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रविवार, 28 मई 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नई संसद में पहला संबोधन/New Parliament Building Inauguration session

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नई संसद में पहला संबोधन

PM Modi Address in New Parliament House

       आज का दिन जेष्ठा शुक्ल पक्ष अष्टमी संवत 2080 अर्थात  28 मई 2023 स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर जी की जयंती के शुभ अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा नई संसद भवन का सनातनी परंपरा के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान के उपरांत लोकार्पण किया गया. जो कि भारतीय इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है।  साथ ही राष्ट्र को 2050 तक विकसित राष्ट्र की तरफ मजबूती के साथ अग्रेषित भी किया इस शुभ अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन में निम्न बातों का जिक्र किया :

      नई संसद भवन जो कि 64500 स्क्वायर फीट में त्रिभुजाकार आकृति में बनकर तैयार हुई है। इसमें पूर्ण रुप से डिजिटली तैयार किया गया हैं. जो हमारे सांसदो की गुणवत्ता, पारदर्शिता और  कार्य दक्षता को बढ़ने का  पूरा ध्यान दिया गया है. सोलर एनर्जी का उपयोग किया जाएगा एक समय था जब भारत के लोग विदेशों में बनी हुई चीजों को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाया करते थे।  लेकिन आज भारत में नई संसद का निर्माण दुनिया की किसी भी लोकतांत्रिक भवन से भव्य व अल्प समय में पूर्ण करके एक मिशाल कायम की हैं।

           इस भवन के निर्माण में अलग-अलग राज्यों के द्वारा सामग्री मंगवाई गई जैसे बलवा पत्थर लाल पत्थर राजस्थान से संसद में लगी कालीन मिर्जापुर यूपी के कारीगरों द्वारा हाथ से बुनी गई है मुंबई से मंगवाया गया तथा सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र से मंगवाई गई है भारत की नई संसद में वास्तुकार भी है तो वास्तुकला का अनूठा संगम है सभी राज्यों की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है लोकसभा की थीम राष्ट्रीय पक्षी मोर पर है।  तो वहीं उच्च सदन राज्यसभा की थीम राष्ट्रीय पुष्प कमल पर तथा संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद का पेड़ भी है.

        नई संसद भवन के निर्माण से 60000 श्रमिकों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा कहा गया कि मुझे संतोष है कि हमने गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए 300000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया तथा 4 करोड लोगों को घर और 11 करोड़ लोगो को शौचालय का निर्माण कर के देना का काम भी हमारी सरकार ने किया।  हमने 30000 ग्राम पंचायतों का भवन निर्माण भी किया है जिससे गांव की दुर्दशा को सुधारा गया प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि सफल होने के लिए सबसे पहले सफलता में विश्वास होना चाहिए।

मोदी ने अपने सम्बोधन जिस कविता की पंक्तियों " नविन प्राण चाहिए " का उच्चारण किया जिससे निश्चित देश में नई ऊर्जा का संचार होगा।


"नवीन पर्व के लिए नवीन प्राण चाहीए।

स्वतन्त्र देश हो गया प्रभुत्वमय दिशा मही,
निशा कराल टल चली स्वतन्त्र माँ विभामयी।
मुक्त मातृभूमि को नवीन मान चाहिए।
नवीन पर्व के लिए ॥

चढ़ रहा निकेत है कि स्वर्ग छू गया सरल,
दिशा-दिशा पुकारती कि साधना करो सफल।
मुक्त गीत हो रहा नवी राग चाहिए,
नवीन पर्व के लिए ॥


युवकों कमर कसो कि कष्ट-कण्टकोंकी राह है,
प्राण-दान का समय उमंग है उछाह है।
पगों में आँधियाँ भरे प्रयाण-गान चाहिए।

इस मौके पर मोदी ने एक डाक टिकट जारी किया साथ में 75 रुपया का सिक्का भी जारी किया। 


Rs.75/- Coin Launched in New parliament Building By Modi


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया संसद भवन का उद्घाटन कर देश को समर्पित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया संसद भवन का उद्घाटन कर देश को समर्पित किया 

नया संसद भवन

      प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सर्वप्रथम महात्मा गांधी की मूर्ति पर पुष्प अर्पण किये और उसके बाद नई संसद भवन का वैदिक मंत्रोच्चार व हवन पूजन के साथ नए भवन में प्रवेश की विधिवत शुरुवात  की। 

मोदी ने विधि विधान से सेंगोल को दंडवत प्रणाम किया और फिर संसद भवन में ॐ बिरला जी के साथ सभापति के आसान के पास स्थापित किया।

सेंगोल
     इस अवसर पर भारत की अखण्ड धर्मनिरपेक्षता का ध्यान रखा गया और सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमे सभी धर्मो के प्रतिनिधियों ने अपनी भाषा में अखंड भारत के इस शुभ अवसर पर नए संसद भवन में भारत के लोकतंत्र के लिए प्रार्थना की और अच्छे भविष्य की कामना की। 


     नए संसद निर्माण में 60000 श्रमयोगी ने अपनी दिन रात मेहनत से ३ वर्ष से काम समय में निर्माण कार्य को पूर्ण किया।  उनके विशेष और महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनमे से टॉप 11 श्रमयोगी को इस अवसर वर मोदी द्वारा साल उढ़ाकर समृति चिन्ह भेंट किया गया।  यह सम्मान सभी 60000 श्रमयोगी को दिया गया हैं।  

श्रमयोगी सम्मान
इसलिए वीर सावरकर की जयंती के दिन आज 28 मई 2023 का दिन भारत के लिहाज से स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है। जब भारत के निति निर्धारको के लिए आजाद भारत में निर्मित  नए संसद भवन जो की पूर्णतय स्वदेशी हैं । आज देश के प्रधानमंत्री मोदी जी नए संसद भवन का उद्घाटन किया। नये  भवन की भव्यता  इतनी  आलिशान है की इसकी सुविधाओं के आगे तो विदेशी पार्लियामेंट भी फेल हैं। संसद भवन को लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं,और इस मंदिर को भव्य बनाने के लिए पूरे 96 साल बाद इसे फिर से एक नया रूप दिया गया  है।

Ols and New Parliamnent Building

     नये संसद भवन सेंट्रल विस्टा डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट बिमल पटेल (Bimal Patel)  हैं। उनके पास दशकों का अनुभव है और वो एक कुशल वास्तुकार हैं। नए संसद भवन का आकार त्रिकोणीय है, और यह मौजूदा संसद भवन के पास ही बना है। नए संसद भवन लगभग 150 वर्ष तक इस्तेमाल किया जा सकेगा।

आर्किटेक्ट बिमल पटेल
     पुराना संसद भवन जो की 35000 स्क्वायर फ़ीट के क्षेत्र में हैं वंही पर नए भवन का क्षेत्र 64500 स्क्वायर फ़ीट में बना हुआ हैं। जो वर्तमान संसद से 17000 स्क्वायर फ़ीट अधिक बड़ा बनाया गया हैं। नए संसद भवन में 4,700 कमरे हैं। इसमें लोकसभा चैम्बर को हरा सजाया गया है, जबकि राज्य सभा चैम्बर में लाल रंग की थीम तैयार की गई हैं।
पुराना संसद भवन की लगत 83  लाख रूपये थी वंही पर नया भवन 970 करोड़ की अनुमानित लागत से तैयार हुआ हैं।

नये  संसद भवन की निर्माण सामग्री 

अशोक स्तम्भ
 
नई संसद के निर्माण में भारत के अलग अलग राज्यों से निर्माण सामग्री व अन्य आवश्यक सामान  मंगवाया गया  :-

-नई संसद के लिए लकड़ी का कार्य सागवान (टिक वुड) की कीमती और मजबूत लकड़ी से किया गया जो की  लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाई गई है.

-सैंडस्टोन यानी बलुआ पत्थर (लाल और सफेद) राजस्थान के सरमथुरा से खरीदा गया है. 

-पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर से लिया गया. कुछ पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से भी मंगवाए गए

- स्टोन जाली वर्क्स राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से लिए गए हैं। -अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाया गया है.

-त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग मंगवाई गई है.

-नई संसद के लिए अशोक चक्र को मध्य प्रदेश के इंदौर से लिया गया है.

-नई संसद भवन के लिए कुछ फर्नीचर मुंबई से भी मंगाए गए थे.
-लाल लाख राजस्थान के जैसलमेर से लिया गया है.
-राजस्थान के अंबाजी से सफेद संगमरमर पत्थर खरीदे गए हैं.

-केसरिया ग्रीन स्टोन राजस्थान के उदयपुर से मंगवाया गया है.
 -एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी, फ्लाई ऐश ब्रिक्स को एनसीआर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से खरीदा गया था.

-ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से लिए गए.

-नई संसद के लिए कार्पेट उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मंगवाए गए.

-एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन और दीव से ली गई.

FAQ :सेंगोल क्या हैं ? इसका इतिहास क्या हैं ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु के अधीनम मठ से सेंगोल स्वीकार किया और इसे लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया गया है.

भारत के दक्षिण में चोल वंश साम्रज्य ने 9 वीं शताब्दी से 13 वीं शताब्दी के बीच एक अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य का निर्माण किया। तमिल साहित्य के इतिहास में चोल शासनकाल को स्वर्ण युग की संज्ञा दी जाती है. चोल राजाओं का राज्याभिषेक करते समय जब सत्ता स्थानंतरण होता था तब सेंगोल जिसे राजदंड भी कहते हैं।  यह एक धातु से बनी हुई छड़ी टाइप दंडिका होती हैं जिसपे स्वर्ण का लेप लगा होता हैं। सेंगोल सत्ता हस्तान्तरित किया जाता के प्रतीक चिन्ह के तौर पे दिया जाता हैं,उससे न्यायपूर्ण शासन की आशा की जाती है।
भारत में आजादी की प्राप्ति के समय तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत गणराज्य के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को इसे सौंप था बाद में इसे इलाहाबाद संग्रहालय में रख दिया गया था। यह सेंगोल चांदी से बना हुआ हैं जिस पर सोने की परत चढ़ी हुई हैं।

सेंगोल







गुरुवार, 20 अप्रैल 2023

जनसंख्या में भारत बना दुनिया का नंबर वन देश।

 जनसंख्या में भारत बना दुनिया का नंबर वन देश।

      जनसंख्या के मामले में भी भारत ने चीन को पछाड़ दिया हैं। यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (UNFPA) की और से जारी आंकड़ों के मुताबित भारत की जनसंख्या 142.86 लाख हो चुकी हैं जबकि चीन की जनसंख्या 142.57 लाख हैं।इसी के साथ भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया हैं।

             विश्व की जनसंख्या को एक अरब 1800 ईस्वी तक हो गई थी ।और 2 अरब तक 1930 तक पहुंच गए थे और 3 अरब अगले 30 वर्ष यानी की 1960 में हो चुकी थी। 4 अरब 1974 में और 5 अरब 1987 में । इस गति से  8 अरब 2023 तक पहुंच गई हैं।लेकिन वर्तमान दौर में विश्व की जनसंख्या में गिरावट देखी गई हैं। लगभग 61 देशों में जनसंख्या वृद्धि दर 1% से कम होगई हैं। और 8 अरब से 9 अरब तक पहुंचने में इसे 15 वर्ष का वक्त लगेगा। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 61 देशों में 2022 से 2050 तक जनसंख्या वृद्धि दर 1% से कम रहने का अनुमान लगाया गया हैं।इसका मुख्य कारण प्रजनन क्षमता में गिरावट और प्रवासी जीवन की मजबूरी को कारण माना गया हैं।

चीन की प्रतिक्रिया।

     इस रिपोर्ट के आने के बाद चीन का तिलमिलाना लाजमी हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा की "I want to tell u that Population not depend on quantity it's the value of quality and we have 90 crore quantity workforce in china and which is highest in the world "

 जबकि UNFPA की रिपोर्ट के अनुसार भारत और चीन की तुलनात्मक अध्यन इस प्रकार से हैं।

भारत चीन की जनसंख्या में वृद्धि

विश्व की सबसे बड़ी चुनौती हैं जनसंख्या वृद्धि दर।जनवरी 2023 में पूरी दुनिया में 8 अरब यानी की 800 करोड़ पहुंच चुकी है।और इसमें 36.17%योगदान दो देश भारत और चीन का हैं जो की 280 करोड़ की जनसंख्या इन्ही दो देशों में समाई हुई हैं।11 जुलाई 1989 से संयुक्त राष्ट्र संघ ने पॉपुलेशन डे मनाया जाता हैं जिसका साफ उद्देश्य हैं दुनिया को जनसंख्या वृद्धि से होने वाले दूष प्रभावों से अवगत कराना ताकि आने वाली चुनौती से निपटा जा सके। पूरे विश्व में प्रतिदिन 2.50 लाख बच्चे जन्म लेते हैं। और विश्व में संसाधनों की उपलब्धता की गति इस तेजी से बढ़ाना संभव नही हैं। इसलिए आने वाला वक्त चुनौतियों से परिपूर्ण हैं यह हम सब जानते हैं।

      जनसंख्या में वृद्धि का मुख्य कारण हैं जन्म दर में वृद्धि और मृत्यु दर में गिरावट। विश्व में बढ़ती स्वास्थ सेवाओं के कारण मृत्यु दर में एक और बहुत अधिक कमी देखि गई हैं वंही पर जन्मदर में लगातार इज्जाफा वृद्धि का मुख्य करना माना  गया हैं 

      इसके साथ ही गरीब देशों में तेज़ी से वृद्धि देखि गई हैं क्योंकि अत्यधिक गरीबी के कारण लोगो में अधिक संतान उत्पति देखि जाती हैं जिसको वो आजीविका में सहायक समझते हैं।

इन देशों में होगी दुनियां की 50% आबादी

       UNO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की 50% आबादी 2050 तक इन देशों में होगी ।

भारत,चीन,अमेरिका,इंडोनेशिया,पाकिस्तान,कांगो,मिस्र,इथोपिया,नाइजीरिया,फिलीपींस,और तंजानिया में जनसंख्या घनत्व सबसे अधिक होगा।


 एशियाई देशों से सबसे अधिक पलायन

      दुनिया में 2010 से 2021 तक सबसे अधिक पाकिस्तान में 1.65 करोड़ लोग अपना देश छोड़कर दुनिया के अन्य हिस्सों में चले गए हैं।भारत इस लिस्ट में 35 लाख लोगो के पलायन के साथ दूसरे नंबर पर हैं और बांग्लादेश से 29 लाख और नेपाल से 16 लाख लोग अन्यत्र जाकर रहने लगे हैं।और श्रीलंका से से भी 10 लाख लोगो ने दूसरे देशों को नागरिकता ली हैं।वर्तमान में श्रीलंका और पाकिस्तान में भुखमरी ,महंगाई के कारण अस्थिरता देखी जा रही हैं और पाकिस्तान की बहुत ही चिंताजनक स्थिति है।



सोमवार, 3 अप्रैल 2023

बाज़ का पुनर्जन्म /जीवन का कायाकल्प

 

बाज़ का पुनर्जन्म /जीवन का कायाकल्प

    बाज़ का जीवनचक्र मनुष्य के लिए हमेशा से प्रेरणादायक रहा हैं। बचपन से मादा बाज़ के द्वारा कठिन ट्रैंनिंग से उसके जीवन की शुरुवात होती हैं। और वो आसमान पर राज करता हैं।  अपने से 10  गुना वजनदार पशु पक्षियों का शिकार पलभर में  करना।  मिनटों में बादलों को चिर के ऊपर जाना।  कई  घंटो तक बिना पंख हिलाये आसमान की ऊंचाइयों पे उड़ते रहना  आमतौर पर यह सब मनुष्य के सपने होते हैं। 

        बाज़ जब अपने जीवन की व्रद्धावस्था में आता हैं तब उसके जीवन में मुश्किलें आना शुरू होती हैं।  यह मुश्किलें उसकी पंजो की पकड़ का कमजोर होना, उसकी शिकार के जो चोंच काम में लेता हैं। उसका अधिक मुड़ जाने के कारण शिकार करने में असाहय होना। और जिन मजबूत पतले और लम्बे पंखो से वो आसमान पर राज करता हैं उनका उसकी छाती से चिपकना और भारी हो जाना।  

       ये कठिन परिस्ठितिओ में उसको आगे का जीवन जीना बहुत ही मुश्किल हो जाता हैं। ऐसे में उसके पास अधिक विकल्प बचते नहीं हैं।       

यह सही हैं की  भोजन जुटाने के लिए उसे पंख,चोंच और पंजों की मुख्य आवश्यकता होती हैं।  इनके कार्य नहीं करने के कारण बाज़ निश्च्चित  ही मृत्यु को प्राप्त हो जायेगा. दूसरा यह भी हो सकता हैं की वो अन्य पशु पक्षियों के द्वारा शिकार किये हुए व उनके द्वारा छोड़ा हुआ भोजन से वो अपनी शेष जीवन को जिये और या वो अपनी इन तीनो अंगो को कायाकल्प कर पुनर्स्थापना करें।  ऐसे में बाज़ ने जैसा जीवन जिया होता हैं उसी को जीने का साहस भरता  हैं। और बाज़ अपने आस पास की ऊँची पहाड़ी की चोटी पर चला जाता हैं। तब उसके जीवन की सुधार (reforming) की प्रक्रिया शुरू होती हैं। 

       बाज़ पहाड़ी पर अपनी चोँच को पथरो पे मार मार के तोड़ देता हैं और इस दौरान वह  लहू लुहान हो जाता हैं। इसी प्रकार वह अपने पंजों को पथरो पर रगड़ रगड़  के घिस देता  हैं। जब उसके चोंच और पँजे  नए आजाते हैं तब वह अपने भारी और कमजोर हो चुके पंखो को नोंच नोंच के अलग कर देता हैं। इस दौरान वह घायल भी हो जाता हैं। अन्तत 6  महीने के बाद वही बाज़ एकबार फिर से नए पंखो,चोँच और पंजों के साथ आसमान में उसी गति से अपने जीवन का सफर शुरू करता हैं।  मनुष्य क के लिए बाज़ बहुत बड़ा प्रेरणादायक पक्षी हैं।  

मानव जीवन को भी समय समय पर परिवार,समाज,व्यवसाय,कार्य, दिनचर्या,व्यवहार और सोच को पुर्नस्थापित करने की आवश्यकता होती हैं। .....Read More

गुरुवार, 30 मार्च 2023

कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर सुखद समाचार

 मानारोवर की यात्रा अब मात्र 7 दिन में

  भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत के दर्शन कोन श्रद्धालु नही करना चाहेगा। भारतीय लोगो के लिए हमेशा से ही मानसरोवर यात्रा चुनौतीपूर्ण रहीं हैं। चीन नेपाल रास्ते से कैलाश दर्शन जटिलताओं और डर से भरा होता हैं।भारत सरकार के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार 2023 में सड़क निर्माण पूर्ण हो जायेगा अभी तक निर्माण कार्य 85%तक पूरा हो चुका हैं।

मानसरोवर का भारतीय मार्ग

 भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा मानसरोवर यात्रा के लिए 3 रास्ते निर्धारित हैं।लिपुलेख दर्रा जो उत्तराखंड से गुजरता है। द्वितीय मार्ग हैं नाथुला दर्रा जो सिक्किम से निकलता हैं और तीसरा रास्ता हैं जो काठमांडू से होकर जाता है ।और ये तीनो रास्ते ही जोखिम से भरे हुए हैं जिसमे 25 से 30 दिन का वक्त लगता हैं।


नया मार्ग अब मात्र 7 दिन में पूर्ण होगा।

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर 2023 में भारत के श्रद्धालु उतराखंड के पिथौरगढ़ से 25 दिन की यात्रा मात्र 7 दिन में सुगमता से पूर्ण कर पाएंगे।


मानसरोवर के नए रूट की सम्पूर्ण जानकारी 


 

जहां लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर पहुंचने में यात्रियों को बर्फीले मौसम का सामना करते हुए 19500 फीट की ऊंचाई पर करीब 90 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ती हैं। अब इन यात्रियों को उत्तराखंड के पिथौरगढ़ से मनारोवर के लिए पिथौरगढ़ से तवाघाट तक 107.6 किलोमीटर तथा तवाघाट से घटियाबाढ़ तक 19.5 किलोमीटर सिंगल लेने हैं जिसे BRO द्वारा डबल रोड में बदला जा रहा हैं। और तीसरा घटियाबगढ से लिपुलेख दर्रे यानी चीन सीमा तक हैं जो करीब 80 किलोमीटर तक पैदल यात्रा द्वारा ही तय किया जा सकता हैं। Read More...

सोमवार, 27 मार्च 2023

राजस्थान भाजपा की कमान सीपी जोशी के हाथो में।

 मोदी, शाहा और नडा के एक तीर से कई निशाने

                                 

     राजस्थान बीजेपी के नए अध्यक्ष चंदप्रकाश जोशी ने आज पदग्रहण संभाला। नवरात्रों में आज राजस्थान बीजेपी के नए अध्यक्ष चित्तौड़गढ़ से सांसद सीपी जोशी ने राजस्थान भाजपा के नए अध्यक्ष पद के सम्मान समारोह में सभी नेताओ और कार्यकर्ताओं के बीच पदभार ग्रहण किया।इस अवसर पर राजस्थान भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष सतीश पूनिया,राजेंद्र राठौड़,भाजपा महासचिव महेश जोशी ,अरुण सिंह सहित सभी सीनियर नेताओं ने स्वागत किया और अपन समर्थन सीपी जोशी को दिया।

       सीपी जोशी ने अपने संबोधन में कुछ बाते कही जो जनता को को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। कार्यकर्ताओं को कहा की आप मेरे जयकारे में नारे नही लगाए। में आपके जैसे एक सामान्य कार्यक्रता हूं। मुझे कुछ साथीयों ने कंधे पर उठाने को कहा लेकिन में आप के कंधे पर नही कंधे से कंधा लगाकर काम करेंगे। ये शब्द बताते हैं की भाजपा आलाकमान ने कैसे व्यक्ति को राजस्थान की कमान दी हैं। सीपी जोशी एक सामान्य किसान परिवार से संबंध रखते हैं और राजस्थान में नीचे स्तर से काम करके इस मुकाम तक आएं हैं। सीपी जोशी राजस्थान भाजपा के 14वे अध्यक्ष हैं। चित्तौड़गढ़ से 2014 और 2019 में लोकसभा के लिए मनोनीत हुए हैं। अपने छोटे से जीवन में वो भाजपा यूथ विंग के अध्यक्ष रह चुके हैं।भाजपा युवा मोर्चा के स्टेट प्रेसिडेंट भी रह कर कार्य कर चुके हैं।

       अपने सम्बोधन में  जोशी ने कार्यकर्ताओ का आह्वान किया की आज के बाद आने वाले 6 महीनो तक हमें कंधे से कन्धा मिलाकर कांग्रेस की नींद हराम कर देनी हैं।  हमें होर्डिंग्स लगनी हैं लेकिन उस पर सरकार के किये हुए कार्यों को जनता को दिखाना और बताना हैं।  शिक्षा,स्वास्थ ,सुरक्षा, धारा ३७०, गरीबो के लिए पक्के घर,घर-घर जल, राममंदिर से लेकर कैन्हया लाल हत्याकांड तक की बाते  जनता तक लेकर जानी हैं। 

मेवाड़ और ब्राह्मण समाज को साधने की कोशिश।

ये सही हैं की गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बनाने के बाद मेवाड़ के एक कद्दावर नेता की कमी को पूरा करने का काम निश्चित सीपी जोशी करेंगे। साथ में भाजपा का कोर वोटर ब्राह्मण समाज को चुनावों से पहले ये सौगात देकर एक बड़ा दांव भाजपा में खेला हैं।

युवाओं को नेतृत्व

    नए अध्यक्ष सीपी जोशी भाजपा के यूथ विंग के अध्यक्ष रह चुके हैं वो युवा मोर्चा के स्टेट प्रेसिडेंट पद को सुशोभित कर चुके हैं। निश्चित इससे भाजपा को युवाओं में अपनी पकड़ को मजबूत करने में सहायता मिलेगी। 

       यह कहा जा सकता हैं की मोदी, शाहा और नडा की तिकड़ी ने राजस्थान में अपना वजीर मैदान में उतार दिया हैं। और अब बिसात बिछ चुकी हैं आने वाले विधानसभा चुनावों की और धरातल तैयार होने लगा हैं 2024 के लोकसभा का। अब देखना हैं की कांग्रेस सचिन और गहलोत की खींचतान के बीच कैसे सामना करती हैं। Read More...





मरुप्रदेश अब मांग नहीं हक़ हैं

     मरुप्रदेश अब मांग नहीं हक़ हैं

Jaisalmer Temple

 

 मरू प्रदेश की मांग कोई नई नही हैं। राजस्थान निर्माण समय से अलग अलग रूप में नए राज्य के  निर्माण की मांग जनता द्वारा की जाती रही हैं। कारण बहुत साफ हैं।जब किसी क्षेत्र का सर्वांगीण विकास देश दुनिया की गति से नहीं होता हो।और क्षेत्र की भाषा,रीति रिवाज, संस्कृति और भौगोलिक संरचना भिन्नता से परिपूर्ण हो।

        जो दुनियां का 09 वाँ सबसे गर्म स्थान  हो।जहां वर्ष भर तेज धूलभरी आंधियां,बंजड़ जमीन,कंटीली झाड़ियां,विपदाओं भरा जीवन,पानी की अनुउपलब्धता,पशुपालन पर आधारित अर्थव्यवस्था व रोजगार की तलाश में भटकते नागरिक, स्वास्थ सेवाओं के लिए 200-300 किलोमीटर का सफर, राजधानी की दूरी ,रुकने ठहरने की समस्या और खर्चा साथ में शारीरिक मानसिक थकान जैसी विषम परिस्थितियों में कोई भी राज्य  विकास की धारा से संपूर्ण विलय बहुत मुश्किल हैं।इसलिए राजस्थान को दो भागों में विभाजित करके मरूप्रदेश का निर्माण करना जनता जनार्धन के साथ भारत के विकास में अहम फैसला हो सकता हैं। जो राज्य दुनिया के 109 देशों से भी क्षेत्रफल में बड़ा हो। वो देश के विकास में मुख्य भूमिका निभा सकता हैं।

 मरुप्रदेश का संभावित प्रशासनिक स्वरुप

      वर्तमान राजस्थान जो की 10 संभाग और 50 जिलों में वर्गीकृत हैं। यदि हैं निम्न 19 जिलों के साथ 4 संभाग को मरूप्रदेश से जोड़ते हैं तो एक नए राज्य को जन्म दे सकते हैं।

राज्य - मरूप्रदेश

राजधानी मुख्यालय - जोधपुर

सम्भांग की लिस्ट

1.जोधपुर

2.पाली

3.सीकर

4.बीकानेर

जिला मुख्यालय की लिस्ट

1.अनूपगढ़

2.गंगानगर

3.हनुमानगढ़

4.बीकानेर

5. नागौर

6.सीकर

7.डीडवाना

8.कुचामनसिटी

9.ब्यावर

10.पूर्वी जोधपुर

11.फलोदी

12.जैसलमेर

13.बालोतरा

14 बाड़मेर

15. सांचौर

16. जालौर

17.सिरोही

18.पाली

19.पश्चिमी जोधपुर

संभावित भौगोलिक भू-भाग


मरुप्रदेश का क्षेत्रफल- 2,13,883 वर्ग किमी.

मरुप्रदेश की जनसंख्या- 2,85,65,500

मरुप्रदेश की साक्षरता दर 63.80%

मरुप्रदेश में गरीब 68.85 लाख

मरुप्रदेश में शिक्षित बेरोजगार 10 लाख

मरुप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 252 ₹

          यह संभावित डाटा हमे नया मरूप्रदेश बनाने की और अग्रसर होने को विवश करता हैं। जो व्यक्ति इस भू भाग में विचरण कर चुका हैं वो कह सकता हैं की आज भी इस क्षेत्र का ग्रामीण परिवेश आजादी के 75 साल बाद भी देश की मुख्य धारा से 25-30 वर्ष पिछड़ा हुआ हैं।

मरुप्रदेश का इतिहास 

       यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि राजस्थान निर्माण के दौरान बीकानेर और जोधपुर रियासत ने विलय कब पूरी ताकत से विरोध किया था तत्कालीन जोधपुर महाराजा हनवंत सिंह पहली लोकसभा में काली पगड़ी पहनकर पहुंचे थे 1953 में श्रीमान प्रताप सिंह पूर्व मंत्री बीकानेर स्टेट नेवी बीकानेर का राजस्थान विलय के विरोध में बंद का आह्वान किया था लेकिन सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा का हवाला देकर इस मांग को खारिज कर दिया गया था मरू प्रदेश दुनिया का नौवा गर्म स्थान है तेज धूल भरी आंधियां बंजर जमीन कटीली झाड़ियां के पदों से परिपूर्ण पानी की अनुपलब्धता पशुपालन पर आधारित रोजगार की कमी से  ग्रसित क्षेत्र है पूर्व सांसद स्वामी केशवानंद ने अपनी पुस्तक "मरुभूमि सेवा" में भी रेगिस्तान के संपूर्ण विकास के लिए मरू प्रदेश की मांग की थी स्वर्गीय गुमान सिंह लोधा 1998, महाराजगंज सिंह ने, बाड़मेर से अमृता जी ने ,लेखक दिलसुख राय चौधरी सीकर, पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने भी अलग-अलग समय पर राजस्थान में मरूप्रदेश की मांग उठाई है। यहां तक कि 3 नए राज्य निर्माण के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के सामने राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने सन् 2000 से 2001 के बीच में पत्र लिखकर इस मांग को रखा था.

मरू प्रदेश भारत को विश्व शक्ति  बनने मुख्य आधार साबित हो सकता है.

*मरुप्रदेश बनने से आम आदमी की पहुंच सरकार-प्रशासन तक आसान हो सकती हैं। आज जैसलमेर से जयपुर की दुरी 675 किलोमीटर की हैं /12 घंटे का सफर किसी भी बुजुर्ग व्यक्ति की सोचने मात्र से  रूह काँप जाती हैं।
*सरकार और प्रशासन अपनी नीतिओ को दूरदराज के  गांव तक पहुव्हा सकता हैं। बेहतरीन तरीके से निगरानी रख सकता हैं।
*भ्रष्टाचार और माफिया गठजोड़ का खात्मा करना आसान हो जाता हैं
*सरकार,प्रशासन और जनता का प्रदेश में आवगमन कम होगा और  व्यय में कटौती संभव हो पायेगी ।जयपुर जैसे शहरों पर जनसख्या का दबाब घटेगा।
*  अधिकारी और सरकार के मंत्रीगण जनता से सीधा संपर्क बढ़ेगा तो संवाद सेतु बनेगा जिससे जनता से जुडी हुई समस्याओ का निराकरण समय पर तेजी होंगे।
* इस समय मरुप्रदेश में आय के लिए मिनरल्स ,उद्योग,पशुधन, खेती में नवाचार, सौर ऊर्जा का उत्पादन, बाड़मेर में पेट्रोलियम रिफाइनरी,जैसलमेर,जोधपुर,माउंट अबू,रणकपुर जैसे पर्यटक स्थानों , जोधपुर का हैंडिक्राफ्ट उद्योग, जैसलमेर और जालोर में चमड़ा उद्योग,नए मेडिकल कॉलेज,इंदिरा गाँधी नहर,मूंगफली,जीरा,इसबगोल,अनार ,सरसों जैसी फसलों का मुख्य केंद्र निश्चित मरुप्रदेश को नई  बुलंदियों पर ले जाने का मादा रकते हैं।
* मात्र पानी के प्रबंधन से ही मरुप्रदेश अकेला अन्न के भण्डार भरने में सक्षम हो सकता हैं। जो भारत की भुखमरी मिटाने के लिए सहायक हो सकता हैं।
*भारत में जंगल,समुद्र,पहाड़ बहुत जगह पर हैं लेकिन रेगिस्तान मात्र मरुप्रदेश में ही हैं जो की पर्यटकों के लिए समेशा से आकर्षण का केंद्र रहा हैं। विशवस्तरीय व्यवस्तओं का विस्तार करके इसे दुनिया में अलग पहचान दी जा सकती हैं।
*सीकर झुंझुनू की शिक्षा और भारतीय सेना में योगदान,चूरू स्पोर्ट्स का हब,गंगानगर,अनूपगढ़,हनुमागढ़ कृषि आधारित उद्योग,नागोरी में मार्बल जालोर में ग्रेनाइट,जालोर बाडमेंर में अनार ,जीरा,ईसबगोल का उत्पादन,दुग्ध उतपदं, भेड़ ,बकरी और ऊँट का पशुधन, बारमेर की हिरण ,बीकानेर का भुजया पापड़,बीकानेर और जोधपुर का रिच खाना माउंट की प्राकृतिक छटा,ये सब मरु प्रदेश को नई पहचान देने में सक्षम हैं।
     
  इन सभी मापदंडो को देकते हुए निश्चित केंद्र सरकार को राज्य का विभाजन करके विकास  के नए मापदंड निर्धारित करने चाहिए। और जनता को मरुप्रदेश बनाकर रेगिस्तान की जनता के साथ न्याय करना चाहिए।
 

मरुप्रदेश अब मांग नहीं हक़ हैं. 

सोमवार, 20 मार्च 2023

मरुप्रदेश होगा 20 जिलों के साथ भारत का नया राज्य

 राजस्थान में सियासी मास्टर स्टोक 

   यह निर्णय राजस्थान के विकास की दर्ष्टि से अहम् साबित हो सकता हैं यह सही है की राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर (132140 वर्ग मील) है। जो कि देश का 10.41% है

कई देशों से बड़ा हैं राजस्थान

   राजस्थान श्रीलंका से पांच गुना, चेकोस्लोवाकिया से तीन गुना, इजराइल से सत्रह गुना तथा इंग्लैण्ड से दुगुने से भी बड़ा है

19 नए जिले और 3 नए संभाग

      राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में जनता को अब तक का सबसे बड़ा तोहफा दिया। "मांगते मांगते थक जाओगे, मैं देते देते नहीं थकूंका" वाले अपने कथन के बाद उन्होंने जनता की मांग पर राजस्थान का नक्शा ही बदल दिया। हम बात कर रहे हैं प्रदेश में 19 नए जिलों की घोषणा की। गहलोत ने राज्य में 19 नए जिले और तीन नए संभाग बनाने की घोषणा की। इसी के साथ राजस्थान में अब जिलों की संख्या 50 हो गई है। चुनाव से पहले कांग्रेस इस बड़ी घोषणा को गहलोत की जादूगरी बताकर पेश किया जा रहा है।  

मरुप्रदेश की रूपरेखा

  मरूप्रदेश उत्तर-पश्चिम भारत का प्रस्तावित राज्य है। जो राजस्थान के कुछ भू-भागों को मिलाकर बनाने का प्रयास है। प्रस्तावित राज्य में राजधानी जोधपुर के साथ 20  इसमें  जिलें बाडमेर, जैसलमेर, बीकानेर, चुरु, गंगानगर, हनुमानगढ़, पूर्वी जोधपुर,पश्चिमी जोधपुर,सांचोर, जालोर, पाली, सिरोही ब्यावर ,कुचामन सिटी ,डीडवाना, बालोतरा,फलौदी ,अनूपगढ़, सीकर और नागौर शामिल हो सकता हैं ।इसमें संभाग भी जोधपुर,पाली,बीकानेर और सीकर सहित कुल 4  संभाग बन सकते हैं मरूप्रदेश में इसका क्षेत्रफल 213883 वर्ग किमी हो सकता हैं। जनसंख्या 2 कराेड़ 85 लाख 65 हजार 500 है। साक्षरता दर 63.80 गरीबी 68.85 लाख, शिक्षित बेराेजगार 10 लाख और प्रति व्यक्ति आय 252 रु. है।


   1953 से चल रही है मरूप्रदेश की मांग : वर्ष 2008 से मरूप्रदेश की मांग प्रदेश में चर्चा का विषय बनी। जयबीर गाेदारा ने अपने साथियाें संग ये मांग उठाते हुए कहा कि ये पुरानी मांग है। 1953 में जब राजस्थान बन रहा था तब जाेधपुर और बीकानेर रियासत के राजाओं ने मरूप्रदेश की मांग रखी थी।

    उस समय कई ज्ञापन दिए गए। 1956 में बीकानेर राजघराने के आव्हान पर बीकानेर बंद भी रहा था। तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी काे तत्कालीन सीएम भैंराेसिंह शेखावत ने पत्र लिखकर कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाॅर्डर व विकास काे देखते हुए राजस्थान के दाे टूकडे किए जाएं। गाैरतलब है कि 2008 से अब तक कई बार ये मांग उठाई जा चुकी है। 

   इसलिए राजस्थान और मरूप्रदेश बनकर भारत के विकास में मुख्य भूमिका निभा सकता हैं। राजस्थान में उद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। कोटा और सीकर भारत में IIT और NEET के लिए प्रसिद्ध हैं तो जोधपुर हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के लिए अपनी पहचान रखता हैं। बाड़मेर में पेट्रोलियम उत्पादन से पश्चिमी राजस्थान की बदलती तस्वीर साफ तौर पे देखी जा सकती हैं। इसलिए मरूप्रदेश और राजस्थान का विभाजन प्रदेश और देश हित में लिया हुआ फैसला साबित हो सकता हैं। अब देखना यह हैं की जादूगर अशोक गहलोत इसे धरातल पर उतारने की ओर पहला कदम बढ़ाते हैं या मोदी सरकार इस विषय पर अपना मास्टर स्टोक खेल सकती हैं।

रविवार, 19 मार्च 2023

मोदी का छात्र जीवन

  Modi's Student Life

मोदी का छात्र जीवन

       जब से भारत मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शासन की बाग डोर अपने हाथ मे संभाली हैं तब से उनका एक नेता व जनसेवक के रुप मे आने वाली पीढ़ी इतिहास मे याद रखेगी । अब हमारे दिमाक मे आयेगा किस कारण ऐसा होगा।। दुनिया मे कामयाब होने या अपनी बात या अपना अनुभव या अपने सपने या लोगो से आपकी अपेक्षया  या बदलाव सब सम्भव होते है संवाद के धरातल पे और ये ही ताकत को अपना हथियार बनाया मोदी ने अपने अटूट कार्य मन की बात कार्यकर्म से जिससे उन्होने समाज के हर तपके से अपना संवाद स्थापित किया जो अभी भी जारी हैं ।। अब मे आता हूँ इस ब्लॉग के हैडिंग पे मोदी व छात्र जीवन इसमे कन्ही भी मे मोदी के छात्र जीवन को गुणगान नही करूँगा ।लेकिन जो विद्यार्थी अपनी पढाई कर रहे हैं । या जॉब की तैयारी   कर रहे हैं उनके पढने के समय को लेकर हैं । जो उनके समय की बचत के साथ सफलता को सुनिश्चित करने का मार्ग प्रसस्थ करेगा। ब्रहम काल जो सुबह का  4 बजे से 7 बजे तक के समय को ले सकते हैं यह किसी के भी जीवन मे सबसे अधिक फलदायी  होता हैं । इसको समझने के लिये आपको कुछ उदधारण को समझना होगा।। 

         पहले के ऋषि मुन्नी  हो या मौलवी हो प्रात काल जल्दी उठ के अपनी देनिक जीवन की शुरुवात करते थे और बहुत से आज भी ऐसा करते है ।। पशुओं का दिन की शुरुवात भी आप देख सकते हैं । जल्दी हो जाती हैं तभी हर घर मे सुबह की चाय ताजा दुध से बना पाते है । लम्बी दुरी की यात्रा प्रारंभ करनी हो तो भी यही समय उपयुक्त माना जाता हैं ।। सुसुबह-सुबह योगा या व्ययाम करने वाले अधिक स्वस्थ व ऊर्जावान महसूस करते है ऐसा जी जो छात्र सुबह उठकर 3 घन्टे की पढ़ाई करता है उसकी सफलता की दर आशिक होती है जिसको हम दिन मे की हुई पढ़ायी या कार्य के 7-8 घन्टे के समान माना जा सकता हैं ।। अप अपने मन मे ये सवाल उठता की ये कैसे सम्भव हैं ।। क्योंकि हमारा शारीर व मस्तिष्क रात्री के विश्राम के बात एकदम तरोताज़ा हिता हैं जैसी ही हम निद्रा से जगते है ये काम करना शुरू करता है ।। और हमारे मस्तिष्क मे डाटा का प्रवेश अलग अलग सूचनाओ के रुप मे आना शुरू हो जाता हैं इसी लिये उसकी कार्य क्षमता  सुबह सुबह बहुत अधिक होती है ।। आप इसे अपने जीवन मे उतार कर प्रयोग करके देखिये यही बात मोदी जी के जीवन की सफलताओं का मुलमन्त्र हैं । यही बात वो अपने मन की बात कार्यकर्म मे मोदी जी छात्रों के लिये बता चुके हैं ।

शनिवार, 18 मार्च 2023

राजस्थान में अब 50 जिले-मरूप्रदेश की नींव

 राजस्थान और मरूप्रदेश की नींव

(जयपुर और जोधपुर )

       राजस्थान भौगोलिक स्थिति में भारत का सबसे बड़े राज्य में शुमार हैं। और जिला मुख्यालय की अत्यधिक दूरी होने के कारण दूर दराज के लोगो के लोगो की समस्या के साथ विकास में भी बाधक रहा हैं। जिस गति से छोटे राज्यों ने परिसीमन कर के नए जिलों का निर्माण किया उन्होंने उसी गति से विकास भी किया। राजस्थान में 33 वा जिला प्रतापगढ़ 2008 में बना था। उसके बाद लंबे समय से जनता की यह मांग थी इतने बड़े राज्य में जिलों की संख्या अधिक होनी चाहिए । आखिरकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावो के मध्य नजर रखते हुए ही सही जनता को ये बड़ी सौगात दी हैं। और अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया हैं।इसलिए यह कदम प्रशंसा के योग्य हैं।निश्चित ही आने वाले समय में ये जिले राजस्थान के आधारभूत संरचना,विकास,सामाजिक सुरक्षा,रोजगार और राज्य को आर्थिक विकास के मोर्चे पर अपना योगदान देने में सहायक सिद्ध होंगे। गहलोत ने इसके लिए 2000 करोड़ के बजट का भी प्रावधान किया हैं।

नए जिले वर्तमान 13 जिलों से बनाए गए हैं और साथ में तीन नए संभाग भी बनाए गए हैं। जिनको मिलाकर अब राजस्थान में 10 संभाग और 50 जिले होंगे।

अब 10 नए संभाग

1 सीकर

2 पाली

3 बांसवाड़ा


नए जिलो की लिस्ट तथा किस जिले से जन्म हुआ।


1.नीमकाथाना (सीकर)

2.जयपुर उत्तर(जयपुर)

3.जयपुर दक्षिण(जयपुर)

4.कोटपुतली(जयपुर)

5 दूदू(जयपुर)

6.खैरथल(अलवर)

7.डीग ( भरतपुर)

8. गंगापुर सिटी (सवाई माधोपुर)

9.शाहपुरा (भीलवाड़ा )

10.सलूंबर(उदयपुर)

11. सांचौर (जालौर)

12.बालोतरा(बाड़मेर)

13.जोधपुर पूर्व (जोधपुर)

14.जोधपुर पश्चिम(जोधपुर)

15.फलोदी(जोधपुर)

16.अनूपगढ़(श्री गंगानगर)

17.डीडवाना(नागौर)

18.ब्यावर(अजमेर)

19.केकड़ी(अजमेर)


निश्चित विपक्ष इसको चुनावी घोषणा कहेगा। लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पक्ष और विपक्ष दोनो ने खुशी का इज़हार किया हैं जो बताता हैं की आने वाले समय में यह निर्णय राजस्थान की आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र के साथ में देश को आगे बढ़ाने में सहायक होगा।


नया रूप क्या होगा

नए संभाग और नए जिले बनने के बाद का स्वरूप कैसा होगा ये सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद ही पता चल पाएगा।


सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती।

नए संभाग और जिलों के स्वरूप को धरातल पर लाना कोई आसान काम नही होगा। इसमें बहुत अधिक राजनेतिक और सामाजिक समावेश की आवश्यकता होगी। प्रशासनिक ढांचा तैयार करना भी एक बड़ी चुनौती होगी

     प्रशासनिक रिकॉर्ड्स को विस्थापित करना, नई कागज कारवाई जिसमे आधार कार्ड से लेके वोटर कार्ड,राशनकार्ड,नरेगा जॉब कार्ड्स सब कुछ बदलना होगा। जिसके लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होगी। यह आने वाली सरकार के लिए एक चुनौती पूर्ण कार्य होगा। ये निश्चित हैं की राज्य में आगे किसी की भी सरकार आए। अगले पांच वर्ष के लिए सरकार को नया काम ढूंढने की आवश्यकता होगी नही। इन नए जिलों के विकास के लिए लिए मॉडल तैयार करना और पूर्ण करना ही सरकारों की सफलता और असफलता के मुख्य मापदंडों में से एक होगा

      यह सही हैं की राजस्थान कांग्रेस ने गहलोत के नेतृत्व में यह कार्य काल चुनौतीपूर्ण रहा हैं सरकार पर विपक्ष के साथ साथ आंतरिक खींचातान का भी सामना करना पड़ा हैं। गहलोत का यह फैसला अपने अनुभव और सभी को साथ लेकर चलने की नीति के कारण इन चुनौतियों के बावजूद अपने 5 साल का कार्यकाल ही पूर्ण नहीं कर रहे हैं बल्कि आने वाले 5 साल के लिए रास्ता साफ करने की और एक कदम आगे बढ़ाने वाला साबित हो सकता हैं

 यदि  राजस्थान में राहुल और सोनिया का हस्तक्षेप कम होता हैं तो गहलोत कांग्रेस की इस नया को पार लगाने में कामयाब हो सकता हैं।


गुरुवार, 2 मार्च 2023

नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) का इतिहास।

 नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के संस्थापक पीए संगमा - लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष


       नॉर्थ ईस्ट की एकमात्र पार्टी जिसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल हैं।इस पार्टी की आधारशिला लोकसभा के पूर्व स्पीकर पिए संगमा ने रखी थी। शरद पवार के साथ पीए संगमा ने कांग्रेस छोड़ के दोनो ने राष्टीय कांग्रेस पार्टी (NCP) का गठन किया था। जिसका अस्तित्व आज भी महाराष्ट्र की राजनीतिक में हैं। पीए संगमा का कद मेघालय ही नही नॉर्थ ईस्ट की राजनीतिक में बहुत बड़ा माना जाता हैं।वर्ष 2012 में  राष्ट्रपति के चुनावो में  NCP  के फैसले को नही मानने के कारण उन्हें शरद पवार ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था। 

नॉर्थ ईस्ट की प्रथम राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त पार्टी

वर्ष 2015 में चुनाव आयोग ने 2014 के लोकसभा चुनाव का खर्च का हिसाब नही देने के कारण NPP का निलंबन भी झेलना पड़ा था। ये पार्टी पार्टी चुनाव आयोग द्वारा निलंबन झेलने वाली पहली पार्टी भी हैं।

 

बीजेपी के गठबंधन का हिस्सा।

जब 2016 में भाजपा की अगुवाई में NDA ने आसाम में सरकार बनाई  तब हेमंत विश्वा सरमा ने बतौर संयोजक नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलाइंस बनाया जिसमे सिक्किम,आसाम और नागालैंड के मुख्यमंत्री शामिल हुऐ उस समय मेघालय में सरकार चला रही NPP भी शामिल हो गई।

 

इस पार्टी का चुनाव चिन्ह हैं पुस्तक (Book)

     अपने चुनाव चिन्ह के अनुरूप ही  इस पार्टी की आइडियोलॉजी हैं जो कमजोर तपके को साक्षर और शिक्षा के अधिकार संपन्न करने को लेकर हैं। यह पार्टी नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में यानी की मणिपुर,अरुणाचल,नागालैंड में कई बार सीट जीत चुकी हैं। हम कह सकते हैं की नॉर्थ ईस्ट में ये पार्टी अपना वर्चस्व रखती हैं और अपना दायरा बड़ाने का मादा भी रखती हैं। यह भी सही हैं की भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत की कल्पना को सरोकार करने में भाजपा से अधिक इन क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका अधिक हैं जिनका जन्म कांग्रेस से ही हुआ हैं। 

NPP के मुखिया कोनार्ड संगमा

     NPP के मुखिया हैं पीए संगमा के बेटे कोनार्ड संगमा जो युवा हैं और मात्र 45 वर्ष की उम्र हैं उनकी। 2016 में अपने पिता के देहांत के बाद पार्टी की कमान संभाली थी। वह तूरा से सांसद भी रह चुके हैं। और वो अपने पिता के कैंपेन मैनेजर के तौर पे काम शुरू किया था और अपना पहला विधानसभा  चुनाव 2004 में 182 वोटो से हार गए थे। कोनार्ड संगमा की पढ़ाई दिल्ली में सेंट कोलंबस स्कूल में हुई हैं।और बाद में पेनशिल्वेनिय यूनिवर्सिटी से बीबीए में डिग्री और इंग्लैंड की इंपीरियल कॉलेज से एमबीए किया। उनकी दो बेटियां हैं और वो मेघालय क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी हैं।

सोमवार, 13 फ़रवरी 2023

विधायक सुरेश मोदी द्वारा नीमकाथाना को जिला बनाने की विनती

       गहलोत जी हक़ मांग रहे हाँ भीख नहीं 

 

राजस्थान विधानसभा में आज बजट सत्र में नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी ने अपना भाषण दिया। और गहलोत द्वारा पेश बजट में युवाओं,किसानों,महिलाओं, बुजुर्गो के साथ घरेलू बिजली उपभोगताओ वी गैस सिलेंडर में राहत को बहुत जनहितेशी बताया । मोदी ने पुन मुख्यमंत्री का ध्यान नीमकाथाना को जिला बनाने की और खींचा और याद दिलाया की इससे जनता ने बड़ी निराशा है। जनवरी महीने में नीमकाथाना से हजारों की संख्या में लोग मोदी के नेतृत्व में शहिद स्मारक पहुंचे थे और लोगो को नीमकाथाना के साथ की लगी सीमा के विधायको का भी समर्थन था इसलिए जनता को बहुत अधिक आशा थी और गहलोत ने नए जिले बनाने के लिए एक समिति का घटन किया जिसने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी हैं उससे भी लोगो के नीमकाथाना को जिला बनते देख पाने के झूठे सपने दिखाए।पर अशोक गहलोत ने सदैव की भांति शेखावाटी के प्रति अपना तोहिन वाला रवया  इस बजट में डेंगा दिखाकर  शेखावाटी के प्रति अपनी उपेक्षा को जाहिर किया।। मोदी ने नीमकाथाना में सरकार के पिछले बजट में 8800 करोड़ की कुम्भा नहर परियोजना को सरकार ने स्वीकृत किया था जिसका काम अभी तक शुरू भी नहीं हो पाया और इन कामों कि सरकार द्वारा अनदेखी से जनता में निराशा हैं तथा नीमकाथाना में पानी के अभाव में लोग कृषि के कार्य को छोड़ अपराध की दुनिया में बढ़ रहे हैं इसलिए नीमकाथाना में सिंचाई के लिए यमुना का पानी लाने की मांग भी सदन के पटल पे रखी।।

साथ ही मोदी ने सरकार को बताया की वनभूमि और गोचर भूमि के सही चिंनित नही होने के कारण

सुरेश मोदी ने नीमकाथाना की सबसे बढ़ी पंचायत सिरोही जिसमे सबसे पुराना हॉस्पिटल  हैं और आबादी की हिसाब से बहुत बड़ी पंचायत हैं , और सीमेंट प्लांट व कई गांव के मध्य में होने के कारण यथा की OPD बहुत अधिक हैं और इस चिकित्सालय को कर्मोनत करने की पुरानी मांग को भी पूरा करने का अनुरोध किया।।
साथ ही मोदी ने बताया की नीमकाथाना में बहुत अधिक संख्या में लोग जो लम्बे समय से बसे  हुए हैं  वनभूमि व गोचर भूमि में गलत चयनित हुई जगह जिसको सही करने के आदेश पारित किये जाये | ताकि लोगो को रहत मिले/
 गुहाला को उपतहसील या नगरपालिका  बनाने की मांग भी सुरेश मोदी ने सरकार  से आग्रह किया/साथ में विधयकों को सड़को के लिए १० करोड़ को बढ़ा कर २० करोड़ करने की विनती की गई /ताकि किये गए वादे पुरे किये जासके /
 पाटन के हॉस्पिटल को भी उपजिला स्तरीय चिकित्सालय  बनाने का आग्रह किया/
यह सही हैं की मोदी जी ने अपनी मांग पुरजोर तरीके से विधानसभा में रखी लेकिन ये सही हाँ की गहलोत का नीमकाथाना ही नहीं शेखावाटी के प्रति हमेशा से निराशात्मक रवया रखा हैं / अब नहीं लगता की गहलोत इन सब बिन्दुओ पर कोई ध्यान देंगे./

नीमकाथाना के लिए नेचर पार्क की स्वीकारती की विनती की गई और जमींन भी दिलाने की सदन को भरोषा दिया/ 

शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2023

गहलोत का आखरी बजट

बचत,राहत और बढ़त का बजट



आज राजस्थान में 2023 व 24  का बजट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो की राज्य के वित्त मंत्री भी हैं ने बजट की प्रमुख घोषणा की गई हैं।

गहलोत ने लोक लुभावन टैक्स फ्री बजट जनता के सामने पेश किया। इसमें कोई दोराय नहीं की घोषणाओ का अंबार लगा हुआ हैं। सवाल ये उठता हैं की गहलोत इसे धरातल पर कैसे उतरेगा । इसे अधिकांश जनता को संदेश हैं। यदि पिछले बजट को ध्यान से गौर करे तो अभी भी बहुत सी बाते हैं जिनका धरातल पे कोई अता पता तक नहीं हैं। बजट 2022 में घोषणा की थी किसानों के लिए ड्रोन खरीदे जाएंगे पर ये धरातल पर काम नहीं दिखते।। जामडोली में दिव्यांग विश्विद्यालय खोले जाने की घोषणा हुई थी और कल यही विश्विद्यालय जोधपुर के लिए घोषणा कर दी गई। किसानों को निशुल्क बीज किसको मिला और कितनो को मिला ये सब किसान जानते हैं।

जयपुर जैसे शहर सफाई के लिए रह देखते रहे और सरकार नगर निगम की आपसी उलझनों में लगी रही। और ये वर्ष भी चुनावी साल हैं इसलिए जनता ध्यान रखे की नेता लोग वादा कितना करते हैं और धरातल पर काम कितना होता है यही ध्यान में रख कर जनता सता की चाबी सौंपेगी।।

अब आपको अशोक गहलोत की बजट 2023-24 को एक झलक निम्न लिखित हैं।

*कोविड में जो बच्चे अनाथ हुए उनको सरकारी नोकरी की घोषणा।

* उज्ज्वल योजना में गरीबों को मात्र 500/ रूपये में गैस सिलेंडर। इससे राजस्थान में 76 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा।

*अब घरेलू बिजली में 50 यूनिट की जगह 100 यूनिट तक फ्री

*नवीन युवा नीति को घोषण के तहद् 500 करोड़ युवा कल्याण कोष

*100 मेघा जॉब मेले लगाए जायेंगे

* जिला मुख्यालय पर यूथ हॉस्टल एंड डिजिटल लाइबरी 

*सभी संभाग पर सावित्री बाई फुले महाविद्यालय की सौगात

*महिला उद्यमियों को मासिक भता दिया जाएगा।

* जयपुर में एक APJ कलाम के नाम से विश्विद्यालय 

*बालिकाओं को दी जाने वाली स्कूटी की संख्या 20 हजार से बदाकर 30 हजार की घोषणा 

* शोध के छात्रों को 30 हजार तक स्कॉलरशिप

*100 नए विद्यालय v 300 को कर्मोनत किया जाएगा

*स्टूडेंट को अब 75 किलोमीटर तक किराया माफी जो पहले 50 किलोमीटर दूरी निर्धारित थी।

* हर जिले में सलीम दुरानी क्रिकेट अकादमी बनाई जाएगी।

*ग्रामीण v शहरी खेलो के लिए 150 करोड़ का बजट।

*राष्ट्रीय खेल विजेता को निशुल्क यात्रा v खेल विभागो में नौकरी में वरीयता दी जाएगी

*चिरंजीवानी योजना में 32 लाख लोगो को बीमा राशि 10 लाख से बड़ाकर 25 लाख की गई हैं।

* मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा राशि 5 लाख से 10 लाख की गई।

*EWS परिवारों को निशुल्क चिरंजीवी योजना।

*3 जिला को मेडिकल कॉलेज की सौगात प्रतापगढ़,राजसमंद v जालोर को मिले।

* 20 करोड़ को लागत से नशा मुक्ति केंद्र खोलेंगे।

*झुंझुनूं आयुर्वेदिक चिकत्सालय खोला जाएगा।

*बालोतरा को यूनानी कॉलेज खोला जाएगा।

*50 करोड़ की लागत से चाकसू में सेंटर एक्सीलेंट पंचकर्म केंद्र खोला जायेगा।

*स्विगी जोमोटो जैसी कंपनी में काम करने वालो को भी फंड घोषित किया गया हैं।

*बुजुर्ग पेंशन के तहद अब 1000 रूपये दिए जायेंगे।

*ST and SC कोष को बदाकार 500 से 1000 करोड़ किया जाएगा 

*19 हजार करोड़ की महंगाई का बजट घोषित किया गया हैं।

*125 दिन मिनिमम कार्य दिवस की राजीव गांधी रोजगार योजना का प्रावधान रहेगा।।

*जोधपुर में मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी की सौगात

*भरतपुर को होम्योपैथी महाविद्यालय खोला जायेगा

*30 हजार सफाई कर्मियों की भर्ती की जायेगी

*2 हजार महात्मा गांधी विद्यालय खोले जायेंगे

*250 फूड सेफ्टी ऑफिसर अप्वाइंट होंगे

*मिड डे मील के तहद बच्चो को हर दिन दूध पिलाया जायेगा।

*उदयपुर में पेयजल के स्रोत के तहद 3 नए बांध बनाए जायेंगे।

* बाड़मेर में 1100 मेगावाट के लिग्नाइट आधारित प्लांट का निर्माण होगा।

*स्काउट गाइड को निशुल्क परिवहन की सुविधा दी जाएगी

*महिलाओं को रोडवेज में 50% की छूट मिलेगी

*जोधपुर में महत्मा गांधी दिव्यांग विश्विद्यालय खोला जायेगा।

 नए जिले बनाने की घोषणा ठंडे बस्ते में। 





हिलेरी क्लिंटन का कांशी दौरा

आध्यात्मिक नगरी कांशी व हिलेरी क्लिंटन 


 


भारत की आध्यात्मिक पर्यटक स्थल कांशी जिसका जीर्णऊथान होने के बाद विश्वपटल पर  एक बड़े पर्यटक स्थल के रूप में उभर रहा हैं और देशी के साथ विदेशी सैलानियों का मुख्य केंद्र बनता जा रहा हैं। 

अमरीका की पूर्व विदेश मंत्री।

हिलेरी क्लिंटन जो अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हैं और पूर्व सरकार में विदेश मंत्री रह चुकी हैं । वे ३ दिनों के लिए भारत यात्रा पर उतरप्रदेश के वाराणसी में गंगा मैया की आरती व भ्रमण का लुप्त उठा रही हैं और उन्होंने ट्विट करके बताया की वो इस स्थान पर पहली बार आई हैं और बहुत उत्तेजित हैं। हिलेरी यांहा पर महिलाओं के लिए काम करने वाले एक NGO के ५० वीं वर्षगांठ मनाने और अपनी दोस्त इला भट्ट की विरासत को देखने के लिए आई हुई हैं। ध्यान रहे हाल ही में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित एक सामाजिक कार्यकर्ता थी,जिनका ८९ साल की उम्र में नवंबर २०२२ में निधन हो गया हैं। इला ने हमेशा गांधीवादी विचारधारा का प्रचार प्रसार करती रही हैं।


इला भट्ट व सम्मान


इला भट्ट को पद्म भूषण के साथ साथ १९७७ में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार v 1986 मैं लाइवलीहुड अवार्ड से भी समानित किया जा चुका था। 2011 में उन्हें गांधी पीस समान से भी नवाजा गया था। उन्होंने महिलाओं के लिए कई सक्रात्मक कार्य किए जिसके कारण उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई।

 हिलेरी क्लिंटन शुक्रवार को वाराणसी पहुंच कर नाव में सवार होकर गंगा जी की आरती का लुप्त लिया और हाथ हिलाकर लोगो का अभिवादन किया तथा गंगा घाट की तस्वीर खिंचाई। यह सही हैं की शिवनगरी कांशी ने अध्यातिमिकता में रुचि रखने वालो के लिए एक अधबुध स्थान हैं और अब मोदी सरकार ने भोलेनाथ के भक्तो को गालियों से निजाज दिला दिया और बाबा के धाम को भव्यता प्रदान की हैं और कांशी में रहने से लेकर तमाम सुविधावो को विश्वस्तर का बनाया हैं जिससे वाराणसी में पर्यटक को    गति मिली हैं और एक नई पहचान मिली हैं।

गुरुवार, 9 फ़रवरी 2023

मोदी का अभेद किला जनता का सुरक्षा कवच।

 मोदी का सुरक्षा कवच 




कल भारत के प्रधानमंत्री ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष को धोबी पछाड़ दिया। पीएम ने विपक्ष पे प्रहार करते हुए  लोकसभा में कहा को १४० करोड़ जनता का भरोसा उनका सबसे बड़ा सुरक्षा कवच हैं।विपक्ष के झूठे आरोप व गालियों के शस्त्र उनके कवच को भेद नहीं सकते।क्योंकि "मुसीबत के समय  मोदी उनके काम आया हैं, इसलिए आपके आरोपी को कोटि कोटि भारतीय से गुजरना पड़ेगा। विपक्ष की और से मंगलवार को राहुल गांधी ने अपने ४५ मिनट के भाषण में तथ्यहीन उद्योगपति गौतम अडानी से मोदी के रिश्तों के बारे में एक तस्वीर दिखा कर मोदी से सवाल किए की वो अपने संबंधो के बारे में जनता को बताए। आप को ज्ञात होगा की २४ जनवरी को अडानी का व्यवसाईक साम्राज्य २१ लाख करोड़ का था जो घट कर १० लाख करोड़ से नीचे आचूका हैं और उसके SBI व LIC का भी पैसा लगा हुआ है।। निश्चित ही भारत जैसे लोकतंत्रिक देश में किसी व्यवसाई पर इतना बड़ा जोखिम लेना जनता के अहित में जा सकता हैं और ये मोनोपॉली को बढ़ावा देने वाला है।लेकिन 

कमजोर विपक्ष 

अपनी बात को सही तरीके से रखने में नाकामयाब रहा।और मोदी ने अडानी व राहुल का नाम लिए बिना ही प्रतिकार किया।साथ ही कहा की विपक्ष मुख्यत राहुल बिना सिर -पैर की बाते करते हैं। ध्यान रहे मंगलवार को राहुल के दिए भाषण को १८ कट के साथ संसद के रिकॉर्ड में रखा गया हैं।क्योंकि संसद की नियमावली के अनुसार संसद के पटल पर कुछ भी बोलने से पहले अपने व्यक्त्व को सत्यापन कराना अनिवार्य होता हैं और राहुल हमेशा की भांति बिना आधार के ही बाते बोल देते हैं इसी के कारण राहुल की छवि एक जोकर नेता के रूप के स्थापित हो चुकी हैं और जनता तो जनता उनके कार्यकर्ता भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेते। अन्यथा राजस्थान जैसे राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट प्रकरण इतना लम्बा नही खींचता जिसका खामियाजा जनता को चुकाना पड़ रहा है। साथ ही मोदी ने कहा की विपक्ष २०१४ के बाद से लगातार कह रहा हैं की भारत कितना कमज़ोर हो रहा हैं और अब कह रहे हैं की भारत दूसरे देशों को धमाकाकर फैसले करवाने को मजबूर कर रहा हैं।ये बारे विरोधाभाषी हैं इसलिए विपक्ष पहले यह जाने की भारत कमजोर हुआ हैं या मजबूत हुआ हैं। भारत जोड़ो यात्रा को लेकर भी 

मोदी ने कश्मीर का उधारण 

पेश किया की कैसे उन्होंने उग्रवादियों की धमकी के बावजूद लाल चोक में तिरंग फहराया था और आज विपक्ष सैकड़ों लोगों के साथ १००%सुरक्षा के माहौल में तिरंगा फहराया जा रहा हैं ये बदलाव जनता जनार्दन को समझने के लिए बहुत हैं। मोदी ने विपक्ष से सवाल किए की वो बताए की ८० करोड़ लोग  जिनको अनाज मुफ्त राशन मिलता हैं,११ करोड़ किसान जिनके खाते में एक वर्ष में ३ बात सीधे पैसा जाता हैं, ९ करोड़ लोगो को गैस कनेक्शन फ्री मिले,११करोड़ घरों को शोचलयो की सौगात मिली, ८ करोड़ लोग जिनको नल से जल मिला,२करोड़ लोग जिनको आयुष्मान योजना का फायदा मिला वो लोग विपक्ष पर कैसे भरोसा करेंगे।।ये सही हैं की मोदी ने  गत ९ साल के दलित,आदिवासी, पिछड़े लोगो पर फोकस करके ही काम किए ताकि उनको मुख्य धारा से जोड़ा जा सके और देश की प्रगति का रास्ता साफ हो सके।।मोदी ने जन्हा मोबाइल निर्माण में भारत दुनिया का ३rd देश बन गया है। जिस समय दुनिया covid जैसी महामारी के सबकुछ थम सा गया था ,आधी दुनिया के युद्ध का माहौल बना हुआ है। पड़ोसी देश अपनी जनता को भर पेट खाना भी नहीं खिला पा रहे है वन्ही पे मोदी सरकार ने भारत के मैन्युफैक्चरिंग से लेकर डिफेंस उत्पाद को बढ़ावा दिया हैं,अपनी सेना को समान के साथ सुरक्षा को पुख्ता किया है। १००% रेलवे को विधुतिकरण किया है।रोड नेटवर्क का जाल बिछाया है। मेडिकल कॉलेज से लेकर शिक्षा के लिए हजारों विश्विधालय खुले हैं। खेल के मैदान से लेकर आसमान तक अवसर बने हैं।। योगा को दुनिया के पहचान मिली हैं ।

भारत v भारतीयों का दुनिया के कद बड़ा हैं।। 

भ्रष्टाचार जैसी बिमारी पे नकेल कसी गई हैं, दबंगई का अंत हो रहा हैं। देश का माहौल बदल रहा हैं और दिख भी रहा हैं। यही सब कुछ हैं जो मोदी को आत्मविश्वास से भरता हैं।और हो क्यों नही जिस व्यक्ति ने देश के लिए अपना जीवन खपा दिया उसका उठना बैठना सोना जागना सब कुछ देश हो उसको इस जनता से प्यार और स्नेह हमेशा मिलेगा और विपक्ष इसके किले को आने वाले समय के भेद पाए ये संभावना बहुत ही कम प्रतीत होती है।।

शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2023

पाकिस्तान गर्भ से है

"करो थाली बजाने की तैयारी"



कुछ दिनों से हमारा पड़ोसी पाकिस्तान गर्भ से है!

ये समाचार तो आपको पता ही हैं!

गत कुछ दिनों से पाकिस्तान के दर्द की शिकायत बढ़ती जा रही है। जिसे देखते हुए डाक्टर मोदी से सम्पर्क किया गया है!

डाक्टर मोदी ने कल रात सोनोग्राफी की रिपोर्ट देखकर बताया, कि बच्चे जुड़वां होने वाले हैं!

पहले की रिपोर्ट में केवल बलूचिस्तान था! परन्तु कल की रिपोर्ट में सिंध भी आया है!

ये सुनकर एक तरफ तो भारत (पिता) में उत्साह की लहर है,  वहीं दूसरी ओर चीन (पाकिस्तान के पीहर वाले) नाराज हैं!

चीन का कहना है कि पाकिस्तान काफी कमजोर और बूढ़ा हो चुका है! प्रथम प्रसव (बंग्लादेश) के जन्म को 50 वर्ष बीत चुके हैं!

इस बीच, काफी कमजोर हो जाने के कारण नये बालक,

और वो भी जुड़वां होने से, पाकिस्तान की जान को खतरा है!

डाक्टर मोदी का कहना है, कि वो चीन की बातों से सहमत है, परन्तु समय अधिक बीत जाने के कारण गर्भपात संभव नहीं है!

पहले जब पाकिस्तान बार-बार काश्मीरी सेब खाने की जिद कर रहा था, तब किसी ने ध्यान नहीं दिया! उससे ये जुड़वां बालकों की समस्या और बढ़ गई है!

जुड़वां बालक होने से डिलीवरी नोर्मल होने की संभावना घट गयी है! डाक्टर मोदी का कहना है, की आवश्यकता होने पर सर्जरी (युद्ध) करना पड़ेगा ! 

अभी आपरेशन का समय निश्चित नहीं हुआ है! पर ये तो तय है, कि जल्द ही पड़ोस में किलकारी गूंजने वाली है!

बताया जा रहा है, कि नवजात शिशुओं के कमजोर स्वास्थ्य को देखते हुए, उन्हें कुछ दिन डाक्टर मोदी अपनी कड़ी निगरानी में रखेंगे!

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

जिले बनाओ मुहिम

 "राजस्थान में नए जिले बनाने की तैयारी में गहलोत



 सरकार"राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है | वर्तमान में राजस्थान में 33 जिले हैं व वसुंधरा जी की सरकार के समय 2008 में प्रतापगढ़ को 33वां जिला बनाया गया था।इसके बाद से ही राजस्थान में लगातार नये जिलों की मांग उठाई जा रही है। और  इस कड़ी मे नीमकाथाना,ब्यावर और बालोतरा जिले बनने की कतार में सबसे आगे हैं। और जनता के साथ वँहा के विधायक भी अपनी और से पुर जोर कोशिश मे लगे हुये है ।इस समय राजस्थान में विधानसभा चुनाव को देखते हुए गहलोत सरकार पर आगामी 10 तारीख को राजस्थान के बजट में इन जिलों की घोषणा करने का पूरा दबाव है। इस वर्ष राजस्थान में विधानसभा चुनाव को देखते हुए गहलोत सरकार इन जिलों की घोषणा करने की उम्मीद है। क्योंकि राजस्थान सरकार द्वारा सेवानिवृत्त आईएएस राम लुभया की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट भी राजस्थान सरकार को सौंपी जा चुकी है। जिसमें 24 जिलो के 60 शहरों का अध्ययन किया है और जिले बनने के तय मापदंडों के आधार पर सरकार को यह रिपोर्ट सौंपी जा चुकी हैं । और माना जा रहा है की नीम का थाना इस रेस मे ब्यावर व बालोतरा के साथ टॉप 3 की रेस मे बना हुया है ।गहलोत सरकार द्वारा 10 फरवरी को राजस्थान का बजट पेश किया जाएगा। 

नीमकाथाना की पदयात्रा ।

इसमे जनवरी माह मे नीमकाथाना के वर्तमान विधायक सुरेश मोदी के साथ हजारो की संख्या में लोग जयपुर विधानसभा पैदल यात्रा कर  पहुंचे और अशोक गहलोत को अपना ज्ञापन सौंपा, जिसमें नीमकाथाना को जिला बनाने की पुरानी मांग को  पुर जोर से उठाया गया। क्योंकि जनता को डर की कन्ही नीमकाथाना सुरेश मोदी के सचिन गुट की भेंट ना चढ जाये।

विधायक ने अपने जूते त्यागे ।।

और इसी कड़ी मे पिछले बजट सत्र में बालोतरा विधायक मदन लाल प्रजापत ने जूते त्याग दिए हैं. उन्होंने विधानसभा में अपने जूते उतार दिए और संकल्प लिया कि जब तक बालोतरा जिला नहीं बन जाता तब तक वे जूते नहीं पहनेंगे। 

जिला नही बना तो कोर्ट स्टे

भाजपा के विधायक की धमकी की यदि ब्यावर को जिला नहीं बनाया जाता है तो वो पुरानी कमेटतोकमेटि को आधार बना कर कोर्ट स्टे ला सकते है क्योंकि उस रिपोर्ट मे ब्यावर जनसंख्या की दृष्टि से भी बहुत बड़ा है। 

इसलिए राजस्थान में कयास लगाए जा रहे हैं कि मौजूदा सरकार इस बजट में और चुनाव से पहले नए जिलों की घोषणा कर अपना मास्टर स्टॉक खेल सकती है.

बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

केन्द्रिय बजट 2023-2024

                   मिडिल का फ़ायदा है या नुकसान ।




 

केंद्रीय बजट 2023-24 की मुख्य विशेषताएं।

(1) ईपीएफओ की संख्या दोगुनी होकर 27 करोड़ हुई

(2) कृषि क्षेत्र में स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए कृषि त्वरण कोष मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना

(3) 38,800 शिक्षकों को नियोजित किया जाएगा  & 3.5 लाख एकलव्य आदिवासी विद्यालय में।

(4) रुपये का पूंजी परिव्यय। रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़

(5) 50 नए एयरपोर्ट और हेलीपोर्ट बनाए जाएंगे।

(6) रु. अर्बन इंफ्रा के लिए 10,000 करोड़ हर साल फंड

(7) रु. 100 ट्रांसपोर्ट इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स के लिए 75,000 करोड़

(8) "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" के लिए 3 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

(9) केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। पैन कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर होगा।

(10) डिजी लॉकर का दायरा बढ़ाया जाएगा।

(11) 39,000 से अधिक अनुपालन कम किए गए। जन विश्वास विधेयक में संशोधन 42 कानून

(12) रुपये। ऊर्जा के लिए 35,000 करोड़ हस्तांतरण

(13) 10,000 बायो इनपुट रिसर्च सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

(14) 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

(15) वित्तीय रणनीति के लिए एनएफआईआर (राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री) शुरू की जाएगी।

(16) एमएसएमई ऋण की लागत में 1% की कमी रुपये का आसव। MSME क्रेडिट के लिए कॉर्पस में 9,000 करोड़

(17) महिलाओं के लिए 'महिला सम्मान बचत योजना' रु. 2,00,000 @ 7.5% 18. एससीएसएस को 15 लाख से बढ़कर 30 लाख किया गया।

   प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर

(1) घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देना।

(2) कैपिटल गुड्स पर टैक्स छूट और लिथियम बैटरी।

(3) मोबाइल, कैमरा लेंस बनना है सस्ता

(4) सोना, चांदी और हीरा, सिगरेट, इम्पोर्टेड रबर महंगा मिलेगा।

(5) प्रकल्पित कराधान के लिए 3 करोड़ 75 लाख की बढ़ी हुई सीमा।

(6) रुपये की उच्च टीडीएस सीमा। के लिए 3 करोड़ सहकारिता 7. आसान फाइलिंग के लिए नया आईटी रिटर्न फॉर्म

(7) आसान फाइलिंग के लिए नया आईटी रिटर्न फॉर्म।

(8) छोटी- छोटी अपीलों के निस्तारण के लिए 100 संयुक्त आयुक्त नियुक्त किए जाएंगे।

(9) ईपीएफ निकासी पर घटा टीडीएस

(10) धारा 54 और 54एफ में संशोधन किया जाए।

(11) नई कर व्यवस्था में छूट की सीमा बढ़ाकर 7 लाख की गई।

(12) नई कर व्यवस्था में स्लैब की संख्या 7 से घटाकर 5 की गई।

(13) व्यक्ति की 9,00,000 की वार्षिक आय पर केवल 5% कर केवल रुपये का भुगतान करने के लिए। कर के रूप में 45,000।

(14) वेतनभोगी वर्ग और पेंशनभोगी: स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा

(15) उच्चतम कर की दर 42.74% घटाई गई

(16) नई कर व्यवस्था में उच्च अधिभार दर को 37% से घटाकर 25% करने का प्रस्ताव।

(17) लीव एनकैशमेंट: लिमिट रु. 3,00,000 से रु. 25,00,000।


 

देखिये सव्जी और फल की किमत लगभग बराबर सी हो गई हैं  जँहा सब्जी 20-30 रुपया किलो मिलती थी वो आज 15-25 रुपया का 250 ग्राम हो चुका हैं और ये लगातर  महंगाई बड़ा रही है । मिडिल क्लास के लिये रोड अच्छी हुई हैं लेकिन PPT  मॉडल के नाम से लगातर टौल टैक्स बढ़ोतरी जारी है  जँहा 30-40 रुपया लगता था आज 60-70 आम हैं ।राशन पानी मे चायपति,साबुन,Colgate,दाले,खाने के आयल और जँहा 80 करोड़ को गेंहू फ़्री मिल रहा हैं  वंही आम आदमी के लिये 40% दरें बढ़ चुकी हैं ये सब भाव आम लोगो का बजन बढा रही  है जिनपे हम टैक्स दे रहे है ।

कोचिंग फीस अब लाखो मे हो चुकी हैं एक भर्ती की कोचिंग जो कुछ महिने के लिये 50 हजार खर्चा हो जाता हैं ।दुध/घी-सतत बढ़ोतरी की राह पर हैं अब घी जैसी आवश्यक वस्तु गावों मे शहरो से सप्लाई हो चुकी हैं । आम परिवार मे लोन पे बाइक व कार का खर्चा बड़ा साथ ही पैट्रोल की दर कन्हा से कन्हा पहुंच चुकी हैं । डीजल जो ट्रैक का भाडा लगता हैं जो वस्तुओ की महंगाई बड़ा रहा हैं ।मोबाइल रीचार्ज- बढ़ोतरीडिश टीवी-बढ़ोतरी । अब घर मे मोबाइल की संख्या बड़ गई है तो रीचार्ज भी बड़ गया है । आने जाने के लिये आम जनता बस/रेलवे को काम मे लेते हैं उनका  किराया- बढ़ोतरी लगातर हो रही है । जँहा भारत त्योहारो का देश हैं ।वँहा त्यौहार का खर्चा लगातर बड़ रहा हैं । दीपावली जैसा त्यौहार एक आम परिवार पर 10000/- खर्च हो जाता है ।।

जँहा हमे मार्केट मे पैसा दिख रहा है उसका मुख्य कारण आपकी इनकम ही नही हैं साथ मे परिवार मे कमाने वाले लोगो की संख्या बढ़ी हैं और हमारी बचते खतम होती जा रही है ।।। 

सोना चांदी के भाव आसमान छू रहे हैं जिनके आभूषण आम लोगो की पहुंच से दूर हो रहा हैं और आर्टिफिचीयल जेवरत का सहारा आम जनता को लेना पड़ रहा हैं ।। इसलिये अब शादी करना मंहगा हो चुका हैं ।।।

अब किसान की बात करे ती देखिये की आपके पास खेती का पानी आया लेकिन बिल जरुर बढ चुका हैं । बीज महंगा हो चुका है ।। इसलिये सरकारो का मोटा पैसा बढ़े प्रोजेक्ट मे जाता है । जिसका फ़ायदा आम जनता को होता है लेकिन वो सारा पैसा आम लोग और मिडिल क्लास के लोग अपनी सेविंग खो रहे है । अधिक मेहनत कर रहे हैं और आपके गरीब व अमीरी की खाई बढ़ रही हैं । इसलिये आप पे इस बजट से क्या प्रभाव पड़ता है ये आपको देखना है ।।

बदलाव ही हैं आपके अस्तित्व का आधार

आपकी होशियारी रखी रह जाएगी यदि आपने नहीं किये बदलाव         इंसान सब कुछ भूल सकता हैं लेकिन यह तस्वीर में दिए हुए बदलाव को नहीं भूल सकते। जि...