पिकलबॉल खेल को टेनिस,टेबल-टेनिस और बैडमिंटन का मिला-जुला खेल क्यों कहते है।
दुनिया में पिकलबॉल का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। अमेरिका से शुरू हुआ पिकलबॉल का ट्रेंड अब दुनिया के 70 देशों में पहुंच चुका है. जानिए इसकी शुरुआत कैसे हुई। खेल आयोजकों का दावा है कि पिकलबॉल को 2028 में ओलंपिक गेम्स (Olympic Games) में शामिल किया जा सकता है।
पिकलबॉल खेल का इतिहास
गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार ,पिकलबॉल की शुरुआत 1965 में हुई। यह खेल सर्वप्रथम वाशिंगटन के तीन बुजुर्गों ने मिलकर इसकी नींव डाली थी। वो जहां बैठे थे वहां बैडमिंटन कोर्ट था। इस तरह तीनों बुजुर्गों ने इस अलग तरह के गेम की शुरुआत की. इस अलग तरह के गेम को छेद वाली प्लास्टिक की बॉल और रैकेट से खेला गया. जिस बुजुर्ग ने इस खेल की शुरुआत की उसके कुत्ते का नाम ‘पिकल्स’ था. इसलिए इस गेम का नाम पिकलबॉल रखा गया।
अब बात आती हैं की इसे टेनिस,बैडमिंटन और टेबल टेनिस का मिला जुला खेल क्यों कहते हैं। इसको समझने के लिए हमें इस खेल में काम में आने वाले वस्तुओं और नियमों को समझना होगा। इसके लिए हम चित्रों के माध्यम से भी समझने की कोशिश करेंगे ताकि इस बात की सत्यता समझ सकें की यह खेल बाकि तीन खेलो का मिला जुला रूप ही हैं।
टेनिस,टेबल टेनिस और पिकलबॉल बॉल में समानता
पिकलबॉल का आकार टेनिस बॉल के आकार के बराबर होता हैं। दोनों के मैट्रिअल में अंतर हैं। जंहा पिकल बॉल में प्लास्टिक का प्रयोग किया जाता हैं। लेकिन टेबल टेनिस की बॉल का आकर पिकलबॉल की बॉल के आकर से छोटा होता हैं। लेकिन टेबल टेनिस और पिकल बॉल दोनों की बॉल प्लास्टिक से बनी हुई होती हैं। इस प्रकार से पिकल बॉल आकार में टेनिस के समान होती हैं। और मॅट्रिअल में टेबल टेनिस की भांति प्लास्टिक से बनी होती हैं।
टेबल टेनिस,और पिकलबॉल के बैट समानता
यह सही हैं की भारत में मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण हम खेलो में बहुत तेजी से आगे नहीं बढ़ पाये। पिकलबॉल भी महंगी बॉल ,बैट और महंगा कोर्ट होने के कारण यह खेल समाज के एक वर्ग तक ही सिमित रहा लेकिन भारत में इस खेल के प्रति रूचि रखने वाले लोगों ने अपनी मेहनत और लगन से इस खेल को दूर दराज के गाँवो तक पहुँचाने का काम किया हैं। इसी कारण राजस्थान में सीकर जिले के खूँटियाँ गांव में अनेक लड़के लड़कियां इस खेल को अपने जीवन का अटूट हिस्सा बना चुके हैं। और अब इसकी बॉल हुए बैट पहले के मुकाबले बहुत कम क़ीमत पर और सुगमता से उपलब्ध होने लगे हैं।
और इसकी कीमत में और कमी लाने की आवश्यकता हैं ताकि इस खेल का और अधिक विस्तार संभव हो सके। अभी बिगनर के लिए वुडन के बैट उपलब्ध होते हैं और ग्रेफाइट से बने अच्छी quality के Paddel भी ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
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पिकलबॉल,टेनिस,बैडमिंटन एंड टेबल टेनिस ग्राउंड
टेनिस और बैडमिंटन अनुसार ही पिकल बॉल खेल का ग्राउंड भी सिंथैटिक मेट्रियल से बनाया जाता हैं। जंहा टेनिस ग्राउंड की साइज बहुत अधिक होती हैं। इसलिए इसे सुगमता से बैडमिंटन कोर्ट पे भी खेला जा सकता हैं। और बैडमिंटन ग्राउंड के समरूप ही पिकल बॉल ग्राउंड होता हैं।
पिकल बॉल ,टेनिस और बैडमिंटन नेट
जंहा पिकल बॉल में नेट साइज बैडमिंटन की होती हैं लेकिन उसकी ऊंचाई टेनिस नेट के अनुसार होती हैं
इसलिए ही पिकल बॉल को टेनिस,बैडमिंटन और टेबल टैनिस का मिला जुला रूप कहा जाता हैं। और इसी कारण टेनिस,बैडमिंटन और टेबल टेनिस के प्लेयर इस खेल को बढ़ी होइ रुच्ची से अपनाते हाँ और खेलते हैं।
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