सोमवार, 20 मार्च 2023

मरुप्रदेश होगा 20 जिलों के साथ भारत का नया राज्य

 राजस्थान में सियासी मास्टर स्टोक 

   यह निर्णय राजस्थान के विकास की दर्ष्टि से अहम् साबित हो सकता हैं यह सही है की राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर (132140 वर्ग मील) है। जो कि देश का 10.41% है

कई देशों से बड़ा हैं राजस्थान

   राजस्थान श्रीलंका से पांच गुना, चेकोस्लोवाकिया से तीन गुना, इजराइल से सत्रह गुना तथा इंग्लैण्ड से दुगुने से भी बड़ा है

19 नए जिले और 3 नए संभाग

      राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में जनता को अब तक का सबसे बड़ा तोहफा दिया। "मांगते मांगते थक जाओगे, मैं देते देते नहीं थकूंका" वाले अपने कथन के बाद उन्होंने जनता की मांग पर राजस्थान का नक्शा ही बदल दिया। हम बात कर रहे हैं प्रदेश में 19 नए जिलों की घोषणा की। गहलोत ने राज्य में 19 नए जिले और तीन नए संभाग बनाने की घोषणा की। इसी के साथ राजस्थान में अब जिलों की संख्या 50 हो गई है। चुनाव से पहले कांग्रेस इस बड़ी घोषणा को गहलोत की जादूगरी बताकर पेश किया जा रहा है।  

मरुप्रदेश की रूपरेखा

  मरूप्रदेश उत्तर-पश्चिम भारत का प्रस्तावित राज्य है। जो राजस्थान के कुछ भू-भागों को मिलाकर बनाने का प्रयास है। प्रस्तावित राज्य में राजधानी जोधपुर के साथ 20  इसमें  जिलें बाडमेर, जैसलमेर, बीकानेर, चुरु, गंगानगर, हनुमानगढ़, पूर्वी जोधपुर,पश्चिमी जोधपुर,सांचोर, जालोर, पाली, सिरोही ब्यावर ,कुचामन सिटी ,डीडवाना, बालोतरा,फलौदी ,अनूपगढ़, सीकर और नागौर शामिल हो सकता हैं ।इसमें संभाग भी जोधपुर,पाली,बीकानेर और सीकर सहित कुल 4  संभाग बन सकते हैं मरूप्रदेश में इसका क्षेत्रफल 213883 वर्ग किमी हो सकता हैं। जनसंख्या 2 कराेड़ 85 लाख 65 हजार 500 है। साक्षरता दर 63.80 गरीबी 68.85 लाख, शिक्षित बेराेजगार 10 लाख और प्रति व्यक्ति आय 252 रु. है।


   1953 से चल रही है मरूप्रदेश की मांग : वर्ष 2008 से मरूप्रदेश की मांग प्रदेश में चर्चा का विषय बनी। जयबीर गाेदारा ने अपने साथियाें संग ये मांग उठाते हुए कहा कि ये पुरानी मांग है। 1953 में जब राजस्थान बन रहा था तब जाेधपुर और बीकानेर रियासत के राजाओं ने मरूप्रदेश की मांग रखी थी।

    उस समय कई ज्ञापन दिए गए। 1956 में बीकानेर राजघराने के आव्हान पर बीकानेर बंद भी रहा था। तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी काे तत्कालीन सीएम भैंराेसिंह शेखावत ने पत्र लिखकर कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाॅर्डर व विकास काे देखते हुए राजस्थान के दाे टूकडे किए जाएं। गाैरतलब है कि 2008 से अब तक कई बार ये मांग उठाई जा चुकी है। 

   इसलिए राजस्थान और मरूप्रदेश बनकर भारत के विकास में मुख्य भूमिका निभा सकता हैं। राजस्थान में उद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। कोटा और सीकर भारत में IIT और NEET के लिए प्रसिद्ध हैं तो जोधपुर हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के लिए अपनी पहचान रखता हैं। बाड़मेर में पेट्रोलियम उत्पादन से पश्चिमी राजस्थान की बदलती तस्वीर साफ तौर पे देखी जा सकती हैं। इसलिए मरूप्रदेश और राजस्थान का विभाजन प्रदेश और देश हित में लिया हुआ फैसला साबित हो सकता हैं। अब देखना यह हैं की जादूगर अशोक गहलोत इसे धरातल पर उतारने की ओर पहला कदम बढ़ाते हैं या मोदी सरकार इस विषय पर अपना मास्टर स्टोक खेल सकती हैं।

रविवार, 19 मार्च 2023

Ind Vs Aus 2nd ODI-शर्मनाक हार

 

भारतीय की विशाखापत्तनम में वनडे की सबसे बड़ी हार


   आज विशाखापत्तनम में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच  तीन एकदिवसीय मैच का दूसरा वनडे खेला गया जिसमे भारत को एक दिवसीय इतिहास की सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 10 विकेट से करारी शिकस्त दी।भारत की टीम को ऑस्ट्रेलिया ने 234 बॉल बाकी रहते हुए जीत दर्ज की। 

    भारत की टीम पहले खेलते हुऐ मात्र 26 ओवर ही खेल पाई और 117 रन का स्कोर किया। भारत की और से विराट कोहली ने सबसे अधिक 31 रन की पारी खेली । जिसके लिए 35 बॉल का सामना किया।

    ऑस्ट्रेलिया के लिए  तेज बॉलर मिचेल स्टार्क ने शानदार बॉलिंग करतें हुए 53 रन देके 5 विकेट लिए और भारत को बैकफुट पे धकेलने का काम किया। उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।

    ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज मिचेल मार्श ने 36 बॉल में 66 रन की और ट्रेविस हेड ने 30 बॉल में 51 रन की नाबाद पारी खेली और भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी ODI जीत दर्ज की। मात्र 11 ओवर में लक्ष्य को प्राप्त कर श्रंखला में 1-1 की बराबरी की।

  ऑस्ट्रेलिया ने आज विश्व क्रिकेट में एकबार फिर साबित किया की उन्हे क्यों दुनिया क्रिकेट का बादशाह कहती हैं।श्रंखला का अंतिम व निर्णायक मैच चेन्नई में खेला जाएगा।

मोदी का छात्र जीवन

  Modi's Student Life

मोदी का छात्र जीवन

       जब से भारत मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शासन की बाग डोर अपने हाथ मे संभाली हैं तब से उनका एक नेता व जनसेवक के रुप मे आने वाली पीढ़ी इतिहास मे याद रखेगी । अब हमारे दिमाक मे आयेगा किस कारण ऐसा होगा।। दुनिया मे कामयाब होने या अपनी बात या अपना अनुभव या अपने सपने या लोगो से आपकी अपेक्षया  या बदलाव सब सम्भव होते है संवाद के धरातल पे और ये ही ताकत को अपना हथियार बनाया मोदी ने अपने अटूट कार्य मन की बात कार्यकर्म से जिससे उन्होने समाज के हर तपके से अपना संवाद स्थापित किया जो अभी भी जारी हैं ।। अब मे आता हूँ इस ब्लॉग के हैडिंग पे मोदी व छात्र जीवन इसमे कन्ही भी मे मोदी के छात्र जीवन को गुणगान नही करूँगा ।लेकिन जो विद्यार्थी अपनी पढाई कर रहे हैं । या जॉब की तैयारी   कर रहे हैं उनके पढने के समय को लेकर हैं । जो उनके समय की बचत के साथ सफलता को सुनिश्चित करने का मार्ग प्रसस्थ करेगा। ब्रहम काल जो सुबह का  4 बजे से 7 बजे तक के समय को ले सकते हैं यह किसी के भी जीवन मे सबसे अधिक फलदायी  होता हैं । इसको समझने के लिये आपको कुछ उदधारण को समझना होगा।। 

         पहले के ऋषि मुन्नी  हो या मौलवी हो प्रात काल जल्दी उठ के अपनी देनिक जीवन की शुरुवात करते थे और बहुत से आज भी ऐसा करते है ।। पशुओं का दिन की शुरुवात भी आप देख सकते हैं । जल्दी हो जाती हैं तभी हर घर मे सुबह की चाय ताजा दुध से बना पाते है । लम्बी दुरी की यात्रा प्रारंभ करनी हो तो भी यही समय उपयुक्त माना जाता हैं ।। सुसुबह-सुबह योगा या व्ययाम करने वाले अधिक स्वस्थ व ऊर्जावान महसूस करते है ऐसा जी जो छात्र सुबह उठकर 3 घन्टे की पढ़ाई करता है उसकी सफलता की दर आशिक होती है जिसको हम दिन मे की हुई पढ़ायी या कार्य के 7-8 घन्टे के समान माना जा सकता हैं ।। अप अपने मन मे ये सवाल उठता की ये कैसे सम्भव हैं ।। क्योंकि हमारा शारीर व मस्तिष्क रात्री के विश्राम के बात एकदम तरोताज़ा हिता हैं जैसी ही हम निद्रा से जगते है ये काम करना शुरू करता है ।। और हमारे मस्तिष्क मे डाटा का प्रवेश अलग अलग सूचनाओ के रुप मे आना शुरू हो जाता हैं इसी लिये उसकी कार्य क्षमता  सुबह सुबह बहुत अधिक होती है ।। आप इसे अपने जीवन मे उतार कर प्रयोग करके देखिये यही बात मोदी जी के जीवन की सफलताओं का मुलमन्त्र हैं । यही बात वो अपने मन की बात कार्यकर्म मे मोदी जी छात्रों के लिये बता चुके हैं ।

शनिवार, 18 मार्च 2023

राजस्थान में अब 50 जिले-मरूप्रदेश की नींव

 राजस्थान और मरूप्रदेश की नींव

(जयपुर और जोधपुर )

       राजस्थान भौगोलिक स्थिति में भारत का सबसे बड़े राज्य में शुमार हैं। और जिला मुख्यालय की अत्यधिक दूरी होने के कारण दूर दराज के लोगो के लोगो की समस्या के साथ विकास में भी बाधक रहा हैं। जिस गति से छोटे राज्यों ने परिसीमन कर के नए जिलों का निर्माण किया उन्होंने उसी गति से विकास भी किया। राजस्थान में 33 वा जिला प्रतापगढ़ 2008 में बना था। उसके बाद लंबे समय से जनता की यह मांग थी इतने बड़े राज्य में जिलों की संख्या अधिक होनी चाहिए । आखिरकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावो के मध्य नजर रखते हुए ही सही जनता को ये बड़ी सौगात दी हैं। और अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया हैं।इसलिए यह कदम प्रशंसा के योग्य हैं।निश्चित ही आने वाले समय में ये जिले राजस्थान के आधारभूत संरचना,विकास,सामाजिक सुरक्षा,रोजगार और राज्य को आर्थिक विकास के मोर्चे पर अपना योगदान देने में सहायक सिद्ध होंगे। गहलोत ने इसके लिए 2000 करोड़ के बजट का भी प्रावधान किया हैं।

नए जिले वर्तमान 13 जिलों से बनाए गए हैं और साथ में तीन नए संभाग भी बनाए गए हैं। जिनको मिलाकर अब राजस्थान में 10 संभाग और 50 जिले होंगे।

अब 10 नए संभाग

1 सीकर

2 पाली

3 बांसवाड़ा


नए जिलो की लिस्ट तथा किस जिले से जन्म हुआ।


1.नीमकाथाना (सीकर)

2.जयपुर उत्तर(जयपुर)

3.जयपुर दक्षिण(जयपुर)

4.कोटपुतली(जयपुर)

5 दूदू(जयपुर)

6.खैरथल(अलवर)

7.डीग ( भरतपुर)

8. गंगापुर सिटी (सवाई माधोपुर)

9.शाहपुरा (भीलवाड़ा )

10.सलूंबर(उदयपुर)

11. सांचौर (जालौर)

12.बालोतरा(बाड़मेर)

13.जोधपुर पूर्व (जोधपुर)

14.जोधपुर पश्चिम(जोधपुर)

15.फलोदी(जोधपुर)

16.अनूपगढ़(श्री गंगानगर)

17.डीडवाना(नागौर)

18.ब्यावर(अजमेर)

19.केकड़ी(अजमेर)


निश्चित विपक्ष इसको चुनावी घोषणा कहेगा। लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पक्ष और विपक्ष दोनो ने खुशी का इज़हार किया हैं जो बताता हैं की आने वाले समय में यह निर्णय राजस्थान की आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र के साथ में देश को आगे बढ़ाने में सहायक होगा।


नया रूप क्या होगा

नए संभाग और नए जिले बनने के बाद का स्वरूप कैसा होगा ये सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद ही पता चल पाएगा।


सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती।

नए संभाग और जिलों के स्वरूप को धरातल पर लाना कोई आसान काम नही होगा। इसमें बहुत अधिक राजनेतिक और सामाजिक समावेश की आवश्यकता होगी। प्रशासनिक ढांचा तैयार करना भी एक बड़ी चुनौती होगी

     प्रशासनिक रिकॉर्ड्स को विस्थापित करना, नई कागज कारवाई जिसमे आधार कार्ड से लेके वोटर कार्ड,राशनकार्ड,नरेगा जॉब कार्ड्स सब कुछ बदलना होगा। जिसके लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होगी। यह आने वाली सरकार के लिए एक चुनौती पूर्ण कार्य होगा। ये निश्चित हैं की राज्य में आगे किसी की भी सरकार आए। अगले पांच वर्ष के लिए सरकार को नया काम ढूंढने की आवश्यकता होगी नही। इन नए जिलों के विकास के लिए लिए मॉडल तैयार करना और पूर्ण करना ही सरकारों की सफलता और असफलता के मुख्य मापदंडों में से एक होगा

      यह सही हैं की राजस्थान कांग्रेस ने गहलोत के नेतृत्व में यह कार्य काल चुनौतीपूर्ण रहा हैं सरकार पर विपक्ष के साथ साथ आंतरिक खींचातान का भी सामना करना पड़ा हैं। गहलोत का यह फैसला अपने अनुभव और सभी को साथ लेकर चलने की नीति के कारण इन चुनौतियों के बावजूद अपने 5 साल का कार्यकाल ही पूर्ण नहीं कर रहे हैं बल्कि आने वाले 5 साल के लिए रास्ता साफ करने की और एक कदम आगे बढ़ाने वाला साबित हो सकता हैं

 यदि  राजस्थान में राहुल और सोनिया का हस्तक्षेप कम होता हैं तो गहलोत कांग्रेस की इस नया को पार लगाने में कामयाब हो सकता हैं।


शुक्रवार, 17 मार्च 2023

इंडिया की ऑस्ट्रेलिया पर शानदार जीत दर्ज -ODI

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जडेजा की प्लेयर ऑफ द मैच की हैट्रिक


    आज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले  वनडे मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर 5 विकेट से जीत दर्ज की। भारत की जीत के हीरो बने केएल राहुल जिन्होंने  मुश्किल समय में नाबाद 75 रन की पारी खेली और उनका साथ दिया सर जडेजा ने जो 45 रन के साथ नाबाद रहे साथ में 2 विकेट के साथ ऑलराउंडर प्रदर्शन किया। वानखेड़े में खेले गए इस मैच में शुरुवात में ऑस्ट्रेलिया ने शानदार शुरुवात की और कैप्टन स्मिथ के साथ मार्श ने जबरदस्त शुरुवात की लेकिन भारत ने सिराज और शमी ने जबरदस्त वापसी कराई और दोनो ने ऑस्ट्रेलिया के 3-3 विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया को 185 रन पर ऑल आउट कर दिया। ऑस्ट्रेलिया की टीम पूरे ओवर भी नही खेल पाई। ऑस्ट्रेलिया की और से  सबसे अधिक मार्श ने 81 रन की पारी खेली।


केएल राहुल की पारी

     ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केल राहुल की ये पारी उनके लिए निश्चित संजीवनी साबित हुई। क्योंकि लंबे समय से राहुल आउट ऑफ फॉर्म चले रहे थे। और उनको किशन और सुभमन गिल जैसे प्रतिभावान खिलाड़ी के साथ टीम में बने रहने का पूरा दबाब था। इसलिए उन्होंने 91 बॉल पर 75 रन की नाबाद पारी के साथ आज विकेट कीपर के रूप में भी जबरदस्त प्रदर्शन किया।

भारत की और से कप्तान हार्दिक पांडे ने भी 25 रन का महत्वपूर्ण योगदान दिया और कप्तान स्मिथ की को भी पेवेलियन भेजा।

        ड्रीम गेम चेंजर प्लेयर का खिताब समी को मिला जबकि हुंडई प्लेयर ऑफ द मैच ऑस्ट्रेलिया फास्ट बॉलर मिथेल मार्स को दिया गया। प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब रविंद्र जडेजा को मिला जिन्होंने बैट और बाल से बेहतरीन प्रदर्शन किया। जडेजा 8 महीने के लंबे अंतराल के बाद वनडे में खेल रहे थे। उन्होंने दुबारा सिद्ध किया की क्यों उनको सर की उपाधि दी गई हैं। उनके खेल में जो निरंतरता और अनुशासन हैं वो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक रहेगा। 

दूसरा वनडे 19 मार्च को विशाखापत्तनम में खेला जाएगा।

गुरुवार, 16 मार्च 2023

चीन के सस्ते सामान की पड़ताल-हिंदी में

 

 चीन के उत्पादों की घटिया गुणवता सचाई  

  पिछले कुछ वर्षों से चीन ने अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा सकती हैं। इसका निर्माण के क्षेत्र में अच्छी बढ़ोतरी। साथ में चीन की जनसंख्या अपने देश के लिए वरदान साबित हुई हैं।वर्ष 1987 में भारत और चीन की  अर्थव्यवस्था लगभग बराबर की थी।और दोनो देशों की नेक टू नेक GDP per capita इनकम 1990 तक भारत चीन से अमीर देश था। और आज चीन की अर्थव्यवस्था भारत से 6 गुणा बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी हैं। जहा चीन विश्व में दो नंबर की आर्थिक शक्ति बन चुका हैं और भारत पिछले एक दशक से वापस पटरी पे आते हुए दुनिया की 5th नंबर की आर्थिकी शक्ति बनने में कामयाब हुआ हैं।आज भी भारत की आर्थिक विकास दर में सेवा क्षेत्र की भागीदारी 61.5% हैं और चीन अभी भी 52.2% ही सेवा क्षेत्र का योगदान करने में कामयाब हुआ हैं। कृषि के क्षेत्र में भारत की GDP में 15.4% का हिसा हैं और चीन का मात्र 8.3% भागीदारी कृषि क्षेत्र से आती हैं। मुख्य अंतर हैं वो हैं निर्माण के क्षेत्र में जहां भारत की भागीदारी मात्र 23% हैं और चीन की भागीदारी 39.5% हैं। और इसी क्षेत्र के कारण चीन ने 33 वर्ष में आर्थिक गतिविधियों में तेजी से काम किया। लेकिन अब उस तेजी पर ब्रेक लगते दिखाई दे रहे हैं उसका मुख्य कारण हैं उत्पादों की घटिया गुणवत्ता। चीन ने तेजी के चक्कर में विश्व बाजार में सस्ता और घटिया गुणवत्ता का समान उपलब्ध कराया।  लेकिन पूरे विश्व में निर्माण के क्षेत्र में संसाधनों के अभाव के कारण उत्पादन में भारी कमी थी जिसके कारण पूरे विश्व के देश चीन के माला को वरीयता देते थे। लेकिन अब समय बदल गया हैं और मुख्य कॉविड -19 के बाद ऐसी बहुत से उदहारण सामने आए जिससे चीन के उत्पादों की घटिया गुणवत्ता की पोल खोल दी। और भारत जैसे देश ने तो अपना पूरा ध्यान मेड इन इंडिया पे फोकस कर दिया हैं। और विश्व में अपनी विश्वसनीयता का बढ़ा रहा हैं।

 

म्यांमार को दिया खराब एयरक्राफ्ट

पाकिस्तान और चीन ने मिलकर JF -17 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट बेचे गए थे। यह एयरक्राफ्ट पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर तैयार किए थे। जिसमे तकनीकी खराबी आने के कारण आपात लैंडिंग करनी पड़ी। और अब पाकिस्तान से तकनीकी टीम म्यांमार पहुंची हैं। इससे चीन के एयरक्राफ्ट एक्सपोर्ट के क्षेत्र को बड़ा झटका माना जा रहा हैं। म्यांमार सरकार ने आंतरिक विद्रोहियों से निपटने के लिए ये क्राफ्ट खरीदे थे क्योंकि म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सूं की को जेल भेजे और रोहिंग्या संकट के चलते पश्चिमी देशों ने म्यांमार को हथियारों की सप्लाई करने से इन्कार कर दिया था। और इसी कारण चीन और म्यांमार के आपसी सम्बन्धों में निकटता आई थी। लेकिन इस पहली डील में इस खराब क्राफ्ट के कारण झटका लगा हैं। चीन भारत के पड़ोसी देशों बांग्लादेश ,श्रीलंका,नेपाल पाकिस्तान ओर म्यांमार को हथियारों की सप्लाई कर भारत पर दवाब बनाने की कोशिश करता रहता हैं।


भारत जल्द लागू करेगा भारतीय मानक ब्यूरो (BIS)

मोदी सरकार अस्तित्व में आने के साथ ही मेड इन इंडिया को आगे बढ़ाने को लेकर गंभीर हैं इसलिए अब चीन से आने वाले उत्पादों को भारतीय मानक ब्यूरो के मापदंडों पर खरा उतना होगा। इससे भारतीय व्यवसाय को फायदा होगा।और भारत में आने वाले घटिया गुणवत्ता वाले उत्पादों पर नकेल कसी जायेगी। भारत ने 371 उत्पादों को चिन्हित किया हैं क्योंकि भारत खिलोने और इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स का बड़ा आयातक देश हैं।


आईफोन ने किया भारत का रुख


आईफोन निर्माता Apple कंपनी सहित दुनिया की बहुत सी कंपनी अपना कारोबार चीन से समेत कर जा रही हैं एप्पल ने अपना चीन वाला  प्लांट भारत में  विस्तापित करने की घोषणा कर दी हैं। अब विश्व में प्रत्येक 3rd आईफोन मेड इन इंडिया होगा।साथ ही कंपनी 2025 तक मैक, आईपैड,एप्पल वॉच समेत 25% उत्पादन चीन से बाहर निर्माण कार्य शुरू करने का प्लान बना रही है।चीन दुनिया की फैक्ट्री क्यों कहलाता हैं चीनी अर्थव्यवस्था में 40% हिस्सा निर्माण क्षेत्र का होता हैं। चीन वो देश हैं जिसमे दुनिया में काम  आनेवाले अधिकांश वस्तुओ का निर्माण करता हैं। यह बात आश्चर्य करने वाली हैं की चीन में ऐसा क्या हैं की उसे दुनियां को वो प्रतेक उत्पाद बना कर देने की क्षमता रखता हैं।

 

मुख्यत ये पांच कारण हैं


1.चीन में सस्ता और अधिक संख्या में श्रम की उपलब्धता

2.चीन में बाल श्रम पर भी कम प्रतिबंध माने जाते हैं।

3 चीन में व्यापार करने के लिए अनुकूल माहौल हैं। सरल कागजी कारवाई, कम टैक्स,अलग अलग इकोनॉमी जोन जो निर्माण क्षेत्र के लिए बनाए गए हैं।अच्छा ढांचागत भी निर्माण को बढ़ाने में सहायक हुआ हैं। साथ में सप्लाई चेन भी बहुत मजबूत हुई हैं।

4.सरकार के नियमो का सरलीकरण

जहां पूरी दुनिया में निर्माण क्षेत्र में बाल श्रम,अन्नेच्छिक श्रम, स्वास्थ और सुरक्षा के मापदंडों के साथ पर्यावरण के साथ सामाजिक जिम्मेदारियों की पालना के लिए अधिक जोर दिया जाता हैं। पर चीन में इन दिशा निर्देशों की पालना नहीं करने के लिए जाना जाता हैं।

5.सरकारी टैक्स

सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष रियायती दरों पर सुविधाओ के साथ साथ सब्सिडी भी देती हैं ताकि निर्माता विश्व बाजार में अपने प्रोडक्ट को अधिक प्रतिस्पर्धी बना सके। साथ में चीन हमेशा से सभी सेगमेंट की मैनपावर को टारगेट करता हैं जिसके कारण निम्न टपके से लेकर प्रीमियम लोगो के लिए उत्पादों का निर्माण किया जाता है।मुद्रा पर नियंत्रण करके भी चीन हमेशा युआन के मुकाबले डॉलर को कमजोर करने के लिए समय समय पर कदम उठाता रहता हैं

    चीन आज भी अमीरिका जैसी आर्थिक शक्ति का लेनदार हैं वो अमरीका पे वर्तमान में भी करीब 1.2 ट्रिलियन डॉलर अमरीका से लेनदार हैं। तथा जहां अमरीका को इकोनॉमी size $25.35 ट्रिलियन की हैं। जबकि चीन की लगभग $19.91 ट्रिलियन की इकोनॉमी हैं।

      चीन के उत्पाद गुणवता और सस्ते होते हैं।यह केवल भ्रांति हैं की चीन सस्ते उत्पाद तैयार करता हैं। बल्कि चीन के 30% उत्पाद ही सस्ते हों सकते हैं बाकी बाजार के अनुसार ही कीमत होती हैं। और चीन हर वर्ग को ध्यान में रखकर निर्माण करता हैं। उद्धारण के तौर पे एक पेन  रुपया 5/- यूनिट का भी बनाता हैं तो रुपया 50/-यूनिट की भी बनाता हैं तो ये कहना  गलत होगा की चीन सभी वस्तुएं सस्ती और कम गुणवता की बनाता हैं। वर्ल्ड क्वालिटी इंडेक्स भी इस बात की पुष्टि करता हैं

मंगलवार, 14 मार्च 2023

ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 7 जून को भारत v/s ऑस्ट्रेलिया



बॉर्डर -गावस्कर ट्रॉफी 2 -1 से भारत के नाम

 कल का दिन भारतीय क्रिकेट के नाम खास रहा। भारतीय टीम टेस्ट इतिहास में पहली टीम बनी हैं जो लगातार दूसरी बार आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची हैं अब उसका मुकाबला 7 जून को इंग्लैंड के ओवल में होगा और टेस्ट फाइनल की भिड़ंत होगी । ऑस्ट्रेलिया से।

भारत की ऑस्ट्रेलिया पर 2-1 से जीत

सोमवार को अहमदाबाद में खेले गए चौथे मैच  ड्रॉ खेला गया ।भारत की पहली पारी में विराट कोहली के 186 रन के साथ टेस्ट मैचों के 28 वें सेंचुरी के साथ सुभमन गिल का शतक की बदौलत भारत ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के 480 रन के जवाब में 571 का स्कोर किया। और अंतिम दिन ऑस्ट्रेलिया 2 विकेट के पतन पर 175 का स्कोर किया और मैच ड्रॉ होगया।इसी के साथ भारत की ऑस्ट्रेलिया पर ये लगातर 4 सीरीज हैं जिसमे भारत ने ऑस्ट्रेलिया का मात दी हैं।

विराट बने प्लेयर ऑफ द मैच

विराट कोहली के 186 रन की पारी जो लंबे समय के बाद आईं और इस पारी में उन्होंने फिर से ये प्रूव कर दिया की वो एक धर्यवान और गंभीर खिलाड़ी हैं। अदम्य साहस की पारी उन्होंने खेली वो क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद की जाएगी।

आर अश्विन बने मैन ऑफ द टूर्नामेंट और बनाया अनोखा रिकॉर्ड।

बॉर्डर - गावस्कर सीरीज में कुल 4 मैच खेले गए और ऑस्ट्रेलिया की और से कुल 15 खिलाड़ी मैदान में उतरे और भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने सभी को किसी ना किसी पारी में पेवेलियन की राह दिखाई। और पूरी सीरीज में कुल 25 विकेट लिए और साथ में 86 रन का भी योगदान दिया। जिसकी बदौलत उनको प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।

आपसी संबंधों के सुदृढ़ बनाने के रूप में भीं याद किया जाएगा

 यह सीरीज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट के साथ आपसी संबंधों के सुदृढ़ बनाने के रूप में भीं याद किया जाएगा क्योंकि अहमदाबाद में भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनिज का जनता के बीच अनोखे अंदाज में नई डिप्लोमेसी का अध्याय लिखने में सहायक होंगी। क्योंकि ये टेस्ट मैच दोनो देशों के बीच क्रिकेट के 75 वर्ष पूरे होने के तोर पे भी विशेष रहा हैं।

      मोदी सरकार अब विदेशी मेहमानों को दिल्ली की चारदीवारी के बाहर का भारत दिखाने के अभियान के तहद  अलग अलग शहरो में मिलने से देश के बारे में दुनिया को देखने का नजरिया भी बदल रहा हैं।और अनेकता में एकता क्या हैं ये समझने में मदद मिलती हैं और आपसी संबंधों में मधुरता बढ़ेने में सहायक साबित हो रही हैं।


श्रीलंका पे न्यूजीलैंड की रोमांचक जीत का भारत के फाइनल में पहुंचने की कहानी।

7 जून को इंग्लैंड के ओवल में  ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के लिए भारत को ये सीरीज 3 -0 या 3 -1 से जितना जरूरी था लेकिन अहमदाबाद में अंतिम टेस्ट मैच ड्रॉ करके ऑस्ट्रेलिया ने भारत के मंसूबों पर पानी फेर दिया। इसी बीच श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच 2 मैचों की सीरीज में श्रीलंका को फाइनल में पहुंचने के लिए न्यूजीलैंड को 2 -0 से हराना जरूरी था लेकिन सोमवार को ही न्यूजीलैंड ने एक बेहद रोमांच पूर्ण मैच के अंतिम दिन मैच की आखिरी बॉल पर जीत दर्ज की और सीरीज में 1 -0 की बढ़त बना ली और भारत के लिए फाइनल का रास्ता प्रशस्त हो गया।
अब इंतजार रहेगा 7 जून का जब विश्व की दोनो दिगज टीम ओवल के मैदान में टेस्ट में अपनी बादशाह साबित करने के लिए एक दूसरे के आमने सामने होंगी।

बदलाव ही हैं आपके अस्तित्व का आधार

आपकी होशियारी रखी रह जाएगी यदि आपने नहीं किये बदलाव         इंसान सब कुछ भूल सकता हैं लेकिन यह तस्वीर में दिए हुए बदलाव को नहीं भूल सकते। जि...