जनसंख्या में भारत बना दुनिया का नंबर वन देश।
जनसंख्या के मामले में भी भारत ने चीन को पछाड़ दिया हैं। यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (UNFPA) की और से जारी आंकड़ों के मुताबित भारत की जनसंख्या 142.86 लाख हो चुकी हैं जबकि चीन की जनसंख्या 142.57 लाख हैं।इसी के साथ भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया हैं।
विश्व की जनसंख्या को एक अरब 1800 ईस्वी तक हो गई थी ।और 2 अरब तक 1930 तक पहुंच गए थे और 3 अरब अगले 30 वर्ष यानी की 1960 में हो चुकी थी। 4 अरब 1974 में और 5 अरब 1987 में । इस गति से 8 अरब 2023 तक पहुंच गई हैं।लेकिन वर्तमान दौर में विश्व की जनसंख्या में गिरावट देखी गई हैं। लगभग 61 देशों में जनसंख्या वृद्धि दर 1% से कम होगई हैं। और 8 अरब से 9 अरब तक पहुंचने में इसे 15 वर्ष का वक्त लगेगा। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 61 देशों में 2022 से 2050 तक जनसंख्या वृद्धि दर 1% से कम रहने का अनुमान लगाया गया हैं।इसका मुख्य कारण प्रजनन क्षमता में गिरावट और प्रवासी जीवन की मजबूरी को कारण माना गया हैं।
चीन की प्रतिक्रिया।
इस रिपोर्ट के आने के बाद चीन का तिलमिलाना लाजमी हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा की "I want to tell u that Population not depend on quantity it's the value of quality and we have 90 crore quantity workforce in china and which is highest in the world "
जबकि UNFPA की रिपोर्ट के अनुसार भारत और चीन की तुलनात्मक अध्यन इस प्रकार से हैं।
भारत चीन की जनसंख्या में वृद्धि
विश्व की सबसे बड़ी चुनौती हैं जनसंख्या वृद्धि दर।जनवरी 2023 में पूरी दुनिया में 8 अरब यानी की 800 करोड़ पहुंच चुकी है।और इसमें 36.17%योगदान दो देश भारत और चीन का हैं जो की 280 करोड़ की जनसंख्या इन्ही दो देशों में समाई हुई हैं।11 जुलाई 1989 से संयुक्त राष्ट्र संघ ने पॉपुलेशन डे मनाया जाता हैं जिसका साफ उद्देश्य हैं दुनिया को जनसंख्या वृद्धि से होने वाले दूष प्रभावों से अवगत कराना ताकि आने वाली चुनौती से निपटा जा सके। पूरे विश्व में प्रतिदिन 2.50 लाख बच्चे जन्म लेते हैं। और विश्व में संसाधनों की उपलब्धता की गति इस तेजी से बढ़ाना संभव नही हैं। इसलिए आने वाला वक्त चुनौतियों से परिपूर्ण हैं यह हम सब जानते हैं।
जनसंख्या में वृद्धि का मुख्य कारण हैं जन्म दर में वृद्धि और मृत्यु दर में गिरावट। विश्व में बढ़ती स्वास्थ सेवाओं के कारण मृत्यु दर में एक और बहुत अधिक कमी देखि गई हैं वंही पर जन्मदर में लगातार इज्जाफा वृद्धि का मुख्य करना माना गया हैं
इसके साथ ही गरीब देशों में तेज़ी से वृद्धि देखि गई हैं क्योंकि अत्यधिक गरीबी के कारण लोगो में अधिक संतान उत्पति देखि जाती हैं जिसको वो आजीविका में सहायक समझते हैं।
इन देशों में होगी दुनियां की 50% आबादी
UNO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की 50% आबादी 2050 तक इन देशों में होगी ।
भारत,चीन,अमेरिका,इंडोनेशिया,पाकिस्तान,कांगो,मिस्र,इथोपिया,नाइजीरिया,फिलीपींस,और तंजानिया में जनसंख्या घनत्व सबसे अधिक होगा।
एशियाई देशों से सबसे अधिक पलायन
दुनिया में 2010 से 2021 तक सबसे अधिक पाकिस्तान में 1.65 करोड़ लोग अपना देश छोड़कर दुनिया के अन्य हिस्सों में चले गए हैं।भारत इस लिस्ट में 35 लाख लोगो के पलायन के साथ दूसरे नंबर पर हैं और बांग्लादेश से 29 लाख और नेपाल से 16 लाख लोग अन्यत्र जाकर रहने लगे हैं।और श्रीलंका से से भी 10 लाख लोगो ने दूसरे देशों को नागरिकता ली हैं।वर्तमान में श्रीलंका और पाकिस्तान में भुखमरी ,महंगाई के कारण अस्थिरता देखी जा रही हैं और पाकिस्तान की बहुत ही चिंताजनक स्थिति है।