासागर में चीन की आक्रमकता से भी ऑस्ट्रेलिया चिंतित रहता है। दोनो के बीच इस समय कारोबारी युद्ध चल रहा है जंग में ऑस्ट्रेलिया ने चीन की हवाई कंपनी के 5 G नेटवर्क बनाने पर प्रतिबंधित किया हुआ हैं उधर चीन ने भी ऑस्ट्रेलिया से कोयला,चीनी,तांबे,लकड़ी और बीफ से लेकर वाइन के आयत पर रोक लगा रखी हैं 

इसी कर्म  में चीन मलेशिया को भी 203 अरब डॉलर का निर्यात करता हैं और रूस को तकरीबन 190 अरब डॉलर के उत्पाद व सेवाओं देता है

भारत चीन व्यापार - 

      भारत का आयत जो की 94.160 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। उधर निर्यात का आंकड़ा अभी भी मात्र 25 अरब डॉलर पर ही हैं। हाल की के समय में भारत ने मोबाइल के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और खिलौना सेक्टर को बूस्ट करनेबकी कोशिश की हैं और उसका असर आने वाले समय में भारतके एक्सपोर्ट पे दिखने लगेगा।। 

इसलिए चीन की एक तरफ विस्तारवादी नीति और साथ साथ आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की योजना कारगर साबित हो रही हैं और वो अपने दुश्मन देशों को ही सबसे अधिक निर्यात करता है जो की उन सभी देशों को निर्भरता बनाएं रखना भी एक जीत का अच्छा फैक्टर साबित होगा। Read more on China Quality issue

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