शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023

अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और साथी गुलाम का एनकाउंटर झांसी में।

 

 उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी असद अहमद और गुलाम का एनकाउंटर झांसी में

      उमेश पाल हत्याकांड का आरोपी और माफिया अतीक अहमद का बेटा असद एक अन्य साथी गुलाम के साथ यूपी एसटीएफ(STF)के एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। दोनों को आज झांसी से 10 किलोमीटर की दूरी पर  मार गिराया गया। दोनों पर ही पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। यूपी STF   इससे पहले विकास दुबे का एनकाउंटर भी ज्यादा चर्चा में रहा था

उत्तरप्रदेश में  STF चीफ अमिताभ यश

      अमिताभ यश जिन्हें एनकाउंटर स्पेशिलिस्ट भी कहा जाता है। वर्तमान में यूपी के  एडीजी अमिताभ यश ने अपने करियर में अब तक 150 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं और एक से बढ़कर एक दुर्गांत अपराधियों को ढेर कर दिया है। चंबल के बीहड़ों में दशकों तक दहशत फैलाने वाले डाकू ददुआ और ठोकिया को मार गिराने का क्रेडिट भी अमिताभ यश को ही जाता है।


Questions...एनकाउंटर क्या होता हैं?

     एनकाउंटर का हिंदी शाब्दिक अर्थ होता हैं मुठभेड़ जिसको हम आसान भाषा में कह सकते हैं। आपराधिक गतिविधियों में संलग्न व्यक्तियों और सुरक्षा के जवानों के बीच में खूनी संघर्ष।।


जब कोई व्यक्ति कोई अपराध करके भाग जाता हैं।तब पुलिस की जिम्मेदारी बनती हैं उससे पकड़ कर न्यायपालिका में उपस्थित करना और आगे उसके अपराधो की सजा न्यायपालिका के दिशा निर्देशों के अनुसार पालन करना।।इसलिए अपराधी सीधे न्यायपालिका के समक्ष भी पेश हो सकता हैं।
      परंतु कई बार अपराधियों में खौफ बिलकुल भी नहीं होता ऐसी स्थिति में वो पुलिस फोर्स से भी हथियारों से आमना सामना करने के दौरान पुलिस की गोली का शिकार होते हैं।इसी को एनकाउंटर कहा जाता हैं।पुलिस कानून के तहद इस दौरान भी उन्हें हथियार डाल कर आत्मसमर्पण करने को कहती हैं और कोशिश करती हैं लेकिन जब ये अपराधी सामने से हमला करते हैं तो कानून पुलिस कर्मियो को भी आत्मरक्षा के लिए जबाबी कारवाई करने की इजाजत देता हैं।

अतीक ने माना की असद की मौत का जिम्मेदार में हूं।

     परिवार जीवन की प्रथम पाठशाला होती हैं यह फिर साबित हो गया। मात्र 19 वर्ष की उम्र में अपने बेटे असद की मौत का जिम्मेदार एक पिता साबित हुआ। अतीक अहमद ने कबूला की बेटे को मौत का कारण में हूं। क्योंकि असद को हाथ में गन बाप ने दी थी। वही बाप उसके साथ में पेन दे सकता था,खेल की सामग्री दे सकता था वही गन उसको देश की सुरक्षा में भी चला सकता था। लेकिन अमूमन इंसान अपनी धन दौलत और पावर में इतना अंधा हो जाता हैं की उसकी हालत अतीक के जैसे हो जाती हैं। अतीक अपने बेटे के गुनाह और अपनी पॉवर के नशे में असद को शेर कहता था और चाचा का चहेता था असद।।


गुलाम के परिवार ने शव लेने से मना किया।

        उमेश हत्याकांड का शूटर मोहम्मद गुलाम पा भी इस एनकाउंटर में असद के साथ मौत के घाट उतार दिया गया। उसके कर्मों की सजा के साथ उसके भाई ने उसका शव लेने तक भी इंकार कर दिया और साफ कहा की जैसी करनी वैसी भरणी। गुलाम ने जो कर्म अतीक के कहने से किए उसकी सजा उसको मिली हैं।

असद का शव उसके मामा और  नाना ने स्वीकार करने के लिए कहा।


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