सोमवार, 5 दिसंबर 2022

मनीष जाट का अल्प जीवन/हिस्ट्रीशीटर राजू ठेहठ हत्याकांड

शिक्षा ही समाज का आइना होती हैं। 

         

Crime-Raju Theta Murder in Rajasthan

 


 For Amazon  purchase visit....

गैंगस्टर राजू ठेठ हत्याकांड के मुख्य अभुयुक्त मनीष जाट जिसको रोहित गोदारा ने इस हत्याकांड के लिये चुना था और अनुराधा जिसको लेडी डोन के नाम से जाना जाता हैं उसके माध्यम से ये सारा प्लान को अम्लेजामा पहनाया गया था ।

      इस ब्लॉग मे मनीष जाट के जीवन पर रौशनी डालने की कोशिश करते है । मनीष जाट एक गरीब किसान  परिवार से तालुक रखता हैं । इसके दादा दादी दोनो ही बहुत नेक दिल व मेहनती इन्सान थे। बहुत कम जमीन व उस पर भी सिंचाई की व्यवस्था ना होने के कारण इसके दादा जी स्वर्गीय मुलाराम  जाट लोगो के यंहा खेती का काम करते थे। और इसकी दादी जिनका कुछ समय पहले ही अंतकाल हुया हैं  का नाम शिमली देवी था। जिसने अपने जीवन काल मे हमेशा अपने area मे दाई मां  का काम किया वो भी निशुल्क जो एक नेक दिल महिला थी।। मनीष के पिता पप्पू जो की कम उमर मे ही मर्त्यु हो गई थी और 2 ताऊ थे जिनमे एक विकलांग था उसकी भी पहुत पहले मर्त्यु हो चुकी हैं और एक लापता हो गये थे जिनका आज तक कोई सुराख नही मिला।। इसकी माता एक सीधी साधी घरेलू महिला है ।। परिस्थिति के कारण मनीष 5th  क्लास तक ही स्कूल का मुह देख पाया और अभिभावको की कमी के कारण कम उमर मे ही रोजी रोटी के लिये हाथ पांव मारना शुरू किया। और ड्राईवर का काम करने लगा।। और एक कुशल ड्राईवर होने के कारण ही यह आनन्दपाल की गेंग के सम्पर्क मे आया और मात्र 25 साल की आयु मे ही ऐसी वारदातों  को अंजाम देने मे माहिर होगया।। इसके लिये मनीष को कसूर वार ठहराना बिल्कुल सही नहीं होगा।। सरकारो को व समाज को इस और ध्यान देना होगा आज हम 21 वी सदी मे जी रहे है और एक परिवार जो 50-60   साल से अभावों मे अपना जीवन जीने के लिये विवश हो उसमे से मनीष जैसे लडके अपराध की दुनिया का दामन थाम लेने को मजबूर हो जाते है ।।अशिक्षा के कारण अभावग्रस्त  जीवन मे परिवार को चलाना उसका पालन पोषण करने के लिये यह रास्ता चुनते है । इस लेख में हम कन्ही भी मनीष के किये कर्त्य को प्रोत्सान नही दे रहा हूँ । इसकी जितनी निंदा की जाये वो कम हैं लेकिन कल कोई और मनीष समाज मे पैदा नही हो इसके लिये सरकारो व समाज सुधारको को काम  करना होगा। अन्यथा रोहित गोदारा जैसे लोग सामाजिक-आर्थिक स्थिती का फ़ायदा उठा कर और कई मनीष जैसे नवयुवको को अपराध की दुनिया में शामिल होने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

शिक्षा ही समाज का आइना होती हैं।

यह सही हैं की शिक्षा ही सभ्य समाज का वास्तविक प्रतिबिम्ब होता हैं। समाज में आज भी अपराध की दुनिया में दो प्रकार के लोग  शामिल होते हैं। शिक्षित और अशिक्षित। 

शिक्षित लोग लालच,अधिक पाने की लालसा, द्वेष,बदले की भावना से अपराध को अंजाम देते हैं। तभी आज आंनदपाल ,राजू ठेड जैसलोगो के पीछे अपार  सम्पति छोड़गए हैं।  और मनीष जैसे बच्चो के परिवार आज भी उसी दयनीय िस्थती में जीवन व्यापन कर रहे हैं।

अशिक्षित लोग जीवन को बहुत अधिक दूरी तक नहीं देख पाते। और वो वर्तमान परिस्थति के दबाब को दूर कर लेने में अपनी विजय समझते हैं।

मनीष जाट का घर परिवार देख कर कोई भी जज आसानी से इस नतीजे पे पहुँच सकता हैं।  की आजादी के 78 वर्ष बाद भी यदि हम शिक्षा के अंधकार को नहीं मिटा पा रहे हैं।  तो गलती मनीष की नहीं इस सिस्टम की और सरकारों की हैं।  जो आज भी भारत देश में शिक्षा का अनिवार्य कानून होने के बावजूद हजारो मनीष पढाई से वंचित रह जाते है।  और थोड़े लालच में आपराधिक मानसिकता के लोगों का आसानी से  शिकार  बन जाते हैं


 

2 टिप्‍पणियां:

If you have any suggestions for betterment.Pls let me know

3rd ग्रेड शिक्षक ट्रांसफर संभव यदि आपके पास प्रभाव या पैसा हैं।

3rd ग्रेड के मजबूर शिक्षकों से प्रधानमंत्री ने किया छल।       3rd ग्रेड शिक्षक ट्रांसफर संभव यदि आपके पास प्रभाव या पैसा हैं। यह बात में क्...