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शनिवार, 3 जून 2023

भारत और चीन के बीच सीमा पर विवादित स्थानों की जानकारी हिंदी में

 भारत और चीन के बीच सीमा पर विवादित स्थानों की जानकारी हिंदी में

Border Meeting India and china Officers
     भारत और चीन के बीच कई सीमाओं पर लम्बे समय से सीमा विवाद हैं, जिनमें निम्न स्थान शामिल हैं:
      1.आक्साईचिन: आक्साईचिन एक विवादित क्षेत्र है जो भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थित है। चीन इस क्षेत्र को अपना दावा करता है और इसे अपनी आधिकारिक भूमि मानता है।

    2.पांगोंग झील: पांगोंग झील जम्मू और कश्मीर राज्य के लद्दाख विभाग में स्थित है और यह भी विवादित है। चीन और भारत दोनों इस क्षेत्र का मालिकाना दावा करते हैं और यहां आक्रमणों की सूचनाएं रिपोर्ट की गई हैं।

      3.डोकलाम: डोकलाम त्रिकोणमण्डल में भारत, चीन, और भूटान के बीच एक विवादित स्थान है। इस सीमा पर विवाद 2017 में हुआ था, जब भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच तनाव उभरा था।

      मोदी सरकार लम्बे समय से इन स्थानों को लेकर अलग अलग स्तर की वार्तालाप जारी हैं। दोनों ही देश जनसंख्या और आर्थिक दृष्टि से दुनिया सबसे बड़े देशो में हैं। दोनों परमाणु सम्पन देश हैं। दोनों देश अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए आने वाले समय में किसी स्थाई समाधान की और बढ़ेंगे। यही दोनों देशो और दुनिया के लिए सुखद होगा।


ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में 233 यात्रियों की मौत, 900 से ज्यादा लोग जख़्मी

 

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में 233 यात्रियों की मौत, 900 से ज्यादा लोग जख़्मी

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना

 रेलवे इतिहास की सबसे दर्दनांक घटना कल ओडिशा के बालासोर जिले में बहानागा रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार की शाम 6 से 7 बजे की बीच में  यात्री ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां पटरी से उतर गईं. इसी बीच उसके पास की पटरी से गुजरते हुए यशवंतपुर से हावड़ा जा रही एक्सप्रेस ट्रेन उतरी हुई बोगियों से बाजू से टकरा गई. ओडिशा के मुख्‍य सचिव पीके जेना के मुताबिक, इस हादसे में अब तक 233 लोगों की मौत हो गई है और 900 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. 

      मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्रेन हादसे के बाद राज्य दिवस समारोह रद्द करते हुए एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. घायल लोगों को अस्पतालों में ले जाया गया है. राहत और बचाव दल दुर्घटनास्थल पर मौजूद हैं. घायल कुछ यात्रियों को बालासोर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है. मेडिकल कॉलेज और बालासोर के आसपास के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है.

      इस घटना में 3  ट्रेनों की आपसी टक्कर में करीब 17 बोगियाँ में लोगों की मौत/जख्मी हुये हैं।
       आज सुबह रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव मौके पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा की उनकी प्राथमिकता हैं।  बोगियों से तमाम लोगो कप जल्द से जल्द निकल कर बचाया जा सके। और साथ में जख्मी लोगो को उचित इलाज की व्यवस्था की जाये।
इस घटना में मारे गए लोगो को 2 लाख रूपये की अतिरिक्त सहायता की जाएगी।  मतलब प्र्तेक मृतक परिवार को 10 प्लस 2 लाख रुपया का मुआवजा दिया जायेगा जबकि घीलो को मुफ्त इलाज के साथ 50 हजार की सहायता की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस घटना पर ट्विट करके दुःख जाहिर किया हैं। 

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना हेल्पलाइन नंबर 

033- 22143526/ 22535185

 

 

शुक्रवार, 2 जून 2023

Apple retail store Sell reached 25 crore in first Month in Delhi and Mumbai in Hindi

  

एप्पल स्टोर की बिक्री 25 करोड़ पहले महीने 

Apple Store in India
       एप्पल मोबाइल फ़ोन का भारत में क्रेज किस क़दर बढ़ रहा हैं इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता हैं।  मुंबई और दिल्ली में एप्पल स्टोर खुलने के एक महीने में इन स्टोर की कुल बिक्री 25  करोड़ से ऊपर रही हैं।  मुंबई स्टोर की उद्धघाटन के दिन १० करोड़ की बिक्री आंकी गई थी। इन स्टोर ने एक महीने में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में सबसे अधिक रेवेन्यू स्टोर में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। यह दिखाता की एप्पल का अपनी प्रोडक्शन यूनिट का चीन से भारत में शिफ्ट करना सही कदम साबित हुआ हैं।

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बुधवार, 31 मई 2023

मोदी सरकार के 9 वर्ष के बड़े कार्य

 PM मोदी सरकार के 9 वर्ष में 90  बड़ी उपलब्धियाँ 

BJP Govt complted 9 Year rules in India

     PM मोदी सरकार ने गत  नौ सालों में देश के प्रत्येक मोर्चे पर अपने बेहतरीन कार्य से देश दुनिया में अपना लोहा मनवाने में सफल रही हैं। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी बनने का गौरव हासिल किया हैं। आर्थिक, सांस्कृतिक, नैतिक एवं सामाजिक विकास के साथ  देश की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। 

       सरकार के इन फैसलों एवं योजनाओं का असर धरातल पर दिखा है। शिक्षा , स्वास्थ ,कृषि, किसान, महिला, युवा, बुजुर्ग, कारोबार एवं विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए निचले  स्तर पर कार्य हुए हैं। जो आज जनता के सामने दिखते हैं। फिर चाहे स्वच्छ भारत अभियान हो ,धार्मिक तीर्थ स्थानों को जीर्णोउथान हों , कश्मीर में धारा 370 के साथ विकास के कार्य हों ,देश में आतंकी हमलो पर ब्रेक हों , विश्व में भारत का सम्मान और कद बढ़ा हैं। हम यदि मोदी सरकार के इन 9 वर्ष को विश्व की दृष्टि से देख्ने तो यह समय भारत का स्वर्णिम समय में दर्ज होगा।  

5 ट्रिलियन इकोनॉमी

3 trillian economy in India

भारत के प्रधानमंत्री का लोहा दुनिया ने ऐसे ही नहीं माना हैं। दुनिया को झुकाने के लिए आपको अपनी कथनी और करनी के गैप को समाप्त करना होता हैं। एक लीडर की प्रमुख विशेषताओ में सबसे बड़ी विशेषता होती हैं विज़नरी (दूरदर्शी ) जो भारत के प्रधानमंत्री में हैं। भारतीय PM दूरदर्शी के साथ साथ वादों और इरादों के पक्के हैं। तभी उन्हें कहते हुए सुना  जा सकता हैं की एक नेता को शिलान्यास करते समय ही शपथ लेने चाहिए की उसका उद्धघाटन भी उसके कार्यकाल में ही हो यह वक्तव्य बताता हैं की समयबद्ध किये हुए कार्य ही मान सम्मान और जनता का आशीर्वाद दिलाने में सहायता करते हैं। इसलिए  साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था (Indian economy) और वैश्विक बिजलीघर बनाने की कल्पना की थी। इस कल्पना को  समय से पहले भारत की मोदी सरकार ने दुनिया की 5th सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने में कामयाबी  हासिल कर पूर्ण किया हैं।

हाल ही में भारत ने ब्रिटिश को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की 5th सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने में कामयाबी हासिल की हैं।


विश्व की टॉप 10 आर्थिक (Economy )शक्ति। और विश्व की कुल इकॉनमी ?

2023 में विश्व की कुल इकॉनमी $95.28 Trillion की हैं (लेटेस्ट जीडीपी आंकड़ों के अनुसार )

1.United States of America- - -$23.31 Trillion

2.People's Republic of China---$17.71 Trillion

3.Japan-------------------------$4.97 Trillion  

4.Germany--------------------$4.37Trillion

5.India-------------------------$3.27Trillion
6.United Kingdom-----------$3.11Trillion
7.France....--------------------$3 00 Trillion
8.Italy--------------------------$2 .10 Trillion
9.Canada----------------------$2. 00 Trillion
10 South Korea-$Trillion---$1.8 0  Trillion

12 करोड़ शौचालय गांव व शहरो में

यह सही हैं  की आजादी के बाद सभी सरकारों ने महात्मा गाँधी के स्वच्छ भारत बनाने के सपने पे काम किया लेकिन बापू के इस सपने को साकार करने काम PM नरेंद्र मोदी ने पूरा किया और अपनर हाथ में झाड़ू उठाकर ऐसी चलाई की इस मुहीम में आमजन शामिल हो गया। मोदी को पता था की भारत में महिलाओ की सबसे बड़ी समस्या शौचालय की हैं और इससे  निजाज पाना भारत के लिए स्वच्छता के साथ स्वास्थ में भी महत्वपूर्ण होगा। इसलिए मोदी सरकार ने 12 करोड़  शौचालय बनाकर देश में स्वच्छता का एक अलग माहौल बनाया।  इसके साथ में देश में शहरो में स्वच्छता को लेकर एक अलग पर्तिस्पर्धा बनी और स्वच्छ सर्वेक्षण 2022, स्वच्छ भारत मिशन. के तहद 2022  में इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहरो में टॉप पर रहा हैं।  

48.93 करोड़ नए बैंक खाते खोलकर विश्व रिकॉर्ड कायम किया 

      48.93 करोड़ बैंक खाते जीरो बैलेंस पे खोल कर नरेंद्र मोदी ने वो काम दिखाया जो बैंकिंग के विशेषज्ञ भी कल्पना नहीं कर सकते। इससे नरेगा जैसी योजनाओ में भारतीय लोगो को डायरेक्ट पेमेंट जाने लगा और मोदी ने इसके साथ भ्रष्टाचार पर कुठारघाट किया।  इसके साथ ही लाखो फर्जी अकाउंट बंद होगये। 

        इसके द्वारा RuPay कार्ड पर 2 लाख का बीमा, 48.65 करोड़ लोगों को ये लाभ दे रही हैं सरकार। इससे एक अच्छी बात यह रही की सरकार की सब्सिडी इन खातों में सीधे भेजना शुरू कर दिया। और ये अकाउंट परिवार की मुखिया महिला के नाम से खोलें जिससे महिला शक्तिकरण  को बल मिला। 

      और इन अकाउंट्स में कुल 198,844 करोड़ बैलेंस है। महिलाओ का बैंक से जुड़ने के कारण।  बैंक बेनिफिट्स का लाभ और समझ बढ़ी हैं।  

इसके साथ ही नीचे दिए हुए कार्य जो मोदी सरकार के इन ९ सालो में पूर्ण हुये। 

  • PM आवास योजना के तहद्द 3.45 करोड़ घर
  • उज्जवला योजना में 9.49 करोड़ घरों में एलपीजी गैस कनेक्शन देकर गृहणियों को धुंआ से छूटी दिलाने का काम वर्तमान मोदी सरकार ने किया।
  • आरोग्य योजना में 4.44 करोड़ का लोगो को निशुल्क इलाज मुहया करा कर चिकित्सा केफील्ड में बेहतरीन कार्य मोदी सरकार ने किया हैं।
  • 12 करोड़ किसानों को 6000रूपये  की सीधी राशि सीधे खाते में भेजी जा रही हैं।
  • 11.66 करोड़ परिवारों को पीने का साफ पानी मुहया कराया
  • कोराना में 220.67 करोड़ लोगों को मुफ्त में स्वदेशी वैक्सीन का  डोज दिया गया. यही नहीं मोदी सरकार ने विश्व के बहुत से देशो में यह डोज़ उपलब्ध कराकर देश का नाम रोशन किया हैं।  कोविड में इतने बड़े देश में अनाज उपलब्ध कराना और अपने लोगो के लिए इतना बड़ा सिस्टम बनाना वाकई सहरानीय कार्य हैं। 
  • जीएसटी कलेक्शन 1.87 लाख करोड़  रूपये रहा हैं मई 2023 में जो अपने आप में एक रिकॉर्ड हैं। 
  • नोट बंदी से उग्रवाद , हवाला , नकली नोटों का कारोबार , और तमाम तरह के कार्य जिनसे देश को नुकसान होता हैं पर लगाम लगाने भी कामयाबी पाई।  इसी का नतीजा हैं  की भारत दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल पेमेंट करने वाला देश बन गया हैं।  आज चाय सब्जी की दुकान से लेकर विदेश तक का पेमेंट एक चुटकी में लिया या दिया जा सकता हैं।
  • फॉरेन पॉलिसी के तहद हाल ही मोदी की G-7 देशो की मीटिंग में मेहमान के तोर पर जापान गए उसी दौरान मोदी की ऑस्ट्रिलिया और पापुआ न्यू गिनी की यात्रा की और जिस प्रकार से अमरीकी राष्ट्पति द्वारा मोदी का ऑटोग्राफ लेना। ऑस्ट्रिलिया ले PM द्वारा मोदी को बॉस बोलना और पापुआ न्यू गिनी के राष्ट्पति द्वारा पैर छू कर आशीर्वाद लेना भारत के पासपोर्ट के महत्व को बताने के लिए बहुत कुछ हैं।  मोदी सरकार ने चीन और पाकिस्तान के साथ जंहा सख्ती दिखाई वंही पर दुनिया में अपना कद ऊपर उठाने का कार्य मोदी सरकार ने किया हैं 

    • एक्सपोर्ट इंपोर्ट-WTO (World trade organization) के अनुसार भारत का मई में रिकॉर्ड 770 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ हैं और भारत की आर्थिक वृद्धि  दर भी 7.2 % रही हैं।  
    • भारत की जीडीपी ने भी इस पीरियड में बेहतरीन प्रदर्शन किया हैं 
    • 9 वर्ष पूर्व भारत मोबाइल एंड डिफेंस में केवल इम्पोर्ट करता था जो आज मोबाइल में अपनी जरूरतों को पूरा कर एक्सपोर्ट कर रहा हैं।इसी इसी प्रकार से डिफेन्स में भी भारत एक्सपोर्ट करने वाले देशो में शामिल हो गया हैं।
    • जंहा 9 वर्ष पूर्व भारत में प्रतिदिन १३ किलोमीटर रोड बन रही थी वो आज  33 km रोड पर डे बन रही हैं।  यह गति भारत को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
    • 2014  से पहले भारत में केवल 74 एयरपोर्ट थे जिनकी संख्या बढ़ कर 148 एयरपोर्ट हो चुकी हैं।
    • 2014 से पहले भारत में केवल 2 मेट्रो ट्रैन के प्रोजेक्ट थे जो आज बढ़कर  20 मेट्रो बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
    • अभी तक बंदे भारत की 19 ट्रेन चालू हो चुकी हैं जिनकी संख्या बढ़ाकर 400 तक लेजाने का प्लान हैं।
    • धारा 370 हटाकर कश्मीर को मुख्य धारा में शामिल कर मोदी सरकार ने पाकिस्तान को करारा जबाब दिया हैं। 
    • भारत के आरध्य  भगवन राम का मंदिर का पुराण मुद्दा आज एक भव्य मंदिर के रूप  में अयोध्या में बनकर तैयार होने को है
    • 3 तलाक जैसे मुद्दे का समाधान कर मुस्लिम महिलाओ के जीवन को सँवारने का कार्य मोदी ने किया हैं।
    • कांशी,उजैन और गुजरात में स्टेच्यू ऑफ  यूनिटी ,कश्मीर और चीन बॉर्डर पर टनलो का निर्माण कर मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ टूरिज्म को भी बढ़ावा देने का बेहतरीन कार्य इस सरकार ने किया हैं। इसलिए यह कहा जा सकता हैं  वर्तमान में मोदी सरकार का कार्य जनता को भा रहा हैं।  इसलिए भाजपा पुरे देश में फ़ैल चुकी हैं।

रविवार, 28 मई 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नई संसद में पहला संबोधन/New Parliament Building Inauguration session

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नई संसद में पहला संबोधन

PM Modi Address in New Parliament House

       आज का दिन जेष्ठा शुक्ल पक्ष अष्टमी संवत 2080 अर्थात  28 मई 2023 स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर जी की जयंती के शुभ अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा नई संसद भवन का सनातनी परंपरा के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान के उपरांत लोकार्पण किया गया. जो कि भारतीय इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है।  साथ ही राष्ट्र को 2050 तक विकसित राष्ट्र की तरफ मजबूती के साथ अग्रेषित भी किया इस शुभ अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन में निम्न बातों का जिक्र किया :

      नई संसद भवन जो कि 64500 स्क्वायर फीट में त्रिभुजाकार आकृति में बनकर तैयार हुई है। इसमें पूर्ण रुप से डिजिटली तैयार किया गया हैं. जो हमारे सांसदो की गुणवत्ता, पारदर्शिता और  कार्य दक्षता को बढ़ने का  पूरा ध्यान दिया गया है. सोलर एनर्जी का उपयोग किया जाएगा एक समय था जब भारत के लोग विदेशों में बनी हुई चीजों को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाया करते थे।  लेकिन आज भारत में नई संसद का निर्माण दुनिया की किसी भी लोकतांत्रिक भवन से भव्य व अल्प समय में पूर्ण करके एक मिशाल कायम की हैं।

           इस भवन के निर्माण में अलग-अलग राज्यों के द्वारा सामग्री मंगवाई गई जैसे बलवा पत्थर लाल पत्थर राजस्थान से संसद में लगी कालीन मिर्जापुर यूपी के कारीगरों द्वारा हाथ से बुनी गई है मुंबई से मंगवाया गया तथा सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र से मंगवाई गई है भारत की नई संसद में वास्तुकार भी है तो वास्तुकला का अनूठा संगम है सभी राज्यों की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है लोकसभा की थीम राष्ट्रीय पक्षी मोर पर है।  तो वहीं उच्च सदन राज्यसभा की थीम राष्ट्रीय पुष्प कमल पर तथा संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद का पेड़ भी है.

        नई संसद भवन के निर्माण से 60000 श्रमिकों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा कहा गया कि मुझे संतोष है कि हमने गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए 300000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया तथा 4 करोड लोगों को घर और 11 करोड़ लोगो को शौचालय का निर्माण कर के देना का काम भी हमारी सरकार ने किया।  हमने 30000 ग्राम पंचायतों का भवन निर्माण भी किया है जिससे गांव की दुर्दशा को सुधारा गया प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि सफल होने के लिए सबसे पहले सफलता में विश्वास होना चाहिए।

मोदी ने अपने सम्बोधन जिस कविता की पंक्तियों " नविन प्राण चाहिए " का उच्चारण किया जिससे निश्चित देश में नई ऊर्जा का संचार होगा।


"नवीन पर्व के लिए नवीन प्राण चाहीए।

स्वतन्त्र देश हो गया प्रभुत्वमय दिशा मही,
निशा कराल टल चली स्वतन्त्र माँ विभामयी।
मुक्त मातृभूमि को नवीन मान चाहिए।
नवीन पर्व के लिए ॥

चढ़ रहा निकेत है कि स्वर्ग छू गया सरल,
दिशा-दिशा पुकारती कि साधना करो सफल।
मुक्त गीत हो रहा नवी राग चाहिए,
नवीन पर्व के लिए ॥


युवकों कमर कसो कि कष्ट-कण्टकोंकी राह है,
प्राण-दान का समय उमंग है उछाह है।
पगों में आँधियाँ भरे प्रयाण-गान चाहिए।

इस मौके पर मोदी ने एक डाक टिकट जारी किया साथ में 75 रुपया का सिक्का भी जारी किया। 


Rs.75/- Coin Launched in New parliament Building By Modi


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया संसद भवन का उद्घाटन कर देश को समर्पित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया संसद भवन का उद्घाटन कर देश को समर्पित किया 

नया संसद भवन

      प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सर्वप्रथम महात्मा गांधी की मूर्ति पर पुष्प अर्पण किये और उसके बाद नई संसद भवन का वैदिक मंत्रोच्चार व हवन पूजन के साथ नए भवन में प्रवेश की विधिवत शुरुवात  की। 

मोदी ने विधि विधान से सेंगोल को दंडवत प्रणाम किया और फिर संसद भवन में ॐ बिरला जी के साथ सभापति के आसान के पास स्थापित किया।

सेंगोल
     इस अवसर पर भारत की अखण्ड धर्मनिरपेक्षता का ध्यान रखा गया और सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमे सभी धर्मो के प्रतिनिधियों ने अपनी भाषा में अखंड भारत के इस शुभ अवसर पर नए संसद भवन में भारत के लोकतंत्र के लिए प्रार्थना की और अच्छे भविष्य की कामना की। 


     नए संसद निर्माण में 60000 श्रमयोगी ने अपनी दिन रात मेहनत से ३ वर्ष से काम समय में निर्माण कार्य को पूर्ण किया।  उनके विशेष और महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनमे से टॉप 11 श्रमयोगी को इस अवसर वर मोदी द्वारा साल उढ़ाकर समृति चिन्ह भेंट किया गया।  यह सम्मान सभी 60000 श्रमयोगी को दिया गया हैं।  

श्रमयोगी सम्मान
इसलिए वीर सावरकर की जयंती के दिन आज 28 मई 2023 का दिन भारत के लिहाज से स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है। जब भारत के निति निर्धारको के लिए आजाद भारत में निर्मित  नए संसद भवन जो की पूर्णतय स्वदेशी हैं । आज देश के प्रधानमंत्री मोदी जी नए संसद भवन का उद्घाटन किया। नये  भवन की भव्यता  इतनी  आलिशान है की इसकी सुविधाओं के आगे तो विदेशी पार्लियामेंट भी फेल हैं। संसद भवन को लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं,और इस मंदिर को भव्य बनाने के लिए पूरे 96 साल बाद इसे फिर से एक नया रूप दिया गया  है।

Ols and New Parliamnent Building

     नये संसद भवन सेंट्रल विस्टा डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट बिमल पटेल (Bimal Patel)  हैं। उनके पास दशकों का अनुभव है और वो एक कुशल वास्तुकार हैं। नए संसद भवन का आकार त्रिकोणीय है, और यह मौजूदा संसद भवन के पास ही बना है। नए संसद भवन लगभग 150 वर्ष तक इस्तेमाल किया जा सकेगा।

आर्किटेक्ट बिमल पटेल
     पुराना संसद भवन जो की 35000 स्क्वायर फ़ीट के क्षेत्र में हैं वंही पर नए भवन का क्षेत्र 64500 स्क्वायर फ़ीट में बना हुआ हैं। जो वर्तमान संसद से 17000 स्क्वायर फ़ीट अधिक बड़ा बनाया गया हैं। नए संसद भवन में 4,700 कमरे हैं। इसमें लोकसभा चैम्बर को हरा सजाया गया है, जबकि राज्य सभा चैम्बर में लाल रंग की थीम तैयार की गई हैं।
पुराना संसद भवन की लगत 83  लाख रूपये थी वंही पर नया भवन 970 करोड़ की अनुमानित लागत से तैयार हुआ हैं।

नये  संसद भवन की निर्माण सामग्री 

अशोक स्तम्भ
 
नई संसद के निर्माण में भारत के अलग अलग राज्यों से निर्माण सामग्री व अन्य आवश्यक सामान  मंगवाया गया  :-

-नई संसद के लिए लकड़ी का कार्य सागवान (टिक वुड) की कीमती और मजबूत लकड़ी से किया गया जो की  लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाई गई है.

-सैंडस्टोन यानी बलुआ पत्थर (लाल और सफेद) राजस्थान के सरमथुरा से खरीदा गया है. 

-पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर से लिया गया. कुछ पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से भी मंगवाए गए

- स्टोन जाली वर्क्स राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से लिए गए हैं। -अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाया गया है.

-त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग मंगवाई गई है.

-नई संसद के लिए अशोक चक्र को मध्य प्रदेश के इंदौर से लिया गया है.

-नई संसद भवन के लिए कुछ फर्नीचर मुंबई से भी मंगाए गए थे.
-लाल लाख राजस्थान के जैसलमेर से लिया गया है.
-राजस्थान के अंबाजी से सफेद संगमरमर पत्थर खरीदे गए हैं.

-केसरिया ग्रीन स्टोन राजस्थान के उदयपुर से मंगवाया गया है.
 -एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी, फ्लाई ऐश ब्रिक्स को एनसीआर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से खरीदा गया था.

-ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से लिए गए.

-नई संसद के लिए कार्पेट उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मंगवाए गए.

-एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन और दीव से ली गई.

FAQ :सेंगोल क्या हैं ? इसका इतिहास क्या हैं ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु के अधीनम मठ से सेंगोल स्वीकार किया और इसे लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया गया है.

भारत के दक्षिण में चोल वंश साम्रज्य ने 9 वीं शताब्दी से 13 वीं शताब्दी के बीच एक अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य का निर्माण किया। तमिल साहित्य के इतिहास में चोल शासनकाल को स्वर्ण युग की संज्ञा दी जाती है. चोल राजाओं का राज्याभिषेक करते समय जब सत्ता स्थानंतरण होता था तब सेंगोल जिसे राजदंड भी कहते हैं।  यह एक धातु से बनी हुई छड़ी टाइप दंडिका होती हैं जिसपे स्वर्ण का लेप लगा होता हैं। सेंगोल सत्ता हस्तान्तरित किया जाता के प्रतीक चिन्ह के तौर पे दिया जाता हैं,उससे न्यायपूर्ण शासन की आशा की जाती है।
भारत में आजादी की प्राप्ति के समय तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत गणराज्य के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को इसे सौंप था बाद में इसे इलाहाबाद संग्रहालय में रख दिया गया था। यह सेंगोल चांदी से बना हुआ हैं जिस पर सोने की परत चढ़ी हुई हैं।

सेंगोल







शनिवार, 20 मई 2023

G7 Summit Modi visit as guest in Japan/G-7 सम्मेलन में अतिथि के तौर पर मोदी की जापान यात्रा

 PM मोदी "मन के विचारो के आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक हूँ।

प्रधानमंत्री मोदी, जापान के PM फुमियो किशिदा के न्योते पर वहां जा रहे हैं. जापान, जी-7 समूह के मौजूदा अध्यक्ष के रूप में इसके शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है और भारत को इसमें अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है.  

जापान के हिरोशिमा में महात्मा गाँधी की प्रतिमा का अनावरण 


 जापान के हिरोशिमा में प्रधानमंत्री मोदी, महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया इस दौरान उन्होंने दुनिया को शांति का संदेश भी दिया. मोदी ने प्रेस से बात करते हुए कहा की उन्होंने कहा कि बापू के दिखाए रास्ते पर हम चल सकें यही उनको बड़ी श्रद्धांजलि होगी.

Question:G-7 का क्या मतलब है?

G-7 संसार  की सात सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का समूह है। इस समूह में  कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं, इसलिए इसे ग्रुप ऑफ सेवन कहा जाता है।  

भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पर बोले पीएम मोदी

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन से पहले चीन और पाकिस्तान को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। अब रिश्ते बेहतर करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है। उन्होंने कहा कि बेहतर रिश्तों के लिए सीमा पर शांति जरूरी है। पीएम मोदी का पाकिस्तान को लेकर दो टूक बयान भारत की बदलती विदेश नीति को दर्शाता है। 

      जापान के हिरोशिमा पहुंचे पीएम मोदी युद्ध की विभीषिता झेल रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वे कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।

 Question:भारत G7 में कब शामिल हुआ?Question:भारत G7 में कब शामिल हुआ?

Answer:जी-7 ग्रुप में भारत इसका सदस्य नहीं है, लेकिन इसके बावजूद भी लगातार चौथी बार पीएम इसमें शामिल हो रहे हैं। वहीं, चीन भी इस समूह का हिस्सा नहीं है, ऐसे में चीन की बढ़ती हुई विस्तारीकरण की नीति से निपटने के लिए यह समूह भारत के लिए मददगार साबित हो सकता है।
      सबसे पहली बार भारत ने साल 2019 में अतिथि  के तौर पर इसमें हिस्सा लिया था. तब फ्रांस में ये सम्मेलन हुआ था और फ्रांस ने  भारत  को आमंत्रण दिया था।  

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गुरुवार, 18 मई 2023

पाकिस्तान में तेजी से बिगड़ रहे राजनीतिक और आर्थिक हालात, बड़ी संख्या में देश छोड़ रहे हैं नागरिक

इमरान के घर आतंकी की जगह बिस्किट पानी लेकर गए पुलिस अधिकारी

 पाकिस्तान में चल रहा गतिरोध के बीच इमरान खान के घर पहुंची पुलिस को किसी प्रकार के आतंकी तो नहीं मिले अलबत्ता अधिकारी बिस्कुट पानी लेकर खाली हाथ लौटे। इमरान के मुख्य सुरक्षा अधिकारी इफ्तिखार गुमान ने कहा कि पंजाब पुलिस जमां पार्क से खाली हाथ लौटी है। पंजाब पुलिस ने यह कदम इमरान के आवास की विस्तृत तलाशी लेने के लिए वारंट प्राप्त करने के कुछ घंटे बाद उठाया था।

      पंजाब के सूचना मंत्री आमिर मीर ने कहा था कि सैकड़ों पुलिसकर्मी तलाशी अभियान चलाएंगे। बुधवार को पंजाब सरकार ने दावा किया था कि इमरान के घर में 30 से 40 आतंकी छिपे हुए हैं। सरकार ने इमरान को इन आतंकियों को सौंपने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। अल्टीमेटम समाप्त होने होने के बाद लाहौर के कमिश्नर मुहम्मद अली रंधावा, डिप्टी कमिश्नर राफिया हैदर, डीआइजी सादिक डोगर और एसएसपी सोहैब शामिल सहित 100 पुलिस कर्मियों सहित इमरान के घर तलाशी ली लेकिन सरकार का दावा झूंठा साबित हुआ। और फिर से पाक सरकार को बेइज्जत होना पड़ा।

 पाकिस्तान में तेजी से बिगड़ रहे राजनीतिक और आर्थिक हालात

 

  पाकिस्तान के आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता, बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति और आतंकी हमले बढ़ने के चलते बड़ी संख्या में पाकिस्तानी देश छोड़ रहे हैं। लोग अपनी नौकरियां खो रहे हैं।  निवेशक किसी भी प्रकार का निवेश करने का जोखिम नहीं लेना चाहते। गूगल ट्रेंड्स के अनुसार पाकिस्तान में सबसे अधिक पासपोर्ट सर्च किया जा रहा हैं। वर्तमान में पाकिस्तान दुनिया में सबसे अधिक दयनीय हालात का सामना कर रहा हैं।       एक तरफ आजादी के बाद महंगाई दर चरम पर हैं लोगो को दो वक्त की रोटी का बन्दोबस्त करना मुश्किल हो गया हैं। वंही पड़ोसी देश भारत तरक्की की नई बुलंदियों को छू रहा हैं। G -20 की मेजबानी में दुनिया भारत की तारीफ के साथ ग्लोबल लीडर के तौर पर स्वीकार कर रहे हैं यों कहे की प्रतेक फील्ड में भारत दुनिया अपना भविष्य देख रही हैं।

पाकिस्तान में राजनितिक हालत इतने ख़राब हैं की एक्सपर्ट की माने तो राजनितिक पार्टी देश सँभालने की बजाय एक दूसरे के खून की प्यासी हो रही हैं। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश सरकार नहीं मान रही हैं।  सरकार का कोई आदेश जनता नहीं मान रही हैं। पाक सेना केवल मौके के इन्तजार में हैं की कब हालत ख़राब हो और देश की बागडोर सेना के हाथ आये।


भारतीय चैनेलो पर पाकिस्तान में प्रतिबंद   

      पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) ने शुक्रवार को देश भर के स्थानीय केबल टीवी ऑपरेटरों को भारतीय चैनलों का प्रसारण बंद करने का आदेश दिया। उसने चेताया कि यदि वे आदेशों को नहीं माने तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पेमरा ने यह भी कहा कि अतीत में कई केबल ऑपरेटरों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया था। 

       पाकिस्तान पहले भी कई बार भारतीय फिल्मों और टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगा चुका है। वर्तमान में भारतीय चैनल पाकिस्तान के हालत पर जनता क्र लाइव इंटरव्यू दिखा रहे हैं जिसमे लोग भारत से मदद की गुहार लगा रहे हैं और बहुत से लोग खुल के अपने आप को भारत में विलय की अपील कर रहे हैं।

इमरान खान को आर्मी का अल्टीमेटम

       पाक में राजनितिक अस्थिरता के बिच अब आर्मी का दखल साफ़ देखा जा सकता हैं।  आर्मी ने इमरान खान को देश छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया की वो देश छोड़ दे या आर्मी एक्ट में उन्हें अंदर कर दिया जायेगा। इमरान ने ठुकराई पेशकश, मरते दम तक देश में रहने की कसम खाई। इमरान पहले ही कह चुके हैं की 70% आवाम उनके साथ हैं और वो चुनाव कराकर ही दम लेंगे।

इमरान खान का सत्तारूढ़ पार्टी पर आरोप


पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्तारूढ़ गठबंधन पर सेना को उनकी पार्टी के खिलाफ खड़ा करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश तबाही की ओर बढ़ रहा है और उसे विघटन का सामना करना पड़ सकता है. खान ने बुधवार को यहां अपने जमां पार्क स्थित आवास से वीडियो संदेश में कहा कि राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने का एकमात्र तरीका चुनाव कराना है.

गुरुवार, 20 अप्रैल 2023

एप्पल स्टोर अब मुंबई और दिल्ली में

 मोबाइल निर्माण में भारत दुनिया का No 2 देश

भारतीय प्रधानमंत्री की 3 देशो की यात्रा में कल नरेंद्र मोदी  समुद्रीय महाद्वीप ऑस्ट्रेलिया पहुंचे और वंहा के राष्ट्पति के साथ  भारतीय लोगो से संवाद किया और बताया की भारत ने किस प्रकार से विकास की यात्रा में अपने कदम आगे बढ़ाएं हैं।  मोदी ने कहा की जैसे आप लोग भारत को विकसित देशो में देखना चाहते हो वैसे में भी अपने प्यारे देश को दुनिया में फ्रंट से लीड करते हुए देखने का सपना देखता हु

ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्पति ने मोदी को दुनिया का बॉस कह के सम्बोधन किया। मोदी ने बताया की कैसे भारत दुनिया में डाटा और डिजिटल बैंकिंग में दुनिया का नंबर 1 देश बन गया हैं। 

इस  गया हैं। इस वक्त भारत दुनिया में नंबर 2 के पायदान पर हैं। मोबाइल निर्माण के फील्ड में और ये भारत के लिए गर्व की बात हैं। 

 एप्पल स्टोर अब मुंबई और दिल्ली में

 एप्पल स्टोर अब मुंबई और दिल्ली में-CEO Tim Cook ने किया उद्घाटन

      इन दिनों i phone निर्माता कम्पनी Apple के CEO टिम कुक भारत के दौरे पर हैं और उद्देश्य हैं भारत के मार्केट को explore करना। इसके तहद टिम कुक ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के jio world drive मॉल में Apple BKC नाम से अपना पहला स्टोर ओपन किया और इसका उद्घाटन कंपनी के सीईओ टिम कुक ने किया और ग्राहकों का स्वागत किया।

मुंबई Apple स्टोर की विशेषताएं

     वैसे तो Apple के रिटेल स्टोर 20 से अधिक देशों में पहले से ही कार्य कर रहे हैं लेकिन भारत में apple का पहला स्टोर खुलना Apple के लिए नए मार्केट में तेजी से विस्तार करने का प्रयास हैं। जिसका उद्घाटन कंपनी के सीईओ टीम कुक का स्वयं करना मोबाइल और लैपटॉप के मार्केट में नई प्रतिस्पर्धा का बढ़ाने वाला कदम होगा।

Apple ने मुंबई स्टोर को खास तौर पर भारतीय कल्चर को ध्यान में रखते हुए बनाया गया हैं।इसमें ग्राहकों को अलग अलग राज्यो की कलाकृति देखने को मिलेंगी।

1.मुंबई का Apple स्टोर कंपनी के भारत में 25 वर्ष पूरे होने की खुशी में भारतीय ग्राहकों के लिए सौगात है। इसके बाद आज ही सीईओ टीम कुक ने दिल्ली के साकेत में Apple का दूसरा स्टोर का भी विधिवत उद्घाटन कर शुरुवात किया गया।
2.Apple स्टोर का आउटलुक भारतीयकृत दिखाने का प्रयास कियाबगाया हैं जबकि मुंबई के आउटलेट की थीम काले और पीले रंग में मुंबई टैक्सी से प्रेरित दिखाया गया हैं।

3.Apple स्टोर की छत लकड़ी की टाइल्स से 31 मॉड्यूल् बनते हैं जो बेहद आकर्षक दिखाई देते हैं।स्टील की सीढ़ी 14 मीटर की हैं जो पहली मंजिल तक लेकर जाति हैं।
4.Apple स्टोर 100% सोलर ऊर्जा द्वारा संचालित हैं। जो भारत सरकार की कार्बन न्यूट्रल पॉलिसी के तहद बनाया गया हैं।
5.20000 वर्ग फुट में फैला ये स्टोर का पत्थर खास राजस्थान से लाया गया हैं।
6. इसके लिए कंपनी 15%की वार्षिक वृद्धि के साथ हर महीने 42 लाख रुपया का भूकतान करेगी।
7.इस स्टोर पे 100 लोगो की वर्कफोर्स होगी जो 18 भाषा बोल सकती हैं।इससे भारत की सभी भाषाओं के ग्राहकों का ध्यान रखा गया हैं।
8.Apple जीनियस (AI) की सेवायो से ग्राहक खुद प्रोडक्ट की पूरी जानकारी और ट्रेनिंग ले पाएगा।

9.सबसे अच्छी बात यह हैं की इस स्टोर से ग्राहक नए प्रोडक्ट के साथ साथ अपने पुराने Apple के उत्पाद बेच भी सकते हैं।मतलब की एक्सचेंज कर सकते हैं।
10.Apple इसके द्वारा 10 लाख नई नौकरियां देने का लक्ष्य लेकर रोजगार सर्जन का भी कार्य करेगा।

Apple के CEO टिम कुक और मोदी की मुलाकात

      i Phone बनाने वाली कंपनी Apple के CEO टीम कुक बुधवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और कुक ने मोदी के शानदार स्वागत।के लिए धन्यवाद किया। साथ ही कहा की " एजुकेशन डेवलपर्स से लेकर मैन्युफैक्चरिंग और एनवायरमेंट तक देश में इन्वेस्टमेंट के लिए कमिटेड हैं। एंड कुक ने कहा की मोदी द्वारा टेक्नोलॉजी के सकारात्मक प्रभाव के विजन के साथ जुड़े हुए हैं।


जनसंख्या में भारत बना दुनिया का नंबर वन देश।

 जनसंख्या में भारत बना दुनिया का नंबर वन देश।

      जनसंख्या के मामले में भी भारत ने चीन को पछाड़ दिया हैं। यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (UNFPA) की और से जारी आंकड़ों के मुताबित भारत की जनसंख्या 142.86 लाख हो चुकी हैं जबकि चीन की जनसंख्या 142.57 लाख हैं।इसी के साथ भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया हैं।

             विश्व की जनसंख्या को एक अरब 1800 ईस्वी तक हो गई थी ।और 2 अरब तक 1930 तक पहुंच गए थे और 3 अरब अगले 30 वर्ष यानी की 1960 में हो चुकी थी। 4 अरब 1974 में और 5 अरब 1987 में । इस गति से  8 अरब 2023 तक पहुंच गई हैं।लेकिन वर्तमान दौर में विश्व की जनसंख्या में गिरावट देखी गई हैं। लगभग 61 देशों में जनसंख्या वृद्धि दर 1% से कम होगई हैं। और 8 अरब से 9 अरब तक पहुंचने में इसे 15 वर्ष का वक्त लगेगा। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 61 देशों में 2022 से 2050 तक जनसंख्या वृद्धि दर 1% से कम रहने का अनुमान लगाया गया हैं।इसका मुख्य कारण प्रजनन क्षमता में गिरावट और प्रवासी जीवन की मजबूरी को कारण माना गया हैं।

चीन की प्रतिक्रिया।

     इस रिपोर्ट के आने के बाद चीन का तिलमिलाना लाजमी हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा की "I want to tell u that Population not depend on quantity it's the value of quality and we have 90 crore quantity workforce in china and which is highest in the world "

 जबकि UNFPA की रिपोर्ट के अनुसार भारत और चीन की तुलनात्मक अध्यन इस प्रकार से हैं।

भारत चीन की जनसंख्या में वृद्धि

विश्व की सबसे बड़ी चुनौती हैं जनसंख्या वृद्धि दर।जनवरी 2023 में पूरी दुनिया में 8 अरब यानी की 800 करोड़ पहुंच चुकी है।और इसमें 36.17%योगदान दो देश भारत और चीन का हैं जो की 280 करोड़ की जनसंख्या इन्ही दो देशों में समाई हुई हैं।11 जुलाई 1989 से संयुक्त राष्ट्र संघ ने पॉपुलेशन डे मनाया जाता हैं जिसका साफ उद्देश्य हैं दुनिया को जनसंख्या वृद्धि से होने वाले दूष प्रभावों से अवगत कराना ताकि आने वाली चुनौती से निपटा जा सके। पूरे विश्व में प्रतिदिन 2.50 लाख बच्चे जन्म लेते हैं। और विश्व में संसाधनों की उपलब्धता की गति इस तेजी से बढ़ाना संभव नही हैं। इसलिए आने वाला वक्त चुनौतियों से परिपूर्ण हैं यह हम सब जानते हैं।

      जनसंख्या में वृद्धि का मुख्य कारण हैं जन्म दर में वृद्धि और मृत्यु दर में गिरावट। विश्व में बढ़ती स्वास्थ सेवाओं के कारण मृत्यु दर में एक और बहुत अधिक कमी देखि गई हैं वंही पर जन्मदर में लगातार इज्जाफा वृद्धि का मुख्य करना माना  गया हैं 

      इसके साथ ही गरीब देशों में तेज़ी से वृद्धि देखि गई हैं क्योंकि अत्यधिक गरीबी के कारण लोगो में अधिक संतान उत्पति देखि जाती हैं जिसको वो आजीविका में सहायक समझते हैं।

इन देशों में होगी दुनियां की 50% आबादी

       UNO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की 50% आबादी 2050 तक इन देशों में होगी ।

भारत,चीन,अमेरिका,इंडोनेशिया,पाकिस्तान,कांगो,मिस्र,इथोपिया,नाइजीरिया,फिलीपींस,और तंजानिया में जनसंख्या घनत्व सबसे अधिक होगा।


 एशियाई देशों से सबसे अधिक पलायन

      दुनिया में 2010 से 2021 तक सबसे अधिक पाकिस्तान में 1.65 करोड़ लोग अपना देश छोड़कर दुनिया के अन्य हिस्सों में चले गए हैं।भारत इस लिस्ट में 35 लाख लोगो के पलायन के साथ दूसरे नंबर पर हैं और बांग्लादेश से 29 लाख और नेपाल से 16 लाख लोग अन्यत्र जाकर रहने लगे हैं।और श्रीलंका से से भी 10 लाख लोगो ने दूसरे देशों को नागरिकता ली हैं।वर्तमान में श्रीलंका और पाकिस्तान में भुखमरी ,महंगाई के कारण अस्थिरता देखी जा रही हैं और पाकिस्तान की बहुत ही चिंताजनक स्थिति है।



गुरुवार, 30 मार्च 2023

कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर सुखद समाचार

 मानारोवर की यात्रा अब मात्र 7 दिन में

  भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत के दर्शन कोन श्रद्धालु नही करना चाहेगा। भारतीय लोगो के लिए हमेशा से ही मानसरोवर यात्रा चुनौतीपूर्ण रहीं हैं। चीन नेपाल रास्ते से कैलाश दर्शन जटिलताओं और डर से भरा होता हैं।भारत सरकार के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार 2023 में सड़क निर्माण पूर्ण हो जायेगा अभी तक निर्माण कार्य 85%तक पूरा हो चुका हैं।

मानसरोवर का भारतीय मार्ग

 भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा मानसरोवर यात्रा के लिए 3 रास्ते निर्धारित हैं।लिपुलेख दर्रा जो उत्तराखंड से गुजरता है। द्वितीय मार्ग हैं नाथुला दर्रा जो सिक्किम से निकलता हैं और तीसरा रास्ता हैं जो काठमांडू से होकर जाता है ।और ये तीनो रास्ते ही जोखिम से भरे हुए हैं जिसमे 25 से 30 दिन का वक्त लगता हैं।


नया मार्ग अब मात्र 7 दिन में पूर्ण होगा।

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर 2023 में भारत के श्रद्धालु उतराखंड के पिथौरगढ़ से 25 दिन की यात्रा मात्र 7 दिन में सुगमता से पूर्ण कर पाएंगे।


मानसरोवर के नए रूट की सम्पूर्ण जानकारी 


 

जहां लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर पहुंचने में यात्रियों को बर्फीले मौसम का सामना करते हुए 19500 फीट की ऊंचाई पर करीब 90 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ती हैं। अब इन यात्रियों को उत्तराखंड के पिथौरगढ़ से मनारोवर के लिए पिथौरगढ़ से तवाघाट तक 107.6 किलोमीटर तथा तवाघाट से घटियाबाढ़ तक 19.5 किलोमीटर सिंगल लेने हैं जिसे BRO द्वारा डबल रोड में बदला जा रहा हैं। और तीसरा घटियाबगढ से लिपुलेख दर्रे यानी चीन सीमा तक हैं जो करीब 80 किलोमीटर तक पैदल यात्रा द्वारा ही तय किया जा सकता हैं। Read More...

बुधवार, 29 मार्च 2023

मोदी का ऐतिहासिक भाषण।

 बीजेपी कार्यालय का उद्घाटन समारोह।

दिल्ली बीजेपी कार्यालय का उद्घाटन समारोह

    आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में बीजेपी कार्यालय का उद्घाटन समारोह में 2024 का धरातल तैयार कर दिया और चुनावो का बिगुल बजा दिया। पीएम ने निर्माण कार्य में लगे लोगों से भी बात की। इस मौके पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी भी मौजूद थे। यहां पहुंचने पर पीएम मोदी ने पूजा-अर्चना की। इस दौरान जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का पार्टी के प्रति प्यार, लगाव, समर्पण...यह हम सभी कार्यकर्ताओं के लिए सीखने वाली बात है। ये हम सभी को अपने जीवन-शैली में उतारना और पार्टी के प्रति समर्पित रहना...ये हमें उनसे संस्कार मिला है।

मोदी के भाषण के मुख्य अंश।


*यह बीजेपी कार्यालय का नही हमारे सपनों का विस्तार हैं। हमारा कार्यकर्ता इसकी आत्मा हैं।


*दो लोकसभा सीटों से शुरू हुआ सफर 303 तक पहुंच गया हैं।


*बीजेपी युवाओं को 25% नेतृत्व दे रही हैं। महिला इंपावरमेंट में विश्वास रखने वालीं पार्टी हैं बीजेपी।


*बीजेपी भारत ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी और विश्वसनीय पार्टी बनकर उभरी हैं।


*पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पास संवैधानिक संस्थाओं का मजबूत आधार है। इसलिए भारत को रोकने के लिए संवैधानिक संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं।

"1984 में जो हुआ उसे देश कभी भूल नहीं सकता"

      उसके बाद जो चुनाव हुआ उसमे कांग्रेस को बड़ा बहुमत मिला लेकिन हमने  होंसला नही हारा और दो सीट से 2019 में 303 तक का सफर तय किया "

     BJP केवल चुनाव लड़ने और जीतने तक ही सीमित नहीं है बल्कि BJP एक व्यवस्था है,BJP एक विचार है,BJP एक संगठन है,BJP एक आंदोलन है। बीजेपी बदलाव की भी प्राणशक्ति है.

    हमें भाजपा को एक ऐसी संस्था के रूप विकसित करना है जिसके पास अगले 10 साल-50 साल तक लक्ष्य निर्धारित हो। इसके लिए 3 बातें जरूरी है-अध्ययन, आधुनिकता और विश्वभर से अच्छी बातों को आत्मसात करने की शक्ति"

      मोदी ने कहा की हमने चुनावी हार के लिए कभी दूसरों को दोष नहीं दिया... हमारे संस्थानों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जो लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, जब उनकी जांच एजेंसी कर रही है, तो एजेंसियों को निशाना बनाया जा रहा है


भ्रष्टाचार पर चोट से विपक्ष को दिक्कत

      उन्होंने कहा कि जब भाजपा आती है तब भ्रष्टाचार भागता है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत कांग्रेस की सरकार (2004-2014) में 5000 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई। इसी एक्ट के तहत भाजपा ने पिछले 9 सालों में 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति जब्त की है।


PM मोदी ने कहा कि आज देश में लोग भ्रष्टाचार पर चोट से खुश हैं। देशवासी समझता है कि भ्रष्टाचार रुकेगा तभी देश आगे बढ़ेगा, लेकिन कुछ राजनीतिक दलों को इससे दिक्कत है। Read More...




गुरुवार, 16 मार्च 2023

चीन के सस्ते सामान की पड़ताल-हिंदी में

 

 चीन के उत्पादों की घटिया गुणवता सचाई  

  पिछले कुछ वर्षों से चीन ने अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा सकती हैं। इसका निर्माण के क्षेत्र में अच्छी बढ़ोतरी। साथ में चीन की जनसंख्या अपने देश के लिए वरदान साबित हुई हैं।वर्ष 1987 में भारत और चीन की  अर्थव्यवस्था लगभग बराबर की थी।और दोनो देशों की नेक टू नेक GDP per capita इनकम 1990 तक भारत चीन से अमीर देश था। और आज चीन की अर्थव्यवस्था भारत से 6 गुणा बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी हैं। जहा चीन विश्व में दो नंबर की आर्थिक शक्ति बन चुका हैं और भारत पिछले एक दशक से वापस पटरी पे आते हुए दुनिया की 5th नंबर की आर्थिकी शक्ति बनने में कामयाब हुआ हैं।आज भी भारत की आर्थिक विकास दर में सेवा क्षेत्र की भागीदारी 61.5% हैं और चीन अभी भी 52.2% ही सेवा क्षेत्र का योगदान करने में कामयाब हुआ हैं। कृषि के क्षेत्र में भारत की GDP में 15.4% का हिसा हैं और चीन का मात्र 8.3% भागीदारी कृषि क्षेत्र से आती हैं। मुख्य अंतर हैं वो हैं निर्माण के क्षेत्र में जहां भारत की भागीदारी मात्र 23% हैं और चीन की भागीदारी 39.5% हैं। और इसी क्षेत्र के कारण चीन ने 33 वर्ष में आर्थिक गतिविधियों में तेजी से काम किया। लेकिन अब उस तेजी पर ब्रेक लगते दिखाई दे रहे हैं उसका मुख्य कारण हैं उत्पादों की घटिया गुणवत्ता। चीन ने तेजी के चक्कर में विश्व बाजार में सस्ता और घटिया गुणवत्ता का समान उपलब्ध कराया।  लेकिन पूरे विश्व में निर्माण के क्षेत्र में संसाधनों के अभाव के कारण उत्पादन में भारी कमी थी जिसके कारण पूरे विश्व के देश चीन के माला को वरीयता देते थे। लेकिन अब समय बदल गया हैं और मुख्य कॉविड -19 के बाद ऐसी बहुत से उदहारण सामने आए जिससे चीन के उत्पादों की घटिया गुणवत्ता की पोल खोल दी। और भारत जैसे देश ने तो अपना पूरा ध्यान मेड इन इंडिया पे फोकस कर दिया हैं। और विश्व में अपनी विश्वसनीयता का बढ़ा रहा हैं।

 

म्यांमार को दिया खराब एयरक्राफ्ट

पाकिस्तान और चीन ने मिलकर JF -17 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट बेचे गए थे। यह एयरक्राफ्ट पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर तैयार किए थे। जिसमे तकनीकी खराबी आने के कारण आपात लैंडिंग करनी पड़ी। और अब पाकिस्तान से तकनीकी टीम म्यांमार पहुंची हैं। इससे चीन के एयरक्राफ्ट एक्सपोर्ट के क्षेत्र को बड़ा झटका माना जा रहा हैं। म्यांमार सरकार ने आंतरिक विद्रोहियों से निपटने के लिए ये क्राफ्ट खरीदे थे क्योंकि म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सूं की को जेल भेजे और रोहिंग्या संकट के चलते पश्चिमी देशों ने म्यांमार को हथियारों की सप्लाई करने से इन्कार कर दिया था। और इसी कारण चीन और म्यांमार के आपसी सम्बन्धों में निकटता आई थी। लेकिन इस पहली डील में इस खराब क्राफ्ट के कारण झटका लगा हैं। चीन भारत के पड़ोसी देशों बांग्लादेश ,श्रीलंका,नेपाल पाकिस्तान ओर म्यांमार को हथियारों की सप्लाई कर भारत पर दवाब बनाने की कोशिश करता रहता हैं।


भारत जल्द लागू करेगा भारतीय मानक ब्यूरो (BIS)

मोदी सरकार अस्तित्व में आने के साथ ही मेड इन इंडिया को आगे बढ़ाने को लेकर गंभीर हैं इसलिए अब चीन से आने वाले उत्पादों को भारतीय मानक ब्यूरो के मापदंडों पर खरा उतना होगा। इससे भारतीय व्यवसाय को फायदा होगा।और भारत में आने वाले घटिया गुणवत्ता वाले उत्पादों पर नकेल कसी जायेगी। भारत ने 371 उत्पादों को चिन्हित किया हैं क्योंकि भारत खिलोने और इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स का बड़ा आयातक देश हैं।


आईफोन ने किया भारत का रुख


आईफोन निर्माता Apple कंपनी सहित दुनिया की बहुत सी कंपनी अपना कारोबार चीन से समेत कर जा रही हैं एप्पल ने अपना चीन वाला  प्लांट भारत में  विस्तापित करने की घोषणा कर दी हैं। अब विश्व में प्रत्येक 3rd आईफोन मेड इन इंडिया होगा।साथ ही कंपनी 2025 तक मैक, आईपैड,एप्पल वॉच समेत 25% उत्पादन चीन से बाहर निर्माण कार्य शुरू करने का प्लान बना रही है।चीन दुनिया की फैक्ट्री क्यों कहलाता हैं चीनी अर्थव्यवस्था में 40% हिस्सा निर्माण क्षेत्र का होता हैं। चीन वो देश हैं जिसमे दुनिया में काम  आनेवाले अधिकांश वस्तुओ का निर्माण करता हैं। यह बात आश्चर्य करने वाली हैं की चीन में ऐसा क्या हैं की उसे दुनियां को वो प्रतेक उत्पाद बना कर देने की क्षमता रखता हैं।

 

मुख्यत ये पांच कारण हैं


1.चीन में सस्ता और अधिक संख्या में श्रम की उपलब्धता

2.चीन में बाल श्रम पर भी कम प्रतिबंध माने जाते हैं।

3 चीन में व्यापार करने के लिए अनुकूल माहौल हैं। सरल कागजी कारवाई, कम टैक्स,अलग अलग इकोनॉमी जोन जो निर्माण क्षेत्र के लिए बनाए गए हैं।अच्छा ढांचागत भी निर्माण को बढ़ाने में सहायक हुआ हैं। साथ में सप्लाई चेन भी बहुत मजबूत हुई हैं।

4.सरकार के नियमो का सरलीकरण

जहां पूरी दुनिया में निर्माण क्षेत्र में बाल श्रम,अन्नेच्छिक श्रम, स्वास्थ और सुरक्षा के मापदंडों के साथ पर्यावरण के साथ सामाजिक जिम्मेदारियों की पालना के लिए अधिक जोर दिया जाता हैं। पर चीन में इन दिशा निर्देशों की पालना नहीं करने के लिए जाना जाता हैं।

5.सरकारी टैक्स

सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष रियायती दरों पर सुविधाओ के साथ साथ सब्सिडी भी देती हैं ताकि निर्माता विश्व बाजार में अपने प्रोडक्ट को अधिक प्रतिस्पर्धी बना सके। साथ में चीन हमेशा से सभी सेगमेंट की मैनपावर को टारगेट करता हैं जिसके कारण निम्न टपके से लेकर प्रीमियम लोगो के लिए उत्पादों का निर्माण किया जाता है।मुद्रा पर नियंत्रण करके भी चीन हमेशा युआन के मुकाबले डॉलर को कमजोर करने के लिए समय समय पर कदम उठाता रहता हैं

    चीन आज भी अमीरिका जैसी आर्थिक शक्ति का लेनदार हैं वो अमरीका पे वर्तमान में भी करीब 1.2 ट्रिलियन डॉलर अमरीका से लेनदार हैं। तथा जहां अमरीका को इकोनॉमी size $25.35 ट्रिलियन की हैं। जबकि चीन की लगभग $19.91 ट्रिलियन की इकोनॉमी हैं।

      चीन के उत्पाद गुणवता और सस्ते होते हैं।यह केवल भ्रांति हैं की चीन सस्ते उत्पाद तैयार करता हैं। बल्कि चीन के 30% उत्पाद ही सस्ते हों सकते हैं बाकी बाजार के अनुसार ही कीमत होती हैं। और चीन हर वर्ग को ध्यान में रखकर निर्माण करता हैं। उद्धारण के तौर पे एक पेन  रुपया 5/- यूनिट का भी बनाता हैं तो रुपया 50/-यूनिट की भी बनाता हैं तो ये कहना  गलत होगा की चीन सभी वस्तुएं सस्ती और कम गुणवता की बनाता हैं। वर्ल्ड क्वालिटी इंडेक्स भी इस बात की पुष्टि करता हैं

गुरुवार, 9 मार्च 2023

चीन के प्रधानमंत्री बने ली कियांग -China Congress conference 2023

 

शी जिनपिंग का तीसरे कार्यकाल का रास्ता प्रशस्त

 
      चीन में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की बैठक में चीन के दूसरे सबसे अधिक शक्तिशाली व्यक्ति ली कियांग के नाम का एलान हो गया हैं।  ली कियांग चीन में नौकरशाह रहे हैं।और शी जिनपिंग के वफादार लोगो में शुमार माने जातें हैं। ली कियांग एक विद्वान और व्यवहारिक दिमाग वाले व्यक्ति माने जाते हैं। और निजी   क्षेत्र और नौकरशाही में अच्छी पकड़ रखते हैं।और वो चीन के सबसे अधिक आर्थिक रूप से बढ़नेवाले क्षेत्र के प्रभारी रहे हैं। जो चीन की धीमी पड़ती आर्थिक गतिविधियों के लिए सही साबित हो सकते हैं। ली कियांग इससे पूर्व शंघाई में कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख रह चुके हैं। वो सेवानिवृत होने जा रहे प्रधानमंत्री ली केकियांग का स्थान लेंगे।रविवार को शी चिनपिंग तीसरी बार कम्युनिस्ट पार्टी के मुखिया बने। पार्टी के 20 वे अधिवेशन यह निर्णय लिया गया। इसके साथ ही उन्होंने चीन का राष्ट्रपति बने रहने का मार्ग प्रशस्त कर लिया अब वो तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने रहेंगे।

शंघाई  का एक और नेता शीर्ष नेतृत्व में शुमार।

शंघाई चीन के मुख्य शहरो में से एक हैं जिस जगह से ली कियांग का संबंध हैं।इससे पहले भी चाउ एनलाई और हुआ गुओफेंग को सीधे प्रधानमंत्री की सीधे जिम्मेदारी दी गई थी।और ये दोनों भी चीन के संस्थापक माओ त्से तुंग के वफादार थे।शी जिनपिंग के भाषण में भारत को मैसेज।चीन में एक सप्ताह तक चली राष्ट्रीय कांग्रेस के 20 वे अधिवेशन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ही देश के तीसरे कार्यकाल के लिए पुख्ता हो गए हैं। अब उनकी गिनती चीन के संस्थापक से भी ताकतवर नेता के रूप में होने लगी हैं। अपने भाषण में शी ने भारत का नाम नहीं लिया लेकिन 2027 तक पीपल लिब्रेशन आर्मी (PLA) को वर्ल्ड क्लास सेना बनाने पर बल देके यह भी बता दिया की चीन परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा हैं।शी ने खुलासा किया की एक मजबूत रणनीति सिस्टम तैयार होगा जो किसी भी प्रकार के हमले का जवाब देने में सक्षम होगा।साफ तौर पर शी जिनपिंग का इशारा रॉकेट फोर्स और स्ट्रेटेजिक फोर्स का बढ़ाने को लेकर था।

स्थानीय युद्ध और शी जिनपिंग

शी जिंगपिंग का स्थानीय युद्ध की बात कहने का मतलब साफ समझा जा सकता हैं। वर्तमान में ताइवान के साथ सीमा विवाद की टेंशन और पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ तनाव बढ़ सकता हैं क्योंकि चीन तिब्बत में पहले से ही अपना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में लगा हुए हैं।यह सही हैं की शी जिनपिंग जून 2020 के अधिवेशन में गलवान हिंसा की क्लिप दिखाकर अपनी आक्रमकता का इशारा कर चुके थे।की चीन लंबे समय तक भारत के साथ खराब रिश्ते झेलने के लिए तैयार हैं। क्योंकि उनको पता हैं। भारत की सैनिक शक्ति अब विश्व स्तर में तब्दील हो चुकी हैं। और विश्व में भारत का समर्थन भी उसको चिंता में डालता हैं। इसलिए वो हिमाकत नही कर सकता लेकिन भारतीय सीमाओं पे अपना दबाव बनाए रखने की पूरी कोशिश करेगा जो उसकी रणनीति का हिस्सा हैं।

चीन और अमेरिका

चीन हमेशा आक्रमकता दिखाता हैं। और वो जनता हैं की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनके खिलाफ कैसा माहोल हैं।इसलिए शी ने ताइवान और PLA तक का जिक्र किया शी ने साफ किया की इस सदी के माध्यम तक चीन दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति बनेगा। और चीन मानवता,वैज्ञानिक समाजवाद,और चीनी बुद्धिमता पर आधारित एक नई पेशकश करेगा।

चीन की चिंता

शी चिनपिंग के भाषण से एक बात साफ़ हैं की अंतराष्ट्रीय स्तर पर चीन की छवि से उसको अब डर लगने लगा हैं इसलिए शी ने अपने भाषण में तकरीबन 100 टाइम्स सुरक्षा शब्द का प्रयोग किया इससे पहले वो 2017 में भी तकरीबन 50 बार सुरक्षा शब्द का प्रयोग कर चुके हैं। शी ने साफ किया की  भ्रष्टाचार को समाप्त करना उनकी प्राधमिकता रहेगी। शी का भाषण में विज्ञान और तकनीकी ,आविष्कार,सुरक्षा के साथ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में निवेश की बात करके साफ किया की देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए चीन अपना इन्वेस्टमेंट जारी रखेगा।


शनिवार, 4 मार्च 2023

G20 का इतिहास/G20 में भारत 2023 /Youtuberam/Ram's Blog

 जी-20 का इतिहास (History of G-20 )



ग्रुप ऑफ ट्रेटी (G 20) एक दुनिया में आर्थिक सहयोगियों का एक मुख्य मंच हैं।यह संघटन अंतराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर पर विश्व में आर्थिक गतिविधियों की रूपरेखा और नियमो का निर्धारण करता हैं और इसे मजबूत करने के लिए कार्य करता हैं।

जी-20 की स्थापना (G-20 Established )

वर्ष 1999 में एशियाई देशों में वित्तीय संकट के बाद सेंट्रल बैंको  के गवर्नर और वित्त मंत्रियों के लिए आर्थिक मुद्दों पर बातचीत के लिए एक अंतराष्ट्रीय मंच देने के उद्देश्य से G-20 को अस्तित्व में लाया गया था। और उसके बाद 2007 में जब आर्थिक संकट पूरी दुनिया में गहरा गया तब इसे राष्ट्रध्यक्षो (देशों के मुखिया) के स्तर तक बढ़ा दिया गया।और 2009 में यह  अंतराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच बन गया। शुरुवाती तौर में इसका मुख्य फोकस केवल आर्थिक गतिविधियों तक ही सीमित था । लेकिन समय के साथ इसका दायरा बढ़ता गया और इसमें व्यापार के साथ जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ,ऊर्जा और कृषि के साथ साथ भ्रष्टाचार विरोध जैसे अहम मुद्दों को भी शामिल किया जाने लगा।
जी-20 के सदस्य देश (G-20 Member Countries)

ग्रुप ऑफ ट्रेटी में  निम्नलिखित देश सदस्य के तौर पे सम्मलित हैं।
अर्जेंटीना,ऑस्ट्रेलिय,ब्राजील,कनाडा,चीन,भारत,फ्रांस,जर्मनी,इंडोनेशिया,इटली,जापान,कोरिया,मैक्सिको,रूस,सऊदी अरब,साउथ अफ्रीका,तुर्की,यूनाइटेड किंगडम,अमरीका,और यूरोपीय संघ शामिल हैं।इसमें अतिथि देशों के रूप में बांग्लादेश,Egypt ,मॉरिशस,नीदरलैंड,नाइजीरिया,ओमान,सिंगापुर, स्पेन और UEA को रखा गया हैं।


G 20 की कार्यप्रणाली (Working Process of G-20)

कार्य जी20 की अध्यक्षता के लिए कोई  स्थाई सचिवालय नही होता। इसमें एक देश के अध्यक्षता के तहद एक वर्ष का एजेंडा संचालित होता हैं।इसकी अध्यक्षता का निर्णय पिछला अध्यक्ष देश, वर्तमान अध्यक्ष देश और आने वाले वर्ष के अध्यक्ष मिल कर तय करते हैं। G20 भारत की अध्यक्षता के दौरान 2024 की अध्यक्षता के लिए  अनुमोदन इंडोनेशिया(2022),भारत(2023) और ब्राजील (2024) मिलकर 2025 के अध्यक्षता का निर्णय करेंगे।

G 20 में आपसी वार्ता के लिए दो  समानांतर पथ होते हैं। प्रथम पथ को वित्त ट्रैक और द्वितीय ट्रैक का नेतृत्व शेरपा करते हैं। वित्त ट्रैक में  वित्तमंत्री और केन्द्रीय बैंको के गवर्नर शामिल होते हैं। दोनो ट्रैक के माध्यम से विषयगत रूप से कार्य निर्धारित होते हैं जिसमे मंत्रालयों से समंधित सदस्य के साथ साथ आमंत्रित व अतिथि देशों और अंतराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं और वित्त ट्रैक का संचालन वित्त मंत्रालय के अधीन ही होता हैं।ये कार्य समूह हर अध्यक्ष देश के पूरे कार्यकाल में नियमित बैठके करते हैं। शेरपा ट्रैक इस दौरान कार्य का प्रवेक्षण करना ,एजेंडा निर्धारित करना और G 20 के मूल कार्यों में समन्वय बनाने का कार्य करता हैं। और शेरपा ट्रैक G 20 देशों के नागरिकों,सांसदो,विचार मंचो,युवाओं,महिलाओं,श्रमिको ,व्यवसायिक और शोधकर्ताओं को एकसाथ लाने का भी करता हैं। जिनको सहभागी ट्रैक के नाम से भी जाना जाता हैं।


G 20 में भारत की भूमिका वर्ष 2023

भारत जहां आजादी के 75 वर्ष को अमृतकाल के रूप में मना रहा हैं।और G 20 की अध्यक्षता का विषय "वसुधैव कुटुंबकम्" या ये सारी धरा एक ही कुटुंब यानी की एक ही परिवार का रूप हैं।  जो इस पूरे विश्व में मानव,पशु पक्षी ,पेड़ पौधे,सूक्ष्मजीव तथा पृथ्वी के साथ साथ सम्पूर्ण ब्रह्मांड का आपसी गहरा संबंध को बताता हैं।और इसके माध्यम से भारत दुनिया को साफ संदेश देना चाहता हैं जिसमे सभी को न्यायसंगत और समानता के अवसर मिले और ये विश्व आने वाली चुनौतियों के लिए मिलकर मुकाबला करे।ताकि मानवता के लिए स्वच्छ,खुशहाल और उज्जवल भविष्य दिया जा सके। इसी का प्रतीक लोगो जिसमे कमल के फूल पे विश्व को विराजमान के रूप में दर्शाया गया है। इसमें गहरा संदेश छिपा हुआ हैं। प्रकृति की गोद में पृथ्वी को सुरक्षित रखना ही मानवता के लिए सबसे बड़ा कार्य होगा।

G 20 का शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में।

नई दिल्ली तैयार में आगामी 9- 10  सितंबर को G20  देशों का 18th मीटिंग नई दिल्ली में होंगी। जिसमे इसके सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों /शासनाध्यक्षों का शिखर सम्मेलन होगा।यह सम्मेलन पूरे वर्ष में मंत्रियों,वरिष्ठ अधिकारियों, नागरिकों,संगठनों, के मध्य हुई मीटिंग्स का परिणाम स्वरूप होता हैं जिसमे ये सभी देश पुरे वर्ष हुई संवाद को एक सूत्र में पिरोते हैं और  एक घोषणा पत्र जारी करते हैं जिसमे जी20 की प्रथिमकताओं पे अपनी सहमति और प्रतिबद्धता को बताया जाएगा।

भारत में G 20 का महत्व

G 20 की गतिविधियां पूरे वर्ष भर चलती हैं जिसके लिए सरकार ने भारत के बहुत से शहरो को समलित किया हैं इसके  माध्यम से अतिथियों को भारत में  होने वाले परिवर्तनों को समझने का मौका मिलेता हैं ।जिससे भारत G 20 देशों को भारत में हो रहे सतत विकास के बारे में बताने की कोशिश करेगा। क्योंकि COVID 19 के बाद से पूरी दुनिया के लिए मसीहा बना भारत कैसे हेल्थ में क्रांति लाने में सफल रहा हैं। डिजिटल इंडिया के अंतर्गत अपनी इकोनॉमी को बूस्ट अप कर पाया हैं। ट्यूरिसम से लेकर आधार भूत ढांचा भी सुदृढ़ हुआ हैं जिसमे रोड नेटवर्क, रेलवे का विद्युतीकरण और हवाई एयरपोर्ट का विस्तार के साथ ऊर्जा के फील्ड में भी भारत अपने आपको विश्व पटल पे अग्रणी रखने की कोशिश कर रहा हैं।गरीबी उन्मूलन के साथ शिक्षा और स्किल बेस पढ़ाई और स्टार्टअप के द्वारा रोजगार पैदा करने पर की और अग्रसर हैं। इसलिए इसके माध्यम से भारत की संस्कृति और धरोहर को दुनिया के सम्मुख रखने के सुनहरे मौके को भुनाने की पूरी कोशिश करेगा। ताकि भारत में और अधिक निवेश लाया जा सके और भारत को विश्वपटल पर एक महाशक्ति के रूप में स्थापित कर सके। भारत ग्रीन इंडिया के रोडमैप को भी G 20 देशों के सामने रख रहा हैं जिसमे वो कैसे भारत में ग्रीन एनर्जी  को 500 GW कैपेसिटी तक 2030 तक ले जाने के लिए 172.72GW की कैपेसिटी का इंस्टालेशन कर चुका हैं जिससे  पॉल्यूशन फ्री वातावरण के मापदंडों को पूरा करने में मदद मिलेगी।और 2030 तक पेट्रोल और डीजल से अपनी निर्भरता 50% कम करने के लक्ष्य की और बढ़ रहा हैं । ग्रीन इंडिया प्रोजेक्ट के तहद कार्बन उत्सर्जन को भी 45% तक  करने का लक्ष्य 2030 तक  किया जा सकेगा ।जिसके लिए भारत 2070 तक 100%तक इसे जीरो करने की और अग्रसर हैं।

G20 समेलान में यूक्रेन युद्ध का प्रभाव।

रूस और अमरीका की आपसी खींचातान जी20 में भी देखने को मिली। जिसमे रूस के विदेश मंत्री सरगई लावरोफ ने पश्चिमी देशों पर ब्लैकमेल और धमकी देने का आरोप लगाया। और अमरीका विदेश मंत्री ने एंटनी ब्लिंकन ने कहा की ये बैठक 'रूस के बिना उकसावे वाले अतार्किक युद्ध' के कारण बाधित हुई है.जबकि भारत के विदेश मंत्री जय शंकर ने कहा की भारत चाहता था की वार्ता विकाशील देशों को प्रभावित करने वाले विषयों पर हो ।लेकिन यूक्रेन युद्ध के कारण दोनो ही देशों के बीच फासले बहुत अधिक हैं।जबकि ये संगठन दुनिया का 85% आर्थिक गतिविधियों का समूह हैं और दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या का नेतृत्व करता हैं।हालांकि यूक्रेन युद्ध के बाद अमरीका और रूस के विदेश मंत्री की यह पहली बैठक हैं जिसमे सूत्रों के अनुसार दोनो ने 10 मिनट तक अकेले में बातचीत की।अमरीका ने फिर दोहराया की जब तक संभव होगा वो यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा। साथ ही कहा की रूस ने जो परमाणु समझौता तोड़ा हैं उसमे उसको दुबारा सामिल होना चाहिए। G-20 विदेश मंत्रियों के सम्मेलन का आगाज भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।

G 20 विदेश मंत्रियों को बैठक में मोदी का संबोधन


 

मोदी ने साफ साफ कहा की विकाशिल देश इस वक्त खाद्य और ऊर्जा के फील्ड में संघर्ष कर रहे हैं साथ साथ कर्ज के बोझ के नीचे दब रहे हैं।और ये देश ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं से भी लड़ रहे हैं जिनके लिए सीधे सीधे अमीर देश जिम्मेदार हैं। मोदी ने कहा की वर्ताओ पर भू -राजनीतिक तनावो का असर हैं।क्योंकि यूक्रेन युद्ध के कारण चीन ,रूस के पक्ष में UNO में भी अपना रुख साफ कर चुका हैं।और काले सागर में दबदबा कायम करने के उद्देश्य से और रूस का हांगकांग में हस्तक्षेप के कारण भी दोनो देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हैं।भारतीय विदेश मंत्री ने बताया की इस इस्थाथी में यूक्रेन युद्ध के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर चीन और रूस खिलाफत के कारण एक साझा फोटो और बयान संभव  नही हो सकता।क्योंकि यूक्रेन युद्ध से भारत तटस्थ रहता आया हैं क्योंकि आज भी भारत सबसे अधिक हथियार रूस से ही इंपोर्ट करता हैं हालाकि सभी मंचो पर भारत यूक्रेन युद्ध पर आपसी वार्ता का मार्ग अपनाने का सुझाव दिया था। साथ में भारत अपनी जनता के हितों की रक्षा के लिए रूस से पेट्रोल और डीजल का आयात करता रहा हैं और आगे भी जारी रखेगा।जापान के विदेश मंत्री अपनी पारिवारिक कारणों से G 20 बैठक में शामियो नही हो पाए उनकी जगह विदेश राज्यमंत्री शामिल हुए हैं जापान ने कहा हैं की उनके रिश्ते भारत के साथ बहुत ही बेहतरीन हैं।निक्केई एशियन रिव्यू ने यह भी लिखा था कि भारत अपने पूर्वोत्तर के राज्यों में जापान की मदद से कई परियोजनाओं को ज़मीन पर उतारना चाहता है. निक्केई ने लिखा था, ''हिन्द महासागर में चीन के विस्तार के मद्देनज़र यह काफ़ी अहम है. भारत और जापान इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश को समुद्र में भी उतारने की तैयारी में हैं. दोनों देशों के बीच श्रीलंका में लिक्विफाइड प्राकृतिक गैस इम्पोर्ट टर्मिनल बनाने की भी तैयारी कर रहे हैं. श्रीलंका में चीन पहले से ही कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है/


     इसलिए ये कहा जा सकता हैं G20 की मेजबानी करना भारत के आत्मविश्वास को निःश्चित एक कदम आगे लेकर जायेगा. क्योंकि पिछले एक दशक में भारत ने टेक्नोलॉजी का प्रयोग जिस तरह से किया हैं उससे प्रत्येक फील्ड में असाधारण वर्द्धि दर्ज की हैं ,अपनी सुरक्षा को पुख्ता करने के साथ सैन्य साजो सामान भी भारत में बड़े स्तर पर बनाने लगा हैं साथ में सैन्य उपकरण निर्यात भी करने लगा हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स के फील्ड में मोबाइल फोन के निर्माण में भी आत्मनिर्भर बनने की और अग्रसर हैं। आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के साथ साथ ऊर्जा के फील्ड में भी सौर ऊर्जा सहित ग्रीन ऊर्जा के स्रोतों पर कार्य कर रहा जिसमे भारत से 50 % ऊर्जा का लक्ष्य 2030  तक पूरा करने का टारगेट लिया हुआ हैं / निश्च्चित भारत का G 20 की मेजबानी करना और देशों को यंहा की संस्कृति और मेहमान-नवाजी से अवगत कराना आनेवाले समय में विश्वस्तर की वार्ताओं का प्रमुख केंद्र बनने का मौका देगा और दुनिया में भारत का विश्वास बढ़ेगा ये कहने में कोई अतिशयोक्ति  नहीं होनी चाहिए की आने वाले वक्त में भारत दुनिया को एक सर्वमान्य और अच्छा नेतृत्व देने में सक्षम होगा/

बदलाव ही हैं आपके अस्तित्व का आधार

आपकी होशियारी रखी रह जाएगी यदि आपने नहीं किये बदलाव         इंसान सब कुछ भूल सकता हैं लेकिन यह तस्वीर में दिए हुए बदलाव को नहीं भूल सकते। जि...