शुक्रवार, 20 जनवरी 2023

पक्षी-जारोवर की कहानी

                                      कहानी-Surprising Science for Human beings

 

  कुड़कुड़ाना... इसका क्या मतलब है? परिघटना जब प्रवास में पक्षियों के विशाल झुंड आकार-परिवर्तनशील उड़ान पैटर्न बनाते हैं, तो इसे मुरमुरेशन के रूप में जाना जाता है। निहारना वास्तव में आश्चर्यजनक आश्चर्य है। तो आइए देखते हैं यह सब वीडियो में होता है। क्लिप में लगभग 50 सेकंड में घटना अभूतपूर्व हो जाती है। यहाँ, आप ज़ारोवर पक्षी को विभिन्न रूपों में उड़ते हुए देखते हैं। वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने की कोशिश की कि वे एक दूसरे से टकराए बिना इस तरह कैसे उड़ते हैं और निष्कर्ष निकाला कि यह तभी संभव है जब प्रत्येक पक्षी एक सेकंड में लगभग 100 मिलियन गणितीय गणना कर सके ताकि एक दूसरे से टकराए नहीं। प्रकृति की सबसे बड़ी और सबसे क्षणभंगुर घटनाओं में से एक। प्रकृति हमें विस्मित करना कभी बंद नहीं करती।

बुधवार, 18 जनवरी 2023

पकिस्तान का पिंजरे मे कबुलनामा

 
 
 
पाकिस्तान के वर्तमान PM  साहबाज़  शरीफ की जबान से सच क्या निकला दोनो देशो मे रह रहे परजीवी टाइप के लोगो के पेट मे मरोड़ शुरू होगये।। आइये पहले जाने की शरीफ ने ऐसा क्या कह दिया।शरीफ ने कहा की भारत के साथ हुये 3-4 युध्दो से हमे ये समझ आगया की इनसे केवल हमे भुखमरी,बेरोजगारी,लाचारी,तोहिन,निराशा के अलावा कुछ हासिल नही हुआ । ये शब्द 100% सही है ये दोनो देशो की जनता ही नही अपितु पूरी दुनिया जानती हैं । अब हमे यह समझना होगा की ऐसा कहने की नोबत क्योँ आन पड़ी की पाकिस्थान के PM को वो कहना पड़ा जिसको उसकी आवाम जानती है पर अशिक्षित जनता उसको स्वीकार नही करना चाहती या उनके हुक्मरान के बिल्कुल नही पच सकती । हम सब जानते हैं की दोनो देश एक साथ आजाद हुये और आजादी की 78 साल बाद जँहा भारत मे 80 करोड़ो लोगो को महिने का राशन सरकार की और से @1 रूपया किलो मे मिलता है वंही पाक मे वो @150 मे भी मिलना मुश्किल हो गया है । जँहा भारत corona जैसी महामारी मे अपने लोगो को ही नही बचाया बल्कि दुनिया-भर के लोगो की सेवा की। भारत के PM  मोदी के नेतृत्व ने भारत की जनता को विशवास मे लेके देश को कार्य करके सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास व सबके पर्यास से भारत की उत्पादकता को विश्व पटल पर बहुत अच्छे से रखा और दुनिया की 5th  आर्थिक सक्ती बन गया हैं ।। पाक के PM  का कबूलनामा  व भारत से वार्ता की आग्रह का यही कारण नही हैं । इसके पीछे और गहरा रहस्य हैं वो ये की पाक कभी भी ऐसी स्थिति में नही पहुँचा था जब उसने भारत से युध्द भी लड़े । अब ऐसा क्या परिवर्तन हो गया।। यह बात निश्चिंत नवाज शरीफ ने छोटे भाई को समझाई होगी की मोदी बिना बातचित के बिरयानी खाके केवल बालाकोट व उरि जैसे एग्ज़ाम्पल से समझाने की कोशिस की लेकिन हमारे मियां इमरान नही समझ पाये ।। टमाटर का निर्यात रोक के हमारे व्यापारी वर्ग ने समझाने की कौशिश की लेकिन वो नादान नही समझे । अब दुनिया के साथ साथ चाइना ने भी हाथ पीछे खींचना शुरू कर दिया।  धारा 370 हटा कर भारत ने बता दिया की बिना एक बूँद खुन खराबे के शान्ति से वँहा की जनता को देश हित के कार्यों मे युध्स्थर पर जोड़ दिया गया। जँहा इराक जसे मुस्लिम देश अपना पैसा व्यवसाय मे लगा रहे है । और अब उग्रवादियों को भी पता चल चुका है की कश्मीर मे कोई भी घटना करने के 48-72 घन्टे मे उनका अल्लाह भी वापसी का वारंट निकाल देता है । अब जँहा वो कश्मीर की वादियो के लिये लालयात रहते थे। अब वो भारत की सीमा की तरफ मुह करके सोने मे भी कतराने लगे हैं ।। और अब पाक की इस्थती यह होगई हैं देश मे हालत ऐसे हैं की कभी भी जनता विद्रोह कर सकती हैं उस स्थति मे ना उनका बेमानी का कमाया पैसा बचेगा ना धन दोलत बच पायेगी दुनिया मे दर दर की ठोकर खाने के अलावा कोई रास्ता नही है ।। ये सब हालात से निकलने का पूरी दुनिया मे एक ही मार्ग हैं जो भारत से होकर गुजरता है ।। यह बात पकिस्तान की जनता जनार्दन व वँहा की सेना व राजनीतक पार्टी समझ चुकी हैं ।। की भारत बिना थपड़ दिये ऐसा कर सकता हैं और यदि हाथ उठा लिया तो थपड़ की गूँज इतिहास के पन्नो मे भी सुनाई देगी। इसलिये इस बुद्ध की धरती पर जीवो और जीनेदो के सिद्धांत को अपना लेने मे ही सभी की भलाई है ।। क्योंकि ये स्वार्थी लोगो की जितनी जमात पाकिस्थान मे है उससे कम भारत मे भी नही है ।पर भारत मे बुलडोजर का निर्माण भी युद्घ स्थर पर जारी हैं । जो किसी को बक्सेगा  नही।।इसलिये पाक जैसे मुल्क को शान्ति के मार्ग को अपना कर अपने कर्म ही पूजा हैं पे ध्यान देना होगा। जिसका नतिजा होगा की उन्हे दुनिया के सामने झोली नही फैलानी पड़ेगी। और अपने देश व लोगो का खोया हुया समान वापिस हासिल कर पायेंगे। यही हर भारतवासी की सोच है ।

मंगलवार, 17 जनवरी 2023

राजस्थान की फिल्म सिटी

                        Business-Film productions house possibilities in Rajasthan,

 

 जवाईबान्ध जो की पश्चिमी राजस्थान की लाइफ लाईन कहा जाता हैं । पीने के पानी से लेकर किसानो के  सिंचाई मे भी यह अपना सम्पुर्ण योगदान देता है । पाली जिले के साथ साथ जोधपुर व जालोर व सिरोही जिलों की प्यास भुजाने की जिमेदारी यह निभा रहा है । यह पाली जिले के एक छोर पर स्थित हैं । जिस्की दुरी सुमेरपुर व शिवगंज तहसील से मात्र 4-5 किलोमिटर है । यह बान्ध पहाडियों से घिरा होने के कारण जंगली जानवरो के लिये एक सुरक्षीत जगह मानी जाती है इसलिए यंहा पे मुंबई व गुजरात से लोग घुमने व लापार्ड  सफ़ारी के लिये आते हैं । इसकी कनेक्टीवीटी रेलवे के द्वारा जयपुर,जोधपुर,गुजरात, मुम्बई के साथ जुडी हुई हैं । 

इस क्षेत्र के नजदीक सुथार के गांव कोलिवाड़ा जो की मन्दिरो के दरवाजे बनाने के लिये विख्यात हैं  साथ ही स्मॉल इंडस्ट्रीज से जुड़ाव  यंहा की अलग ही पहचान बना रहा है  यंहा की प्राकर्तिक सुन्दरता इस जगह को चार चांद लगती हैं । आस्था संस्थान के नरेंद्र आस्था ने के हवाले से जानकारी मिली की इसको राजस्थान सरकार ने राजस्थान का एकमात्र wellness सेंटर के लिये जमिन अल्लोट करके यंहा के लोगो को एक बहुत अच्छी सौगात दी है । जो की राजस्थान की फिल्म सिटी के ऐड जॉइंट मे स्वीकर्त की गई है ।। इसलिए इस जगह जमीन के भाव आसमान छु  रहे हैं ।। इस लिये अभी से लोग अपना आवास जवाई बान्द रोड के इर्द-गिर्द बना रहे हैं और एक से एक अच्छी आवासीय कॉलोनी, हॉस्पिटल,शिक्षण संस्थान सभी का तेजी से विकास हो रहा हैं । यह कहने मे कोई अतिसोक्ति नही होगी की आने वाले समय मे यह राजस्थान मे पहाड़ो की नगरी  Mount abu, झीलो की नगरी उदयपुर व रेगिस्तान के धोरो का शहर जैसलमेर  के लिये एक सेतू का काम फिल्म इंडस्ट्री व टूरिस्ट स्पॉट साबित के लिये साबित होगा ।।


शुक्रवार, 13 जनवरी 2023

तिल गूड़ के लड्डू की कहानी

                                                          कहानी-Story with Health tips
 

 
 
ये कहानी है  एक गुरुकुल की जब वँहा पे गुरु अपने शिष्य को आशीर्वाद दे रहे थे कि थोड़ी ही दूर पर आपस में लड़ते दो स्टूडेंट की आवाज उन्हें सुनाई दी। उन्हें हॉस्टल में आए अधिक समय नहीं हुआ था |


गुरु ने उनके पास पहुंचकर उन्होंने पूछा- क्या बात है? क्यों झगड़ रहे हो तुम दोनों?
एक ने बोला- गुरुजी! आज मकर संक्रांति के दिन मैं आपको तिल के लड्डू खिलाना चाहता था। लेकिन मेरा यह सहपाठी कहता है कि पहले मैं खिलाऊंगा। जब विचार पहले मेरे मन में आया है तो मुझे पहले खिलाने का अधिकार है। लेकिन यह बेईमानी कर रहा है। इसे मुझसे ईर्ष्या है। आप ही बताएं कि उचित क्या है?
 गुरुजी बोले- बच्चों! मैं तुम दोनों की भावना समझता हूं। लेकिन तुम्हारी भावना में अभी इस त्योहार की सच्ची भावना सम्मिलित नहीं है। इसलिए तुम आपस में झगड़ रहे हो। मकर संक्रांति के दिन तिल के लड्डू इसी भाव से खिलाए जाते हैं कि हमारे बीच जो भी मतभेद या मनभेद हैं।वे नष्ट हों और हम बैर भाव भुलाकर मीठा-मीठा बोलें। इसलिए लड्डू देते वक्त हम कहते हैं- 'तिळ गुळ घ्या आणि गोड गोड बोला' यानी 'तिल गुड़ लो और मीठा मीठा बोलो।' और तुम कितना मीठा बोल रहे हो, यह तुम स्वयं निर्णय करो। अतः मकर संक्रांति के सच्चे भाव को आत्मसात करते हुए पहले मुझे नहीं एक-दूसरे को तिल के लड्डू खिलाओ। गुरु की बात सुनकर शिष्यों ने उनके कहे का अनुसरण किया और एक-दूसरे को सच्चे हृदय से लड्डू खिलाने के बाद गले लगा लिया।क्या बात है! कितना अनोखा अंदाज था गुरु का अपने शिष्यों को सिखाने का। वे न केवल अपने शिष्यों को सिखा गए बल्कि आज भी हम जैसे लोगों को सिखा रहे हैं। तो मकर संक्रांति पर आपसे भी एक आग्रह है कि आज जब आप काम पर जाएं तो तिल के लड्डू साथ ले जाएं और सभी स्नेहीजनों के साथ ही उस सहकर्मी को अवश्य खिलाएं जिसके साथ आजकल आपकी पटरी नहीं बैठ रही है। हां, शर्त यह है कि भाव भी शुद्ध होना चाहिए। लड्डू खिलाने के साथ ही आज से उससे मीठी-मीठी बातें भी करना शुरू कर दें। कुछ समय बाद निश्चित ही आपको चमत्कारिक परिणाम मिलने लगेंगे और आपके दफ्तर की हवा भी बदलेगी। लेकिन याद रहे कि आप अपनी इस सफलता पर फूल मत जाना। वरना वही होगा जो पतंग और गुब्बारे के साथ होता है। यही है आज का गुरुमंत्र।

 

गुरुवार, 12 जनवरी 2023

मकर-संक्रांति 2023

                      कहानी-मकर-संक्रांति का तिल व गूड़ का संबंद्ध की पौराणिक कहानी



 

 

किसी भी साल की भांति 2023 का पहला पर्व मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) का पड़ रहा है. देशभर में इस पर्व को बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. मकर संक्रांति का ज्योतिषी रूप से भी बहुत महत्व है. कहते हैं कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. सूर्य 30 दिन में राशि बदलते हैं और 6 माह में उत्तरायण और दक्षिणायन होते हैं. मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. मकर संक्रांति 14 जनवरी, शुक्रवार के। 

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व देशभर के अलग-अलग भागों में अलग तरीके और अलग नाम से मनाया जाता है. लेकिन सब जगह एक बार कॉमन यह है कि इस दिन तिल-गुड़ खाना और इसका दान करना शुभ माना जाता है. सदियों से इस दिन काले तिल के लड्डू खाने की परंपरा चली आ रही है. लेकिन क्या आप इसके पूछी की वजह जानते हैं? आइए जानते हैं इस दिन काले लड्डू क्यों बनाए और खाए जाते। काले तिल जो हैं वो शनि का रुप होते हैं व गूड़ सुर्य का प्रतिनिधित्व करता है ।इसलिए इस दिन तिल व गुड के लडू खाना व दान करना पसंद करते है । जिससे शनि की दशा को ठिक रखा जा सके।।

तिल व गुड की कहानी 

पौराणिक कथा के अनुसार सूर्य देव ने अपने बेटे शनि देव का घर कुंभ क्रोध में जला दिया था. कुंभ राशि के स्वामी शनि हैं और इस राशि को ही उनका घर माना जाता है. घर को जलाने के बाद जब सूर्य देव घर देखने पहुंचे, तो काले तिल के अलावा सब कुछ जलकर राख हो गया था. तब शनि देव ने सूर्य देव का स्वागत उसी काले तिल से किया. 

जीवन

मंगलवार, 10 जनवरी 2023

नीमकाथाना नया जिला घोषित

                                      Rajasthan-Neemkathana's Public demand for District

 

   अभी नही तो कभी नही     

नीम का थाना से हजारों की तादाद मे लोगों ने वर्तमान विधायक सुरेश मोदी के नेतृत्व मे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन दिया जिसमे नीम का थाना को इसी विधानसभा सत्र मे जिले बनाने का आग्रह किया।। और जनता ने पार्टी बजी से उठ कर नीम का थाना को जिला बनाने के लिये एक स्वर मे आवाज को बुलंद किया और नारा दिया की अभी नही तो कभी नही।।

ऐसा नही है की यह कोई पहला पर्यास है इससे पहले भी पूर्व विधायक रमेश जी खंडेलवाल,वरिष्ठ वकील मनिराम जाखड सहित बहुत से कार्यकर्ताओ ने किसानों व जनता के साथ जयपुर कुछ किया था और जिले की मांग को पुरे जोर शोर से उठाया था उसी का परिणाम हैं । कल की रेली मे जनता जनार्दन ने बढ़ चड कर हिसा लिया।। 

एक बात अवश्य देखने मे आई की इस कार्यकर्म मे सुरेश मोदी कांग्रेस के दूसरा धडा जिसकी अगुवाई मनिराम जाखड जी व रमेश जी खंणडेलवाल  कर रहे है । उनकी अनदेखी करना इस मांग को कन्ही ना कन्ही कमजोर करने का कारण ना बन जाये।

बहुत ही अच्छा होता की सुरेश मोदी को इन कार्यकर्तओ की अनदेखी ना करके भावनात्मक रूप इस आन्दोलन को अधिक बल मिलता । क्योंकि इन्ही कांग्रेस के कार्यकर्ता के द्वारा ये आरोप लगाये जा रहे हैं की सुरेश मोदी ने नीम का थाना मे धरातल पर कुछ खास काम नही किये गये इसलिए जनता के सामने अपनी नाकामी छुपाने के लिये ये आन्दोलन यात्रा की गई है यदि नीम का थाना जिला बन जाता हैं तो इसका सीधा लाभ मोदी लेना चाहते हैं  और किसी कारण वश यदि ये नही होता है तो भी सुरेश मोदी के पास बोलने के लिये रहेगा की अशोक गहलोत ने नही किया।।। क्योंकि कांग्रेस मे जिस हिसाब से वर्तमान विधायको की टिकटों पे केंचि चलने की संभावना हैं उसके चलते भी सुरेश मोदी को अपनी सरकार के खिलाप ही यह आन्दोलन करना पड़ा ।। क्योंकि 2024 मे टिकट नये कार्यकर्ता को देने के आलाकमान के निर्देशों के तहद मनिराम जाखड पर भी कांग्रेस रमेश खंडेलवाल व सुरेश मोदी की इस खिंचतान मे टिकट देकर दाव खेल सकती है ।। जो की पिछले लम्बे समय से पूरी तहसील मे लोगो सक्रिय व लोकप्रिय बनते जा रहे हैं ।।। हाँ यह सही है की खिचतान  के मध्य नीमकाथाना को जिले बनाने की संभावना अधिक है क्योंकि ये यंहा की जनता की लम्बी समय से मांग है । साथ ही ये सभी मापदंडों मे सबसे आगे हैं । इसलिए यदि जिले बनेगे तो नीमकाथाना की अनदेखी करना वर्तमान सरकार के लिये आसान नही होगा।।

बदलाव ही हैं आपके अस्तित्व का आधार

आपकी होशियारी रखी रह जाएगी यदि आपने नहीं किये बदलाव         इंसान सब कुछ भूल सकता हैं लेकिन यह तस्वीर में दिए हुए बदलाव को नहीं भूल सकते। जि...