गुरुवार, 8 जून 2023

गैंगस्टर संजीव जीवा की कोर्ट में हत्या

Sanjeev Jiwa with Police force 

७ जून २०२३ को लखनऊ के कोर्ट परिसर में एक गोलीकांड हुआ। जिसमे यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी के गैंगस्टर संजीव जीवा का गोली मार कर हत्या कर दी गई। वकील की ड्रेस में दो लोगो ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया।इस घटना में एक पुलिस वाले को भी पैर में गोली लगी हैं और बदमाशो ने पांच राउंड फायरिंग की जिसमे संजीव जीवा की हत्या हो गई। इस घटना को लेकर अधिवक्ता में बहुत नाराजगी और रोष हैं।
       पुलिस और सिक्योरिटी ने बताया की अधिवक्ता का एक बड़ा तपका आई कार्ड नहीं दिखाता है। इसी का फायदा उठाकर बदमाशो ने इस घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बाद योगी सरकार फिर से कानून व्यवस्था बनाए रखने में असफल होने का आरोप झेलना होगा।
अखिलेश यादव ने सवाल किया हैं की मसला ये नही हैं की हत्या किसकी हुई हैं। मामला ये हैं की हत्या को अंजाम कोर्ट परिसर में दिया गया हैं। जो कानून व्यवस्था की पोल खोलती हैं। क्योंकि इसी प्रकार से गैंगस्टर अतीक की उसके भाई के साथ हॉस्पिटल में।मेडिकल करने के बाद पुलिस से सिक्योरिटी में हत्या कर दी गई थी।
       संजीव जीवा को कोर्ट में पेशी के दौरान बुलेटप्रूफ जैकिट पहनाकर लाने के कोर्ट के आदेश का भी यूपी पुलिस ने पालना नहीं की और उसका खामियाजा एक मुजरिम को गलत तरीके से हत्या का सामना करना पड़ा जो एक आदर्श समाज के लिए अच्छा उद्धारण नही होगा।
संजीव जीवा को  मुख्तार अंसारी का गुर्गा बताया जा रहा हैं।
      अतीक अहमद के बाद संजीव जीवा हत्याकांड यूपी में  कानून व्यवस्था के साथ साथ ऐसे जघन्य अपराधो में कोर्ट द्वारा  सुनवाई में देरी भी एक कारण हो सकता हैं।

वर्ष 1991 में किया था पहला अपराध

      मुजफ्फरनगर निवासी संजीव उर्फ जीवा ने वर्ष 1991 में मुजफ्फनगर में पहला अपराध किया था। तब उसके खिलाफ कोतवाली नगर में मारपीट का केस दर्ज किया गया था। उसके केस में वह दोषमुक्त भी हो चुका था। पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि संजीव के खिलाफ मुजफ्फरनगर में 17, उत्तराखंड में 5, गाजीपुर जनपद में एक, फर्रुखाबाद जनपद में एक और लखनऊ में एक कुल 25 मामले दर्ज हैं।

हाई सिक्योरिटी बैरक में था

संजीव पिछले दो दशक से सलाखों के पीछे है। उसको भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड व हरिद्वार के एक हत्या के केस में सजा हा चुकी थी। 2019 में वह मैनपुरी से लखनऊ जेल शिफ्ट किया गया था। तब से वह लखनऊ जेल में बंद था। उसको हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था।

संजीव जीवा का एक परिचय

नाम- संजीव माहेश्वरी उर्फ जीव
पिता का नाम- ओमप्रकाश माहेश्वरी
मूल पता- मुजफ्फरनगर प्रेमपुरी
अस्थाई पता- सोनिया विहार दिल्ली
मां- कुंति
पत्नी- पायल माहेश्वरी
भाई- राजीव माहेश्वरी
बहन- पूनम, सुमन
पुत्र- तुषार, हरिओम, वीरभद्र
पुत्री- आर्य

- संजीव उर्फ जीवा का गैंग संख्या- आईएस -01 जो 9 सितंबर 2019 में पंजीकृत किया गया था।
- संजीव के गैंग में कुल सक्रिय सदस्य 10 हैं और 26 सहयोगी हैं।
- संजीव उर्फ जीवा पर दर्ज मुकदमों की संख्या-25।
- अपराधिक मुकदमों की प्रकृति- हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, रंगदारी, जालसाली।
- राजनैतिक संबंध- मुख्तार अंसारी का सहयोगी।
- संजीव के पास मौजूद असलहे- दोनाली बंदूक और पिस्टल।
- गैंगस्टर एक्ट के तहत पुलिस संजीव उर्फ जीवा की चार करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है।

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