Indian Politics-Gujarat election 1st round polling
गुजरात मे कल एक दिसंबर को प्रथम चरण का चुनाव 60% मतदान के साथ संपन हुया । जो पिछले चुनाव से कम है । मतदाताओ की ये उदासीनता क्या दर्शाती हैं । इसी बिंदु पे आधारित हैं आज का ब्लॉग। आज का चुनाव की त्यौहार से कम नही है विज्ञापन के युग मे आज की आधुनिक तडक भड़क मे कन्ही मतदाता कन्फयूज तो नही हो रहा हैं बिशेषकर कम पढा लिखा तपका ।। वैसे कम मतदान को चुनावी पण्डित हमेशा वर्तमान सरकार की पुनरावर्ती के तोर पर देखतें है ।। जिस्की संभावना दिखतीं भी है यदि हम चुनाव परचार या exit पोल के डाटा indicate कर रहे हैं । इस चुनाव मे चुनाव आयोग का रोल भी बहुत उदासिन दिखा हैं । कन्ही से भी इस तरह के पर्याश नही देखे जँहा से ये लगता हो की आयोग ने अधिक मतदान के पर्याश किये हो।।। ये लोकतंत का कमजोर करता है । तकनिकी के जमाने मे पार्टियो को व चुनाव आयोग को मोबाइल पे OTP के द्वारा मतदान करने का अधिकार पे विचार करना चहिय इससे मतदान का प्रतिशत भी बढ़ेगा और लोकतंत और मजबूत होगा।। इससे सरकारी तन्त्र पे काम लोड कम होगा साथ ही खर्चो मे भी भारी कमी होगी। और ये।कम मतदान कन्ही ना कन्ही इसकी और संकेत कर रहा है ।। इसमे सबसे अधिक तादात युवा वर्ग जो प्राइवेट क्षेत्र या लघु उधोग के उदमी आदि की संख्या अधिक होगी जो समय अभाव मे मतदान नही करते हैं । या अन्य कारण हो सकते हैं । चुनाव आयोग को इसपे मनन करने की व जानकारी जुटा कर उसपे काम करने की जरूरत हैं ।। 40% लोग जब अपनी भावनायों को व्यक्त नही करके ।।लोकतंत व पार्टीयॉ दोनो को इसे गहनता से लेना चाहिये। क्योंकि एक बहुत बड़ा हिसा लोकतांत्रिक मूल्यों से पूरी तरह अलग होना हमारे लिये हानिकारक हो सकता हैं ।
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