भारत ने खरीदे 470 विमान।
इस समय मोदी सरकार का लोकप्रियता का ग्राफ भले ही ऊंचा हैं। मोदी द्वारा किए जा रहें कार्यों को निश्चित जनता द्वारा व दुनिया में सहराना मिल रही है। और देश में भाजपा का विस्तार हो रहा हैं। और मोदी के 9 साल का किया गया कार्य भी जनता के हित में रहे हैं तभी 2019 में मोदी सरकार सता में वापसी कर पाई। लेकिन जैसा की भारत एक लोकतांत्रिक देश हैं और आज भी
भारत 65% आबादी गांवों में निवास करती है।
इसलिए वित्तीय रूप से देखा जाए और केंद्र सरकार का बजट को हम अध्यन करते हैं तो लगता हैं की बहुत कुछ देश में अलोकतांत्रिक वित्तीय निर्णय हो रहे हैं। इनसे कभी भी अमीर गरीब की खाई को भरा नहीं जा सकता। भारत जिसमे 37%आबादी आज भी गरीबी रेखा के नीचे जीने को विवश हैं और गरीबी रेखा से मतलब की उस परिवार का महीने का कुल खर्च 3860 रूपये से नीचे रहता हैं। इससे ऊपर को सरकार गरीबी रेखा में नही मानती हैं। ये वो लोग हैं जिनको खाना मुफ्त चाहिए,शिक्षा व स्वास्थ मुफ्त चाहिए साथ में घर भी मुफ्त चाहिए क्योंकि इनके पास वो आधारभूत ढांचा आज भी नही हैं जिससे ये लोग इससे अधिक अर्थ उपार्जन कर पाए। ये वो लोग हैं जिनकी मेहनत से देश चलता हैं। किसान वर्ग जो अनाज ,सब्जी,दूध सब देश को उपलब्ध कराता हैं। किसी भी शहर का उद्योग में काम करने वाले लोग जो पेपर उद्योग,कृषि उद्योग,रियल स्टेट,सीमेंट उद्योग, चमड़ा उद्योग,कपड़ा उद्योग,माइंस उद्योग, ऑटोमोबाइल्स उद्योग जैसे क्षेत्र में अपनी सेवाएं देते हैं ।जिनमे सबसे अधिक प्रदूषण होता हैं और सबसे अधिक खामियाजा इन्ही को चुकाना होता हैं अपने स्वास्थ के रूप में। क्या बजट में सरकारें इनको देख के नीतियां बनाती हैं। हमे लगेगा की हां सरकारें ऐसा करती हैं। जैसे 80 करोड़ लोगो को फ्री अनाज जबकि गरीबी की रेखा से नीचे केवल 37% लोग ही हैं बाकी को सरकार वोट बैंक के तौर पे सुरक्षित रखना चाहती हैं। भारत जैसे देश में कल हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री का अमरीका व फ्रेंच के साथ दुनिया का सबसे बड़ा विमानन सौदा किया गया जिसमे एयरबस जो की फ्रांस की कम्पनी हैं से 250 विमान और बोइंग से 220 विमान जो की अमरीका की कम्पनी हैं। इसके लिए 70 अरब डॉलर यानी की 5.80 लाख करोड़ रूपये की डील साइन की गए। और ये डील वीडियो कॉन्फ्रेशिंग के जरिए PM मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो एंड टाटा समूह के डायरेक्टर रत्न टाटा की मौजूदगी में हुआ। और ब्रिटिश के पीएम ऋषि सनक ने भी बहुत खुशी जाहिर की क्योंकि फ्रांस में एयरबस को इंजन की आपूर्ति ब्रिटेन करता हैं इसलिए एक लाख करोड़ का निवेश उनको भी मिलेगा। और अमरीका भी खुश क्योंकि MOTI कमाई हुई हैं और बाद में इनको सर्विस भी देनी होगी।
देश में 1% लोग हवाई यात्रा करते हो उस देश से इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट इस दिशा में सही हैं शायद भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में इसे कोई भी न्यायोचित नहीं मानेगा। भारत में सड़को की चौड़ाई व सुंदरता पे बजट का एक बहुत बड़ा हिस्सा खर्च किया जाता हैं /
केवल 7% भारतीय लोग कार रखते हैं
और तकरीबन 50% लोगो के टू व्हीलर उपलब्ध हैं।और ये सारा इन्वेस्टमेंट को धरातल पर उतारने वाले लोग ही अमीर हैं। इसलिए विपक्ष मोदी अडानी को लेकर बार बार आरोप लगा रहा हैं। कोई भी ये नही कह रहा हैं की घोटाला हुआ हैं सवाल ये हैं की क्या भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में किसी एक व्यक्ति के ऊपर इतना जोखिम लेना न्यायओचित हैं शायद नहीं। क्योंकि ऐसा नहीं हैं की भारत में और लोगों की कमी हैं इसलिए विपक्ष के आरोपों को नजरंदाज करना देश के गरीबी को और गरीबी में लेकर जा सकता हैं। बुलेट ट्रेन की नीव रखी तो भारत के पीएम मोदी जी ने कहा था की हमे विश्व प्रतिस्पर्धा में आगे आने के लिए निर्णय करने होंगे। और एक बहुत बड़ी धनराशि से अहमदाबाद से मुंबई के लिए बुलेट ट्रेन के लिए आवंटित कर दी गई। अब हमे देखना होगा की भारत के कितने लोगो को इसका सौभाग्य इस जीवन में मिलेगा।।।
गरीबों का ट्रांसपोर्ट हैं बस और ट्रेन
और पूरे भारत में सरकारी बसों में कमी होते जा रही हैं और ट्रेंस में जनरल डिब्बे आज भी 2 से 4 ही होते हैं जिनमें पशुओं की भांति लोग ट्रैवल करनें को मजबूर हैं।। इस देश में लोग खरबों रुपया अपने घर पर खर्च करते हैं जबकि रूपये से कई गांवों की काया पलट सकती हैं और गांवों में रोजगार पैदा हो सकते हैं और भारत फिर से सोने की चिड़िया बन सकता हैं। इसलिए सरकारों को भारत जैसे देश में 5% लोगो को ध्यान में रखते हुए नीति नहीं बनानी चाहिए। और गरीब अमीर की खाई को भरने की कोशिश करनी चाहिए। और विपक्ष को भी अपनी आवाज को सही तरह से उठाना चाहिए। अन्यथा इन अलोकत्रांत्रिक वित्तीय निर्णयों से केवल चंद लोगो को ही फायदा होगा और देश के एक बड़े तपके में असंतोष का भाव पैदा होगा जो। मानव जाति के लिए सही साबित नही होगा।इसलिए सरकारों को चाहिए की लोगो को शिक्षा, स्वास्थ के साथ अच्छे रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने वाले निर्णय ले।
बहुत ही सोचनीय विषय है!!
जवाब देंहटाएंजनता की आखें खोलने वाला लेख है||
जवाब देंहटाएं